क्या आपको लगता है कि बीमा लेना एक बार का काम है? फिर से सोचिए!

जैसे आपकी जरूरतें और वित्तीय लक्ष्यों में बदलाव आएगा, वैसे आपको अपने बीमा कवर की समीक्षा करनी होगी।

Buying insurance

हम आपको बताते हैं कि क्यों बीमा खरीदना एक बार का ही काम नहीं है:

  • महंगाई की वजह से बाजार परिस्थिति में बदलाव: चाहे आपके पास बीमा कवर है, लेकिन जरूरी नहीं कि ये आपके लिए पर्याप्त हो। जोखिम, कर्ज और वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर एक व्यक्ति की बीमा जरूरतें बदलती रहती हैं। जीवन के अलग-अलग पड़ावों पर आपको अपने लक्ष्यों की समीक्षा करनी चाहिए और जीवन बीमा कवर का फिर से परिकलन करना चाहिए।
  • महंगी होती उच्च शिक्षा: अच्छी शिक्षा के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं और इसमें समझौता भी नहीं किया जा सकता है। बीमा लेने से आप बच्चों की शिक्षा के लिए पूंजी जुटा सकते हैं (इसके लिए कम से कम 8 से 10 साल का समय होना चाहिए)। यूलिप का निवेश का भाग आपको हर महीने छोटी रकम बचाने में मदद करता है और यूलिप के जीवन बीमा कवर भाग से आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आपकी मृत्यु के बाद आपके बच्चे को एक मुश्त रकम मिलेगी जो उसकी शिक्षा के काम आएगी।
  • महंगी होती स्वास्थ सेवाएं: शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं भी अहम और अपरिहार्य खर्चा है। समय-समय पर स्वास्थ्य बीमा सम अश्योर्ड की समीक्षा करते रहने से आप बढ़ते इलाज के खर्च से बचाव पा सकते हैं। साथ ही, गंभीर बीमारियां और विकलांगता के राइडर्स का चुनाव करके आप जोखिम कम कर सकते हैं।
  • रिटायरमेंट की योजना बनाना मुश्किल है: जिंदगी अनिश्चितता भरी है। आपको रिटायरमेंट के बाद कितनी पूंजी की जरूरत पड़ेगी इसका सही-सही हिसाब लगाना मुश्किल है। चाहे हर कोई जल्द रिटायर होना चाहता है, लेकिन ये जोखिमभरा कदम है। ऐसा हो सकता है कि आप पूरी जिंदगी के लिए जरूरी पूंजी इकट्ठी न कर पाएं। वहीं, दूसरी ओर लंबी जिंदगी भी अपने आप में एक जोखिम है, क्योंकि आपको पता नहीं है कि कितने सालों के लिए आपको योजना बनानी है। वक्त-वक्त पर अपनी रिटायरमेंट योजना की समीक्षा करते रहें, ताकि आप ज्यादा से ज्यादा पूंजी जमा कर पाएं।

महंगाई, जीवनशैली, स्वास्थ्य और घर का खर्च जैसी बातों का आपकी वित्तीय सेहत पर असर पड़ता है। इसलिए आपको बीमा प्लान की समय-समय पर समीक्षा करनी चाहिए और अपनी जरूरतों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।

हम आपको बताते हैं कि क्यों बीमा खरीदना एक बार का ही काम नहीं है:

  • महंगाई की वजह से बाजार परिस्थिति में बदलाव: चाहे आपके पास बीमा कवर है, लेकिन जरूरी नहीं कि ये आपके लिए पर्याप्त हो। जोखिम, कर्ज और वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर एक व्यक्ति की बीमा जरूरतें बदलती रहती हैं। जीवन के अलग-अलग पड़ावों पर आपको अपने लक्ष्यों की समीक्षा करनी चाहिए और जीवन बीमा कवर का फिर से परिकलन करना चाहिए।
  • महंगी होती उच्च शिक्षा: अच्छी शिक्षा के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं और इसमें समझौता भी नहीं किया जा सकता है। बीमा लेने से आप बच्चों की शिक्षा के लिए पूंजी जुटा सकते हैं (इसके लिए कम से कम 8 से 10 साल का समय होना चाहिए)। यूलिप का निवेश का भाग आपको हर महीने छोटी रकम बचाने में मदद करता है और यूलिप के जीवन बीमा कवर भाग से आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आपकी मृत्यु के बाद आपके बच्चे को एक मुश्त रकम मिलेगी जो उसकी शिक्षा के काम आएगी।
  • महंगी होती स्वास्थ सेवाएं: शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं भी अहम और अपरिहार्य खर्चा है। समय-समय पर स्वास्थ्य बीमा सम अश्योर्ड की समीक्षा करते रहने से आप बढ़ते इलाज के खर्च से बचाव पा सकते हैं। साथ ही, गंभीर बीमारियां और विकलांगता के राइडर्स का चुनाव करके आप जोखिम कम कर सकते हैं।
  • रिटायरमेंट की योजना बनाना मुश्किल है: जिंदगी अनिश्चितता भरी है। आपको रिटायरमेंट के बाद कितनी पूंजी की जरूरत पड़ेगी इसका सही-सही हिसाब लगाना मुश्किल है। चाहे हर कोई जल्द रिटायर होना चाहता है, लेकिन ये जोखिमभरा कदम है। ऐसा हो सकता है कि आप पूरी जिंदगी के लिए जरूरी पूंजी इकट्ठी न कर पाएं। वहीं, दूसरी ओर लंबी जिंदगी भी अपने आप में एक जोखिम है, क्योंकि आपको पता नहीं है कि कितने सालों के लिए आपको योजना बनानी है। वक्त-वक्त पर अपनी रिटायरमेंट योजना की समीक्षा करते रहें, ताकि आप ज्यादा से ज्यादा पूंजी जमा कर पाएं।

महंगाई, जीवनशैली, स्वास्थ्य और घर का खर्च जैसी बातों का आपकी वित्तीय सेहत पर असर पड़ता है। इसलिए आपको बीमा प्लान की समय-समय पर समीक्षा करनी चाहिए और अपनी जरूरतों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।

संवादपत्र

संबंधित लेख

Union Budget