Risk of having diabetes heres what your health plan needs to cover

आपको किसी भी उम्र में मधुमेह हो सकता है। ये बीमारी होने से पहले और बाद में आप कैसा रवैया अपनाते हैं, इसका काफी असर पड़ता है।

क्या आपको मधुमेह होने की संभावना है? आपके स्वास्थ्य बीमा में ये सब कवर होना चाहिए

भारत में मधुमेह से पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। माना जाता है कि भारत में सबसे ज्यादा मधुमेह रोगी हैं, करीब 7 लाख भारतीयों को मधुमेह की बीमारी है। अगर शुरुआती दौर में मधुमेह का पता लगता है, तो इस बीमारी को नियंत्रण में रखा जा सकता है। दुर्भाग्यवश ज्यादातर लोग, खासतौर पर महिलाओं, को पता ही होता कि उन्हें मधुमेह की बीमारी है।

क्या आपको मधुमेह है?

युवा या बुजुर्ग, मधुमेह की बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। लेकिन, महिलाओं में जिस तरह हार्मोन की प्रतिक्रिया होती है, लंबे वक्त तक मधुमेह पकड़ में नहीं आता है। डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक शोध के मुताबिक शहरी इलाकों में रहने वाली मध्यम वर्ग की 17.7 फीसदी महिलाओं को मधुमेह की बीमारी होती है, वहीं ग्रामीण इलाकों में ये आंकड़ा 10 फीसदी है। महिलाओं का शरीर पुरुषों के मुकाबले अलग तरह से काम करता है। इसलिए ये काफी अहम है कि आप अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान दें।

 

हालांकि, स्वास्थ्य बीमा मधुमेह का इलाज नहीं है, लेकिन ये आपको काफी मदद कर सकता है। कई बीमा कंपनियां खासतौर मधुमेह के लिए विशिष्ट स्वास्थ्य बीमा प्लान मुहैया कराती हैं, जो आपकी परेशानी को कम करता है। चाहे आपको मधुमेह न हो, लेकिन आपके परिवार के कई सदस्यों को ये बीमारी रही हो, तो आपके लिए स्वास्थ्य बीमा लेना फायदेमंद रह सकता है। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेते वक्त आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के वेटिंग पीरियड को देखें, अगर है तो। ज्यादातर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी जो मधुमेह को कवर करती हैं उनमें 2-3 साल का वेटिंग पीरियड होता है। इसलिए, अगर मुमकिन हो तो पॉलिसी खरीदते वक्त कम से कम वेटिंग पीरियड वाले प्लान का चुनाव करें।
  • मधुमेह आपके शरीर के दूसरे अंगों हानि पहुंचा सकता है, जैसे गुर्दे। आप पता करें कि क्या आपकी पॉलिसी मधुमेह के दुष्प्रभाव को कवर करती है या नहीं। याद रखें कि अतिरिक्त सुरक्षा हमेशा ही काम आती है।
  • कवर की रकम तय करते हुए अपनी सेहत का अंदाजा लें। क्या आपको मधुमेह है? अगर हां, तो बीमारी कितनी गंभीर है? चाहे आपको मधुमेह नहीं है, तो क्या आपको आनुवांशिक रूप से ये बीमारी होने की संभावना है? अगर हां, तो कवर की रकम तय करते वक्त इस बात का ख्याल रखना अहम है।
  • मधुमेह के रोगियों के लिए नियमित जांच आवश्यक है और इसका मतलब है कि आपको चिकित्सीय परिक्षणों पर काफी पैसा खर्च करना पड़ेगा। स्वास्थ्य बीमा लेते वक्त इस बात को भी ध्यान में रखें। आमतौर पर ऊंची ब्लड शुगर की वजह से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर जानने के लिए जरूरी खून और बाकी जांच का खर्च बीमा कंपनियां देती हैं।
  • मधुमेह होने के बाद दवाएं रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन जाती हैं। अगर जांच में आपको ये बीमारी होने का पता चलता है, तो आपको नियमित तौर पर गोलियां या इंसलिन लेनी होंगी। इसमें काफी पैसा खर्च हो सकता है। तो स्वास्थ्य बीमा लेते वक्त देखें कि क्या पॉलिसी में दवाओं का खर्च कवर होता है या नहीं।
  • प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर मधुमेह की वजह से सेहत बिगड़ने से अस्पताल में भरती होने का खर्च भी आपके स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में कवर होना चाहिए। एक बार मधुमेह हो जाता है उसके बाद कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई लोग तो इस बीमारी से लड़ने की हिम्मत जुटाने के लिए थेरपी की मदद भी लेते हैं। अच्छी बात ये है कि कुछ बीमा कंपनियां इस थेरपी का खर्च भी देती हैं।

ये सावधानियां बरतें

अगर परिवार में मधुमेह की बीमारी है तो अपनी जांच नियमित तौर पर कराएं। जितनी जल्दी मधुमेह का पता चलता है, उतनी ही जल्दी आप इसका इलाज कर सकती हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकती हैं। इसके अलावा इस बीमारी की जल्द जांच होने से आपको बेहतर बीमा कवर मिल सकता है।

रोजमर्रा की आदतों को बदलने से मधुमेह होने का जोखिम कम होता है। छोटे-छोटे बदलाव जैसे वक्त पर पौष्टिक आहार लेना, वजन पर नियंत्रण रखना, योग्य व्यायाम करना और पूरी नींद लेने से आप स्वस्थ जीवनशैली पा सकती हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा लेना भी अहम है, जिसका अप्रत्याशित परिस्थितियों में आपको फायदा मिल सकता है। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने से शर्तों और नियमों को ध्यान से पढ़े, पॉलिसी में कौन सी बीमारियां का कवर है जानें और एड-ऑन के बारे में जानकारी हासिल करें।

डिस्क्लेमरयह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी उद्देश्य के लिए है और इसे निवेशबीमाकर या कानूनी सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। इन क्षेत्रों से संबंधित निर्णय लेने के पहले विशेषज्ञों से स्वतंत्र सलाह प्राप्त करें।

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