heres why you should take a medical examination for a life insurance policy

सख्त मेडिकल जांच कराए बिना जीवन बीमा पॉलिसी लेने का विचार अच्छा तो लगेगा, लेकिन ऐसे दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे ध्यान से पढ़ना बेहद ज़रूरी है।

क्या जीवन बीमा करवाने से पहले आपको स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कहा गया है? ऐसा ज़रूर करें!

भारत में जब आप जीवन बीमा के लिए आवेदन करते हैं तो बीमा कंपनी आपके स्वास्थ्य का आंकलन करने के लिए आपसे मेडिकल परीक्षण करवाने को कहती है। लेकिन अगर वो ऐसा न करे तो क्या होगा? क्या ऐसी बीमा पॉलिसी भी होती है, जिन्हें मेडिकल टेस्ट करवाए बिना भी खरीदा जा सकता है? क्या आप खुद को ऐसी स्थिति में डालना चाहेंगे?

आइए इस बारे में अधिक जानते हैं।

नीचे दिए गए कारणों की वजह से मेडिकल जांच की अनिवार्यता ना होने वाली बीमा पॉलिसी (नो-मेड पॉलिसी) लेना फायदेमंद लग सकता है:

  • आप मेडिकल सेंटर जाने और स्वास्थ्य जांच कराने के झंझट से बचेंगे

 

  • पॉलिसी को कम समय में ही मंज़ूरी मिल जाती है

 

  • खराब स्वास्थ्य के कारण आवेदन के अस्वीकार होने की संभावना खत्म हो जाती है

 

  • पहले के किसी छोटी या बड़ी बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह फायदे वाली स्थिति होगी। इसलिए क्योंकि बीमारी का पता चलने पर या तो उन्हें अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता या फिर उनका आवेदन रद्द कर दिया जाता।


यह जानना ज़रूरी है कि पॉलिसीधारक की जांच ना कराते हुए बीमा कंपनी अनिवार्य रूप से अंडरराइटिंग यानि बीमा क्लेम देने की अपनी ज़िम्मेदारी की पूरी प्रक्रिया को हटा रही है। इस प्रक्रिया के तहत चिकित्सा और वित्तीय जांच के आधार पर एक संभावित पॉलिसीधारक को एक विशेष जोखिम वर्ग में रखा जाता है।


यहां समझने वाली बात यह है कि कोई कंपनी मुफ्त में ऐसा नहीं करेगी।

  • खर्च का पहलू

चिकित्सा परीक्षण में छूट देने वाली पॉलिसी के लिए अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में आम तौर पर प्रीमियम राशि किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को होने वाले अनुमानित जोखिम के आधार पर तय की जाती है। परंपरागत रूप से मेडिकल जांच रिपोर्ट का विश्लेषण करके प्रीमियम की राशि तय की जाती है, लेकिन ऐसे मामलों में टेस्ट रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होती।


अगर आप स्वस्थ हैं तो आपसे कम प्रीमियम राशि ली जा सकती है – जिसे “प्रीफर्ड रेट” कहा जाता है। यदि आप मेडिकल जांच करवाने से बचते हैं तो आपको यह फायदा नहीं मिलेगा। भारत में जीवन बीमा की दरों का निम्न प्रकार से अलग-अलग निर्धारित किया गया है।

 

  • प्रिफर्ड रेट

 

  • स्टैंडर्ड रेट

 

  • स्मोकर रेट

 

  • सब स्टैंडर्ड रेट


उपरोक्त के अनुसार यदि आप स्वास्थ्य जांच में बिल्कुल स्वस्थ पाए जाते हैं तो आपको “प्रीफर्ड रेट” नाम की विशेष दर की पेशकश की जाती है। ऐसे में आपको “स्टैंडर्ड रेट” से कम प्रीमियम का भुगतान करना होगा।

  • अस्वीकृति की संभावना

जब आप एक नॉन-मेडिकल पॉलिसी खरीदते हैं, तो एक प्रकार से आप “अपने अच्छे स्वास्थ्य की घोषणा” करते हैं। एक पॉलिसीधारक के रूप में यह आपके स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति की स्वयं घोषित जानकारी हेती है। इस स्थिति में आप अपने स्वास्थ्य की सही जानकारी देने के लिए जिम्मेदार होंगे। आपके द्वारा दी गई जानकारी गलत साबित होने पर, एक नॉन मेडिकल पॉलिसी में किया गया दावा, “मौजूदा स्थिति की जानकारी छिपाने” के आधार पर रद्द किया जा सकता है।


इस प्रकार, अगर आप जानबूझ कर अपने स्वास्थ्य से जुड़ी “मौजूदा स्थिति की जानकारी” छुपाते हैं, यानि ऐसी जानकारी जो बीमाकर्ता द्वारा आपको बीमा पॉलिसी देने के निर्णय को प्रभावित कर सकती है, तो आपके बीमा दावे को रद्द किया जा सकता है। हालांकि अक्टूबर 2015 के बाद से, 3 साल से ज़्यादा पुरानी बीमा पॉलिसी पर किए गए दावों को बीमाकर्ताओं द्वारा किसी भी स्थिति मे रद्द नहीं किया जा सकता है।


मान लें कि बीमा खरीदते वक्त आपके स्वास्थ्य से जुड़ी किसी स्थिति से आप बेखबर हों या फिर उसका पता ना चल पाया हो, तब भी इस स्थिति की जानकारी देने के लिए आप ही जिम्मेदार होंगे। इसलिए क्योंकि बीमा खरीदते वक्त कोई भी मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया है।

  • अपर्याप्त कवर

आम तौर पर एक बीमा पॉलिसी का काम आपके जीवन के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना होता है, जिसके लिए मेडिकल प्रक्रिया और आर्थिक अंडरराइटिंग के आधार पर एक राशि का आंकलन किया जाता है। इन प्रक्रियाओं की गैर मौजूदगी वाली पॉलिसी में बीमा कवर कम हो सकता है। इसका मतलब है कि आपके पास पर्याप्त बीमा कवर मौजूद नहीं होगा और भविष्य में यदि आपको या आपके परिवार को आर्थिक सहायता की ज़रूरत पड़ती है तो अपर्याप्त कवर के चलते आपको बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। इस जीवन बीमा कैलकुलेटर का उपयोग कर यह पता किया जा सकता है कि आपके लिए कितना बीमा कवर पर्याप्त होगा।


क्या ऐसी पॉलिसी में निवेश करना फायदेमंद है?

भारत में उन जीवन बीमा पॉलिसियों की क़ीमत ज़्यादा है जो मेडिकल जांच से छूट देती हैं। इसलिए ऐसी पॉलिसी खरीदने से पहले इनकी कीमत और फायदों का आंकलन कर लेना बेहतर रहेगा। इन्हें तभी खरीदना चाहिए अगर यह आपकी ज़रूरतों को वास्तव में पूरा करती हों और आपके बजट में फिट बैठती हों।

संवादपत्र

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