- Date : 13/08/2020
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- Read in English: Can you get your job insured? Here's everything you need to know
भारत की अपनी ही एक बेरोजगारी बीमा योजना है। बेरोजगार हो जाने पर, एक श्रमिक को अपनी अगली नौकरी खोजने तक मदद के लिए वित्तीय सहायता मिल सकती है।

भारत कोरोनोवायरस महामारी के कारण जीवित लोगों की स्मृति में अभी तक के सबसे बुरे संकट का सामना कर रहा है। 1980 के बाद पहली बार, अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है। राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन ने लगभग सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद कर दिया, जिससे आजीविका जोखिम में पड़ गई। बाजार बुरी तरह से हिल गए हैं और मांग में गिरावट आई है, जिसका असर कारोबारी नकदी प्रवाह पर बुरी तरह से पड़ा है।
इसका परिणाम? कई कंपनियां दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है। संभले रहने के लिए, उन्हें कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का सहारा लेना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामलों की स्थिति के बारे में बताते हुए, अप्रैल 2020 में देश की लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट (एल एफ पी आर) ने 38.7% का रिकॉर्ड स्तर दर्ज किया। असंगठित प्रवासी श्रमिकों और दैनिक काम करने वाले मजदूरों को विशेष रूप से बहुत आहत पहुंची है। सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2020 में 27 मिलियन खोयी नौकरियों में 20-30 वर्ष की आयु के युवाओं की संख्या ज्यादा मानी गई है।
एक अस्तित्वगत संकट का सामना करते हुए,अपने जीवन-यापन के खर्च को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में परिवार अपनी बचत का उपयोग कर रहे हैं या अपना कीमती सामान बेच रहे हैं। हालांकि सरकार ने कई उपायों की घोषणा की है, जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से धन निकालने पर प्रतिबंध हटाने सहित, कई बेरोजगारी लाभ की उम्मीद कर रहे हैं जो उनकी सेवानिवृत्ति बचत को खर्च होने से बचा भी सके।
उदाहरण के लिए, अमेरिका में, सामाजिक सुरक्षा प्रशासन (एस एस ए) बेरोजगार व्यक्तियों को उनकी आय के एक निश्चित प्रतिशत तक वित्तीय सहायता की गारंटी देता है। यूरोप के कई देश अपने नागरिकों को बेरोजगारी का लाभ भी प्रदान करते हैं - जो की अक्सर अंतिम आहरित वेतन का 90% तक होता है ।
कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात यह हो सकती है कि भारत में बेरोजगारी बीमा काफी समय से उपलब्ध है। यदि आप सोच रहे हैं, तो यह ऐड-ऑन जॉब लॉस कवर नहीं है जो कई सामान्य बीमाकर्ता प्रदान करते हैं!
बेरोजगारी बीमा क्या है?
जैसा कि नाम से पता चलता है, बेरोजगारी बीमा उन श्रमिकों को मुआवजा प्रदान करता है जिन्हें उनके नियंत्रण से परे किन्ही कारणों से नौकरी से हटाया या निकाल दिया गया है। यह सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सरकार के दायित्व के हिस्से के रूप में किया जाता है। हालांकि, बेरोजगारी बीमा केवल उन श्रमिकों को भुगतान किया जाता है जो अन्यथा काम करने के लिए तैयार हैं और सक्षम हैं। यह उन लोगों पर लागू नहीं होता है जिन्होंने स्वेच्छा से नौकरी छोड़ दी है या स्वरोजगार कर रहे हैं।
नौकरी खोने के क्या-क्या कारण मान्य होते हैं ?
हर नौकरी से दरखास्त होने का फरमान बेरोजगारी बीमा के तहत कवरेज के लिए योग्य नहीं होता है। यदि आपको खराब प्रदर्शन के कारण प्रोबेशन के दौरान निकाल दिया गया या हटा दिया गया, तो आप बेरोजगारी बिमा के लाभ नहीं उठा सकते । इसी तरह, यदि आप स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनते हैं, तो आपको कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। लॉक-आउट, स्ट्राइक या कारावास के कारण बेरोजगारी होने पर भी आप लाभ पाने के लिए अयोग्य माने जाएंगे।
भारत में बेरोजगारी बीमा
भारत में, बेरोजगारी बीमा केवल सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ई एस आई सी) कर्मचारी राज्य बीमा (ई एस आई) अधिनियम के प्रावधानों के तहत इसका प्रशासन करता है। यदि आप एक वेतनभोगी पेशेवर हैं, तो आप दो अलग-अलग बेरोजगारी बीमा कार्यक्रमों में से एक के तहत कवरेज का विकल्प चुन सकते हैं - राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना (आर.जी.एस.के.वाई.) या अटल बीमित व्याक्ति कल्याण योजना (एबीवीकेवाई)।
राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना (आर.जी.एस.के.वाई.)
2005 में प्रस्तुत किया गया , आर.जी.एस.के.वाई. भारत की पहली बेरोजगारी बीमा योजना थी। यदि कोई कंपनी व्यवसाय करना बंद कर देती है या कम कर देती है या श्रमिक विकलांगता के कारण, तो श्रमिक इस योजना के तहत बेरोजगारी भत्ते का दावा कर सकते हैं। हालांकि, दावा दायर किए जाने से पहले 1 महीने की प्रतीक्षा अवधि लागू होती है। दूसरी ओर, दावे को रोजगार की अंतिम तारीख से 6 महीने के अंदर ही दर्ज किया जाना चाहिए।
- पात्रता: आपको आर.जी.एस.के.वाई. योजना के लिए पात्र बनने से पहले कम से कम 5 साल के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) का सदस्य होने की आवश्यकता है।
- नामांकन कैसे करें: अपने पूर्व नियोक्ता से एक प्रमाण पत्र के साथ विधिवत भरे हुए आवेदन पत्र को स्थानीय ईएसआईसी कार्यालय में जमा करे जिसमे प्रमाणित किया गया हो कि कंपनी अब कार्यरत नहीं है।
- शुल्क / प्रीमियम: आर.जी.एस.के.वाई. योजना के लिए प्रीमियम 4% की मौजूदा दर के अनुसार आपका ईएसआई योगदान है, जिसमें 0.75% कर्मचारी का योगदान है और 3.25% नियोक्ता का योगदान है।
- भुगतान: पिछले चार ईएसआई योगदान के औसत के आधार पर आपके मौजूदा वेतन का 50%।
- अवधि: बेरोजगारी लाभ का दावा अधिकतम एक वर्ष की अवधि के लिए किया जा सकता है। एक बार जब आप काम करना शुरू कर देते हैं, तो आरजीएसकेवाई के तहत लाभ मिलना बंद हो जाता है ।
अधिक जानकारी के लिए: https: //www.esic.nic.in/
अटल बीमित व्याक्ति कल्याण योजना (ए.बी.वी.के.वाई.)
ए.बी.वी.के.वाई. को प्रायोगिक तौर पर दो साल की अवधि के लिए 2018 में लागू किया गया था। यह योजना भी, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा शुरू की गई थी, ताकि श्रमिकों को नौकरी छूटने पर आर्थिक रूप से सहायता की जा सके। यह ध्यान में रखना चाहिए कि यदि कोई व्यक्ति दो अलग-अलग नौकरियों में काम करता है, तो वे बेरोजगारी के लाभ का दावा तभी कर सकता है यदि वह दोनों नौकरी खोदेता है । ए.बी.वी.के.वाई. का लाभार्थी इस योजना के साथ किसी अन्य बेरोजगारी बीमा योजना के तहत सहायता के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।
- पात्रता: आपको कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) का सदस्य होना चाहिए और ए.बी.वी.के.वाई योजना के लिए पात्र होने के लिए कम से कम दो साल से कार्यरत होना चाहिए।
- नामांकन कैसे करें: स्थानीय ईएसआईसी कार्यालय में विधिवत भरे हुए आवेदन पत्र को एक शपथ पत्र के साथ जमा करें।
- शुल्क / प्रीमियम: एबीवीकेवाई योजना के लिए प्रीमियम, आपके ईएसआई योगदान की मौजूदा दर है- 4% , जिसमें 0.75% कर्मचारी का योगदान है और 3.25% नियोक्ता का योगदान है।
- भुगतान: पिछले चार योगदान अवधि के लिए, आपके औसत दैनिक वेतन का 25%, जहां प्रत्येक योगदान अवधि छह महीने के बराबर होती है।
- अवधि: बेरोजगारी लाभ का दावा अधिकतम 90 दिनों के लिए किया जा सकता है। यदि आप इस समय के दौरान कोई दूसरी नौकरी पाते हैं, तो आपको शेष मासिक भुगतानों को छोड़ना होगा। यह लाभ आपके जीवनकाल में केवल एक बार दावा किया जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएँ - https://www.esic.nic.in/
एड-ऑन बेरोजगारी बीमा कवर
घर, स्वास्थ्य और कार बीमा सहित सामान्य बीमा उत्पादों के साथ इसका ऐड-ऑन कवर उपलब्ध हैं। हालांकि, वे सीमा और कवरेज में बहुत अधिक सीमित हैं। उदाहरण के लिए, कवर केवल पॉलिसीधारक की तीन सबसे बड़ी ईएमआई का ध्यान रखेगा, जो उनकी आय का अधिकतम 50% होगा । दावा किए जाने से पहले 1-3 महीने की प्रतीक्षा अवधि भी होती है। एक प्रमुख बिंदु जिसे साबित करना होता है वह यह है कि पॉलिसीधारक को अपने नियंत्रण से परे कारणों से नौकरी छोड़ने के लिए कहा गया था। बीमा कंपनियां नियोक्ता से लिखित पत्र मांग कर प्रमाण मांग सकती हैं कि वास्तव में मामला क्या था।
अंतिम पंक्तियाँ
अधिकांश बेरोजगार लोग जिस तनावपूर्ण स्थिति में खुद को पा रहे हैं, उसे देखते हुए बेरोजगारी बीमा एक भगवन स्वरुप हो सकता है। यह तब तक व्यक्ति को आर्थिक दबाव से बचा सकता है जब तक कि वे अपने पैरों पर वापस खड़े नहीं हो जाते । हालाँकि, इन बेरोजगारी योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। इस तरह की योजनाएं लाखों बेरोजगार व्यक्तियों को अपने सिर के ऊपर से छत खोए बिना ही अपने कैरियर के अगले चरण में कदम रखने में मदद कर सकती हैं। क्या आपने अपनी नौकरी खो दी है ?