- Date : 18/05/2020
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लगभग सभी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में कुछ विशेषताएं होती हैं लेकिन उन्हें लेने से पहले जांच पड़ताल ज़रूर करें!

रिसर्च और परामर्श से जुड़ी कंपनी फिनटेलेक्ट ने मनीकंट्रोल के साथ अपनी एक रिपोर्ट साझा की है जिसमे कहा गया है कि वर्ष 2021-22 तक भारत का स्वास्थ्य बीमा का बाज़ार 30% बढ़कर 21,904 करोड़ रूपये पर पहुंच जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य बीमा देने वाली कंपनियों को इस मांग का फायदा उठाने के लिए तैयार रहना होगा।
भारत में 50 से ज़्यादा बीमा कंपनियां हैं। इसमें से 29 कंपनियां गैर-जीवन बीमा क्षेत्र में हैं और इन 29 में से चार कंपनियां सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़ी हैं और ख़ास तौर से स्वास्थ्य, दुर्घटना, निजी, और ट्रैवल बीमा के क्षेत्र में काम करती हैं।
तो ये विशेष बीमा कंपनियां कौनसी हैं- स्टार हेल्थ एंड अलाइड, अपोलो म्यूनिख, मैक्स बूपा, रेलिगेयर और सिग्ना टीटीके। ये कंपनियां मांग को ध्यान में रखकर बाज़ार की प्रतिस्पर्धा में आगे रहने की कोशिश कर रही हैं। हर कंपनी अपनी बीमा पॉलिसी में ग्राहक के लिए कुछ खास पेश कर रही है। आइए इनके बारे में जानते हैं:
1. अपोलो म्यूनिख
अपोलो एक ‘हेल्थ एंड वेलनेस पोर्टल’ की सुविधा देता है जिसके ज़रिए बीमित व्यक्ति अपनी शारीरिक स्थिति जैसे बीएमएस की जांच कर सकता है, स्वास्थ्य सलाहकारों से बात कर सकता है और अपनी जीवनशैली से जुड़ी आदतों को सुधार सकता है और दुनिया में कहीं भी बैठकर किसी भी समय अपनी रिपोर्ट देख सकता है।
इसके साथ ही बिना क्लेम के दो, तीन और चार वर्ष पूरा होने पर सम इन्शुर्ड का 1% पैसा मुफ्त स्वास्थ्य जांच के लिए दिया जाता है। अगर बीमित व्यक्ति या उसके परिवार का कोई सदस्य किसी नई बिमारी का शिकार होता है या पॉलिसी अवधि के दौरान बीमा की पूरी राशि का इस्तेमाल कर लेता है तो अपोलो सम इन्शुर्ड की पूरी राशि को फिर से रिस्टोर कर देगा।
हालांकि अलग-अलग बीमा योजनाओं की विशेषताएं अलग-अलग हो सकती है और ये नियम और शर्तों के साथ लागू होंगी।
2. स्टार हेल्थ
यह कंपनी टाइप 1 और टाइप 2 दोनों तरह की डायबिटीज के लिए बीमा देती है, यह पॉलिसी व्यक्तिगत और फैमिली फ्लोटर दोनों ही तरह से उपलब्ध है। इसे डायबिटीज सेफ इंश्योरेंस पॉलिसी कहा जाता है। इस पॉलिसी में किडनी ट्रांसप्लांट होने पर किडनी दान देने वाले व्यक्ति पर होने वाला चिकित्सा खर्च भी शामिल है और इसके साथ ही दो वर्ष तक हर डायलिसिस के लिए 1000 रूपये दिए जाते हैं। पॉलिसी के तहत दुर्घटना मृत्यु होने पर मुआवजा भी दिया जाता है।
पॉलिसी में 400 डे-केयर इलाज शामिल हैं और इसके साथ ही ओपीडी का खर्च जैसे मेडिकल कंसल्टेशन, दवाईयां और बीमारी की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट का खर्च भी इसमें शामिल हैं। इसमें दो प्लान हैं A और B; पहले वाले प्लान में मेडिकल जांच ज़रूरी नहीं है हालांकि दूसरे वाले के लिए यह करना पड़ता है।
स्टार हेल्थ में कॉलेज या स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए भी पॉलिसी है जिसे स्टूडेंट केयर प्लान कहा जाता है। इसमें दुर्घटना मुत्यु एंव दुर्घटना के कारण हुई स्थाई विकलांगता और इसमें होने वाला चिकित्सा खर्च शामिल है। स्कूली बच्चों के लिए सम इन्शुर्ड 50000 रूपये है जिसका न्यूनतम प्रीमियम 70 रूपये है और कॉलेज जाने वाले छात्रों के लिए 1 लाख का सम इन्शुर्ड और न्यूनतम प्रीमियम 120 रूपये है।
3. मैक्स बूपा
द हार्टबीट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान मैक्स बूपा के तीन हेल्थ प्लान में से एक है। इस बीमा को पारंपरिक भारतीय संयुक्त परिवार के लिए भी लिया जा सकता है, इसमें पॉलिसी लेने वाले के अधिकतम 14 रिश्तेदारों को बीमा कवर मिल सकता है। इसका सम इन्शुर्ड 2 लाख रूपये से लेकर 2 करोड़ रूपये तक है।
इस पॉलिसी में हर सदस्य को एक व्यक्तिगत सम इन्शुर्ड भी दिया जाता है जबकि फ्लोटर सम अश्युर्ड समुह के किसी भी सदस्य के लिए उपलब्ध है।
4. सिग्ना टीटीके
यह कंपनी भारत के टीटीके ग्रुप और अमेरिका के सिग्ना कार्पोरेशन( फार्चून 500 कंपनी) के बीच साझेदारी से बनी है। यह कंपनी कुल सात प्लान देती है। तीन प्लान- प्रो हेल्थ प्रोटेक्ट, प्रो हेल्थ प्लस, और प्रो हेल्थ प्रेफर्ड- दुनिया भर में कवरेज देते हैं , जिसमें विदेश में किसी आपातकालीन स्थिति में हुआ स्वास्थ्य खर्च भी शामिल है। सम इन्शुर्ड प्लान पर निर्भर करता है और शुरूआत 10 लाख से होती है।
दुनियाभर में लागू आपातकालीन कवर तब काम आता है जब आपात स्थिति में तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है और तुरंत इलाज के साथ अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत पड़ती है। पुनर्भुगतान भारतीय रूपयों में किया जाता है और क्लेम का निपटान मरीज के अस्पताल के बिलों के भुगतान के दिन रिजर्व बैंक की जारी विनिमय दर के हिसाब के किया जाता है।
5. रेलीगेयर
इसे दवाईयों के अग्रणी खुदरा विक्रेता एसएलआर डायग्नोस्टिक, रेलीगेयर वेलनेस और फोर्टिस अस्पताल के द्वारा लाया गया है। इसमें स्वास्थ्य की देखभाल से जुडे इलाज जैसे वार्षिक स्वास्थ्य जांच और डायग्नोस्टिक टेस्ट का कवर दिया जाता है और इस कवर पर पॉलिसी लेने वाले की क्लेम हिस्ट्री से कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर सम इन्शुर्ड 25 लाख से कम है और पॉलिसी लेने वाले की उम्र 50 वर्ष से ज़्यादा नहीं है तो पॉलिसी लेने से पहले किसी तरह के मेडिकल टेस्ट की भी ज़रूरत नहीं है।
कंपनी ग्लोबल हेल्थ केयर भी देती है जिसमें पॉलिसी लेने वाले को दुनिया भर के किसी भी नेटवर्क अस्पताल में इलाज करवाने की सुविधा मिलती है।
आखिरी बात
भारत में करीब 25 कंपनियां स्वास्थ्य बीमा बेचती हैं और कहना मुश्किल है कि किसी व्यक्ति के लिए कौनसी कंपनी सही है। बेहतर यही है कि अपनी जीवनशैली और स्थितियों को देखते हुए उसके मुताबिक बीमा लिया जाए। इसके लिए पॉलिसी लेने से पहले थोड़ी जांच-पड़ताल ज़रूर करें।
स्वास्थ्य बीमा देने वाली कंपनी के पास अस्पतालों का एक नेटवर्क होना चाहिए जिसमें पूरे देश में फैले निजी और सार्वजनिक अस्पताल शामिल होने चाहिए। अगर दूसरी सभी चीज़े एक जैसी हैं तो उस पॉलिसी को लें जिसमें आपको नजदीक में इलाज करवाने की सुविधा मिलती हो।
रिसर्च और परामर्श से जुड़ी कंपनी फिनटेलेक्ट ने मनीकंट्रोल के साथ अपनी एक रिपोर्ट साझा की है जिसमे कहा गया है कि वर्ष 2021-22 तक भारत का स्वास्थ्य बीमा का बाज़ार 30% बढ़कर 21,904 करोड़ रूपये पर पहुंच जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य बीमा देने वाली कंपनियों को इस मांग का फायदा उठाने के लिए तैयार रहना होगा।
भारत में 50 से ज़्यादा बीमा कंपनियां हैं। इसमें से 29 कंपनियां गैर-जीवन बीमा क्षेत्र में हैं और इन 29 में से चार कंपनियां सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़ी हैं और ख़ास तौर से स्वास्थ्य, दुर्घटना, निजी, और ट्रैवल बीमा के क्षेत्र में काम करती हैं।
तो ये विशेष बीमा कंपनियां कौनसी हैं- स्टार हेल्थ एंड अलाइड, अपोलो म्यूनिख, मैक्स बूपा, रेलिगेयर और सिग्ना टीटीके। ये कंपनियां मांग को ध्यान में रखकर बाज़ार की प्रतिस्पर्धा में आगे रहने की कोशिश कर रही हैं। हर कंपनी अपनी बीमा पॉलिसी में ग्राहक के लिए कुछ खास पेश कर रही है। आइए इनके बारे में जानते हैं:
1. अपोलो म्यूनिख
अपोलो एक ‘हेल्थ एंड वेलनेस पोर्टल’ की सुविधा देता है जिसके ज़रिए बीमित व्यक्ति अपनी शारीरिक स्थिति जैसे बीएमएस की जांच कर सकता है, स्वास्थ्य सलाहकारों से बात कर सकता है और अपनी जीवनशैली से जुड़ी आदतों को सुधार सकता है और दुनिया में कहीं भी बैठकर किसी भी समय अपनी रिपोर्ट देख सकता है।
इसके साथ ही बिना क्लेम के दो, तीन और चार वर्ष पूरा होने पर सम इन्शुर्ड का 1% पैसा मुफ्त स्वास्थ्य जांच के लिए दिया जाता है। अगर बीमित व्यक्ति या उसके परिवार का कोई सदस्य किसी नई बिमारी का शिकार होता है या पॉलिसी अवधि के दौरान बीमा की पूरी राशि का इस्तेमाल कर लेता है तो अपोलो सम इन्शुर्ड की पूरी राशि को फिर से रिस्टोर कर देगा।
हालांकि अलग-अलग बीमा योजनाओं की विशेषताएं अलग-अलग हो सकती है और ये नियम और शर्तों के साथ लागू होंगी।
2. स्टार हेल्थ
यह कंपनी टाइप 1 और टाइप 2 दोनों तरह की डायबिटीज के लिए बीमा देती है, यह पॉलिसी व्यक्तिगत और फैमिली फ्लोटर दोनों ही तरह से उपलब्ध है। इसे डायबिटीज सेफ इंश्योरेंस पॉलिसी कहा जाता है। इस पॉलिसी में किडनी ट्रांसप्लांट होने पर किडनी दान देने वाले व्यक्ति पर होने वाला चिकित्सा खर्च भी शामिल है और इसके साथ ही दो वर्ष तक हर डायलिसिस के लिए 1000 रूपये दिए जाते हैं। पॉलिसी के तहत दुर्घटना मृत्यु होने पर मुआवजा भी दिया जाता है।
पॉलिसी में 400 डे-केयर इलाज शामिल हैं और इसके साथ ही ओपीडी का खर्च जैसे मेडिकल कंसल्टेशन, दवाईयां और बीमारी की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट का खर्च भी इसमें शामिल हैं। इसमें दो प्लान हैं A और B; पहले वाले प्लान में मेडिकल जांच ज़रूरी नहीं है हालांकि दूसरे वाले के लिए यह करना पड़ता है।
स्टार हेल्थ में कॉलेज या स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए भी पॉलिसी है जिसे स्टूडेंट केयर प्लान कहा जाता है। इसमें दुर्घटना मुत्यु एंव दुर्घटना के कारण हुई स्थाई विकलांगता और इसमें होने वाला चिकित्सा खर्च शामिल है। स्कूली बच्चों के लिए सम इन्शुर्ड 50000 रूपये है जिसका न्यूनतम प्रीमियम 70 रूपये है और कॉलेज जाने वाले छात्रों के लिए 1 लाख का सम इन्शुर्ड और न्यूनतम प्रीमियम 120 रूपये है।
3. मैक्स बूपा
द हार्टबीट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान मैक्स बूपा के तीन हेल्थ प्लान में से एक है। इस बीमा को पारंपरिक भारतीय संयुक्त परिवार के लिए भी लिया जा सकता है, इसमें पॉलिसी लेने वाले के अधिकतम 14 रिश्तेदारों को बीमा कवर मिल सकता है। इसका सम इन्शुर्ड 2 लाख रूपये से लेकर 2 करोड़ रूपये तक है।
इस पॉलिसी में हर सदस्य को एक व्यक्तिगत सम इन्शुर्ड भी दिया जाता है जबकि फ्लोटर सम अश्युर्ड समुह के किसी भी सदस्य के लिए उपलब्ध है।
4. सिग्ना टीटीके
यह कंपनी भारत के टीटीके ग्रुप और अमेरिका के सिग्ना कार्पोरेशन( फार्चून 500 कंपनी) के बीच साझेदारी से बनी है। यह कंपनी कुल सात प्लान देती है। तीन प्लान- प्रो हेल्थ प्रोटेक्ट, प्रो हेल्थ प्लस, और प्रो हेल्थ प्रेफर्ड- दुनिया भर में कवरेज देते हैं , जिसमें विदेश में किसी आपातकालीन स्थिति में हुआ स्वास्थ्य खर्च भी शामिल है। सम इन्शुर्ड प्लान पर निर्भर करता है और शुरूआत 10 लाख से होती है।
दुनियाभर में लागू आपातकालीन कवर तब काम आता है जब आपात स्थिति में तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है और तुरंत इलाज के साथ अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत पड़ती है। पुनर्भुगतान भारतीय रूपयों में किया जाता है और क्लेम का निपटान मरीज के अस्पताल के बिलों के भुगतान के दिन रिजर्व बैंक की जारी विनिमय दर के हिसाब के किया जाता है।
5. रेलीगेयर
इसे दवाईयों के अग्रणी खुदरा विक्रेता एसएलआर डायग्नोस्टिक, रेलीगेयर वेलनेस और फोर्टिस अस्पताल के द्वारा लाया गया है। इसमें स्वास्थ्य की देखभाल से जुडे इलाज जैसे वार्षिक स्वास्थ्य जांच और डायग्नोस्टिक टेस्ट का कवर दिया जाता है और इस कवर पर पॉलिसी लेने वाले की क्लेम हिस्ट्री से कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर सम इन्शुर्ड 25 लाख से कम है और पॉलिसी लेने वाले की उम्र 50 वर्ष से ज़्यादा नहीं है तो पॉलिसी लेने से पहले किसी तरह के मेडिकल टेस्ट की भी ज़रूरत नहीं है।
कंपनी ग्लोबल हेल्थ केयर भी देती है जिसमें पॉलिसी लेने वाले को दुनिया भर के किसी भी नेटवर्क अस्पताल में इलाज करवाने की सुविधा मिलती है।
आखिरी बात
भारत में करीब 25 कंपनियां स्वास्थ्य बीमा बेचती हैं और कहना मुश्किल है कि किसी व्यक्ति के लिए कौनसी कंपनी सही है। बेहतर यही है कि अपनी जीवनशैली और स्थितियों को देखते हुए उसके मुताबिक बीमा लिया जाए। इसके लिए पॉलिसी लेने से पहले थोड़ी जांच-पड़ताल ज़रूर करें।
स्वास्थ्य बीमा देने वाली कंपनी के पास अस्पतालों का एक नेटवर्क होना चाहिए जिसमें पूरे देश में फैले निजी और सार्वजनिक अस्पताल शामिल होने चाहिए। अगर दूसरी सभी चीज़े एक जैसी हैं तो उस पॉलिसी को लें जिसमें आपको नजदीक में इलाज करवाने की सुविधा मिलती हो।