Gold Investment: Gold gave 8 percent return in five months, is investing in gold the right plan in hindi

बाजार जानकारों का मानना है कि निवेशकों को इस साल सोने और चांदी में निवेश का रिस्क लेना चाहिए। दरअसल पिछले दो सालों का डाटा देखें तो सोने और चांदी की कीमतों में पिछले दो सालों में तेजी आई है।

Gold Investment

Gold Investment: पिछले पांच महीनों के दौरान सोने की कीमतों में लगभग 8 फीसदी का उछाल देखा गया है। जाहिर है ये संख्या उत्साहवर्धक है उन लोगों के लिए जो गोल्ड में निवेश करते हैं। लेकिन क्या आगे गोल्ड में निवेश करना फायदे का सौदा होगा? बाजार जानकारों का मानना है कि निवेशकों को इस साल सोने और चांदी में निवेश का रिस्क लेना चाहिए। दरअसल पिछले दो सालों का डाटा देखें तो सोने और चांदी की कीमतों में पिछले दो सालों में तेजी आई है। लेकिन एक फैक्टर ये भी है कि दो सालों में बाजार बहुत अनिश्चितता के दौर से गुजरा है। सकल घरेलू उत्पाद लड़खड़ा रहा था और मुद्रास्फीति तेज थी। ऐसे में बाजार को वैश्विक मंदी की उम्मीद थी। ऐसी स्थिति में अक्सर सोने की कीमतें बढ़ती है। इसी का नतीजा है कि सोने की कीमत लगभग आठ फीसदी बढ़ी जबकि चांदी ने 5 फीसदी रिटर्न दिया।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी की कीमतों में तेजी लाने वाले फैक्टर खत्म नहीं हुए हैं। बल्कि ये कहा जा रहा है कि ये पहले से ज्यादा मजबूत हुए हैं लेकिन ये आरबीआई के कंफर्ट जोन के भीतर ही हैं। वैश्विक संकट की बात की जाए तो यूक्रेन संकट अनसुलझा है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में लोन लिमिट कॉन्ट्रेक्ट ने आपदा को टाल दिया है। इन कारकों से आने वाले महीनों में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है।

बाजार विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि निवेशकों को सोने में निवेश एक हद से आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। उनका कहा है कि सोने और चांदी ने छोटी और मिडियम टर्म में भले ही बहुत अच्छा प्रदर्शन किया हो, लेकिन यह पर्फॉरमेंस स्थिर नहीं है। हाल के सालों में 2016 की नोटबंदी के बाद 2020 की महामारी और 2022 के यूक्रेन युद्ध जैसी  घटनाएं सोने की कीमतों में तेजी का कारण बनी हुई है। लेकिन लंबी अवधि में सोना इक्विटी द्वारा दिए गए रिटर्न की बराबरी नहीं कर पाया है।

संवादपत्र

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