- Date : 23/06/2023
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भारत की लीडिंग टेक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जानकारी के मुताबिक कंपनी के कुछ सीनियर कर्मचारी सालों से नौकरी के बदले स्टाफिंग फर्मों से पैसे लेते आ रहे हैं।

Bribes For Jobs in TCS: भारत की लीडिंग टेक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जानकारी के मुताबिक कंपनी के कुछ सीनियर कर्मचारी सालों से नौकरी के बदले स्टाफिंग फर्मों से पैसे लेते आ रहे हैं। इस खबर के बाहर आने के बाद टीसीएस में खलबली मच गई है। कंपनी ने इस खबर के सामने आने के बाद तत्काल प्रभाव से रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप के चार अधिकारियों को टर्मिनेट कर दिया है। वहीं तीन स्टाफिंग फर्मों को बैन कर दिया है। खबर है कि इस खुलासे से टीसीएस का टॉप मैनेजमेंट काफी परेशान है।
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के एक व्हिसलब्लोअर ने कंपनी के सीईओ और सीओओ को चिट्ठी लिखकर बताया था कि आरएमजी के ग्लोबल चीफ ईएस चक्रवर्ती स्टाफिंग फर्मों से कमीशन ले रहे थे। इन आरोपों की जांच के लिए कंपनी ने चीफ इनफॉरमेशन सिक्योरिटी ऑफिसर अजीत मेनन समेत तीन लोगों को टीम जांच कमेटी बनाई। जांच पूरी होने के बाद टीसीएस ने अपने रिक्रूटमेंट चीफ को छुट्टी पर भेज दिया और आरएमजी के चार अधिकारियों को टर्मिनेट कर दिया।
बताया जा रहा है कि कंपनी ने आरएमजी के ग्लोबल चीफ ईएस चक्रवर्ती को कंपनी आने से रोक दिया है।वहीं आरबीएम डिवीजन के एक अन्य अधिकारी अरुण जीके को बर्खास्त कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टीसीएस के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले तीन सालों में ठेकेदारों समेत 3 लाख लोगों को काम पर रखा गया है। इस दौरान घोटाले में शामिल लोगों ने कमीशन के तौर पर कम से कम सौ करोड़ रुपये कमाए हैं।
टीसीएस आम तौर पर एंप्लाई रेफरल प्रोग्राम या फिर स्टाफिंग फर्म के जरिए भर्तियां करता है। ये कंपनियां टीसीएस को कर्मचारियों की लिस्ट देती है जिसके बाद कंपनी उनका टेस्ट लेती है और फिर इंटरव्यू राउंड होता है। इसके बाद कर्मचारियों की भर्ती की जाती है। टीसीएस के आरएमजी डिविजन में लगभग हर रोज 3 हजार लोगों को प्रोजेक्ट पर लगाया जाता है। यानी औसत निकाला जाए तो हर मिनट एक प्लेसमेंट होती है।