जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले जान लें ये 5 खास बातें

सही जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने में मदद करेगी ये 5 बातें

जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले जान लें ये 5 खास बातें

क्या आप जीवन बीमा पॉलिसी लेने का मन बना रहे हैं? तो, आंख बंद करके या किसी की बातों में आकर पॉलिसी मत खरीदें, बल्कि कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखें। कई बार लोग किसी की बातों में आकर पॉलिसी खरीद तो लेते हैं, लेकिन बाद में उन्हें पछताना पड़ता है। 

जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले ध्यान रखने वाली 5 बातें:

1. कौन सी पॉलिसी खरीदें: 

जीवन बीमा पॉलिसी कई तरह की होती है; जैसे टर्म प्लान, एंडॉमेंट प्लान, मनी बैक पॉलिसी, होल टर्म प्लान, यूलिप यानी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लांस, पेंशन प्लांस, इत्यादि। हर प्लान के अलग-अलग नफा-नुकसान होते हैं और हर प्लान अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से तैयार किए जाते हैं। पॉलिसी लेने से पहले आप अपने परिवार की जरूरतों और अपनी प्रीमियम देने की अपनी क्षमता पता कर लें, उसके बाद ही जो आपको अपने लिए सबसे सही लगे वही पॉलिसी खरीदें। अगर शेयर बाजार की तेजी का फायदा उठाते हुए कवर लेना चाहते हैं तो यूलिप सही होगा। अगर रिटायरमेंट को ध्यान में रखकर पॉलिसी लेना चाहते हैं तो पेंशन प्लान सही होगा और अगर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी-विवाह के उद्देश्य से पॉलिसी लेना चाहते हैं तो मनी बैक पॉलिसी सही रहेगा। ध्यान रहे कि पॉलिसी के लिए प्रीमियम चुकाना होता है।

2. कितने सम एश्योर्ड की पॉलिसी खरीदें: 

जब आपने सही पॉलिसी का चुनाव कर लिया तो अगला सवाल उठता है कि आपको कितने सम एश्योर्ड की पॉलिसी लेनी चाहिए। पॉलिसी लेते समय आपने यह जरुर तय किया होगा कि आपके जाने के बाद आपके परिवार को कितनों पैसों की जरूरत होगी ताकि वे अपनी हर जरूरत पूरी करते हुए आपके बिना भी आराम से अपनी जिंदगी जी सकें। जीवन बीमा पॉलिसी के बारे में कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति की सालाना कमाई का कम से कम 10-12 गुना जीवन बीमा तो होना ही चाहिए। तो मान लीजिए कि आपकी सालाना कमाई ₹20 लाख है तो आपको कम से कम ₹2-2.40 करोड़ सम एश्योर्ड का जीवन बीमा लेना चाहिए।

3. पॉलिसी कैसे और कहां से खरीदें: 

बाजार में कई सारी कंपनियां जीवन बीमा पॉलिसी बेचती हैं। जिस कंपनी से आप पॉलिसी खरीदना चाहते हैं, उस कंपनी के बारे में पता कर लें। बीमा कंपनी को बीमा प्रोडक्ट बेचने के लिए आईआरडीएआई से लाइसेंस लेना होता है। किसी कंपनी से पॉलिसी लेने से पहले यह जरूर पता कर लें कि उस कंपनी ने आईआरडीएआई से लाइसेंस लिया है या नहीं। इसके अलावा, उस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो भी पता कर लेना चाहिए। सबसे ज्यादा रेश्यो वाली कंपनी अच्छी मानी जाती है। अब खुद से पूछें कि पॉलिसी एजेंट से लेना है या खुद से लेना है। कई कंपनियां तो ऑनलाइन पॉलिसी खरीदने की सुविधा देती हैं। अगर आप पॉलिसी के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं तो आप खुद से पॉलिसी ले सकते हैं।  

4. पॉलिसी का एग्रीमेंट जरूर पढ़ें: 

बीमा पॉलिसी खरीदते समय आप कंपनी के साथ एक एग्रीमेंट पर सहमत होते हैं। इसलिए एग्रीमेंट को ठीक से पढ़ें। कई बार एजेंट बताते कुछ हैं और एग्रीमेंट में होता कुछ और है। अगर एग्रीमेंट में आपकी जरूरत की बातें नहीं हों तो इसकी जानकारी बीमा कंपनी और एजेंट को दें। आप बीमा पॉलिसी खरीदने के 15 दिनों के अंदर पॉलिसी रद्द कर सकते हैं। 

5. पॉलिसी में नॉमिनी का नाम जरूर दें: 

पॉलिसी लेने वाले अक्सर एक गलती करते हैं कि वे पॉलिसी में नॉमिनी का नाम नहीं डालते हैं। नॉमिनी का नाम डालने से ये फायदा होता है कि बीमाधारक के अचानक चल बसने के बाद बीमा का पैसा आसानी से नॉमिनी के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है। नॉमिनी का नाम नहीं होने पर बीमाधारक के चले जाने के बाद बीमे के पैसों को सही व्यक्ति तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। नॉमिनी हालांकि केवल बीमे के पैसे का रखवाला होता है और उसे बीमाधारक के सही उत्तराधिकारी को पैसे देना होता है। बीमा पॉलिसी में नॉमिनी का नाम देने में किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। 

कुछ पॉलिसी ऐसी होती है जिन पर आप जरूरत के समय लोन ले सकते हैं। कुछ पॉलिसी के मामले में आप मैच्योरिटी से पहले पॉलिसी को सरेंडर करके भी पैसे ले सकते हैं। हर व्यक्ति के लिए जीवन बीमा पॉलिसी जरूरी है और पॉलिसी लेने से पहले उपर बताई गई बातों को जरूर ध्यान में रखें। 

क्या आप जीवन बीमा पॉलिसी लेने का मन बना रहे हैं? तो, आंख बंद करके या किसी की बातों में आकर पॉलिसी मत खरीदें, बल्कि कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखें। कई बार लोग किसी की बातों में आकर पॉलिसी खरीद तो लेते हैं, लेकिन बाद में उन्हें पछताना पड़ता है। 

जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले ध्यान रखने वाली 5 बातें:

1. कौन सी पॉलिसी खरीदें: 

जीवन बीमा पॉलिसी कई तरह की होती है; जैसे टर्म प्लान, एंडॉमेंट प्लान, मनी बैक पॉलिसी, होल टर्म प्लान, यूलिप यानी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लांस, पेंशन प्लांस, इत्यादि। हर प्लान के अलग-अलग नफा-नुकसान होते हैं और हर प्लान अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से तैयार किए जाते हैं। पॉलिसी लेने से पहले आप अपने परिवार की जरूरतों और अपनी प्रीमियम देने की अपनी क्षमता पता कर लें, उसके बाद ही जो आपको अपने लिए सबसे सही लगे वही पॉलिसी खरीदें। अगर शेयर बाजार की तेजी का फायदा उठाते हुए कवर लेना चाहते हैं तो यूलिप सही होगा। अगर रिटायरमेंट को ध्यान में रखकर पॉलिसी लेना चाहते हैं तो पेंशन प्लान सही होगा और अगर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी-विवाह के उद्देश्य से पॉलिसी लेना चाहते हैं तो मनी बैक पॉलिसी सही रहेगा। ध्यान रहे कि पॉलिसी के लिए प्रीमियम चुकाना होता है।

2. कितने सम एश्योर्ड की पॉलिसी खरीदें: 

जब आपने सही पॉलिसी का चुनाव कर लिया तो अगला सवाल उठता है कि आपको कितने सम एश्योर्ड की पॉलिसी लेनी चाहिए। पॉलिसी लेते समय आपने यह जरुर तय किया होगा कि आपके जाने के बाद आपके परिवार को कितनों पैसों की जरूरत होगी ताकि वे अपनी हर जरूरत पूरी करते हुए आपके बिना भी आराम से अपनी जिंदगी जी सकें। जीवन बीमा पॉलिसी के बारे में कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति की सालाना कमाई का कम से कम 10-12 गुना जीवन बीमा तो होना ही चाहिए। तो मान लीजिए कि आपकी सालाना कमाई ₹20 लाख है तो आपको कम से कम ₹2-2.40 करोड़ सम एश्योर्ड का जीवन बीमा लेना चाहिए।

3. पॉलिसी कैसे और कहां से खरीदें: 

बाजार में कई सारी कंपनियां जीवन बीमा पॉलिसी बेचती हैं। जिस कंपनी से आप पॉलिसी खरीदना चाहते हैं, उस कंपनी के बारे में पता कर लें। बीमा कंपनी को बीमा प्रोडक्ट बेचने के लिए आईआरडीएआई से लाइसेंस लेना होता है। किसी कंपनी से पॉलिसी लेने से पहले यह जरूर पता कर लें कि उस कंपनी ने आईआरडीएआई से लाइसेंस लिया है या नहीं। इसके अलावा, उस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो भी पता कर लेना चाहिए। सबसे ज्यादा रेश्यो वाली कंपनी अच्छी मानी जाती है। अब खुद से पूछें कि पॉलिसी एजेंट से लेना है या खुद से लेना है। कई कंपनियां तो ऑनलाइन पॉलिसी खरीदने की सुविधा देती हैं। अगर आप पॉलिसी के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं तो आप खुद से पॉलिसी ले सकते हैं।  

4. पॉलिसी का एग्रीमेंट जरूर पढ़ें: 

बीमा पॉलिसी खरीदते समय आप कंपनी के साथ एक एग्रीमेंट पर सहमत होते हैं। इसलिए एग्रीमेंट को ठीक से पढ़ें। कई बार एजेंट बताते कुछ हैं और एग्रीमेंट में होता कुछ और है। अगर एग्रीमेंट में आपकी जरूरत की बातें नहीं हों तो इसकी जानकारी बीमा कंपनी और एजेंट को दें। आप बीमा पॉलिसी खरीदने के 15 दिनों के अंदर पॉलिसी रद्द कर सकते हैं। 

5. पॉलिसी में नॉमिनी का नाम जरूर दें: 

पॉलिसी लेने वाले अक्सर एक गलती करते हैं कि वे पॉलिसी में नॉमिनी का नाम नहीं डालते हैं। नॉमिनी का नाम डालने से ये फायदा होता है कि बीमाधारक के अचानक चल बसने के बाद बीमा का पैसा आसानी से नॉमिनी के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है। नॉमिनी का नाम नहीं होने पर बीमाधारक के चले जाने के बाद बीमे के पैसों को सही व्यक्ति तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। नॉमिनी हालांकि केवल बीमे के पैसे का रखवाला होता है और उसे बीमाधारक के सही उत्तराधिकारी को पैसे देना होता है। बीमा पॉलिसी में नॉमिनी का नाम देने में किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। 

कुछ पॉलिसी ऐसी होती है जिन पर आप जरूरत के समय लोन ले सकते हैं। कुछ पॉलिसी के मामले में आप मैच्योरिटी से पहले पॉलिसी को सरेंडर करके भी पैसे ले सकते हैं। हर व्यक्ति के लिए जीवन बीमा पॉलिसी जरूरी है और पॉलिसी लेने से पहले उपर बताई गई बातों को जरूर ध्यान में रखें। 

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