- Date : 03/03/2020
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स्वयं, परिवार और माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम भुगतान न केवल चिकित्सा सम्बंधी आपात स्थितियों में वित्तीय सहायता प्रदान करता है बल्कि ‘कर’ देनदारी को भी कम करता है। जानते हैं कैसे।

अधिकतर वित्तीय सलाहकारों के अनुसार एक व्यक्ति को सबसे पहले यह देखना चाहिये कि किसी भी वित्तीय योजना में उसके पास पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा हो। व्यक्ति अपने लक्ष्यों के लिए बचत करने की शुरुआत करे, उससे पहले उसे स्वयं और परिवार के लिए पर्याप्त स्वास्थ बीमा कराना चाहिए। साथ ही, स्वास्थ्य बीमा के लिए जमा कराया गया प्रीमियम आपकी ‘कर योग्य आय’ और ‘कर देनदारी’ को घटा आपको ‘कर’ लाभ भी प्रदान करता है। वित्तीय वर्ष 2015-2016 के लिए आयकर कानूनों के अनुसार स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के ‘कर’ लाभों के बारे में जानने के लिए यहां पांच महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं।
माता-पिता: माता-पिता के लिए ली गयी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए जमा कराया गया प्रीमियम आयकर अधिनियम की धारा 80 डी के तहत कटौती के योग्य होता है। यह लाभ स्वयं, पति/पत्नी, बच्चों और माता-पिता के लिए भुगतान किए गए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर उपलब्ध है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बच्चे या माता-पिता आप पर निर्भर हैं या नहीं।
हालांकि, ‘कर’ लाभ की राशि, चिकित्सकीय बीमाकृत व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करती है। स्वयं, पति/पत्नी, बच्चों और माता-पिता के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर, अधिकतम 25,000 रुपये की कटौती का सालाना लाभ उठाया जा सकता है, बशर्ते व्यक्ति की उम्र 60 से ऊपर न हो। अगर माता-पिता जो 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक हैं, उनके लिए ये राशि अधिकतम 30,000 रुपये है। इसलिए एक करदाता धारा 80 डी के तहत ‘कर’ लाभ को अधिकतम 55,000 रुपये कर सकता है यदि उसकी उम्र 60 वर्ष से कम हो, जबकि माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक हो। उन करदाताओं के लिए जो 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं और अपने माता पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भी दे रहे हैं, धारा 80 डी के तहत अधिकतम ‘कर’ लाभ कुल 60,000 रुपये होगा।
जीवन बीमा कंपनियां: धारा 80 डी से मिलने वाला ‘कर’ लाभ हेल्थ पॉलिसी के लिए किए गए प्रीमियम भुगतान पर है और इसलिए किसी व्यक्ति को हेल्थ प्लान केवल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों से खरीदने के लिए बाध्य नहीं करता। जीवन बीमा पॉलिसी में क्रिटिकल इलनेस या मेडिकल इंश्योरेंस की ओर किए गया प्रीमियम भुगतान भी उसी अनुभाग के तहत ‘कर’ लाभ के लिए योग्यता प्राप्त करता है। इसके अलावा, जीवन बीमा कंपनियों की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का प्रीमियम भी उसी ‘कर’ लाभ का पात्र होता है।
स्वास्थ्य परीक्षण: 25,000 रुपये या 30,000 रुपये की अधिकतम सीमा के भीतर, हेल्थ चैकअप के लिए 5,000 रुपये तक का लाभ भी मिलता है। इसका मतलब है, यदि आप मेडिक्लेम के लिए 20,000 रुपये का प्रीमियम भुगतान करते हैं और 5,000 रुपये की लागत वाले हेल्थ चैकअप करवाते हैं, तो आप धारा 80 डी के तहत कुल 25,000 रुपये का लाभ उठा सकते हैं। अधिकांश प्रमुख अस्पताल प्रिवेंटिव हेल्थ चैकअप पैकेज मुहैया कराते हैं। जब जीवनशैली में बदलाव से जुड़ी बीमारियों में वृद्धि हो रही है, ऐसे में स्वास्थ्य पर नजर रखना हमेशा बेहतर है।
दोनों प्रकार के स्वास्थ्य बीमा पर उपलब्ध कर लाभ: 'क्षतिपूर्ति' और 'निश्चित लाभ’ दोनों प्रकार की स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ ‘कर’ लाभ के योग्य होती हैं। न केवल क्षतिपूर्ति योजनाएँ जैसे कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा योजना जिसे लोकप्रिय रूप से मेडिक्लेम और फैमिली फ्लोटर प्लान कहा जाता है, किसी भी स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमा कंपनी या एक सामान्य बीमा कंपनी की निश्चित लाभ योजनाएँ जैसे कि दैनिक अस्पताल नकद योजना और क्रिटिकल इलनेस प्लान पर भी ‘कर’ लाभ के योग्य होती है।
नकद भुगतान: प्रीमियम भुगतान नकदी में भी किया जा सकता है, हालांकि, ‘कर’ लाभ प्राप्त करने के लिए, आयकर नियम नकदी के माध्यम से प्रीमियम भुगतान पर ‘कर’ लाभ को अस्वीकार करते हैं। हालांकि प्रीमियम पर टैक्स लाभ प्राप्त करने के लिए आप इंटरनेट बैंकिंग, चेक, ड्राफ्ट या क्रेडिट कार्ड द्वारा भुगतान कर सकते हैं। हालांकि, प्रिवेंटिव हेल्थ चैकअप के लिए किया गया नकद भुगतान धारा 80 डी लाभ के लिए पात्र है।
निष्कर्ष: अक्सर यह कहा जाता है कि किसी को केवल ‘कर’ बचाने के लिए निवेश नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य बीमा के मामले में, जो किसी भी तरह से निवेश नहीं है, प्रीमियम भुगतान न केवल आपको स्वास्थ्य कवर प्रदान करता है बल्कि टैक्स बचाने में भी सहायता करता है। अस्पतालों में इलाज के बढ़ते ख़र्चो को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य बीमा खरीदने से निश्चित रूप से मदद मिलती है।