tips to make claim settlement easy

क्लेम के भुगतान की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है, लेकिन पॉलिसीधारक भी इस प्रक्रिया को आसान बनाने में योगदान दे सकते हैं।

claim settlement easy for your beneficiaries

कुछ आसान कदम उठाकर सुनिश्चित कर सकते हैं कि लाभार्थियों को क्लेम मिलने में परेशानी नहीं होगी। आईआरडीएआई की सालाना रिपोर्ट (2013-14) के मुताबिक भुगतान होने के पहले 22 फीसदी जीवन बीमा क्लेम 12 महीनों से ज्यादा समय के लिए विचाराधीन थे। साल 2014 में कुल क्लेम भुगतान अनुपात 96.75 फीसदी होने के बावजूद क्लेम के भुगतान में लगने वाला लंबा वक्त चिंता का विषय है। आखिरकार, डेथ बेनेफिट तब परिवारजनों को मिलना जब उन्हें सबसे ज्यादा उसकी जरूरत हो।

क्लेम का भुगतान बीमा कंपनी की जिम्मेदारी हो, लेकिन पॉलिसीधारक इस प्रक्रिया को आसान बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं। हम आपको बताते हैं कि अपने लाभार्थियों के लिए क्लेम मिलना आप कैसे आसान बना सकते हैं:

  • पूरा खुलासा और सच: बीमा फॉर्म भरते वक्त सही और सच जानकारी भरने की कोशिश करें। जानकारी भरने के बाद एक बार से जांच कर लें कि कोई गलती तो नहीं हो गई है। अपने स्वास्थ्य, ध्रूमपान और शराब पीने की आदतों, आदि का खुलासा करें। फॉर्म भरते वक्त कोई जानकारी छुपाएं नहीं और फॉर्म खुद भरें।
  • जानकारी अपडेट करें: अपनी पॉलिसी को समय-समय अपडेट करें ताकि सभी जानकारी उसमें शामिल हो जाए। नाम, पता, संपर्क नंबर, आदि में हुए बदलावों को शामिल करें। बीमा कंपनी को लाभार्थी के नाम में हुए बदलाव की भी जानकारी दें। बदलावों के सबूत अपने पास जरूर रखें।
  • अपनी पॉलिसी को समझें: अपने बीमा प्रस्ताव और कागजातों को ठीक से पढ़ें। बीमा पॉलिसी की अपवादों, विशेषताओं और शर्तों को ठीक से समझें ताकि आपको क्लेम की अर्जी देने के लिए पूर्व-आवश्यकताओं के बारे में जानकारी हो। लाभार्थी के हितों के बारे जागरुक रहें और आपके पास उपलब्ध क्लेम निवारण प्रक्रिया के बारे में जानकारी रखें। स्वास्थ्य बीमा के आम नियमों के बारे में जानने के लिए हमारा लेख अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को समझें पढ़ें।
  • लाभार्थी को सूचना दें: जब आपको बीमा पॉलिसी और क्लेम के भुगतान की प्रक्रिया समझ आ जाए तो लाभार्थी को भी इसकी जानकारी दें। लाभार्थी के पास पॉलिसी का विवरण, क्लेम प्रक्रिया और सम अश्योर्ड की जानकारी होनी चाहिए। आदर्शरूप से लाभार्थी को पॉलिसी की शर्तों और अपवादों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
  • कागजात संभाल कर रखें: बीमा संबंधी सभी जरूरी कागजात व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से संभाल कर रखें। लाभार्थी को बताएं कि आपने कागजात कहां रखें हैं। कागजातों पर लेबल लगाएं और वर्गीकृत करके रखें ताकि लाभार्थी को उन्हें पढ़ने में आसानी हो।

आप ई-इंश्योरेंस अकाउंट भी खोल सकते हैं जिससे बीमा की जानकारी सरल और सुलभ हो जाएगी। क्लेम का भुगतान बीमा पॉलिसी का सबसे अहम भाग है। अपने प्रियजनों के लिए ये प्रक्रिया आसान बनाएं।

संवादपत्र

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