क्या आप अपनी बीमा पॉलिसी से नाखुश हैं? आपके पास ये विकल्प हैं

अगर आप अपनी बीमा पॉलिसी से नाखुश हैं तो उसे रद्द करना बेहतर है, बल्कि इसके कि आप भम्र में रहें कि आप सुरक्षित हैं और कोई हादसा होने पर पॉलिसी आपके काम न आए। हम आपको बताएंगे कि कैसे पॉलिसीधारक बीमा पॉलिसी पर नियंत्रण रख सकते हैं।

Are you unhappy with your insurance policy? You have these options

स्मृति दुविधा में थी।

उसके वित्तीय सलाहकार ने बताया था कि उसने ली हुई बीमा पॉलिसी योग्य नहीं है और उसे पॉलिसी को रद्द कर देना चाहिए। 

स्मृति तय नहीं कर पा रही थी कि उसे पॉलिसी रद्द करानी चाहिए या नहीं, क्योंकि पॉलिसी की मियाद अभी बाकी थी और इसलिए उसने मुझसे इस बात पर चर्चा करना ठीक समझा।

स्मृति ही एकमात्र पॉलिसीधारक नहीं है जिसके सामने ये मुश्किल खड़ी है। 

कई ग्राहक बिना पूरी जानकारी जुटाए बीमा पॉलिसी खरीद लेते हैं। नतीजतन, खरीदी हुई पॉलिसी उनकी जरूरतों के मुताबिक नहीं होती है और वक्त के साथ ये पॉलिसी ग्राहक पर वित्तीय बोझ बन जाती हैं। 

क्या मियाद खत्म होने के पहले पॉलिसी रद्द की जा सकती है?

जवाब है: अधिकतर मामलों में हां। 

हालांकि, ये पॉलिसी के प्रकार पर निर्भर करता है, क्योंकि पॉलिसी रद्द करने के प्रावधान बीमा कंपनी के नियम और शर्तों पर आधारित होते हैं। इसलिए, ये जानने के लिए कि क्या आप पॉलिसी रद्द करा सकते हैं और इस फैसला का क्या वित्तीय परिणाम होगा, आपको अपनी बीमा पॉलिसी के दस्तावेजों को बारीकी से पढ़ना होगा। 

वहीं, साकारात्मक पक्ष में भारत का बीमा विनियामक आईआरडीएआई ने सुनिश्चित किया है कि हर बीमा कंपनी अपने पॉलिसी दस्तावेजों में रिनूअल से जुड़े नियम और शर्तों का खुलासा करे। 

आईआरडीएआई (पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा) नियम, 2002 की धारा 6 और 7 के मुताबिक बीमा कंपनियों (जीवन और साधारण) को बीमा पॉलिसी की रद्द करने की शर्तों को स्पष्ट रूप से बताना होगा। वहीं, आईआरडीएआई स्वास्थ्य बीमा नियमों की धारा 5(एम) के मुताबिक बीमा कंपनी के लिए पॉलिसी को रद्द करनी की शर्तों का पूरा खुलासा करना अनिवार्य है।

इसके अलावा पॉलिसी जारी करने के बाद बीमा कंपनियों को 15 दिन के अनिवार्य फ्री-लुक पीरियड देना होता है, जिसेके बारे में पॉलिसीधारकों को जानकारी होनी चाहिए। अगर आपने आज पॉलिसी खरीदी है और उसे 15 दिन के अंदर रद्द कर देते हैं तो आपको अनुपात में रिस्क कवर, चिकित्सा शुल्क और स्टांप ड्यूटी घटाई काटकर प्रीमियम की रकम वापस मिलेगी। 

रद्द करने के पहले पॉलिसी की ठीक से पढ़िए

अगर आप बीमा पॉलिसी रद्द कराने का विचार कर रहे हैं तो पहले आपको पॉलिसी वर्डिंग को पढ़ना होगा जो आपको पॉलिसी खरीदने के वक्त वेलकम किट के साथ मिली होगी। पॉलिसी वर्डिंग में बीमा पॉलिसी के नियम और शर्तों को बताया जाता है।

जीवन बीमा पॉलिसी के मामले में ये निर्भर करेगा कि आपने किस प्रकार की बीमा पॉलिसी ली है। अगर पारंपरिक या यूनिट लिंक्ड पॉलिसी है तो आपको बीमा पॉलिसी सरेंडर करने का टैक्स प्रभाव और बंद हुए बीमा उत्पादों के प्रबंधन के पहलूओं को ध्यान में रखना होगा। 

टर्म इंश्योरेंस, मेडिक्लेम, पर्सनल एक्सिडेंट, आदि जैसे शुद्ध रिस्क कवर वाली बीमा पॉलिसी, जिनका हर साल रिनूअल होता है, के मामले में बीमा कंपनियां अपनी पॉलिसी वर्डिंग में पॉलिसी रद्द करने से जुड़ी शर्तों का खुलासा करती हैं। रद्द होने के पहले पॉलिसी कितने दिन तक सक्रिय थी इसके आधार पर बीमा कंपनियां अनुपात में प्रीमियम काटकर आपको रकम लौटाती है। 

कैसे बीमा पॉलिसी रद्द करें?

पॉलिसी रद्द करने के लिए आपको बीमा कंपनी के संबंधित कार्यालय में जाना होगा। आपको पॉलिसी सरेंडर की अर्जी का फॉर्म भरना होगा और पॉलिसी का असल सर्टिफिकेट और आपके पहचान पत्र के प्रमाण की प्रतिलिपि जमा करनी होगी।

अगर आपको बीमा पॉलिसी रद्द करने पर सरेंडर बेनेफिट मिलने वाला है तो आपको एक कैंसिल किया हुआ चेक जमा करना होगा और अपने बैंक खाते की जानकारी देनी होगी ताकि बीमा कंपनी आपके खाते में रकम जमा करा पाए। पॉलिसी रद्द करने की प्रक्रिया में करीब 7-10 दिन का वक्त लगता है, हालांकि कितना वक्त लगेगा ये बीमा कंपनी पर निर्भर करता है।

पॉलिसी रद्द कराने से पहले ध्यान रखें

बीमा पॉलिसी को रद्द कराने से पहले इन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है:

  • बीमा पॉलिसी रद्द करने के बाद बीमा कवर भी खत्म हो जाता है। इसलिए बेहतर होगा कि पॉलिसी रद्द कराने से पहले आप नई बीमा पॉलिसी खरीद लें
  • पॉलिसी रद्द करने की अर्जी देते वक्त आपको पॉलिसी का असल सर्टिफिकेट जमा करना होता है। सावधानी के तौर पर आपको पॉलिसी सर्टिफिकेट की प्रतिलिपि अपने पास रखनी चाहिए और बीमा कंपनी से असल सर्टिफिकेट जमा करने की रसीद भी लेनी चाहिए। 
  • पॉलिसी सरेंडर या मैच्योर को लेकर बीमा कंपनी की ओर से मिली रसीद या प्रमाणपत्र को संभालकर रखें, ये आपको आयकर भरने के वक्त लगेगी। 
  • पॉलिसी रद्द करने के बाद इसकी सूचना अपने जीवनसाथी या परिवार को दें, ताकि क्लेम के वक्त कोई गड़बड़ न हो, खासतौर पर अगर आपने जीवन बीमा पॉलिसी रद्द कराई है। 

क्या स्मृति की परेशानी कम हुई

मुझसे चर्चा करने के बाद स्मृति के सामने तस्वीर साफ हुई और उसे लगा कि अब वो बेहतर तरीके से बीमा पॉलिसी पर फैसला ले सकती है। 

अगर आप अपनी बीमा पॉलिसी से नाखुश हैं तो उसे रद्द करना बेहतर है, बल्कि इसके कि आप भम्र में रहें कि आप सुरक्षित हैं और कोई हादसा होने पर पॉलिसी आपके काम न आए। जैसे सोच समझकर बीमा पॉलिसी खरीदनी चाहिए, वैसे ही पॉलिसी रद्द करने का फैसला पूरी जानकारी जुटाने के बाद ही लेना चाहिए। 

अगर आपके मन में कुछ और सवाल हैं, तो नीचे टिप्पणी में उसे लिखें और हम आपकी परेशानी दूर करने की कोशिश करेंगे।

स्मृति दुविधा में थी।

उसके वित्तीय सलाहकार ने बताया था कि उसने ली हुई बीमा पॉलिसी योग्य नहीं है और उसे पॉलिसी को रद्द कर देना चाहिए। 

स्मृति तय नहीं कर पा रही थी कि उसे पॉलिसी रद्द करानी चाहिए या नहीं, क्योंकि पॉलिसी की मियाद अभी बाकी थी और इसलिए उसने मुझसे इस बात पर चर्चा करना ठीक समझा।

स्मृति ही एकमात्र पॉलिसीधारक नहीं है जिसके सामने ये मुश्किल खड़ी है। 

कई ग्राहक बिना पूरी जानकारी जुटाए बीमा पॉलिसी खरीद लेते हैं। नतीजतन, खरीदी हुई पॉलिसी उनकी जरूरतों के मुताबिक नहीं होती है और वक्त के साथ ये पॉलिसी ग्राहक पर वित्तीय बोझ बन जाती हैं। 

क्या मियाद खत्म होने के पहले पॉलिसी रद्द की जा सकती है?

जवाब है: अधिकतर मामलों में हां। 

हालांकि, ये पॉलिसी के प्रकार पर निर्भर करता है, क्योंकि पॉलिसी रद्द करने के प्रावधान बीमा कंपनी के नियम और शर्तों पर आधारित होते हैं। इसलिए, ये जानने के लिए कि क्या आप पॉलिसी रद्द करा सकते हैं और इस फैसला का क्या वित्तीय परिणाम होगा, आपको अपनी बीमा पॉलिसी के दस्तावेजों को बारीकी से पढ़ना होगा। 

वहीं, साकारात्मक पक्ष में भारत का बीमा विनियामक आईआरडीएआई ने सुनिश्चित किया है कि हर बीमा कंपनी अपने पॉलिसी दस्तावेजों में रिनूअल से जुड़े नियम और शर्तों का खुलासा करे। 

आईआरडीएआई (पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा) नियम, 2002 की धारा 6 और 7 के मुताबिक बीमा कंपनियों (जीवन और साधारण) को बीमा पॉलिसी की रद्द करने की शर्तों को स्पष्ट रूप से बताना होगा। वहीं, आईआरडीएआई स्वास्थ्य बीमा नियमों की धारा 5(एम) के मुताबिक बीमा कंपनी के लिए पॉलिसी को रद्द करनी की शर्तों का पूरा खुलासा करना अनिवार्य है।

इसके अलावा पॉलिसी जारी करने के बाद बीमा कंपनियों को 15 दिन के अनिवार्य फ्री-लुक पीरियड देना होता है, जिसेके बारे में पॉलिसीधारकों को जानकारी होनी चाहिए। अगर आपने आज पॉलिसी खरीदी है और उसे 15 दिन के अंदर रद्द कर देते हैं तो आपको अनुपात में रिस्क कवर, चिकित्सा शुल्क और स्टांप ड्यूटी घटाई काटकर प्रीमियम की रकम वापस मिलेगी। 

रद्द करने के पहले पॉलिसी की ठीक से पढ़िए

अगर आप बीमा पॉलिसी रद्द कराने का विचार कर रहे हैं तो पहले आपको पॉलिसी वर्डिंग को पढ़ना होगा जो आपको पॉलिसी खरीदने के वक्त वेलकम किट के साथ मिली होगी। पॉलिसी वर्डिंग में बीमा पॉलिसी के नियम और शर्तों को बताया जाता है।

जीवन बीमा पॉलिसी के मामले में ये निर्भर करेगा कि आपने किस प्रकार की बीमा पॉलिसी ली है। अगर पारंपरिक या यूनिट लिंक्ड पॉलिसी है तो आपको बीमा पॉलिसी सरेंडर करने का टैक्स प्रभाव और बंद हुए बीमा उत्पादों के प्रबंधन के पहलूओं को ध्यान में रखना होगा। 

टर्म इंश्योरेंस, मेडिक्लेम, पर्सनल एक्सिडेंट, आदि जैसे शुद्ध रिस्क कवर वाली बीमा पॉलिसी, जिनका हर साल रिनूअल होता है, के मामले में बीमा कंपनियां अपनी पॉलिसी वर्डिंग में पॉलिसी रद्द करने से जुड़ी शर्तों का खुलासा करती हैं। रद्द होने के पहले पॉलिसी कितने दिन तक सक्रिय थी इसके आधार पर बीमा कंपनियां अनुपात में प्रीमियम काटकर आपको रकम लौटाती है। 

कैसे बीमा पॉलिसी रद्द करें?

पॉलिसी रद्द करने के लिए आपको बीमा कंपनी के संबंधित कार्यालय में जाना होगा। आपको पॉलिसी सरेंडर की अर्जी का फॉर्म भरना होगा और पॉलिसी का असल सर्टिफिकेट और आपके पहचान पत्र के प्रमाण की प्रतिलिपि जमा करनी होगी।

अगर आपको बीमा पॉलिसी रद्द करने पर सरेंडर बेनेफिट मिलने वाला है तो आपको एक कैंसिल किया हुआ चेक जमा करना होगा और अपने बैंक खाते की जानकारी देनी होगी ताकि बीमा कंपनी आपके खाते में रकम जमा करा पाए। पॉलिसी रद्द करने की प्रक्रिया में करीब 7-10 दिन का वक्त लगता है, हालांकि कितना वक्त लगेगा ये बीमा कंपनी पर निर्भर करता है।

पॉलिसी रद्द कराने से पहले ध्यान रखें

बीमा पॉलिसी को रद्द कराने से पहले इन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है:

  • बीमा पॉलिसी रद्द करने के बाद बीमा कवर भी खत्म हो जाता है। इसलिए बेहतर होगा कि पॉलिसी रद्द कराने से पहले आप नई बीमा पॉलिसी खरीद लें
  • पॉलिसी रद्द करने की अर्जी देते वक्त आपको पॉलिसी का असल सर्टिफिकेट जमा करना होता है। सावधानी के तौर पर आपको पॉलिसी सर्टिफिकेट की प्रतिलिपि अपने पास रखनी चाहिए और बीमा कंपनी से असल सर्टिफिकेट जमा करने की रसीद भी लेनी चाहिए। 
  • पॉलिसी सरेंडर या मैच्योर को लेकर बीमा कंपनी की ओर से मिली रसीद या प्रमाणपत्र को संभालकर रखें, ये आपको आयकर भरने के वक्त लगेगी। 
  • पॉलिसी रद्द करने के बाद इसकी सूचना अपने जीवनसाथी या परिवार को दें, ताकि क्लेम के वक्त कोई गड़बड़ न हो, खासतौर पर अगर आपने जीवन बीमा पॉलिसी रद्द कराई है। 

क्या स्मृति की परेशानी कम हुई

मुझसे चर्चा करने के बाद स्मृति के सामने तस्वीर साफ हुई और उसे लगा कि अब वो बेहतर तरीके से बीमा पॉलिसी पर फैसला ले सकती है। 

अगर आप अपनी बीमा पॉलिसी से नाखुश हैं तो उसे रद्द करना बेहतर है, बल्कि इसके कि आप भम्र में रहें कि आप सुरक्षित हैं और कोई हादसा होने पर पॉलिसी आपके काम न आए। जैसे सोच समझकर बीमा पॉलिसी खरीदनी चाहिए, वैसे ही पॉलिसी रद्द करने का फैसला पूरी जानकारी जुटाने के बाद ही लेना चाहिए। 

अगर आपके मन में कुछ और सवाल हैं, तो नीचे टिप्पणी में उसे लिखें और हम आपकी परेशानी दूर करने की कोशिश करेंगे।

संवादपत्र

संबंधित लेख

Union Budget