Train Travel Insurance: This travel insurance of 35 paise will give you these five benefits while traveling by train in hindi

आईआरसीटीसी 35 पैसे लेकर ई-टिकट पर एक वैकल्पिक बीमा देता है जिसे यात्री को टिकट बुकिंग के समय चुनना होता है।

Train Travel Insurance

Train Travel Insurance: ओडिशा ट्रेन दुर्घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। पिछले दो दशकों में ये सबसे बड़ा ट्रेन हादसा है जिसको लेकर देश में शोक की लहर है। अगर आप ट्रेन से यात्रा करते हैं तो टिकट कराते हुए आपसे रेलवे पूछता है कि क्या आपको अपनी यात्रा का इंशोरेंस कराना है जिसकी कीमत मात्र 35 पैसे होती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको उस 35 पैसों की अहमियत बताएंगे जो किसी भी तरह के ट्रेन हादसे के बाद काफी मददगार साबित होती है। 

आईआरसीटीसी 35 पैसे लेकर ई-टिकट पर एक वैकल्पिक बीमा देता है जिसे यात्री को टिकट बुकिंग के समय चुनना होता है। एक बार टिकट बुक हो जाने के बाद आप बीमा का चयन नहीं कर सकते। हालांकि, आईआरसीटीसी के जरिए टिकट बुक करते समय यात्रा बीमा लेना अनिवार्य नहीं है।

आईआरसीटीसी के नियम और शर्तों के अनुसार यात्रा बीमा लेने के ये पांच फायदे हैं।

लाभ-1 यात्रा के दौरान मृत्यु

अगर यात्रा के दौरान यात्री की मृत्यु हो जाती है, या फिर फिर यात्रा के दौरान चोट लग जाती है और उस चोट लगने की तारीख से लेकर 12 महीने तक अगर वो चोट मृत्यु का कारण बनती है। ऐसे में जिसका बीमा हुआ है उस व्यक्ति को बीमा की पूरी राशि मिलती है।

लाभ-2 स्थायी कुल विकलांगता के मामले में

बीमित व्यक्ति को यात्रा के दौरान कोई चोट लगती है और उस घटना की तारीख के 12 महीनों के भीतर वो चोट स्थाई विकलांगता बन जाती है।  ऐसे में बीमित व्यक्ति को बीमा राशि का पूरा पैसा मिलेगा। 

लाभ-3 स्थायी आंशिक विकलांगता

यदि बीमित व्यक्ति को यात्रा के दौरान आकस्मिक चोट लगती है और वो चोट 12 महीने तक आंशिक विकलांगता बन जाती है तो उस व्यक्ति को बीमा की 75 फीसदी राशि मिलेगी।

लाभ-4 चोट लगने पर अस्पताल में भर्ती होने का खर्च

यात्रा के दौरान बीमित व्यक्ति को किसी तरह की चोट लगती है और उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है तो उसके इलाज में दो लाख रुपये तक का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी।

लाभ-5 मृतक के पार्थिव शरीर को ले जाने का खर्च

रेल दुर्घटना और रेलवे एक्ट 1989 के अधिनियम की धारा 124 और 124ए और धारा 123 के तहत ट्रेन दुर्घटना की स्थिति में बीमित व्यक्ति की मृ्त्यु हो जाती है। ऐसे में बीमा कंपनी दस हजार रुपये तक परिवहन पर खर्च करेगी ताकि मृत व्यक्ति के पार्थिव शरीर को उसके घर तक पहुंचाया जा सके या उसे शमशान घाट या कब्रिस्तान तक ले जाया जा सके। इसके लिए किसी तरह के दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी।

संवादपत्र

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