Buying and Safety of digital gold: डिजिटल गोल्ड में निवेश कितना सही और सुरक्षित है?

त्योहारों पर असली सोना या डिजिटल गोल्ड खरीदने से पहले दोनों की तुलना कर लें।

डिजिटल गोल्ड में निवेश

Buying Digital Gold: धनतेरस और दीपावली पर सोना और चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। त्योहारों के इस मौसम में सोना खरीदने की चाह रखनेवाले लोगों के सामने इस बार गहनों और सिक्कों के अलावा डिजिटल गोल्ड और सिल्वर खरीदने का विकल्प भी मौजूद है। इस दीपावली पर कुछ ज्वैलर फिजिकल या वास्तविक सोने की जगह डिजिटल गोल्ड लेने का भी ऑफर दे रहे हैं। कई बड़े ज्वैलर गहनों और सिक्कों के साथ-साथ डिजिटल गोल्ड और सिल्वर बेच रहे हैं। ज्वैलर्स का कहना है कि अब लोग सोना केवल जेवर बनाकर पहनने या जमा करके रखने के लिए नहीं खरीदते। बहुत से लोग इसे एक निवेश का विकल्प मानते हैं। इस नज़रिये से डिजिटल गोल्ड एक बेहतर विकल्प हो सकता है। कई ज्वैलर अब भौतिक सोने के साथ-साथ डिजिटल गोल्ड भी बेचने लगे हैं, लेकिन क्या उन पर भरोसा किया जा सकता है? क्या डिजिटल गोल्ड में निवेश सही और सुरक्षित है? इस लेख में यह जानने का प्रयास करते हैं। 

डिजिटल गोल्ड की ओर रुझान के कारण 

धनतेरस और दीपावली पर सोना और चांदी खरीदने की परंपरा काफी पुरानी है। पहले लोग सोने और चांदी से बने जेवर खरीदना पसंद करते थे, लेकिन सुरक्षा और रखरखाव की परेशानियों को देखते हुए पिछले कुछ सालों से लोगों ने गहनों की जगह पर सिक्के खरीदना शुरू कर दिया है। गहनों के मुकाबले सिक्कों की अधिक शुद्धता और सुरक्षा व्यवस्था में लगने वाली कम मेहनत भी इसकी एक बड़ी वजह है। अब ज्यादा लोगों का रुझान भौतिक या असली सोना खरीदने के बजाय डिजिटल गोल्ड में दिख रहा है। 

डिजिटल गोल्ड में निवेश करने पर आप को सोने की जगह केवल एक कागज मिलता है। डिजिटल गोल्ड में निवेश के बाद उसकी सुरक्षा को लेकर अधिक चिंता नहीं करनी पड़ती है। केवल डिजिटल गोल्ड में निवेश के उस कागज को संभाल कर रखना होता है।

डिजिटल गोल्ड में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उसके गहनों की तरह टूटने या फिर चोरी हो जाने का डर का नहीं होता है। उसकी सुरक्षा के लिए किसी तिजोरी या लॉकर का इंतजाम भी नहीं करना पड़ता। इस तरह डिजिटल गोल्ड में निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि, निवेश करने से पहले डिजिटल गोल्ड बेचने वाली कंपनी या संस्था के बारे में पता करना चाहिए। 

यह भी पढ़ें: सोने की कीमत गई नीचे

नुकसान से बचने के लिए डिजिटल गोल्ड मान्यता प्राप्त ज्वैलर्स से ही खरीदें

डिजिटल गोल्ड केवल सरकार से मान्यता प्राप्त कंपनियों या विक्रेताओ से ही खरीदना चाहिए। सरकार की ओर से डिजिटल गोल्ड में लेनदेन के लिए MMTC-Pamp, Augmont और SafeGold जैसे गोल्ड रिफाइनर को मान्यता दी गई है। ये सभी कंपनियां फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर और गोल्ड ब्रांडों के बीच समझौते के तहत ग्राहकों को डिजिटल गोल्ड देती हैं। फिलहाल डिजिटल गोल्ड थर्ड पार्टी के जरिये बेचा जा रहा है। अच्छी नेट वर्थ वाले ज्वैलर्स अपना निजी डिजिटल गोल्ड भी बेच रहे हैं। किसी नुकसान से बचने के लिए आपको सावधानी बरतनी चाहिए।

डिजिटल गोल्ड खरीदने से पहले ज्वैलर्स के बारे में यह पता करना चाहिए कि उसे सरकार से मान्यता प्राप्त है या नहीं। अगर ज्वैलर को सरकार से मान्यता नहीं मिली है तो उससे डिजिटल गोल्ड खरीदने से बचना चाहिए।

हमारे देश में डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड से सुरक्षित निवेश नहीं माना जाता है। शायद इसलिए क्योंकि इसके बदले में आप को कोई गहना या सिक्का नहीं मिलता, केवल डिजिटल गोल्ड में निवेश का एक कागज मिलता है। साल 2021 में सेबी ने डिजिटल गोल्ड में निवेश को लेकर एडवाइजरी जारी करते हुए सलाहकारों और ब्रोकरेज को इसमें निवेश से बचने की सलाह दी थी। 

डिजिटल गोल्ड की खरीदने से पहले एक बार सोचना ज़रूरी है। एक और जरूरी बात यह है कि अगर आपने डिजिटल गोल्ड में निवेश किया है और आप उसे फिजिकल फॉर्म में यानी गहने के रूप में पाना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए ज्यादा पैसे देने होंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि ज्वैलर्स गहने बनाने के लिए उसकी बनाई, पॉलिश के नाम पर आप से अतिरिक्त पैसे लेगा। फिजिकल गोल्ड हमेशा डिजिटल गोल्ड से महंगा होता है, क्योंकि इसमें ग्राहकों को टैक्स के साथ ही मेकिंग चार्ज भी देना पड़ता है। जब निवेशक अपने डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में बदलवाना चाहता है, तो उसे दो बार टैक्स भरना पड़ता है। पहला डिजिटल गोल्ड खरीदने पर और दूसरा उसे गहने के रूप में बदलवाने पर।

डिजिटल गोल्ड बेचने वाली कंपनियां ग्राहकों से यह वादा करती है कि वे निवेश के बराबर का सोना अपने स्टोर में रखती हैं, लेकिन इसका न तो कोई प्रमाण होता है और न ही इसकी जांच की जा सकती है। इसलिए ग्राहकों के साथ धोखा होने की संभावना बनी रहती है। अगर इसके बारे में आप को ज्यादा जानकारी नहीं है, तो आप इसमें निवेश करनें से बचें।

यह भी पढ़ें: सोने की हॉलमार्किंग के नियम

Digital gold vs Physical gold

Buying Digital Gold: धनतेरस और दीपावली पर सोना और चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। त्योहारों के इस मौसम में सोना खरीदने की चाह रखनेवाले लोगों के सामने इस बार गहनों और सिक्कों के अलावा डिजिटल गोल्ड और सिल्वर खरीदने का विकल्प भी मौजूद है। इस दीपावली पर कुछ ज्वैलर फिजिकल या वास्तविक सोने की जगह डिजिटल गोल्ड लेने का भी ऑफर दे रहे हैं। कई बड़े ज्वैलर गहनों और सिक्कों के साथ-साथ डिजिटल गोल्ड और सिल्वर बेच रहे हैं। ज्वैलर्स का कहना है कि अब लोग सोना केवल जेवर बनाकर पहनने या जमा करके रखने के लिए नहीं खरीदते। बहुत से लोग इसे एक निवेश का विकल्प मानते हैं। इस नज़रिये से डिजिटल गोल्ड एक बेहतर विकल्प हो सकता है। कई ज्वैलर अब भौतिक सोने के साथ-साथ डिजिटल गोल्ड भी बेचने लगे हैं, लेकिन क्या उन पर भरोसा किया जा सकता है? क्या डिजिटल गोल्ड में निवेश सही और सुरक्षित है? इस लेख में यह जानने का प्रयास करते हैं। 

डिजिटल गोल्ड की ओर रुझान के कारण 

धनतेरस और दीपावली पर सोना और चांदी खरीदने की परंपरा काफी पुरानी है। पहले लोग सोने और चांदी से बने जेवर खरीदना पसंद करते थे, लेकिन सुरक्षा और रखरखाव की परेशानियों को देखते हुए पिछले कुछ सालों से लोगों ने गहनों की जगह पर सिक्के खरीदना शुरू कर दिया है। गहनों के मुकाबले सिक्कों की अधिक शुद्धता और सुरक्षा व्यवस्था में लगने वाली कम मेहनत भी इसकी एक बड़ी वजह है। अब ज्यादा लोगों का रुझान भौतिक या असली सोना खरीदने के बजाय डिजिटल गोल्ड में दिख रहा है। 

डिजिटल गोल्ड में निवेश करने पर आप को सोने की जगह केवल एक कागज मिलता है। डिजिटल गोल्ड में निवेश के बाद उसकी सुरक्षा को लेकर अधिक चिंता नहीं करनी पड़ती है। केवल डिजिटल गोल्ड में निवेश के उस कागज को संभाल कर रखना होता है।

डिजिटल गोल्ड में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उसके गहनों की तरह टूटने या फिर चोरी हो जाने का डर का नहीं होता है। उसकी सुरक्षा के लिए किसी तिजोरी या लॉकर का इंतजाम भी नहीं करना पड़ता। इस तरह डिजिटल गोल्ड में निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि, निवेश करने से पहले डिजिटल गोल्ड बेचने वाली कंपनी या संस्था के बारे में पता करना चाहिए। 

यह भी पढ़ें: सोने की कीमत गई नीचे

नुकसान से बचने के लिए डिजिटल गोल्ड मान्यता प्राप्त ज्वैलर्स से ही खरीदें

डिजिटल गोल्ड केवल सरकार से मान्यता प्राप्त कंपनियों या विक्रेताओ से ही खरीदना चाहिए। सरकार की ओर से डिजिटल गोल्ड में लेनदेन के लिए MMTC-Pamp, Augmont और SafeGold जैसे गोल्ड रिफाइनर को मान्यता दी गई है। ये सभी कंपनियां फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर और गोल्ड ब्रांडों के बीच समझौते के तहत ग्राहकों को डिजिटल गोल्ड देती हैं। फिलहाल डिजिटल गोल्ड थर्ड पार्टी के जरिये बेचा जा रहा है। अच्छी नेट वर्थ वाले ज्वैलर्स अपना निजी डिजिटल गोल्ड भी बेच रहे हैं। किसी नुकसान से बचने के लिए आपको सावधानी बरतनी चाहिए।

डिजिटल गोल्ड खरीदने से पहले ज्वैलर्स के बारे में यह पता करना चाहिए कि उसे सरकार से मान्यता प्राप्त है या नहीं। अगर ज्वैलर को सरकार से मान्यता नहीं मिली है तो उससे डिजिटल गोल्ड खरीदने से बचना चाहिए।

हमारे देश में डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड से सुरक्षित निवेश नहीं माना जाता है। शायद इसलिए क्योंकि इसके बदले में आप को कोई गहना या सिक्का नहीं मिलता, केवल डिजिटल गोल्ड में निवेश का एक कागज मिलता है। साल 2021 में सेबी ने डिजिटल गोल्ड में निवेश को लेकर एडवाइजरी जारी करते हुए सलाहकारों और ब्रोकरेज को इसमें निवेश से बचने की सलाह दी थी। 

डिजिटल गोल्ड की खरीदने से पहले एक बार सोचना ज़रूरी है। एक और जरूरी बात यह है कि अगर आपने डिजिटल गोल्ड में निवेश किया है और आप उसे फिजिकल फॉर्म में यानी गहने के रूप में पाना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए ज्यादा पैसे देने होंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि ज्वैलर्स गहने बनाने के लिए उसकी बनाई, पॉलिश के नाम पर आप से अतिरिक्त पैसे लेगा। फिजिकल गोल्ड हमेशा डिजिटल गोल्ड से महंगा होता है, क्योंकि इसमें ग्राहकों को टैक्स के साथ ही मेकिंग चार्ज भी देना पड़ता है। जब निवेशक अपने डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में बदलवाना चाहता है, तो उसे दो बार टैक्स भरना पड़ता है। पहला डिजिटल गोल्ड खरीदने पर और दूसरा उसे गहने के रूप में बदलवाने पर।

डिजिटल गोल्ड बेचने वाली कंपनियां ग्राहकों से यह वादा करती है कि वे निवेश के बराबर का सोना अपने स्टोर में रखती हैं, लेकिन इसका न तो कोई प्रमाण होता है और न ही इसकी जांच की जा सकती है। इसलिए ग्राहकों के साथ धोखा होने की संभावना बनी रहती है। अगर इसके बारे में आप को ज्यादा जानकारी नहीं है, तो आप इसमें निवेश करनें से बचें।

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Digital gold vs Physical gold

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