- Date : 07/01/2023
- Read: 3 mins
आजकल कंपनियां डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स इंश्योरेंस पॉलिसी लेना क्यों पसंद कर रही हैं।

Directors and Officers Insurance Policy: डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स इंश्योरेंस पॉलिसी साधारण बीम से अलग और एक नई अवधारणा वाली पॉलिसी है। इसे खास तौर पर निदेशकों और बड़े अधिकारियों के लिए तैयार किया गया है। यह पॉलिसी संबंधित बीमित व्यक्ति या कंपनी के लिए, कानूनी लागत, जन संचार लागत जैसे कई खर्चों की भरपाई करती है। निदेशकों और बड़े अधिकारियों की द्वारा यी उनकी जानकारी या शह पर होने वाले किसी भी गलत काम के लिए उन पर कार्रवाई की जा सकती है, इसलिए निदेशकों और बड़े अधिकारियों के लिए इस पॉलिसी को लेना जरूरी होता जा रहा है। यह पॉलिसी उन्हें गलत तरीके से बर्खास्त करने, यौन उत्पीड़न, लांक्षित करने, नियामक प्रतिक्रिया जैसे मामलों के लिए किए जाने वाले दावों से बचा सकती है।
पिछले साल कुछ प्रमुख संगठनों द्वारा की गई घोषणाओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जिस तरह 2021 इस्तीफे देने का वर्ष रहा, ङसी तरह 2022 छंटनी करने या काम से निकाले जाने का वर्ष प्रतीत होता है। अर्थ व्यवस्था के बदलाव को देखते हुए, छंटनी कुछ कंपनियों के लिए एक उचित उपाय हो सकती है। ऐसे कदम के प्रभावों को देखते हुए कानूनी कार्रवाई और अन्य खतरों को नकारा नहीं जा सकता है। कंपनी के नेतृत्व को सुरक्षित रखने के लिए डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स इंश्योरेंस पॉलिसी एक ज़रूरत बन रही है।
पॉलिसीबाज़ार.कॉम के लायबिलिटी एंड फाइनेंशियल रिस्क डिपार्टमेंट की प्रैक्टिस लीडर, ईवा साइवाल का कहना है कि कंपनी में कर्मचारियों कम की संख्या होने पर भी कर्मचारी की किसी कार्रवाई के नतीजे में उस पर कभी भी समय मुकदमा दायर हो सकता है। ऐसी देयताएं कंपनी को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए आज के कारपोरेट माहौल में, डायरेक्टर्स और ऑफिसर्स पॉलिसी बहुत ही लाभदायक है।
यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम
डायरेक्टर्स और ऑफिसर्स पॉलिसी के फायदे
डायरेक्टर्स और ऑफिसर्स पॉलिसी में निवेश करने पर व्यक्तिगत देयताओं से सुरक्षित होना संभव होता है। जब बीमित निदेशक या अधिकारी पर उनके कॉर्पोरेट कर्तव्यों का पालन करने से संबंधित किसी विषय के आधार पर मुकदमा चलाया जाता है, ऐसी स्थिति में यह पॉलिसी मददगार साबित होती है। पॉलिसी न होने पर उनके खिलाफ हुए फैसले के लिए भुगतान करने की जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से उनकी होगी।
इस समय किसी प्रतिभावान व्यक्ति को कारपोरेट जगत की तरफ आकर्षित करना और उसे रोके रखना आसान नहीं है। व्यक्तिगत देयताओं से सुरक्षा न होने पर नेतृत्व की भूमिका निभाना कठिन हो सकता है। इसलिए, कंपनियां गुणवत्तापूर्ण प्रतिभावान लोगों को आकर्षित करने के लिए डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स पॉलिसी खरीदती हैं जिससे वे किसी भी दावे से सुरक्षित रहने के लिए आश्वस्त हो सकते हैं।
डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स बीमा मुख्य रूप से सार्वजनिक संस्थानों द्वारा लिया जाता है, लेकिन निजी संस्थानों के अधिकारियों को भी कानूनी कर्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, कर्मचारी, शेयरधारक और अन्य तृतीय पक्ष अक्सर निजी कंपनियों पर मुकदमा दायर करते रहते हैं,इसलिए अकिसी भी कंपनी की जोखिम प्रबंधन रणनीति में जिससे डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स पॉलिसी एक महत्वपूर्ण घटक बन जाता है।
व्यवसाय को संचालित और विकसित करने के लिए अतिरिक्त कोष की ज़रूरत पड़ती है। इसे ऐसे निवेशकों से धन जुटाना होता है जो अपने हितों को सुरक्षित रखना चाहते हैं। संभावित निवेशक डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स बीमा लेने वाली मजबूत कंपनी में निवेश करना पसंद करेंगे।
इस लिए डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स बीमा आज सभी कंपनियों की ज़रूरत का रूप ले रहा है।
यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?
Directors and Officers Insurance Policy: डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स इंश्योरेंस पॉलिसी साधारण बीम से अलग और एक नई अवधारणा वाली पॉलिसी है। इसे खास तौर पर निदेशकों और बड़े अधिकारियों के लिए तैयार किया गया है। यह पॉलिसी संबंधित बीमित व्यक्ति या कंपनी के लिए, कानूनी लागत, जन संचार लागत जैसे कई खर्चों की भरपाई करती है। निदेशकों और बड़े अधिकारियों की द्वारा यी उनकी जानकारी या शह पर होने वाले किसी भी गलत काम के लिए उन पर कार्रवाई की जा सकती है, इसलिए निदेशकों और बड़े अधिकारियों के लिए इस पॉलिसी को लेना जरूरी होता जा रहा है। यह पॉलिसी उन्हें गलत तरीके से बर्खास्त करने, यौन उत्पीड़न, लांक्षित करने, नियामक प्रतिक्रिया जैसे मामलों के लिए किए जाने वाले दावों से बचा सकती है।
पिछले साल कुछ प्रमुख संगठनों द्वारा की गई घोषणाओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जिस तरह 2021 इस्तीफे देने का वर्ष रहा, ङसी तरह 2022 छंटनी करने या काम से निकाले जाने का वर्ष प्रतीत होता है। अर्थ व्यवस्था के बदलाव को देखते हुए, छंटनी कुछ कंपनियों के लिए एक उचित उपाय हो सकती है। ऐसे कदम के प्रभावों को देखते हुए कानूनी कार्रवाई और अन्य खतरों को नकारा नहीं जा सकता है। कंपनी के नेतृत्व को सुरक्षित रखने के लिए डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स इंश्योरेंस पॉलिसी एक ज़रूरत बन रही है।
पॉलिसीबाज़ार.कॉम के लायबिलिटी एंड फाइनेंशियल रिस्क डिपार्टमेंट की प्रैक्टिस लीडर, ईवा साइवाल का कहना है कि कंपनी में कर्मचारियों कम की संख्या होने पर भी कर्मचारी की किसी कार्रवाई के नतीजे में उस पर कभी भी समय मुकदमा दायर हो सकता है। ऐसी देयताएं कंपनी को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए आज के कारपोरेट माहौल में, डायरेक्टर्स और ऑफिसर्स पॉलिसी बहुत ही लाभदायक है।
यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम
डायरेक्टर्स और ऑफिसर्स पॉलिसी के फायदे
डायरेक्टर्स और ऑफिसर्स पॉलिसी में निवेश करने पर व्यक्तिगत देयताओं से सुरक्षित होना संभव होता है। जब बीमित निदेशक या अधिकारी पर उनके कॉर्पोरेट कर्तव्यों का पालन करने से संबंधित किसी विषय के आधार पर मुकदमा चलाया जाता है, ऐसी स्थिति में यह पॉलिसी मददगार साबित होती है। पॉलिसी न होने पर उनके खिलाफ हुए फैसले के लिए भुगतान करने की जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से उनकी होगी।
इस समय किसी प्रतिभावान व्यक्ति को कारपोरेट जगत की तरफ आकर्षित करना और उसे रोके रखना आसान नहीं है। व्यक्तिगत देयताओं से सुरक्षा न होने पर नेतृत्व की भूमिका निभाना कठिन हो सकता है। इसलिए, कंपनियां गुणवत्तापूर्ण प्रतिभावान लोगों को आकर्षित करने के लिए डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स पॉलिसी खरीदती हैं जिससे वे किसी भी दावे से सुरक्षित रहने के लिए आश्वस्त हो सकते हैं।
डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स बीमा मुख्य रूप से सार्वजनिक संस्थानों द्वारा लिया जाता है, लेकिन निजी संस्थानों के अधिकारियों को भी कानूनी कर्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, कर्मचारी, शेयरधारक और अन्य तृतीय पक्ष अक्सर निजी कंपनियों पर मुकदमा दायर करते रहते हैं,इसलिए अकिसी भी कंपनी की जोखिम प्रबंधन रणनीति में जिससे डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स पॉलिसी एक महत्वपूर्ण घटक बन जाता है।
व्यवसाय को संचालित और विकसित करने के लिए अतिरिक्त कोष की ज़रूरत पड़ती है। इसे ऐसे निवेशकों से धन जुटाना होता है जो अपने हितों को सुरक्षित रखना चाहते हैं। संभावित निवेशक डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स बीमा लेने वाली मजबूत कंपनी में निवेश करना पसंद करेंगे।
इस लिए डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स बीमा आज सभी कंपनियों की ज़रूरत का रूप ले रहा है।
यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?