- Date : 23/05/2023
- Read: 3 mins
2000 के नोट बंद होने के फैसले के बाद से सोनारों की दुकान पर खरीददारी करने के लिए लोगों की भीड़ पहुंच रही है, लेकिन जानिए बिना टैक्स जांच के कितना सोना आप घर में रख सकते हैं।

2000 Notes Exchange: आपको याद होगा जब सरकार ने पहली बार 500 और हजार के नोट बंद किए थे तो कई लोग पुराने नोटों से सोना खरीदने लगे थे। कुछ सोनारों ने उस दौरान धडल्ले से सोने के गहने पुरानी करेंसी पर ग्राहकों को बेचे। इस बार भी जब से सरकार ने 2000 के नोट बंद करने के ऐलान किया है तब से देश के कई इलाकों में कुछ सोनारों की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक सोने के आभूषणों की मांग में तेजी आई है। अगर आप भी सोने के गहने खरीद रहे हैं जान लीजिए कि आप कितनी पीली धातु को बिना टैक्स जांच का सामना किए घर में रख सकते हैं। इसके अलावा ये भी जानिए कि सोने से होने वाली आय पर कैसे टैक्स लगता है।
आप कितना सोना घर में रख सकते हैं?
आप घर पर कितने सोने के आभूषण रख सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है, बशर्ते आप आय के उस स्रोत की व्याख्या कर सकें, जिससे आपने वो सोना खरीदा हो। हालांकि बेहिसाब सोने के आभूषणों की कुछ सीमाएं भी हैं जिन्हें बिना किसी परेशानी के घर पर रखा जा सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, बिना कोई सबूत दिखाए सोने के आभूषण रखने की सीमाएं हैं।
विवाहित महिला: 500 ग्राम तक सोना
अविवाहित महिला : 250 ग्राम सोना
पुरुष: केवल 100 ग्राम सोना
गोल्ड पर टैक्स कैसे लगता है?
डेलोइट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी इंडिया की राधिका विश्वनाथन के मुताबिक- सोना व्यक्तिगत या निवेश दोनों के लिए सबसे लोकप्रिय और मांग वाली धातु है। अगर आप सोना खरीदने के लिए सही समय और सही कीमत का इंतजार कर रहे हैं तो आपके लिए ये जानना भी जरूरी है कि सोने पर टैक्स कितना लगता है। सोने की खरीद का पहला हिस्सा अप्रत्यक्ष कर से संबंधित है जो सोने के प्रकार और संबंधित सेवा के आधार पर अलग-अलग होगा।
उदाहरण के लिए सोने की छड़ों, सिक्कों और आभूषणों की खरीद पर 3% जीएसटी लगेगी। जब सुनार सेवाओं के लिए टैक्स की बात आती है, तो जीएसटी की दर 5% अधिक होती है।
विश्वनाथन के अनुसार, पहला भाग अप्रत्यक्ष कर से संबंधित है जो सोने के प्रकार और संबंधित सेवा के आधार पर अलग-अलग होगा। उदाहरण के लिए, सोने की छड़ों, सिक्कों और आभूषणों की खरीद पर 3% जीएसटी देय है। जब आभूषण और सुनार सेवाओं के लिए शुल्क बनाने की बात आती है तो जीएसटी की दर 5% अधिक होती है। इसके अलावा ऐसे मामलों में जहां व्यक्ति सोना आयात करना चाहता है तो उसे तय दरों पर बॉर्डर टैक्स, डेवलपमेंट और जीएसटी का भुगतान करना होगा। हालांकि, सोना खरीदने पर कोई डायरेक्ट टैक्स नहीं लगता है।
सोना खरीदते हुए कोई डायरेक्ट टैक्स नहीं लगता। हालांकि सोना खरीद के समय दिए गए पैन डिटेल के माध्यम से अधिकारियों द्वारा सोने की खरीद का विवरण प्राप्त किया जाता है। इसलिए आय के उन स्रोतों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है, जिनसे सोने की भारी खरीदारी की जाती है, क्योंकि इससे अधिकारियों से पूछताछ शुरू हो सकती है।
क्या आपको ITR में गोल्ड होल्डिंग दिखानी चाहिए?
विश्वनाथन के अनुसार, यदि टैक्स पेयर की कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक है तो आयकर रिटर्न में घरेलू संपत्ति के हिस्से के रूप में सोने का खुलासा करना महत्वपूर्ण है।
2000 Notes Exchange: आपको याद होगा जब सरकार ने पहली बार 500 और हजार के नोट बंद किए थे तो कई लोग पुराने नोटों से सोना खरीदने लगे थे। कुछ सोनारों ने उस दौरान धडल्ले से सोने के गहने पुरानी करेंसी पर ग्राहकों को बेचे। इस बार भी जब से सरकार ने 2000 के नोट बंद करने के ऐलान किया है तब से देश के कई इलाकों में कुछ सोनारों की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक सोने के आभूषणों की मांग में तेजी आई है। अगर आप भी सोने के गहने खरीद रहे हैं जान लीजिए कि आप कितनी पीली धातु को बिना टैक्स जांच का सामना किए घर में रख सकते हैं। इसके अलावा ये भी जानिए कि सोने से होने वाली आय पर कैसे टैक्स लगता है।
आप कितना सोना घर में रख सकते हैं?
आप घर पर कितने सोने के आभूषण रख सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है, बशर्ते आप आय के उस स्रोत की व्याख्या कर सकें, जिससे आपने वो सोना खरीदा हो। हालांकि बेहिसाब सोने के आभूषणों की कुछ सीमाएं भी हैं जिन्हें बिना किसी परेशानी के घर पर रखा जा सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, बिना कोई सबूत दिखाए सोने के आभूषण रखने की सीमाएं हैं।
विवाहित महिला: 500 ग्राम तक सोना
अविवाहित महिला : 250 ग्राम सोना
पुरुष: केवल 100 ग्राम सोना
गोल्ड पर टैक्स कैसे लगता है?
डेलोइट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी इंडिया की राधिका विश्वनाथन के मुताबिक- सोना व्यक्तिगत या निवेश दोनों के लिए सबसे लोकप्रिय और मांग वाली धातु है। अगर आप सोना खरीदने के लिए सही समय और सही कीमत का इंतजार कर रहे हैं तो आपके लिए ये जानना भी जरूरी है कि सोने पर टैक्स कितना लगता है। सोने की खरीद का पहला हिस्सा अप्रत्यक्ष कर से संबंधित है जो सोने के प्रकार और संबंधित सेवा के आधार पर अलग-अलग होगा।
उदाहरण के लिए सोने की छड़ों, सिक्कों और आभूषणों की खरीद पर 3% जीएसटी लगेगी। जब सुनार सेवाओं के लिए टैक्स की बात आती है, तो जीएसटी की दर 5% अधिक होती है।
विश्वनाथन के अनुसार, पहला भाग अप्रत्यक्ष कर से संबंधित है जो सोने के प्रकार और संबंधित सेवा के आधार पर अलग-अलग होगा। उदाहरण के लिए, सोने की छड़ों, सिक्कों और आभूषणों की खरीद पर 3% जीएसटी देय है। जब आभूषण और सुनार सेवाओं के लिए शुल्क बनाने की बात आती है तो जीएसटी की दर 5% अधिक होती है। इसके अलावा ऐसे मामलों में जहां व्यक्ति सोना आयात करना चाहता है तो उसे तय दरों पर बॉर्डर टैक्स, डेवलपमेंट और जीएसटी का भुगतान करना होगा। हालांकि, सोना खरीदने पर कोई डायरेक्ट टैक्स नहीं लगता है।
सोना खरीदते हुए कोई डायरेक्ट टैक्स नहीं लगता। हालांकि सोना खरीद के समय दिए गए पैन डिटेल के माध्यम से अधिकारियों द्वारा सोने की खरीद का विवरण प्राप्त किया जाता है। इसलिए आय के उन स्रोतों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है, जिनसे सोने की भारी खरीदारी की जाती है, क्योंकि इससे अधिकारियों से पूछताछ शुरू हो सकती है।
क्या आपको ITR में गोल्ड होल्डिंग दिखानी चाहिए?
विश्वनाथन के अनुसार, यदि टैक्स पेयर की कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक है तो आयकर रिटर्न में घरेलू संपत्ति के हिस्से के रूप में सोने का खुलासा करना महत्वपूर्ण है।