- Date : 08/05/2021
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सर्वाइवल, परिपक्वता और मृत्यु पर जीवन बीमा के पाफदों पर एक अकाउंट, और अपने लिए एक सही पॉलिसी चुनने का तरीका।

वैसे लोग जिन्हें मन की शांति चाहिए और किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए तैयार रहना चाहते हैं, उन्हें जीवन बीमा करा लेना चाहिए। इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) ने भारत की सभी बीमा कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे ग्राहक को वार्षिक रिटर्न का एक उदाहरण दें। इससे वे अच्छी तरह से तैयार हो पाएंगे क्योंकि वे पॉलिसी खरीदते समय अनुमानित रिटर्न दर जान सकते हैं।
उदाहरण से दो परिदृश्य स्पष्ट होते हैं:
- ब्याज की अनुमानित निचली सीमा (6%)
- ब्याज की ऊपरी सीमा (10%)
हालांकि, रिटर्न की दर की कोई गारंटी नहीं होती।
अपना प्रीमियम और भुगतान विधि चुनें
- उदाहरणों में पहले वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष या पॉलिसी की परिपक्वता पर ब्याज और ग्राहक की आमदनी के बताया गया है।
- पॉलिसी धारक के पसंद के अनुसार प्रीमियम का भुगतान मासिक (सीधे आपकी मासिक सैलरी से कट जाता है), महीने में दो बार, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक रूप से किया जा सकता है।
- जीवन बीमा खरीदते समय, कोई व्यक्ति वह प्लान चुन सकता है जो उसकी जरूरतों के अनुरूप हो।
- वे अपनी आमदनी के आधार पर सही प्रीमियम का निर्णय ले सकता है।
3 प्रकार के लाभ
- सर्वाइवल लाभ: पॉलिसी की परिपक्वता 40 वर्ष होती है या पॉलिसी धारक के 80 वर्ष की आयु के होने तक होती है, जो भी पहले हो। पॉलिसी धारक को अंतरालों पर धनराशि का भुगतान किया जाता है। यदि योजना की अवधि के दौरान पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है, तो सर्वाइवल लाभ प्राप्त करने के बाद, सभी लाभ नामिती को सौंप दिए जाते हैं।
- परिपक्वता लाभ: पॉलिसी धारक परिपक्वता पर बीमा के फायदे प्राप्त करता है, जो निर्धारित अवधि पर निर्भर करता है, उदाहरण के लिए, 80 वर्ष की आयु होने पर या पॉलिसी आरंभ होने के 40 वर्ष बाद, जो भी पहले आए। परिपक्वता काल की अवधि अलग-अलग होती है और इस बात पर निर्भर करती है कि बीमा कंपनी क्या दे रही है। नामितियों या सर्वाइवरों के लिए पॉलिसी के लाभ वही होते हैं जैसा कि बीमा खरीदते समय उल्लेख किया जाता है।
- मृत्यु लाभ: इस स्थिति में, पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर सर्वाइवर/निकट के रिश्तेदार या नामिती को पॉलिसी के आरंभ से परिलब्धियां (इमॉल्युमेंट्स) मिलती हैं। नामिती को बीमित राशि और सभी बोनस को मिलाकर एकमुश्त भुगतान किया जाता है।
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बोनस
एलआईसी बिजनेस द्वारा अर्जित लाभ के आधार पर वित्तीय वर्ष के अंत में बोनस की घोषणा करता है, जिसका एक भाग पॉलिसी धारक को चला जाता है। एक बार घोषित बोनस उस वर्ष के लिए एक गारंटीज रिटर्न होता है। रिवार्ड के रूप में अतिरिक्त बोनस के घोषणा भी की जाती है यदि एक निश्चित समय अवधि में प्रीमियम का भुगतान आवर्ती रूप से किया गया हो।
अतिरिक्त लाभ:
इन्हें आधार बीमा के अलावा अलग से खरीदना होता है, जैसे दफनाने की लागत या दुर्घटना और अंग विच्छेद (डिस्मेम्बरमेंट) लागत। ये बीमा पॉलिसी में युटिलिटी और अतिरिक्त लाभ जोड़ते हैं।
गारंटीड सरेंडर वैल्यू
गारंटीड सरेंडर वैल्यू पॉलिसी धारक को दी जाने वाली वह राशि होती है जो पॉलिसी के परिपक्वता अवधि से पहले सरेंडर करने की स्थिति में दी जाती है। सरेंडर के लिए जुर्माने निर्धारित होते हैं।
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5-पॉइंट्स बीमा चेकलिस्ट
- सही पॉलिसी खरीदने से पहले रिसर्च करें, फिर एजेंट या ग्राहक सेवा में कॉल करके अपनी चुनी हुई योजना के मुख्य खासियतों पर चर्चा करें।
- नियमों व शर्तों को अच्छी तरह पढ़ें और सुनिश्चित करें कि आप उन खर्चों से अवगत हैं जिन्हें आपको पॉलिसी के लिए करना है।
- व्यक्ति को 15 दिनों तक अध्ययन करना चाहिए और निर्णय लेना चाहिए कि उनका बीमा सही है। बदलाव की अनुमति होती है यदि ग्राहक अपनी वर्तमान खरीद से संतुष्ट नहीं है, या कैंसिलेशन की भी अनुमति है।
- किसी बीमा को अंतिम रूप देने से पहले सबसे अधिक उपयुक्त प्रीमियम भुगतान विकल्पों (मासिक, द्विमासिक, वार्षिक) पर निर्णय लें।
- व्यक्तिगत जानकारी न छुपाएं जैसे मेडिकल इतिहास, क्योंकि यदि इसके बारे में बाद में पता चलता है तो क्लेम करना कठिन हो सकता है। मेडिकल मानदंडों को पूरी तरह से भरते समय ईमानदारी बरतें।
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अंतिम शब्द
इस बात में कोई शक नहीं कि जीवन बीमा आज की जरूरत है। हमें विस्तार से इस बात पर सोचना चाहिए कि हमें किस प्रकार का बीमा खरीदना चाहिए। अपने लिए सबसे अनुकूल बीमा खरीदने से पहले उपलब्ध विभिन्न बीमा पॉलिसी के बाए में अच्छी तरह पढ़ें। जीवन बीमा के प्रकार सरलीकृत