- Date : 24/04/2023
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Silver Price: चांदी की कीमतें आसमान छू रही हैं और यह बायर्स और निवेशकों के लिए नया गोल्ड बनता जा रहा है। अगर कीमतों में बढ़ोतरी की रफ्तार कायम रहती है तो लोगों को एक किलोग्राम चांदी के लिए 90 हजार रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं।

Silver Price: साल 2023 में अब तक सोना और चांदी दोनों लगभग 11 फीसदी महंगे हो चुके हैं। विश्लेषकों का मानना है कि चांदी की कीमतों में तेजी इसके व्यापक इंडस्ट्रियल इस्तेमाल को देखते हुए लंबे समय तक बनी रह सकती है। जिन निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो को बचाने के लिए सोने में निवेश किया है, वे अब चांदी को इसमें जोड़ने के बारे में सोच रहे हैं। सोने की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी और मांग में तेजी के बाद लोग तुलनात्मक रूप से सस्ती धातु को वरीयता देने लगे हैं।
अगले 9-12 महीनों में चांदी की कीमतों में 85000-90000 रुपये प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि देखी जा सकती है, जिसका मतलब है कि आने वाले समय में इसमें 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च के प्रमुख रवींद्र राव का कहना है कि अगर आप सोने-चांदी के अनुपात को देखें तो चांदी के बेहतर प्रदर्शन की संभावना है। चांदी की कीमतों ने ब्रेकआउट दिया है और 72,000 रुपये के अपने शुरुआती प्रतिरोध स्तर को पार कर लिया है। अब कीमतें लगभग 85000-86000 रुपये की ओर बढ़ सकती है।
आपको बता दें कि भारत चांदी का दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और अपनी जरूरत का 90 पर्सें (2022 में लगभग 9,500 टन) आयात करता है। अधिकारियों का कहना है कि सप्लाई घटने से कीमतें स्थिर रह सकती हैं। चांदी के लिए, दुनिया भर में स्टॉक पिछले 4-5 वर्षों में सबसे निचले स्तरों में से एक है, इसलिए दुनिया भर में इसकी भारी मांग है। भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी चांदी उत्पादक हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि चांदी की कीमतों में तेजी बनी रहेगी।
Silver Price: साल 2023 में अब तक सोना और चांदी दोनों लगभग 11 फीसदी महंगे हो चुके हैं। विश्लेषकों का मानना है कि चांदी की कीमतों में तेजी इसके व्यापक इंडस्ट्रियल इस्तेमाल को देखते हुए लंबे समय तक बनी रह सकती है। जिन निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो को बचाने के लिए सोने में निवेश किया है, वे अब चांदी को इसमें जोड़ने के बारे में सोच रहे हैं। सोने की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी और मांग में तेजी के बाद लोग तुलनात्मक रूप से सस्ती धातु को वरीयता देने लगे हैं।
अगले 9-12 महीनों में चांदी की कीमतों में 85000-90000 रुपये प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि देखी जा सकती है, जिसका मतलब है कि आने वाले समय में इसमें 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च के प्रमुख रवींद्र राव का कहना है कि अगर आप सोने-चांदी के अनुपात को देखें तो चांदी के बेहतर प्रदर्शन की संभावना है। चांदी की कीमतों ने ब्रेकआउट दिया है और 72,000 रुपये के अपने शुरुआती प्रतिरोध स्तर को पार कर लिया है। अब कीमतें लगभग 85000-86000 रुपये की ओर बढ़ सकती है।
आपको बता दें कि भारत चांदी का दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और अपनी जरूरत का 90 पर्सें (2022 में लगभग 9,500 टन) आयात करता है। अधिकारियों का कहना है कि सप्लाई घटने से कीमतें स्थिर रह सकती हैं। चांदी के लिए, दुनिया भर में स्टॉक पिछले 4-5 वर्षों में सबसे निचले स्तरों में से एक है, इसलिए दुनिया भर में इसकी भारी मांग है। भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी चांदी उत्पादक हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि चांदी की कीमतों में तेजी बनी रहेगी।