Questions you might have regarding life insurance in relation to coronavirus

यह कुछ आम प्रश्नों के उत्तर हैं, जो लाइफ़ इंश्योरेंस धारक के मन में कोरोना वायरस को लेकर पैदा हो सकते हैं।

कोविड-19 और लाइफ़ इंश्योरेंस से जुड़े प्रश्न

भारत में लाइफ़ इंश्योरेंस का आगमन हुआ 1870 में यूरोपीय लोगों के आने के बाद और तब से यह भारत के निवासियों को कवर करने के लिए कई गुना विस्तार कर चुका है। तब से लाइफ़ इंश्योरेस ने मृत्यु के सभी आयामों को कवर किया है, जिनमें नई महामारी- कोरोना वायरस कोविड-19 भी शामिल है। कोविड-19 के कवरेज की सीमा को समझने में मदद के लिए कुछ बिंदु नीचे दिए गए हैं। पढ़ें...

1. क्या लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसीज कोरोना वायरस के खिलाफ़ कवरेज प्रदान करता है?

हां, वे करते हैं। डब्ल्युएचओ ने कोविड-19 को एक 'नियंत्रण योग्य महामारी’ घोषित किया है। इसलिए, सभी नामिती या दावेदारों को उनकी देय राशि क्लेम के मुताबिक मिलेगी। तार्किक रूप से देखें तो कोविड-19 बस एक अन्य बीमारी है, इसलिए यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु इससे होती है, तो उनके नामिती को पॉलिसी में बताई 'अश्योर्ड राशि’ या क्लेम राशि मिल जाती है। भरत समेत, दुनिया भर की इंश्योरेंस कंपनियां ऐसे दावों का सम्मान कर रही हैं। दोहरे रूप से आश्वस्त होने के लिए, अपने एजेंट या इंश्योरेंस कंपनी से एक कंफर्मेशन डॉक्युमेंट की मांग करें, जो यह बताए कि आप पॉलिसी के अनुरूप सभी क्लेम्स के लिए योग्य हैं, भले ही वे कोविड-19 से ही जुड़े क्यों न हो।

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2. क्या मैं बिना कोरोना टेस्ट करवाए लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकता हूं?

चूंकि, हम महामारी की चपेट में हैं, आप अनिवार्य चेक-अप के बगैर पॉलिसी नहीं खरीद सकते हैं। तथ्य यह है कि लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनियों को व्यवसाय करना है और इसलिए उन्हें पॉलिसी धारक की मृत्यु पर नॉमिनी या दावेदारों द्वारा योग्य सभी लाभ प्रदान करना होगा (या इंश्योरेंस यदि 40 साल से अधिक हो, जो भी बाद में आता हो, तो 'अश्योर्ड राशि’ देनी होगी)। यदि कोई व्यक्ति लाइफ़ इंश्योरेंस खरीदता है और 15 दिनों के भीतर कोविड-19 से उसकी मृत्यु हो जाती है, तो यह बीमा कंपनी के लिए नुकसान होगा। इसलिए, यदि आप पॉलिसी खरीदने की इच्छा जाहिर करते हैं, तो आपको कोविड-19 टेस्ट करवाने को कहा जाएगा। यदि आपका टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो 15-30 दिनों की एक 'कूलिंग ऑफ़’ अवधि होगी, जिसके बाद इंश्योरेंस पॉलिसी की बिक्री संपन्न की जाती है और प्रथम प्रीमियम के भुगतान के एक महीने के बाद यह प्रभावी हो जाता है। 

आपके एजेंट या कंपनी जो भी प्रश्न पूछे उसकी अनदेखी न करें। उनका जवाब पूरे ध्यान और ईमानदारी से दें। इसलिए, यदि और जब वास्तविक क्लेम किया जाए और कंपनी को लगे कि आपने चेक-अप में धोखेबाजी की की है या आप अपने उत्तरों को लेकर ईमानदार नहीं रहे थे, तो क्लेम प्रॉसेस अनावश्यक रूप से लंबी हो जाएगी। इसलिए, जब आप लाइफ़ इंश्योरेंस खरीदते हैं, सभी अनिवार्य ब्लड टेस्ट करवाएं, ताकि आपको मन का सुकून मिल सके। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपके जाने के बाद आपके परिजनों को कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी; वे जीवन के उन मानकों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं, जिनकी वे आदी थे।

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3. यदि मैंने लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोविड-19 शामिल करने के लिए उसे अपडेट नहीं किया है, तो क्या मैं कोरोना वायरस के उपचार के लिए क्लेम करने के योग्य हूंगा?

आपकी लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं है। इसलिए आपको कोविड-19 इंश्योरेंस पॉलिसी या कोरोना कवच इंश्योरेंस पॉलिसी या हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की जरूरत होगी, जो कोविड-19 समेत सभी रोगों को कवर करेगी। आपको यह समझना चाहिए कि कोरोना वायरस बिल्कुल नया है और सभी इंश्योरेंस कंपनियों में कवरेज को मानकीकृत करने में जरा समय लग सकता है। चीजों को हल्के में न लें; हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने से पहले उसकी नियम व शर्तों को ध्यान से पढ़ें। कृपया ध्यान दें कि भारत सरकार ने कोविड-19 इंश्योरेंस पॉलिसी को मानकीकृत कर दिया है, जो सभी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा प्रदान की जाएगी, जहां प्रीमियम ज्यादा अधिक नहीं होगा (9 महीनों के लिए लगभग रु. 3000) और यह कोविड-19 के उपचार को कवर करेगी। 

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4. क्या मुझे कोरोना वायरस कवरेज के लिए ज्यादा प्रीमियम की जरूरत होगी?

यदि आप मौजूदा लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी धारक हैं, तो आपको अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करने की जरूरत नहीं है। लाइफ़ इंश्योरेंस सभी रोगों को कवर करता है, जिनमें कोरोना वायरस भी शामिल है। आपको बस अपने लाइफ़ इंश्योरेंस प्रदाता की ओर से कंफर्मेशन की जरूरत है कि पॉलिसी कोविड-19 को कवर करती है। हालांकि, यदि आप नई पॉलिसी खरीद रहे हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी आपसे कई सारे हेल्थ चेक-अप कराएगी और कोविड-19 से जुड़ी प्रश्नावली प्रदान करेगी। टेस्ट में यदि आप कोरोना-मुक्त पाए जाते हैं, तो आपकी पॉलिसी प्रथम प्रीमियम के भुगतान के एक महीने के बाद प्रभावी हो जाएगी। यहां कोविड-19 के उपचार में शामिल लागत कारक जुड़ा है, इसलिए ज्यादातर बीमा कंपनियों की प्रीमियम राशि आम तौर से अधिक है।

5. यदि मुझे कोरोना निकल गया हो, तो क्या मेरे नामितीयों या दावेदारों को मेरी मृत्यु के बार पूरा क्लेम मिलेगा?

हां, मिलेगा। इसलिए चिंता न करें; अपने प्रीमियम का भुगतान करते रहें और इस बात से खुश रहें कि आपके पास एक इंश्योरेंस कवर है जो कोविड-19 को कवर करेगा, ठीक डायबिटीज या अर्थराइटिस जैसे असंक्रामक रोगों की ही तरह।

अंतिम शब्द

कोविड-19 या कोरोना वायरस कुछ समय तक बना रहेगा और दुनिया अब 'नई सामान्य स्थिति’ के लिए धीरे-धीरे तैयार हो रही है। यह जरूरी है कि हम इस बात को महसूस करें कि भारत में मेडिकल उपचार की उच्च लागत है और सुनिश्चित करें कि हरेक परिवार सदस्य के पास इंश्योरेंस शील्ड हो। सबसे पहले, सार्वजनिक स्थानों पर जाने के दौरान फेस मास्क पहनना न भूलें और हमेशा सुरक्षित सामाजिक दूरी बनाए रखें।

संवादपत्र

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