हॉस्पिटल कैश प्लान और इन्डेम्निटी आधारित हेल्थ इंश्योरेंस को एक साथ लेने के फायदे

सारांश- इस बात पर विचार करें कि क्या स्वास्थ्य बीमा लेना काफी है? यहां हम स्वास्थ्य बीमा के साथ हॉस्पिटल कैश प्लान को लेने के फायदों के बारे में बता रहे हैं।

हॉस्पिटल कैश प्लान और इन्डेम्निटी आधारित हेल्थ इंश्योरेंस को एक साथ लेने के फायदे

40 वर्षीय विनोद मेहता को पेट में अचानक हुए दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। उनको एक हफ्ते के बाद अस्पताल से छुट्टी मिली। अस्पताल के 90,000 रूपयों के बिल के अलावा उनका 15,000 रूपयों का अतिरिक्त खर्चा हुआ। इस अतिरिक्त खर्च में उनकी पत्नी का घर से अस्पताल आने-जाने, पत्नी के भोजन और उनकी बेटी की देखभाल के लिए घर पर बेबीसिटर का खर्च शामिल है। उनकी बेटी इतनी छोटी थी कि उसे बिना देखभाल के नहीं छोड़ा जा सकता था और ना ही अस्पताल लेकर आया जा सकता था। 

दुर्भाग्य से विनोद की बीमा पॉलिसी में इस तरह के अतिरिक्त खर्च शामिल नहीं थे। इसलिए उन्हें अपनी जेब से ये खर्च भरने पड़े। कुछ दिनों बाद उनका दोस्त राघव उनसे मिलने आया। बातचीत के दौरान राघव को पता चला कि विनोद को खुद अस्पताल से जुड़े कुछ खर्चों का भुगतान करना पड़ा। तब राघव ने उसे हॉस्पिटल कैश प्लान के बारे में जानकारी दी। 
 यहां हम विनोद के इस प्लान से जुड़े कुछ प्रश्नों के जबाव दे रहे हैं, जिनके बारे में आपको भी जानकारी होनी चाहिए। 

हॉस्पिटल कैश प्लान लेने से मुझे क्या फायदा होगा?

अस्पतालों में इलाज का खर्च बहुत ज्यादा है और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसमें अस्पताल में रहने और दवाइयों का खर्च शामिल है। लेकिन अस्पताल में भर्ती होने पर दूसरे कई तरह के खर्चे होते हैं जैसे कि अस्पताल में भर्ती होने के कारण नौकरी की तनख्वाह में हुआ नुकसान। साथ ही हो सकता है कि आपके वर्तमान स्वास्थ्य बीमा में कोई उप-सीमा भी हो। आपके स्वास्थ्य बीमा में ऊपर बताए खर्च शामिल नहीं होते लेकिन हॉस्पिटल कैश प्लान से आपको कुछ राहत मिल सकती है। 

इसके साथ ही हॉस्पिटल कैश प्लान में आपको हर दिन के हिसाब से पहले से तय निश्चित रकम मिलती है, इन्डेम्निटी हेल्थ इंश्योरेंस की तरह यह रीइम्बर्स्मन्ट पर आधारित नहीं है। 

हॉस्पिटल कैश प्लान से इलाज के खर्च में कमी की जा सकती है क्योंकि इसमें ऐसे कुछ खर्च शामिल हैं जो स्वास्थ्य बीमा या मेडिक्लेम में शामिल नहीं होते। 

• स्वास्थ्य बीमा एक मेडिकल इन्डेम्निटी प्लान होता है लेकिन हॉस्पिटल कैश प्लान एक पहले से तय लाभ योजना है। 

• स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में केवल अस्पताल में भर्ती होने का वास्तविक खर्च मिलता है जबकि हॉस्पिटल कैश प्लान में आपको खर्च के लिए नकद पैसा मिल जाता है जो अस्पताल में भर्ती हुए दिनों की संख्या पर आधारित होता है। यह इलाज पर हुए खर्च से अलग होता है। 

• मेडिक्लेम में आपको सम अशुअर्ड का चुनाव करना होता है जबकि हॉस्पिटल कैश प्लान में आपको चुनना होता है कि आप प्रतिदिन का कितना पैसा प्लान में कवर करना चाहते हैं। 

उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि आपके पास एक हॉस्पिटल कैश पॉलिसी है जिसमें आपको अस्पताल में भर्ती होने पर 1500 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलता है। अब चाहे आपको भर्ती होने पर प्रतिदिन 1000 रूपये खर्च करने हों या 2000 खर्च करने हों, इस प्लान के हिसाब से आपको पहले से तय राशि दी जाएगी जो आपके मामले में 1500 रूपये है। 

सारांश में यही कह सकते हैं कि हॉस्पिटल कैश पॉलिसी आपके स्वास्थ्य बीमा को बेहतर बनाती है और जरूरत के समय इससे अतिरिक्त मदद मिलती है। इसलिए अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा या समूह बीमा के साथ हॉस्पिटल कैश पॉलिसी को ज़रूर जोड़ें। इससे आप दोनों योजनाओं का फायदा ले सकेंगे। 

हॉस्पिटल कैश प्लान से क्या अतिरिक्त फायदे हैं? 

• अस्पताल में भर्ती होने पर इस प्लान में आपको प्रतिदिन के हिसाब से निश्चित राशि मिलती है जिसका उपयोग एक्सरे या सर्जरी के काम में आने वाले सामान जैसी चीज़ों को खरीदने में किया जा सकता है, यह खर्च मेडिक्लेम पॉलिसी में शामिल नहीं होता। 

• हॉस्पिटल कैश प्लान से आर्थिक बोझ कम होता है क्योंकि कुछ ऐसे खर्च होते हैं जो स्वास्थ्य बीमा में कवर नहीं होते। इस तरह के खर्च कैश प्लान से पूरे किए जा सकते हैं। 

• प्रीमियम पर सेक्शन 80D के अन्तर्गत टैक्स छूट मिलती है।

• इस प्लान से अस्पताल के छोटे बिल भरे जा सकते हैं जिससे उनके लिए स्वास्थ्य बीमा में क्लेम करने की जरूरत नहीं होगी। इससे स्वास्थ्य बीमा के नो क्लेम बोनस का फायदा लिया जा सकता है। 

कुछ योजनाओं में पॉलिसी लेने वाले के आईसीयू में भर्ती होने पर दुगना नकद भत्ता मिलता है। हालांकि हर पॉलिसी के हिसाब से यह अलग-अलग हो सकता है। 
 
हॉस्पिटल कैश प्लान लेते समय किन बातों का ध्यान रखें? 

• अपनी ज़रूरत के अनुसार ही दिनों की अधिकतम संख्या और दैनिक राशि का चुनाव करें। 

• अपनी पॉलिसी से जुड़ी उन शर्तों का पता कर लें जिनसे आप बीमा का दावा कर पाने के योग्य हो जाएं

• पॉलिसी लेते समय ही पता कर लें दावा करते समय किन दस्तावेज़ों की जरूरत होगी

• ‘लॉक पीरियड’ विकल्प के बारे में पता करें जिससे पॉलिसी पसंद नहीं आने पर आप पॉलिसी को रद्द कर सकें। हालांकि यह तभी हो सकता है जब आपने कोई क्लेम ना किया हो और निश्चित दिनों के भीतर पॉलिसी रद्द की हो।

ज़रूरी बात 

ध्यान रखें कि आप स्वास्थ्य बीमा पालिसी में हॉस्पिटल कैश राइडर जोड़ सकते हैं या उसे अलग से भी ले सकते हैं। यह स्वास्थ्य बीमा की जगह नहीं लेता बल्कि आपको अतिरिक्त फायदा देता है। 

40 वर्षीय विनोद मेहता को पेट में अचानक हुए दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। उनको एक हफ्ते के बाद अस्पताल से छुट्टी मिली। अस्पताल के 90,000 रूपयों के बिल के अलावा उनका 15,000 रूपयों का अतिरिक्त खर्चा हुआ। इस अतिरिक्त खर्च में उनकी पत्नी का घर से अस्पताल आने-जाने, पत्नी के भोजन और उनकी बेटी की देखभाल के लिए घर पर बेबीसिटर का खर्च शामिल है। उनकी बेटी इतनी छोटी थी कि उसे बिना देखभाल के नहीं छोड़ा जा सकता था और ना ही अस्पताल लेकर आया जा सकता था। 

दुर्भाग्य से विनोद की बीमा पॉलिसी में इस तरह के अतिरिक्त खर्च शामिल नहीं थे। इसलिए उन्हें अपनी जेब से ये खर्च भरने पड़े। कुछ दिनों बाद उनका दोस्त राघव उनसे मिलने आया। बातचीत के दौरान राघव को पता चला कि विनोद को खुद अस्पताल से जुड़े कुछ खर्चों का भुगतान करना पड़ा। तब राघव ने उसे हॉस्पिटल कैश प्लान के बारे में जानकारी दी। 
 यहां हम विनोद के इस प्लान से जुड़े कुछ प्रश्नों के जबाव दे रहे हैं, जिनके बारे में आपको भी जानकारी होनी चाहिए। 

हॉस्पिटल कैश प्लान लेने से मुझे क्या फायदा होगा?

अस्पतालों में इलाज का खर्च बहुत ज्यादा है और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसमें अस्पताल में रहने और दवाइयों का खर्च शामिल है। लेकिन अस्पताल में भर्ती होने पर दूसरे कई तरह के खर्चे होते हैं जैसे कि अस्पताल में भर्ती होने के कारण नौकरी की तनख्वाह में हुआ नुकसान। साथ ही हो सकता है कि आपके वर्तमान स्वास्थ्य बीमा में कोई उप-सीमा भी हो। आपके स्वास्थ्य बीमा में ऊपर बताए खर्च शामिल नहीं होते लेकिन हॉस्पिटल कैश प्लान से आपको कुछ राहत मिल सकती है। 

इसके साथ ही हॉस्पिटल कैश प्लान में आपको हर दिन के हिसाब से पहले से तय निश्चित रकम मिलती है, इन्डेम्निटी हेल्थ इंश्योरेंस की तरह यह रीइम्बर्स्मन्ट पर आधारित नहीं है। 

हॉस्पिटल कैश प्लान से इलाज के खर्च में कमी की जा सकती है क्योंकि इसमें ऐसे कुछ खर्च शामिल हैं जो स्वास्थ्य बीमा या मेडिक्लेम में शामिल नहीं होते। 

• स्वास्थ्य बीमा एक मेडिकल इन्डेम्निटी प्लान होता है लेकिन हॉस्पिटल कैश प्लान एक पहले से तय लाभ योजना है। 

• स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में केवल अस्पताल में भर्ती होने का वास्तविक खर्च मिलता है जबकि हॉस्पिटल कैश प्लान में आपको खर्च के लिए नकद पैसा मिल जाता है जो अस्पताल में भर्ती हुए दिनों की संख्या पर आधारित होता है। यह इलाज पर हुए खर्च से अलग होता है। 

• मेडिक्लेम में आपको सम अशुअर्ड का चुनाव करना होता है जबकि हॉस्पिटल कैश प्लान में आपको चुनना होता है कि आप प्रतिदिन का कितना पैसा प्लान में कवर करना चाहते हैं। 

उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि आपके पास एक हॉस्पिटल कैश पॉलिसी है जिसमें आपको अस्पताल में भर्ती होने पर 1500 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलता है। अब चाहे आपको भर्ती होने पर प्रतिदिन 1000 रूपये खर्च करने हों या 2000 खर्च करने हों, इस प्लान के हिसाब से आपको पहले से तय राशि दी जाएगी जो आपके मामले में 1500 रूपये है। 

सारांश में यही कह सकते हैं कि हॉस्पिटल कैश पॉलिसी आपके स्वास्थ्य बीमा को बेहतर बनाती है और जरूरत के समय इससे अतिरिक्त मदद मिलती है। इसलिए अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा या समूह बीमा के साथ हॉस्पिटल कैश पॉलिसी को ज़रूर जोड़ें। इससे आप दोनों योजनाओं का फायदा ले सकेंगे। 

हॉस्पिटल कैश प्लान से क्या अतिरिक्त फायदे हैं? 

• अस्पताल में भर्ती होने पर इस प्लान में आपको प्रतिदिन के हिसाब से निश्चित राशि मिलती है जिसका उपयोग एक्सरे या सर्जरी के काम में आने वाले सामान जैसी चीज़ों को खरीदने में किया जा सकता है, यह खर्च मेडिक्लेम पॉलिसी में शामिल नहीं होता। 

• हॉस्पिटल कैश प्लान से आर्थिक बोझ कम होता है क्योंकि कुछ ऐसे खर्च होते हैं जो स्वास्थ्य बीमा में कवर नहीं होते। इस तरह के खर्च कैश प्लान से पूरे किए जा सकते हैं। 

• प्रीमियम पर सेक्शन 80D के अन्तर्गत टैक्स छूट मिलती है।

• इस प्लान से अस्पताल के छोटे बिल भरे जा सकते हैं जिससे उनके लिए स्वास्थ्य बीमा में क्लेम करने की जरूरत नहीं होगी। इससे स्वास्थ्य बीमा के नो क्लेम बोनस का फायदा लिया जा सकता है। 

कुछ योजनाओं में पॉलिसी लेने वाले के आईसीयू में भर्ती होने पर दुगना नकद भत्ता मिलता है। हालांकि हर पॉलिसी के हिसाब से यह अलग-अलग हो सकता है। 
 
हॉस्पिटल कैश प्लान लेते समय किन बातों का ध्यान रखें? 

• अपनी ज़रूरत के अनुसार ही दिनों की अधिकतम संख्या और दैनिक राशि का चुनाव करें। 

• अपनी पॉलिसी से जुड़ी उन शर्तों का पता कर लें जिनसे आप बीमा का दावा कर पाने के योग्य हो जाएं

• पॉलिसी लेते समय ही पता कर लें दावा करते समय किन दस्तावेज़ों की जरूरत होगी

• ‘लॉक पीरियड’ विकल्प के बारे में पता करें जिससे पॉलिसी पसंद नहीं आने पर आप पॉलिसी को रद्द कर सकें। हालांकि यह तभी हो सकता है जब आपने कोई क्लेम ना किया हो और निश्चित दिनों के भीतर पॉलिसी रद्द की हो।

ज़रूरी बात 

ध्यान रखें कि आप स्वास्थ्य बीमा पालिसी में हॉस्पिटल कैश राइडर जोड़ सकते हैं या उसे अलग से भी ले सकते हैं। यह स्वास्थ्य बीमा की जगह नहीं लेता बल्कि आपको अतिरिक्त फायदा देता है। 

संवादपत्र

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