- Date : 26/07/2021
- Read: 6 mins
यदि आप गंभीर बीमारियों के लिए कवरेज खरीदने की योजना बना रहे हैं ,तो आपको अनेकों महत्वपूर्ण लागत के कारकों पर विचार करना चाहिए।

भारत में २०२१ से २०२५ के बीच स्वास्थ बिमा में शानदार २९% के सी.ए.जी.आर. की बढ़त देखने की उम्मीद की जा रही है। लम्बे समय से बीमारियों से ग्रस्त लोगों की बढ़ती संख्या ,हेल्थकेयर के खर्चों में आयी भारी वृद्धि,सड़क हादसों में बढ़ते मृत्यु के आंकड़े और बीमाकर्ता और नियामकों द्वारा फैलाई जागरूकता जैसे कुछ कारणों से देश में स्वास्थ उद्योग में वृद्धि देखी गई है ।
२०२० में उभरे और फैले वैश्विक महामारी ने भारतीय उपभोक्ताओं को स्वास्थ बिमा अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। स्वास्थ बिमा के अलावा,भारत में बढ़ती गंभीर बीमारियों के कारण उपभोक्ता अब गंभीर बीमारियों के कवरेज भी लेना शुरू कर रहे हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आई.सी.एम.आर.) द्वारा करे गए एक अध्ययन के अनुसार,यह अनुमान लगाया गया है कि २०२० के अंत तक कैंसर के १७ लाख से ज्यादा मामले सामने आएंगे। द ग्लोबल बर्डन ऑफ़ डिजीज के अध्ययन में पता चला है कि भारत में ६०% तक की मौतें ,कैंसर, हृदय रोग,लिवर की बीमारियों ,किडनी की बीमारियां,और फेफड़े की बीमारियों जैसे गंभीर बीमारियों के कारण होती है।
इन बीमारियों के इलाज के लिए औसतन लागत ३.५ लाख रुपये से लेकर २० लाख रुपये तक है। अन्य विवरण नीचे दिए गए हैं :
गंभीर बीमारियों के प्रकार इलाज का औसतन खर्च
किडनी की बीमारी ट्रांसप्लांट होने तक: १० लाख रुपये से शुरू
लिवर की बीमारी : १८ लाख रुपये
कैंसर निजी अस्पताल में: ५ लाख रुपये से लेकर १० लाख रुपये तक
फेफड़े की बीमारी : २० लाख रुपये
ह्रदय सम्बन्धी बीमारी : ३.५ लाख रुपये
यह खर्चें संकेतात्मक हैं और कुछ मामलों में १ करोड़ या उससे ज्यादा तक जा सकते हैं
इन खर्चों के अलावा, आपको गंभीर बीमारियों के लिए कवरेज चुनने से पहले विभिन्न अन्य कारकों पर भी ध्यान देना चाहिए।
सम्बंधित: गंभीर बीमारियों के लिए राइडर :भारतियों के लिए बहुत ज़रूरी
गंभीर बीमारियों के लिए कवरेज चुनने से पहले इन बातों का ध्यान रखें
- आय की क्षति: यह संभावना है कि जब आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे होंगे तो आप काम नहीं कर पाएंगे। इससे आपकी आय पर असर पड़ेगा । हालांकि, आपके खर्चे ख़त्म नहीं होंगे। यदि आप पर वित्तीय रूप से और लोग भी निर्भर हैं या आप ही घर में एकमात्र आय अर्जक हैं ,तो आय की कमी से न केवल आपके उपचार पर असर पड़ेगा, साथ ही आपके परिवार की आकांक्षाओं को भी ठेस पहुंचेगी ।
- हेल्थ केयर के बढ़ते खर्चे : भारत में हेल्थ केयर के खर्च ,खुदरा मुद्रास्फीति से दुगुनी दर से बढ़ रहे हैं। जैसा कि हमने देखा, एक मध्यम वर्ग के परिवार के लिए गंभीर बीमारियों के उपचार के खर्च बहुत ज्यादा होते हैं। हेल्थ केयर खर्चों और उपचार के खर्चों के कारण, गंभीर बीमारियां वित्तीय रूप से आपको खोकला कर सकती है।
- पेशेवरों के अधिक शुल्क: गंभीर बीमारियों के कारण कई बार आपको कोई विशेषज्ञ चिकित्सक की राय लेनी पड़ सकती है, जो घंटे के हिसाब से या हर बार मिलने के लिए बहुत ज्यादा परामर्श शुल्क लेते होंगे। यह भी पुरे उपचार के खर्चे का एक बड़ा भाग होता है।
- अपरिहार्य इ.एम.आई.: हो सकता है कि आपने संपत्ति या गाडी खरीदने के लिए कोई ऋण लिया होगा । यदि संपत्ति और गाडी अनिवार्य हैं तो उनके लिए आप जो इ.एम.आई. चुकाते हैं,वो टाला नहीं जा सकता। किसी इ.एम.आई. के डिफ़ॉल्ट होने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है और आपको अन्य ऋण के लिए आवेदन करने या पुनर्वित्त करने में कठिनाई हो सकती है। आपको बची हुई इ.एम.आई. का हिसाब लगाना चाहिए और गंभीर बीमारियों के लिए कवर लेते वक़्त इस पूरी राशि को अलग कर लेना चाहिए।
- मौजूदा पारिवारिक दायित्व: अपने जीवनसाथी या अन्य परिवार के सदस्य से सुनिश्चित करें कि आप कोई दायित्व या आगामी कोई ज़रूरी खर्च छूटे तो नहीं है। दायित्वों में एक क्रेडिट कार्ड का बिल हो सकता है जिसका डिफ़ॉल्ट होने पर अधिक ब्याज दर लगता है या कोई व्यक्तिगत ऋण जिसकी आपको जानकारी न हो । पारिवारिक दायित्व के बारे में पारदर्शिता से ही आपके अच्छे कवर का चयन करना सुनिश्चित होता है।
- जीवन निर्वहन के खर्चे : पिछले दशक में भारत में औसतन मुद्रास्फीति ७% के आसपास रहा है। इसलिए, आपको न केवल जीवन निर्वहन के खर्चों के बारे में सोचना चाहिए पर साथ ही उस पर मुद्रास्फीति के असर के बारे में भी सोचना चाहिए। इसमें किराए,राशन,मनोरंजन के खर्चे,आवागमन के खर्चे, उपयोगिता के खर्च आदि भी शामिल होंगे ।
- जारी निवेश: आपके कुछ म्यूच्यूअल फंड एस.आई.पी. एवं अन्य निवेश चल रहे होंगे। यह हर महीने कटने वाली एक निश्चित राशि होगी जब तक कि आप उसे बढ़ाने की प्रक्रिया नहीं चुनते |लम्बे समय के लिए निवेश करने से आप कम्पाउंडिंग की शक्ति का लाभ उठा सकते हैं और धन का सृजन कर सकते हैं।
- स्कूल/कॉलेज फीस: कोई भी माँ-बाप नहीं चाहेंगे कि इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में उनके बच्चों की शिक्षा का नुकसान हो। कवर की कुल कीमत स्कूल या कॉलेज की नियमित और निश्चित खर्चों को ध्यान में रखकर करना चाहिए जैसे कि वार्षिक फीस या किताबों या रहने के खर्चे,और निजी ट्यूशन फीस (यदि हो)|
- परिवार में विवाह: लगभग हर भारतीय के लिए विवाह यादगार अवसर होता है। विवाह का सबसे बेहतरीन तरीके से जश्न मनाना एक रिवाज है और लोग ,आमतौर पर इसपे अच्छा-ख़ासा खर्च कर लेते हैं। यदि आपने किसी भाई-बंधू या आपके बेटे या बेटी के विवाह का खर्च उठाने की ज़िम्मेदारी ली है ,तो आपको इस खर्चे के बारे में भी सोचना चाहिए।
सम्बंधित: क्या आपकी स्वास्थ बिमा योजना गंभीर बीमारियों को कवर करने के लिए पर्याप्त है?
ज़रूरी कवरेज का हिसाब लगाने का आसान तरीका
- अपरिहार्य खर्च : चलिए मान लेते हैं कि अगले पांच वर्ष तक ६०,००० रुपये प्रति माह का खर्च होगा। इसका मतलब यह है कि अगले पांच वर्षों में ६०००० x१२ x५ = ३६००००० रुपये लगेंगे ।
- हेल्थ केयर के खर्चे: सुरक्षित रहने के लिए, अगले पांच वर्ष के लिए गंभीर बीमारियों के उपचार के खर्च ५० लाख रुपये मान लेना ठीक होगा।
- समायोजनीय खर्चे: यदि आपके वर्तमान में जीवन निर्वहन के खर्च करीब ३०००० रुपये हैं ,तो आपको और आपके परिवार को इसे कम करना चाहिए। चलिए मान लेते हैं कि आप इसे २०००० रुपये तक ला सकते हैं। अगले पांच वर्ष तक मुद्रास्फीति की दर यदि १०% होती है, तो अगले पांच वर्ष में औसतन २४,४२० रुपये प्रति माह का खर्च होगा। इसका मतलब है कि आपका अगले पांच वर्ष में १४,६५,२०० रुपये का खर्चा होगा।
- अतिरिक्त आय-अर्जक सदस्य : हो सकता है कि परिवार में अन्य सदस्य होगा (जैसा कि जीवनसाथी) जो महीने का ५०००० रुपये कमाते हो। इसका मतलब यह होगा कि आप अगले पांच वर्ष के लिए ३०००००० रुपये की आय का लाभ उठा सकते हैं( वेतन वृद्धि या बोनस का हिसाब लगाए बिना )
- आपातकालीन कोष: आपके पास आपातकालीन कोष में १० लाख रुपये हो सकते है। आपकी गंभीर बीमारियों का कवरेज =( अपरिहार्य खर्चे+ हेल्थ केयर के खर्च + समायोज्य खर्चे)-( परिवार के सदस्य की आय + आपातकालीन कोष)= ३६,००,००० रुपये + ५०,००,००० रुपये + १४,६५,२०० रुपये -(३०,००,००० रुपये + १०,००,००० रुपये )=६०,६५,२०० रुपये होगा।
अंतिम पंक्तियाँ
हालांकि भारत हेल्थ केयर के खर्चों को लेकर बहुत ही सस्ता देश है ,गंभीर बीमारी आपको वित्तीय संकट में डाल सकते हैं। गंभीर बीमारियों का कवरेज,जीवन की अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए खर्चों की चिंता किये बिना आपके परिवार की मदद करता है। इन सब कारकों के बारे में विचार करके,आप संभावित कवरेज के साथ गंभीर बीमारी की योजना खरीद सकते हैं। एक गंभीर बीमारी की पालिसी खरीदते वक़्त इन ६ युक्तियों का पालन करें।