- Date : 16/05/2020
- Read: 5 mins
यहां कोई सही या गलत उत्तर नहीं है। यह आपका व्यक्तिगत निर्णय है। लेकिन आपको खुद से कुछ सवाल पूछने के बाद यह निर्णय लेना चाहिए।

बच्चा होना आपके जीवन को बदल देने वाला अनुभव होता है। इस समय आपको अपनी प्राथमिकताओं की फिर से समीक्षा करनी होती है। क्या आपको नौकरी जारी रखनी चाहिए या बच्चे की देखभाल के लिए नौकरी छोड़ देनी चाहिए? यह एक ऐसी दुविधा है जिसका सामना बहुत सी नई मांओं को करना पड़ता है और इस मामले में किसी निर्णय पर पहुंचना आसान नहीं है।
आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखना होगा। क्या आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं? क्या नौकरी छोड़ने से आपके कैरियर पर असर पड़ेगा? क्या आपका स्वास्थ्य ऐसा करने की इजाज़त देता है? अगर आपने वेतन के साथ मातृत्व अवकाश लिया है तो आपके संस्थान के प्रति आपकी नैतिक ज़िम्मेदारी और नैतिकता का भी ध्यान रखना होगा।
भारत में काम करने वाली आबादी के लिंग अनुपात में भारी असंतुलन है। इसके पीछे लड़कियों को पढ़ाई के कम अवसर मिलना और रूढ़िवादी सोच जैसे कई कारण हैं। इसके साथ ही बहुत सी महिलाएं शादी या बच्चा होने के बाद अपनी नौकरी छोड़ देती हैं या उन पर ऐसा करने का दबाव डाला जाता है। यह संख्या इतनी ज़्यादा है कि एचआर में काम करने वाले लोगों को मातृत्व अवकाश के बाद महिलाओं को नौकरी में बनाए रखने का ख़ास प्रशिक्षण दिया जाता है।
2016 के विश्व बैंक के अध्ययन के मुताबिक भारत में काम करने वालों के बीच लिंग अनुपात में 53 फीसदी का अंतर है। नेशनल सेंपल सर्वे आर्गेनाईजेशन और सेन्सस डाटा के साथ मिलकर किए गए विश्व बैंक के अध्ययन से पता चला है कि काम करने वाली आबादी में महिलाओं का प्रतिशत वर्ष 1993-94 में 42% था जो वर्ष 2011-12 में गिरकर 32% पर आ गया।
आपको मां बनने के बाद नौकरी छोड़नी चाहिए या नहीं इसका कोई एक सही या गलत उत्तर नहीं हो सकता। इसका निर्णय आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करता है और हर महिला की अलग परिस्थिति हो सकती है। अगर आप भी यह निर्णय लेना चाहती हैं तो नीचे बताई बातों पर ध्यान देने से आपको मदद मिल सकती है।
आपका और बच्चे का स्वास्थ्य:सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि क्या आपका स्वास्थ्य आपको फिर से काम करने की इजाज़त देता है और क्या आपका बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से कुछ घंटे आपके बिना बिताने के लिए तैयार है। अगर इनमें से कोई कारण नहीं है तो आप काम पर वापस जाने का निर्णय ले सकती हैं।
आर्थिक स्थिति:मध्यमवर्गीय महिलाओं के लिए यह एक अहम कारण है। क्या आप आर्थिक रूप से इतनी सक्षम हैं कि कुछ वर्ष बिना नौकरी के रह सकें? आपको अपने जीवनसाथी के साथ अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बात करनी चाहिए। इस बात पर भी ध्यान दें कि क्या आप दोनों आपस में मिलजुल कर और दूसरे परिवार वालों के सहयोग से बच्चे को पाल सकते हैं। इससे आपको अगला कदम उठाने में सहायता मिलेगी।
कैरियर की योजना: क्या कैरियर को लेकर आपकी महत्वकांक्षी योजना है या मां बनना आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है? अगर आप कॉर्पोरेट दुनिया में आगे जाना चाहती हैं तो कुछ वर्षों के लिए अवकाश लेना अच्छा नहीं है। लेकिन अगर आप अपने बच्चे पर पूरा ध्यान देना चाहती हैं तो नौकरी छोड़ना बेहतर रहेगा। आप जो चाहें निर्णय लें लेकिन निर्णय लेने के बाद पछताएं नहीं। जैसा कि ऊपर भी बताया गया है कि यहां सही या गलत निर्णय जैसा कुछ नहीं है। वही करें जो आपका दिल कहता है।
कार्यस्थल पर आपके अधिकार: अपने अधिकारों के बारे में जानकारी लें। मातृत्व अवकाश और उसके बाद के विकल्पों से जुड़े अपने संस्थान के नियमों को ध्यान से पढ़ें।उदाहरण के लिए, क्या आप काननू और अनुबंध के हिसाब से काम करने के लिए बाध्य हैं? अपने एचआर मैनेजर से बात करें कि आपके लिए क्या बेहतर है।भारतीय मातृत्व अधिनियम में हाल में किए बदलावों के हिसाब से भारतीय महिलाओं को पहले दो बच्चों तक 26 हफ्ते का सवैतनिक अवकाश मिलना चाहिए। अगर वे तीन महीने से छोटा बच्चा गोद लेती हैं तो उन्हें 12 हफ्ते का सवेतन अवकाश मिलना चाहिए। अगर आपको लगता है कि बच्चे के साथ एक रिश्ता बनाने के लिए इतना समय पर्याप्त है तो नौकरी जारी रखना सही रहेगा।
वैकल्पिक उपाय:भारतीय मातृत्व अधिनियम के अनुसार छुट्टी पूरी होने के बाद माताओं को काम करने के लचीले घंटे और घर से काम करने जैसे दूसरे विकल्प भी दिए जाने चाहिए। इसमें यह भी प्रावधान है कि 50 से ज़्यादा कर्मचारियों वाले संस्थानों में क्रेश की सुविधा होनी चाहिए। आपको कौनसे फायदे मिल सकते हैं इस बारे में अपने लाइन मैनेजर से बात करके जानकारी लेनी चाहिए। नौकरी पर वापस आने का निर्णय करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
स्वास्थ्य बीमा:क्या आपकी कंपनी ने प्रसव के समय अस्पताल में भर्ती होने का खर्च चुकाया है? क्या नौकरी छोड़ने पर आपको पैसा वापस चुकाना होगा? अगर आप अपनी नौकरी छोड़ देती हैं तो क्या आप अपना और बच्चे के स्वास्थ्य बीमा का खर्च उठा पाएंगीं? इन कुछ प्रश्नों के जवाब भी आपको तलाशने होंगे।
नैतिक ज़िम्मेदारी:यह सबसे महत्वपूर्ण (और मुश्किल) कारण है। एक विचार कहता है कि अगर आपको पता है कि मां बनने के बाद आप नौकरी छोड़ देंगी तो नैतिक रूप से मातृत्व अवकाश लेने से पहले ही अपनी कंपनी को इस बारे में बता देना चाहिए।
दूसरा विचार कहता है कि मातृत्व अवकाश पूरा होने के बाद नौकरी छोड़ देना बिल्कुल सही है, क्योंकि कंपनियां भी नौकरी से निकालने से पहले साफ तौर से कुछ नहीं बताती हैं। इसे करने का सही तरीका यही है कि अपना मातृत्व अवकाश पूरा करें और उसके बाद निर्णय लें कि आपको क्या करना है। हो सकता है कि छुट्टी के छ: महीने पूरा होने के बाद आपको लगे कि आप घर पर नहीं बैठना चाहती।
अगर आप नौकरी छोड़ने का निर्णय लेती हैं तो भी अपनी कंपनी और मैनेजर के हितों का ख्याल ज़रूर रखें।उनको समय से नोटिस दें, उनकी मदद करें और अच्छे संबंधों के साथ अलग हों।