- Date : 22/10/2022
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इस धनतेरस सोना खरीदने जाने से पहले जान लें कि आपको कितना टैक्स भरना होगा।

Tax regulations on gold: हमारे देश में दीपावली, धनतेरस, अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर सोना खरीदने की परंपरा है। इन अवसरों पर सोना-चांदी आदि खरीदना शुभ माना जाता है। त्योहारों के इस मौसम में भी लोग सोना खरीद रहे हैं। सोने के सिक्के या जेवरों की खरीद और बिक्री दोनों के समय टैक्स देना होता है। आपके लिए सोना खरीदने पर लगने वाले टैक्स की पूरी जानकारी नीचे दी गई है। सोना खरीदने जाने से पहले जान लें इसका पूरा हिसाब।
हम भारतीयों को सोने से खास लगाव है। विवाह, जन्मोत्सव, अन्नप्रासन, जैसा कोई भी अवसर हो, सोना खरीदते हैं, इसे उपहार के रूप में देते हैं साथ ही इसे भविष्य में पैसों की जरूरत पड़ने पर भी संचित कोष के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। भारतीयों के लिए सोने के आभूषण सबसे पसंदीदा विकल्प है। धनतेरस या अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों के मौके पर इसे खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से धन की देवी, लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, समृद्धि बढ़ती है और अधिक धन प्राप्त होता है।
हालांकि हम सब जानते हैं कि सोना कैसे और कहाँ से खरीदना है, लेकिन हम में से अधिकांश लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती कि जब हम कीमती धातु की खरीद-बिक्री करते हैं तो उस पर कैसे और कितना टैक्स लगता है। सोने के जेवरों की खरीद और
बिक्री के समय टैक्स देना होता है। यहां सोने पर लगने वाले टैक्स के बारे में पूरी जानकारी प्रस्तुत है।
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सोने के गहनों की खरीद और बिक्री पर टैक्स
सोना नकद या डेबिट या क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग जैसे बैंकिंग चैनलों के माध्यम से खरीदा जा सकता है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद से, बैंकिंग चैनल ग्राहक को सोने के आभूषण खरीदते समय सोने की कीमत और मेकिंग चार्ज सहित जेवर के कुल मूल्य पर 3% की दर से कर का भुगतान करना होता है।
सोने की बिक्री से होने वाली आय पर लगने वाला टैक्स उस अवधि पर आधारित होता है जिसके लिए आप इसे रखते हैं। इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के आधार पर टैक्स लगता है।
- अल्पावधि पूंजी लाभ या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी)-अगर आप सोना खरीदने की तारीख से 36 महीने (3 साल) से पहले सोना बेचते हैं, तो इससे होने वाली आय पर अल्पावधि पूंजी लाभ के हिसाब से टैक्स लगेगा। इस लाभ को आपकी सकल कुल आय में जोड़ा जाएगा और आपके आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स निर्धारित किया जाएगा।
- दीर्घावधि पूंजी लाभ या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी)- अगर सोने को खरीदने और बेचने के बीच का समय 36 महीने से अधिक हो, तो बिक्री से होने वाली आय पर दीर्घावधि पूंजी लाभ के हिसाब से टैक्स लगेगा। पहले सोना बेचने पर 20 से 80 प्रतिशत एलटीसीजी लगता था। पर अब एलटीसीजी के अनुसार, टैक्स की दर 20 से 80 प्रतिशत है। एलटीसीजी पर लगनेवाला सेस भी 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है। सेस की रकम टैक्स में शामिल रहती है। इसलिए सोना खरीदने से पहले यह जान लेना सही रहता है।
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