- Date : 22/06/2023
- Read: 2 mins
एलन मस्क अपने स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड को भारत में लाना चाहते हैं जिसका रिलायंस भारी विरोध कर रहा है। रिलायंस जियो चलाता है जिसका आज भारत में टेलिकॉम सेक्टर के बड़े हिस्से पर कब्जा है।

Global Internet War: रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने ठीक ही कहा था कि इंटरनेट भविष्य का इंधन है और इस इंधन को लेकर जंग शुरू हो चुकी है। ये जंग दुनिया के सबसे अमीर शख्स रहे एलन मस्क और एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के बीच इंटरनेट को लेकर शुरू हुई है। दरअसल एलन मस्क अपने स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड को भारत में लाना चाहते हैं जिसका रिलायंस भारी विरोध कर रहा है। रिलायंस जियो चलाता है जिसका आज भारत में टेलिकॉम सेक्टर के बड़े हिस्से पर कब्जा है। स्टारलिंक अगर भारत में आ जाता है तो जियो के लिए ये बड़ा खतरा साबित होगा।
दरअसल मंगलवार को अमेरिका के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलन मस्क के बीच बैठक हुई जिसमें मस्क ने ये मुद्दा उठाया। मस्क ने स्टारलिंक को भारत में लॉन्च करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि अगर स्टारलिंक भारत में लॉन्च हो जाता है तो उन दूर दराज के गांवों में आश्चर्यजनक परिवर्तन ला सकता है जहां अभी तक इंटरनेट की पहुंच नहीं हो पाई है या हाई स्पीड इंटरनेट का अभाव है।
हालांकि पीएम मोदी के साथ बातचीत में मस्क ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंग स्पेक्ट्रम को लेकर बात नहीं की जिसको लेकर पेंच फंसा हुआ है। स्पेक्ट्रम को लेकर ही स्टारलिंक और रिलायंस में मतभेद है। इसी मुद्दे को लेकर दुनिया के दो सबसे अमीर लोग एक दूसरे के सामने खड़े हो गए हैं। स्टारलिंक भारत से सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी ना करके ग्लोबल पैटर्न के अनुरूप लाइसेंस आवंटित करने की पैरवी कर रहा है। स्टारलिंक का कहना है कि ये एक प्राकृतिक संसाधन है जिसे कंपनियों द्वारा साझा किया जाना चाहिए।
स्टारलिंक की इस मांग से रिलायंस असहमत है और उनका तरक् है कि सरकार को सार्वजनिक रूप से नीलामी करनी चाहिए। उनका कहना है कि विदेशी सैटेलाइट सर्विस प्रोवाइडर आवाज और डेटा सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। रिलायंस का कहना है कि विदेशी सर्विस प्रोवाइडर ट्रेडिशनल टेलिकॉम प्लेयर्स के साथ कंपटीशन कर सकते हैं इसलिए सबको समान अवसर मिलना चाहिए जिसके लिए नीलामी जरूरी है।