- Date : 02/12/2020
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गोल्ड लोन आपात स्थिति में आपको वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद करता है। लोन के लिए आवेदन करते समय आपको इन सामान्य गलतियों से बचना चाहिए।

भारत में, सोने को न सिर्फ शुभ माना जाता है, वहीं इसे मुश्किल वक्त के लिए सहेज कर भी रखा जाता है। भारतीय जहां अब वित्तीय आवश्यकता के समय गोल्ड लोन का तेजी से उपयोग कर रहे हैं, वहीं इसे देखते हुए 2020 तक भारत का संगठित गोल्ड लोन बाजार 13.7 प्रतिशत के सीएजीआर के साथ बढ़कर 3,101 अरब रुपए होने का अनुमान है। आज जबकि गोल्ड लोन आसानी से उपलब्ध हैं और व्यापक रूप से इसका विज्ञापन किया जा रहा है, ऐसे में इसके लिए आवेदन करते समय गलती होना भी बहुत आम बात है। गोल्ड लोन के लिए आवेदन करते वक्त आपको इन पांच बड़ी गलतियों से बचना चाहिए।
1. ऋणदाता की विश्वसनीयता का आकलन नहीं करना:
जब आप गोल्ड लोन लेते हैं, तो आपको कर्जदाता के पास सोना गिरवी रखना होता है, इसके मूल्य के आधार पर आपको कर्ज मिलता है। चूंकि यह लोन संपत्ति गिरवी रखने के बदले मिलता है, इसीलिए पुनर्भुगतान पूरा होने तक आपका सोना कर्जदाता के पास ही रहता है। ऐसे में कर्जदाता की विश्वसनीयता की जांच करें और ऑनलाइन दूसरे कर्जदाताओं से तुलना करें। आप वार्षिक ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस जैसे कारकों पर कर्जदाताओं की तुलना करने के लिए वेब एग्रीगेटर्स की सेवाएं भी ले सकते हैं।
2. अधिक विकल्पों की तलाश न करना:
आज के समय में अनेक कर्जदाता आपको गोल्ड लोन देने के लिए तैयार हैं और प्रत्येक के पास कर्ज लेने वालों के लिए अलग-अलग प्रस्ताव भी हैं। गोल्ड लोन के विकल्पों की तलाश करते समय, अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले सभी विकल्पों की जांच करने में ही समझदारी है। लगभग सभी कर्जदाताओं के पास प्रतिस्पर्धी और आकर्षक गोल्ड लोन का प्रस्ताव होते हैं; ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी पसंद के कर्जदाता को चुनने से पहले हर छोटी जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें। एक कर्ज लेने वाले के रूप में, आप रिसर्च को एक प्राथमिक चयन उपकरण के रूप में अपनाना चाहेंगे। जितना हो सके उतने अधिक कर्जदाताओं से बात करें। इसके साथ ही ब्याज दर और लोन टू वैल्यू रेशियो (एलटीवी) के आधार पर उनकी पेशकश की तुलना करें। इसी के बाद अंतिम सूची तैयार करें। अब आप अपनी आवश्यकतानुसार सर्वोत्तम प्रस्ताव के आधार पर अंतिम विकल्प चुन सकते हैं।
3. अपने सोने को न पहचानना:
गोल्ड लोन देने वाले 22 कैरेट और उससे ऊपर की शुद्धता वाले सोने के आभूषणों पर कर्ज देते हैं। इसके अतिरिक्त, बैंक और वित्तीय संस्थाए 50 ग्राम से ज्यादा भार की सोने की छड़ों, बुलियन या सिक्कों को भी गिरवी के रूप में नहीं स्वीकारते हैं। साथ ही, जो ज्वैलरी आप गिरवी रखने जा रहे हैं यदि उसमें रत्न जड़े हुए हैं, तो रत्नों का मूल्य इसमें शामिल नहीं किया जाता है। इस प्रकार, गोल्ड के बदले कर्ज लेने के लिए आवेदन करने से पहले अपने सोने, इसकी शुद्धता और मूल्यांकन के बारे में जानकारी प्राप्त करना बेहद जरूरी है।
4. अपने गोल्ड लोन पर एलटीवी की बारीकियों को नहीं जानना:
जब आप गोल्ड लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो संभव है कि आपको सोने के पूरे मूल्य के बराबर कर्ज न मिले। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमानुसार, गोल्ड लोन का लोन टू वैल्यू (एलटीवी) अनुपात 75% से अधिक नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके सोने का मूल्य 1 लाख रुपए है तो आप अधिकतम 75,000 रुपए तक का कर्ज प्राप्त कर सकते हैं। यह अनुपात निर्धारित करता है कि आप अपने सोने के बदले कितना कर्ज प्राप्त कर सकते हैं। विभिन्न ऋण संस्थान इस अनुपात को तय करने के लिए विभिन्न मानकों का उपयोग करते हैं। कर्ज लेने वाले के रूप में, आपको पता होना चाहिए कि कर्जदाता के एलटीवी अनुपात की गणना में क्या-क्या शामिल होता है।
5. ईएमआई विकल्पों को न समझना:
गोल्ड लोन पाना न सिर्फ आसान होता है, वहीं कर्ज का एक सुरक्षित रूप होने के चलते कर्जदाता भी अक्सर अपने ग्राहकों को पुनर्भुगतान के विभिन्न विकल्पों का लाभ प्रदान करते हैं। यहां पुनर्भुगतान के चार ढांचे दिए गए हैं, जिन पर गौर किया जा सकता है।
नियमित ईएमआई- यह पुनर्भुगतान का मौलिक ढांचा है, जिसमें महीने-दर-महीने भुगतान किया जाता है। यदि आप नौकरीपेशा हैं और आपके पास आय के निश्चित स्रोत हैं तो यह आपके लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।
आंशिक पुनर्भुगतान – यह सुविधानुसार तैयार किया गया ईएमआई ढ़ांचा है। यहां आप ब्याज के बोझ को कम करने के लिए आरंभ में मूल राशि चुकाते हैं। व्यापारियों के लिए यह ईएमआई विकल्प बेहतर है। यदि आप एक व्यापारी हैं, तो बाद में ब्याज का बोझ कम करने के लिए लोन की शुरुआत में एकमुश्त राशि चुकाना आपके लिए एक सुविधाजनक विकल्प हो सकता है।
सिर्फ ब्याज वाली ईएमआई – यह भी एक सुविधाजनक पुनर्भुगतान विकल्प है। जहां आप ईएमआई के रूप में सिर्फ ब्याज अदा करते हैं और मूल राशि का भुगतान एक साथ करते हैं (किसी अन्य निवेश विकल्प की परिपक्वता के साथ मेल खाने पर)। यदि आपको भरोसा है कि लोन पीरिएड की समाप्ति के समय आपको एक बड़ी राशि (आपके द्वारा पहले किए गए निवेश की परिपक्वता से) प्राप्त होगी, तो आप इस विकल्प पर विचार कर सकते हैं।
तीव्र पुनर्भुगतान - यहां, ब्याज की गणना हर महीने शेष बची कर्ज की राशि पर की जाती है। लेकिन आप लोन पीरिएड के दौरान ईएमआई का भुगतान नहीं करने का विकल्प चुन सकते हैं। इसके बजाय, यहां आप परिपक्वता के दौरान ब्याज के साथ पूरी राशि चुकाते हैं। यदि एक छोटी अवधि तक आपकी आय अनिश्चित हैं लेकिन आपको इस बात का भरोसा है कि लोन अवधि खत्म होने के समय तक पैसा आने लगेगा, तो आप इस विकल्प पर विचार कर सकते हैं।
आप कर्जदाता के नियम और शर्तों के आधार पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद उपर्युक्त पुनर्भुगतान ढ़ांचों में से किसी एक को चुन सकते हैं।
अंतत:
एक बार जब आप कर्जदाता का चयन कर लें, तो भविष्य में संभावित किसी अप्रत्याशित झटके से बचने के लिए आप लोन के नियम और शर्तें अवश्य पढ़ लें। वित्तीय जरूरत के समय गोल्ड लोन वास्तव में तभी मददगार हो सकता है, जब आपको इस बात का भरोसा मिले कि आप अपने सोने को सुरक्षित हाथों में दे रहे हैं।