यहां बताया गया है कि स्कूलों के दोबारा खुलने पर आप अपने बच्चों को कोविड-19 से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं

कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के हटने के बाद,स्कूलों के दोबारा खुलने से माता-पिता अब नयी चुनौती का सामना कर रहे हैं : क्या बच्चों को वापस स्कूल भेजना सुरक्षित है ?

यहां बताया गया है कि स्कूलों के दोबारा खुलने पर आप अपने बच्चों को कोविड-19 से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं

बच्चों, अपने स्कूल बैग्स को किताबें,कलम और हैंड सैनिटाइज़र के साथ पैक करके तैयार हो जाइये ! हफ़्तों तक वर्चुअल क्लास चलाने के बाद, स्वास्थ विभाग द्वारा शैक्षणिक संस्थानों को कक्षा 9वी से 12वी तक के विद्यार्थियों के लिए स्वैच्छिक आधार पर स्कूलों को आंशिक रूप से खोलने के लिए हरी झंडी दी गई है |

एक पालक के रूप में , बच्चों की सेहत और सुरक्षा की चिंता करना स्वाभाविक है | यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षित रहे:

1. उनके घर से निकलने से पहले उनका तापमान मापें

स्कूलों में हर विद्यार्थी का तापमान मापना संभव नहीं है | इसीलिए यही बेहतर होगा कि आप घर पर ही बच्चों का तापमान मापें जिससे कि आपको यकीन हो जाये कि परिसर में घुसने से पहले आपके बच्चे को बुखार नहीं था | यदि आप और भी आश्वस्त होना चाहते हैं तो एक ऑक्सीजन सैचुरेशन मॉनिटर में खर्च करें जिससे कि रक्त में ऑक्सीजन का स्तर मापा जा सके- एक बूँद भी संक्रमण की निशानी हो सकती है ,बाकि अन्य स्पष्ट लक्षण दिखने के भी पहले | यदि आपके बच्चे में बीमारी या बुखार के या कोई अन्य लक्षण दिखाई दे, तो उन्हें स्कूल से दूर रखें और एक डॉक्टर से परामर्श लें |

2. उनको घर से पैक किया गया खाना ही दें

हालांकि स्कूल कैफ़े में सभी सुरक्षा नियमों का पालन हो रहा होगा और वे संपर्क-रहित खाना परोस रहे होंगे,पर फिर भी बच्चों के लिए अपने घर से खाना लाना बेहतर होगा | डिस्पोजेबल टिफ़िन का उपयोग करते हुए बार-बार उपयोग किये जाने वाले टिफ़िनों को हटाएं | सुनिश्चित करें कि आप पोषक,घर का पका हुआ खाना ही डालें और जंक या कच्चे भोजन से जितना हो सके, परहेज करें | साथ ही, अपने बच्चो को उनके टिफ़िन बॉक्स, पानी (या इस तरह की कोई भी चीज़) अपने दोस्तों के साथ बांटने से मना करें क्यूंकि यह कीटाणुओं के फैलने का सबसे तेज़ तरीका है |

3. उन्हें नियमित हाथ धोने का अभ्यास सीखाएं

अपने बच्चे के लिए बार-बार हाथ धोने और अच्छी स्वस्थ आदतों की सहज दिनचर्या बनाएं | घर में उनके साथ अभ्यास करें और उन्हें समझाएं कि साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोना क्यों ज़रूरी है | यह आसान लग सकता है, यह ज़रूरी आदतें उनमे डालें जब वे घर से निकालें, स्कूल पहुंचें ,खाने से पहले या मास्क छूने के बाद | चूँकि हर बार कुछ छूने से पहले हाथ धोना संभव नहीं है ,इसलिए एक हैंड सैनिटाइज़र सुविधाजनक होगा | एक अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र रखना न भूलें | आप उनके बैकपैक में एक छोटा सा बोतल दे सकते हैं जो आसानी से उनके हाथ आ सके|

4. उन्हें स्कूल बस लेने से रोकें

जितना संभव हो सके, स्कूल बस या किसी भी सार्वजिक परिवहन माध्यम से दुरी बनाएं और अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने या लेने के लिए व्यक्तिगत गाडी का उपयोग करें |वे लोग जो स्कूल या कॉलेज के पास रहते हैं, उनके लिए आवागमन के लिए पैदल चलना एक अच्छा विकल्प है | अपने आस-पड़ोस के बच्चों के साथ कार पूलिंग करना भी स्कूल जाने का एक आसान तरीका है ,पर सुनिश्चित करें कि ज्यादा बड़ा समूह न हो और सामजिक दुरी का पालन किया जाये|

5. सुनिश्चित करें कि वे मास्क पहनें

एक मास्क पहनना सबसे असरदार निवारक उपाय है,ख़ासतौर पर तब जब सामजिक दुरी का पालन करना मुश्किल हो | इसलिए इसे स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए प्राथमिकता में रखें | अपने बच्चे के लिए कई कपड़ों के मास्क सुलभ रखें | उसे अपने नाक और मुँह को ढककर अच्छी तरह से पहनना सिखाएं और उन्हें याद दिलाएं कि जब भी वे मास्क छुए तो अपने हाथ धोएं | उन्हें दिनभर के लिए एक साफ़-सुथरा मास्क और एक अतिरिक्त मास्क दें और साथ ही एक साफ़,सील करने लायक बैग दें ताकि वे भोजन करते वक़्त जब भी उसे उतारें, तो उस बैग मे संभालकर रखें | उनके मास्क में सास-साफ़ नाम लिखें ताकि वे किसी और के मास्क से बदल न जाएं |

6. घर आने के बाद उन्हें शॉवर लेने के लिए प्रेरित करें

अपने बच्चे को स्कूल से आते ही नहाकर नए कपड़े पहनने के लिए प्रेरित करें | इसे एक आदत बनाएं | किशोरों और बच्चों में,आमतौर पर, कम लक्षण देखने को मिलते हैं ,परन्तु संभावना है कि वे अनजाने में वायरस को अपने साथ घर ले आएं |इससे आप और घर के अन्य सदस्य खतरे में आ सकते हैं|

7. आश्वस्त करते हुए बातचीत करें

महामारी के दौरान आपके बच्चों में स्कूल जाने से सम्बंधित किसी भी चिंता के बारे में बात करें | कमज़ोर होना कठिन है, इसलिए यदि वो इस बातचीत की पहल नहीं करते हैं तो आपको करना चाहिए| आपके बच्चे हर दिन मास्क को पहनने या अपने दोस्तों से न मिल पाने के बारे में चिंतित होंगे ,इसलिए उन्हें आश्वस्त करते हुए उनके भावनाओं का सामना करने में उनकी मदद करें | हर दिन सावधानियों को सुदृढ़ करना और उन्हें सामजिक और शारीरिक दुरी का महत्त्व सीखाना है, साथ ही इस मुश्किल वक़्त में दूसरों के साथ दयालु और सहानुभूति पूर्ण होना भी सीखाना है | यदि आप के बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है तो आपको स्कूल जाने से पहले अपने पारिवारिक डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है और यदि स्कूल से अनुमति मिलें तो ऑनलाइन क्लासेज जारी रखनी चाहिए |

कोविड-19 के दौरान स्कूल वापस जाना कुछ समय तक सामान्य नहीं लग सकता है | परन्तु इन चीज़ों का ध्यान रखकर आप आश्वस्त रह सकते हैं कि आपका बच्चा स्कूल में बहुत सुरक्षित हो| 

बच्चों, अपने स्कूल बैग्स को किताबें,कलम और हैंड सैनिटाइज़र के साथ पैक करके तैयार हो जाइये ! हफ़्तों तक वर्चुअल क्लास चलाने के बाद, स्वास्थ विभाग द्वारा शैक्षणिक संस्थानों को कक्षा 9वी से 12वी तक के विद्यार्थियों के लिए स्वैच्छिक आधार पर स्कूलों को आंशिक रूप से खोलने के लिए हरी झंडी दी गई है |

एक पालक के रूप में , बच्चों की सेहत और सुरक्षा की चिंता करना स्वाभाविक है | यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षित रहे:

1. उनके घर से निकलने से पहले उनका तापमान मापें

स्कूलों में हर विद्यार्थी का तापमान मापना संभव नहीं है | इसीलिए यही बेहतर होगा कि आप घर पर ही बच्चों का तापमान मापें जिससे कि आपको यकीन हो जाये कि परिसर में घुसने से पहले आपके बच्चे को बुखार नहीं था | यदि आप और भी आश्वस्त होना चाहते हैं तो एक ऑक्सीजन सैचुरेशन मॉनिटर में खर्च करें जिससे कि रक्त में ऑक्सीजन का स्तर मापा जा सके- एक बूँद भी संक्रमण की निशानी हो सकती है ,बाकि अन्य स्पष्ट लक्षण दिखने के भी पहले | यदि आपके बच्चे में बीमारी या बुखार के या कोई अन्य लक्षण दिखाई दे, तो उन्हें स्कूल से दूर रखें और एक डॉक्टर से परामर्श लें |

2. उनको घर से पैक किया गया खाना ही दें

हालांकि स्कूल कैफ़े में सभी सुरक्षा नियमों का पालन हो रहा होगा और वे संपर्क-रहित खाना परोस रहे होंगे,पर फिर भी बच्चों के लिए अपने घर से खाना लाना बेहतर होगा | डिस्पोजेबल टिफ़िन का उपयोग करते हुए बार-बार उपयोग किये जाने वाले टिफ़िनों को हटाएं | सुनिश्चित करें कि आप पोषक,घर का पका हुआ खाना ही डालें और जंक या कच्चे भोजन से जितना हो सके, परहेज करें | साथ ही, अपने बच्चो को उनके टिफ़िन बॉक्स, पानी (या इस तरह की कोई भी चीज़) अपने दोस्तों के साथ बांटने से मना करें क्यूंकि यह कीटाणुओं के फैलने का सबसे तेज़ तरीका है |

3. उन्हें नियमित हाथ धोने का अभ्यास सीखाएं

अपने बच्चे के लिए बार-बार हाथ धोने और अच्छी स्वस्थ आदतों की सहज दिनचर्या बनाएं | घर में उनके साथ अभ्यास करें और उन्हें समझाएं कि साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोना क्यों ज़रूरी है | यह आसान लग सकता है, यह ज़रूरी आदतें उनमे डालें जब वे घर से निकालें, स्कूल पहुंचें ,खाने से पहले या मास्क छूने के बाद | चूँकि हर बार कुछ छूने से पहले हाथ धोना संभव नहीं है ,इसलिए एक हैंड सैनिटाइज़र सुविधाजनक होगा | एक अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र रखना न भूलें | आप उनके बैकपैक में एक छोटा सा बोतल दे सकते हैं जो आसानी से उनके हाथ आ सके|

4. उन्हें स्कूल बस लेने से रोकें

जितना संभव हो सके, स्कूल बस या किसी भी सार्वजिक परिवहन माध्यम से दुरी बनाएं और अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने या लेने के लिए व्यक्तिगत गाडी का उपयोग करें |वे लोग जो स्कूल या कॉलेज के पास रहते हैं, उनके लिए आवागमन के लिए पैदल चलना एक अच्छा विकल्प है | अपने आस-पड़ोस के बच्चों के साथ कार पूलिंग करना भी स्कूल जाने का एक आसान तरीका है ,पर सुनिश्चित करें कि ज्यादा बड़ा समूह न हो और सामजिक दुरी का पालन किया जाये|

5. सुनिश्चित करें कि वे मास्क पहनें

एक मास्क पहनना सबसे असरदार निवारक उपाय है,ख़ासतौर पर तब जब सामजिक दुरी का पालन करना मुश्किल हो | इसलिए इसे स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए प्राथमिकता में रखें | अपने बच्चे के लिए कई कपड़ों के मास्क सुलभ रखें | उसे अपने नाक और मुँह को ढककर अच्छी तरह से पहनना सिखाएं और उन्हें याद दिलाएं कि जब भी वे मास्क छुए तो अपने हाथ धोएं | उन्हें दिनभर के लिए एक साफ़-सुथरा मास्क और एक अतिरिक्त मास्क दें और साथ ही एक साफ़,सील करने लायक बैग दें ताकि वे भोजन करते वक़्त जब भी उसे उतारें, तो उस बैग मे संभालकर रखें | उनके मास्क में सास-साफ़ नाम लिखें ताकि वे किसी और के मास्क से बदल न जाएं |

6. घर आने के बाद उन्हें शॉवर लेने के लिए प्रेरित करें

अपने बच्चे को स्कूल से आते ही नहाकर नए कपड़े पहनने के लिए प्रेरित करें | इसे एक आदत बनाएं | किशोरों और बच्चों में,आमतौर पर, कम लक्षण देखने को मिलते हैं ,परन्तु संभावना है कि वे अनजाने में वायरस को अपने साथ घर ले आएं |इससे आप और घर के अन्य सदस्य खतरे में आ सकते हैं|

7. आश्वस्त करते हुए बातचीत करें

महामारी के दौरान आपके बच्चों में स्कूल जाने से सम्बंधित किसी भी चिंता के बारे में बात करें | कमज़ोर होना कठिन है, इसलिए यदि वो इस बातचीत की पहल नहीं करते हैं तो आपको करना चाहिए| आपके बच्चे हर दिन मास्क को पहनने या अपने दोस्तों से न मिल पाने के बारे में चिंतित होंगे ,इसलिए उन्हें आश्वस्त करते हुए उनके भावनाओं का सामना करने में उनकी मदद करें | हर दिन सावधानियों को सुदृढ़ करना और उन्हें सामजिक और शारीरिक दुरी का महत्त्व सीखाना है, साथ ही इस मुश्किल वक़्त में दूसरों के साथ दयालु और सहानुभूति पूर्ण होना भी सीखाना है | यदि आप के बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है तो आपको स्कूल जाने से पहले अपने पारिवारिक डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है और यदि स्कूल से अनुमति मिलें तो ऑनलाइन क्लासेज जारी रखनी चाहिए |

कोविड-19 के दौरान स्कूल वापस जाना कुछ समय तक सामान्य नहीं लग सकता है | परन्तु इन चीज़ों का ध्यान रखकर आप आश्वस्त रह सकते हैं कि आपका बच्चा स्कूल में बहुत सुरक्षित हो| 

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