things to know while buying insurance

इंश्योरेंस, पॉलिसीधारक और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक अनुबंध होता है। अक्सर, पॉलिसीधारक अपने इंश्योरंस प्लान को समझने में विफल हो जाते हैं क्योंकि वे पॉलिसी दस्तावेज की बारीकियों से अनजान रहते हैं।

इंश्योरेंस खरीदने के दौरान अपने सभी अधिकार और जिम्मेदारियों को समझें

इंश्योरेंस पॉलिसी का अधिकतम फायदा उठाने के लिए कुछ सुझाव

हालांकि, इंश्योरेंस कंपनी आपके क्लेम का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार है (अगर क्लेम की अर्जी कंपनी की सभी नियमों को पूरा करती है), एक पॉलिसीधारक के तौर पर आपके भी कुछ अधिकार और जिम्मेदारियां बनती हैं।

पॉलिसीधारक के तौर पर आपके अधिकार और जिम्मेदारियां यहां बताई गई हैं। 

एक इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए व्यक्ति को निम्नलिखित अधिकार मिलते हैं:

  • अगर पॉलिसी की नियम या शर्तें पॉलिसी बेचने के समय किए गए वादे के मुताबिक नहीं है, ऐसी स्थिति में आप तय अवधि के अंदर पॉलिसी रद्द या वापस कर सकते हैं। आमतौर पर पॉलिसी मिलने की तारीख के 15 दिनों के अंदर इसे वापस करना पड़ता है। पॉलिसी रद्द करने पर, इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किए गए स्टैंप ड्यूटी और मेडिकल जैसे खर्च काटकर आपको प्रीमियम वापस कर दिए जाएंगे।
  • इंश्योरेंस पॉलिसी के नॉमिनी/संपत्ति के अधिकारी के पास ये अधिकार होता है कि बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर मिलने वाले लाभों के लिए दावा कर सके।
  • पॉलिसी के प्रकार और बीमा कंपनी के आधार पर आप पॉलिसी की शर्तें, जैसे- भुगतान का तरीका, पॉलिसी की अवधि और पॉलिसी रकम (सम एश्योर्ड) आदि में बदलाव कर सकते हैं।
  • यूलिप (ULIPs) के मामले में पॉलिसीधारक को अतिरिक्त अधिकार भी दिए जाते हैं।
    • - पॉलिसी की शर्तों के आधार पर आंशिक धन निकासी करना
    • - अलग-अलग उद्देश्यों और बाज़ार की चाल को देखते हुए फंड में बदलाव करना
    • - लॉक-इन अवधि पूरा होने के बाद पॉलिसी सरेंडर करना

एक पॉलिसीधारक की जिम्मेदारी

आइये जानते हैं कि लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के दौरान एक व्यक्ति की क्या जिम्मेदारियां होती है। इन जिम्मेदारियों को तीन श्रेणियों में उप-विभाजित किया जा सकता है।

  • अगर पॉलिसी की नियम या शर्तें पॉलिसी बेचने के समय किए गए वादे के मुताबिक नहीं है, ऐसी स्थिति में आप तय अवधि के अंदर पॉलिसी रद्द या वापस कर सकते हैं। आमतौर पर पॉलिसी मिलने की तारीख के 15 दिनों के अंदर इसे वापस करना पड़ता है। पॉलिसी रद्द करने पर, इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किए गए स्टैंप ड्यूटी और मेडिकल जैसे खर्च काटकर आपको प्रीमियम वापस कर दिए जाएंगे।
  • इंश्योरेंस पॉलिसी के नॉमिनी/संपत्ति के अधिकारी के पास ये अधिकार होता है कि बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर मिलने वाले लाभों के लिए दावा कर सके।
  • पॉलिसी के प्रकार और बीमा कंपनी के आधार पर आप पॉलिसी की शर्तें, जैसे- भुगतान का तरीका, पॉलिसी की अवधि और पॉलिसी रकम (सम एश्योर्ड) आदि में बदलाव कर सकते हैं।
  • यूलिप (ULIPs) के मामले में पॉलिसीधारक को अतिरिक्त अधिकार भी दिए जाते हैं।
    • - पॉलिसी की शर्तों के आधार पर आंशिक धन निकासी करना
    • - अलग-अलग उद्देश्यों और बाज़ार की चाल को देखते हुए फंड में बदलाव करना
    • - लॉक-इन अवधि पूरा होने के बाद पॉलिसी सरेंडर करना

एक पॉलिसीधारक की जिम्मेदारी

आइये जानते हैं कि लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के दौरान एक व्यक्ति की क्या जिम्मेदारियां होती है। इन जिम्मेदारियों को तीन श्रेणियों में उप-विभाजित किया जा सकता है।

पॉलिसी खरीदने से पहले की जिम्मेदारी

  • बीमा पॉलिसी खरीदने की आवश्यकता और पॉलिसी खरीदने की वजह तय करने के लिए विस्तृत रिसर्च किया जाना चाहिए।
  • पॉलिसी की अवधि, प्रीमियम राशि और अंतराल, आपकी जरूरतों और प्रीमियम भुगतान की क्षमता के आधार पर चुनी जानी चाहिए।  
  • इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के प्लान्स की तुलना करनी चाहिए।
  • बीमा आवेदन फॉर्म में सभी जानकारी सही तरीके से भरना एक बहुत ही महत्वपूर्ण काम है। कभी भी खाली फॉर्म या पेज पर हस्ताक्षर नहीं करें।
  • नॉमिनेशन की सही जानकारी देना बेहद जरूरी है।

पॉलिसी खरीदने के बाद की जिम्मेदारी

  • बीमा प्रस्ताव जमा करने के बाद इंश्योरेंस कंपनी द्वारा मांगे जाने पर किसी भी शेष औपचारिकता या दस्तावेज से जुड़े काम जल्द पूरा करें।
  • बीमा प्रस्ताव स्वीकार किये जाने के 15 दिनों के अंदर आपको पॉलिसी बॉन्ड दस्तावेज मिल जाने चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो आप इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क करें और इसकी लिखित सूचना दें। 
  • जोखिम कवर, पॉलिसी के लाभ, अवधि, नॉमिनी या कोई अन्य शर्तों के लिए पॉलिसी दस्तावेज अच्छी तरह पढ़ें। हो सके तो यह दोबारा जांच करें कि क्या पॉलिसी बिक्री के समय दी गई जानकारी पॉलिसी दस्तावेज में दी गई जानकारी से मेल खाती है या नहीं।
  • अगर कोई जानकारी मेल नहीं खाती तो तत्काल अपने एजेंट या फिर इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क करें और स्पष्टीकरण मांगे। 

पॉलिसी मेन्टेनेंस की जिम्मेदारी

  • प्रीमियम भुगतान नियमित और तय अवधि के भीतर करें। प्रीमियम भुगतान के लिए ECS या कोई ऑटोमैटिक विकल्प चुनें, ताकि आप कभी भी तय भुगतान की तारीख को नहीं चूकें।
  • अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक विवरण और संपर्क पते में बदलाव होने पर इंश्योरेंस कंपनी को जल्द से जल्द जानकारी दें।
  • 'चेंज ऑफ नॉमिनी' फॉर्म भरकर आप किसी भी समय नॉमिनी बदल सकते हैं, और इंश्योरेंस कंपनी के रिकॉर्ड में नए नॉमिनी की जानकारी दर्ज करा सकते हैं। यदि नॉमिनी व्यस्क नहीं है, तो अभिभावक नियुक्त करना जरूरी होगा और, स्वीकृति रसीद पर नियुक्त किए गए अभिभावक का हस्ताक्षर कर रजिस्ट्रेशन करना चाहिए।
  • बीमित व्यक्ति के स्वास्थ्य में कोई बदलाव या स्वास्थ्य में गिरावट होती है, तो पॉलिसीधारक की जिम्मेदारी है कि इसकी सूचना बीमा कंपनी को दें।
  • अगर बीमा पॉलिसी दस्तावेज खो जाए तो बीमा कंपनी को तत्काल सूचना दें और डुप्लिकेट दस्तावेज प्राप्त करें।
  • क्लेम के समय सभी नियमों का पालन करें, और इंश्योरेंस कंपनी या तीसरे पक्ष के साथ सहयोग करें।

संवादपत्र

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