- Date : 13/06/2023
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आप घर में निश्चित सीमा तक ही सोने के आभूषण रख सकते हैं और सोने से होने वाली आय पर टैक्स लगता है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने के फैसले के मद्देनजर सोने के गहनों की मांग में उल्लेखनीय उछाल आया है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि यदि आप भी 2000 रुपये के नोटों से सोने के गहने या बर्तन खरीदने पर विचार कर रहे हैं, तो टैक्स अधिकारियों द्वारा किसी भी अप्रिय जांच से बचने के लिए सोने की भंडारण सीमा और इससे जुड़े कर नियमों को समझना महत्वपूर्ण है।
क्या है सोने के आभूषणों के भंडारण की सीमा?
जब तक कि आप अपनी आय के स्रोत के बारे में एक वैध स्पष्टीकरण प्रदान कर सकते हैं, तब तक सोने के गहनों को घर पर स्टोर करने की कोई विशिष्ट सीमा नहीं है। हालांकि, बेहिसाब सोने के गहनों के लिए कुछ सीमाएँ हैं जिन्हें आप बिना कर जटिलताओं का सामना किए बिना रख सकते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, सोने के भंडारण की निर्धारित सीमाएँ इस प्रकार हैं:
विवाहित महिलाएं: 500 ग्राम तक सोना
अविवाहित महिलाएं: 250 ग्राम तक सोना
पुरुष: 100 ग्राम तक सोना
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सोने के आयकर नियम
टैक्स का पहला हिस्सा अप्रत्यक्ष करों से जुड़ा है, जो सोने के प्रकार और संबंधित सेवाओं के आधार पर भिन्न होता है। उदाहरण के लिए सोने की छड़ों, सिक्कों और गहनों की खरीद पर 3% वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होता है। दूसरी ओर, मेकिंग चार्ज और सुनार सेवाओं के लिए जीएसटी दर 5% से थोड़ा अधिक है।
इसके अलावा, सोने का आयात करने वाले व्यक्तियों को अधिसूचित दरों पर सीमा शुल्क, कृषि अवसंरचना और विकास उपकर और जीएसटी का भुगतान करने के लिए बाध्य किया जाता है।
सोने पर टैक्स कैसे लगता है?
यह ध्यान देने योग्य है कि खरीद के समय कोई प्रत्यक्ष कर नहीं लगाया जाता है। हालांकि, खरीदारी के दौरान अपना पैन (स्थायी खाता संख्या) विवरण प्रदान करना आवश्यक है।
किसी भी संभावित समस्या से बचने के लिए बेहतर है कि सोने की खरीदारी से पहले अपने आय संबंधी रिकार्ड रखें जाएं ताकि किसी भी जांच की स्थिति में कोई परेशानी न हो।
सोने से होने वाली आय पर कैसे कर लगता है?
यदि आपकी कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक है, तो ITR में गोल्ड होल्डिंग दिखानी चाहिए। घरेलू संपत्ति के हिस्से के रूप में अपनी इसका खुलासा करना महत्वपूर्ण है।
सोना से होने वाली आय कैपिटल गेन टैक्स में आती है। यदि आप सोने को तीन साल या उससे अधिक की अवधि के लिए रखते हैं, तो यह दीर्घकालिक निवेश के रूप में गिना जाता है। लंबी अवधि के लाभ के लिए कर की दर 20% है, जो इंडेक्सेशन लाभ और लागू उपकर के अधीन है।
दूसरी ओर, यदि आप तीन साल से पहले सोना बेचते हैं, तो प्राप्त किसी भी लाभ को अल्पकालिक पूंजीगत लाभ के रूप में माना जाएगा और इसे आपके आय में जोड़कर लागू दरों पर टैक्स लगेगा।
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