Does you life insurance cover death due to COVID-19?

कोविड-19 के कारण होने वाले मौत की स्थिति में, किए हुए दावों के संबंध में लाइफ़ इंश्योरेंस प्लांस का कैसे निर्धारण किया जाता है?

क्या आपकी लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी कोविड-19 से होने वाली मृत्यु को कवर करती है

मध्य-फरवरी 2021 तक दुनिया भर में 2.4 मिलियन मृत्यु के साथ, कोविड-19 हर दिन हजारों लोगों की जानें लेता जा रहा है। स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर जागरुकता के साथ, कोरोनावायरस महामारी ने लोगों के बीच स्वास्थ्य और लाइफ़ इंश्योरेंस के प्रति चेतना को बढ़ा दिया है। 

किसी भी पॉलिसी का इंश्योरेंस कवरेज पॉलिसी दस्तावेज में बताए नियम और शर्तों के अधीन होता है। जब हेल्थ इंश्योरेंस की बात आती है, तो क्या हमारी मौजूदा पॉलिसी अपने-आप किसी नए रोग को कवर लेती है? यदि नहीं, तो हम जानेंगे कि बढ़ते हुए रोग की तैयारी के लिए कौन सी अतिरिक्त या नई पॉलिसी हमें लेनी चाहिए। उसी प्रकार, यह भी जानना आवश्यक है कि क्या लाइफ इंश्योरें प्लांस कोविड-19 को कवर करते हैं।

लाइफ़ इंश्योरेंस प्लांस और कोविड-19 कवरेज

यदि कोई व्यक्ति कोविड-19 के कारण मौत का शिकार बन जाता है, तो उनका नामिती मृतक के पास मौजूद किसी भी लाइफ़ इंश्योरेंस के तहत बीमित राशि के लिए योग्य होगा। इसे स्वास्थ्य संबंधित मृत्यु मानी जाती है और इस प्रकार नामिती या लाभार्थी नामिती बीमा दावा कर सकता है। ऐसा दावा किसी इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए किया जा सजता है, जिसमें टर्म इंश्योरेंस भी शामिल होता है। 

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अपवर्जन – मुख्यतः, लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसीज उन विशेष प्रकार की मृत्यु का जिक्र करती हैं, जो लाइफ़ इंश्योरेंस के लाभों के तहत शामिल नहीं होती हैं। ऐसे अपवर्जनों में हत्या, आत्महत्या, खतरनाक गतिविधियों के कारण होने वाली मृत्यु इत्यादि शामिल हैं। जबकि कोरोनावायरस से होने वाली मृत्यु एक स्वास्थ्य समस्या है और यह किसी भी अपवर्जन में नहीं आती है।

दावे – यदि मौजूदा पॉलिसीधारक की मृत्यु कोविड-19 से होती है, तो मृत्यु लाभ का भुगतान पॉलिसी की खरीद के समय मृतक द्वारा दी गई नामिती घोषणा के अनुसार किया जाता है। मृत्यु प्रमाणपत्र पेश करते और लाइफ़ इंश्योरेंस क्लेम करते समय जीवित नामिती को पॉलिसी दस्तावेज़ की पुष्टि करनी होगी।

गंभीर बीमारी – यदि लाइफ़ इंश्योरेंस प्लान किसी क्रिटिकल इलनेस राइडर के साथ आता है, तो राइडर की नियम व शर्तें और कोविड-19 से जुड़ी उनकी उपयुक्तता का पता लगाना होता है। यदि कोविड-19 खुद ही किसी ऐसी गंभीर बीमारी की सूची में शामिल है, तो उनसे जुड़ी कुछ शर्तें हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, गंभीर बीमारी की स्थिति में बीमाकर्ता पॉलिसीधारक को मान्यताप्राप्त मेडिकल सलाह का पालन करने को कह सकता है। ऐसा न करने पर मृत्यु दावा लाभों को ठुकरा दिया जा सकता है। उसी प्रकार, गंभीर बीमारी लाभ ऐसी स्थिति में उपलब्ध नहीं होंगे, जब कोविड-19 की मृत्यु प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सूचीबद्ध गंभीर बीमारी के कारण होती है। हालांकि, यह केवल तभी प्रयोज्य है, जब बीमित व्यक्ति की मृत्यु रोग की पहचान के 30 दिनों के भीतर होती हो और गंभीर लाभ को प्रभावित करती है, न कि बेसिक बीमित राशि को।

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कोरोना के दौर में लाइफ़ इंश्योरेंस

जिन व्यक्तियों के पास मौजूदा लाइफ़ इंश्योरेंस न हो, उन्हें बीमा पॉलिसियों पर महामारी के निहितार्थ को समझने की आवश्यकता है। उन्हें यह भी जानना होगा कि यह वायरस नए पॉलिसी अनुप्रयोगों की स्वीकृति या अस्वीकृति पर लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी के उद्देश्य को प्रभावित कर सकता है।

प्रीमियम लागत – किसी पॉलिसी आवेदन की स्वीकृति या अस्वीकृति के अलावा, नए लाइफ़ इंश्योरेंस प्रीमियम में इज़ाफ़ा भी हो सकता है। महामारी अतिरिक्त लागत पैदा करती है और बीमाकर्ताओं के लिए दावे के जोखिम को बढ़ा देती है। प्रीमियम के बढ़ने से इस बदले परिदृश्य में वित्तीय लागत बढ़ जाती है। हालांकि, वैक्सीन अच्छे तरह से प्रभावी पाए जाते हैं और हर्ड इम्युनिटी पूरा हो जाती है, तो चीजें सामान्य स्थिति में लौट सकती हैं।

स्वास्थ्य की स्थिति – यदि आप कोई लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद रहे हैं, तो आपको स्वास्थ्य जांच करवानी पड़ सकती है और बीमाकर्ता आपके मेडिकल हिस्ट्री का भी विश्लेषण कर सकता है। कोरोनावायरस की मौजूदगी या पूर्व में होने की स्थिति में पॉलिसी के लिए आवेदन पर बीमाकर्ता के फैसले प्रभावित होंगे। उसी तरह, कोविड-19 के साथ पैदा होने वाली बीमारियों के होने से स्वीकृति और प्रीमियम की गणना प्रभावित होगी। इसमें हाइपरटेंशन, डायबिटीज, हृदय रोग, लिवर और किडनी इत्यादि की समस्याएं शामिल होती हैं।

कोरोनावायरस संक्रमण – यदि कोई व्यक्ति अभी एक नया इंश्योरेंस प्लान खरीदता है, पर बाद में कोविड संक्रमण के कारण उसकी मौत हो जाती है, तो नामिती को मृत्यु लाभ के भुगतान के लिए योग्य होगा। हालांकि यही बाद तब सही नहीं होगी, जब पॉलिसी धारक पॉलिसी की खरीद के समय कोविड से संक्रमित पाया गया हो। 

किसी भी स्थिति में, नए पॉलिसी खरीददार को पॉलिसी खरीदने से पहले उसकी नियम व शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ लेना चाहिए।

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लाइफ़ इंश्योरेंस के प्रकार और कोविड-19 के लिए उनकी उपयुक्तता

भारत में विभिन्न प्रकार के लाइफ़ इंश्योरेंस प्लांस पेश किए जा रहे हैं। भले ही ये प्लांस लाइव कवर प्रदान के लिए डिजाइन किए गए होते हैं, ये प्लांस अन्य उद्देश्यों को भी पूरा करते हैं। यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान एक अच्छा निवेश अवसर है, जबकि रिटायर्मेंट प्लान रिटायर्मेंट के बाद के आय के लिए आदर्श है। एंडॉमेंट प्लांस और चिल्ड्रन्स प्लांस आपको बचत करने में मदद करते हैं, जबकि मनी-बैक प्लांस सावधिक आय प्रदान करते हैं। 

कोविड-19 की जोखिम को कवर करने के लिए खरीदी गई इंश्योरेंस पॉलिसी सबसे पहले लाइफ़ कवर पर ध्यान देती है। और जब शुद्ध जोखिम कवरेज की बात जाती है, तो लाइफ़ इंश्योरेंस टर्म प्लान या होल लाइफ़ इंश्योरेंस प्लान लेने चाहिए। इन दोनों में यह अंतर है कि टर्म लाइफ़ इंश्योरेंस एक विशिष्ट अवधि के लिए लाइफ़ कवर पेश करता है, पर एक होल लाइफ़ प्लान (जैसा कि इसके नाम से पता चलता है) व्यक्ति के संपूर्ण जीवन के लिए होता है।

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अंतिम शब्द

संक्षेप में कहें, तो कोविड-19 मृत्यु का कवरेज मौजूदा लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए ज्यादा संदेह में नहीं है। नई पॉलिसियों की स्थिति में, पॉलिसी खरीददार को प्रीमियम लागत, गंभीर बीमारियों का प्रभाव और पूर्व और मौजूदा कोरोनावायरस संक्रमण जैसे आयामों की गहरी पड़ताल करनी चाहिए। यदि आपने अभी कोई लाइफ़ कवर नहीं लिया है, तो महामारी आपको लाइफ़ इंश्योरेंस की अहमियत को लेकर समय पर दिए जाने वाले रिमाइंडर के रूप में हो सकती है। यह जीवित परिवार को किसी वित्तीय कठिनाइयों से बचाएगा, जो कोविड-19 से किसी व्यक्ति के अचानक निधन के कारण पैदा हो सकती है। कोविड-19 महामारी के दौरान हेल्थ बीमा खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें

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