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बाकी सभी सेक्टर की तरह ही गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी लगा है और इसका असर आपकी कार खरीदने की योजना पर पड़ सकता है।

क्या कार खरीदने की योजना है? जीएसटी के बाद इतने पैसे खर्च करने होंगे

नई टैक्स व्यवस्था, जो 1 जुलाई 2017 में लागू हुई, के तहत टैक्स पर टैक्स के पड़ने वाले कैस्केडिंग प्रभाव कम हो गया है। तो इसका नई कार खरीदने वालों पर क्या असर होगा? क्या उन्हें ज्यादा दाम चुकाना पड़ेगा? सेंकेड हैंड गाड़ियां पर भी क्या जीएसटी का असर होगा? क्या नई टैक्स व्यवस्था का कार बीमा या लोन किश्त पर भी असर दिखेगा? आइए जानते हैं-

जीएसटी लागू होने के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर पर एक नजर

 

जीएसटी लागू होने के बाद नई टैक्स व्यवस्था के मुताबिक कार निर्माताओं ने नई गाड़ियों की कीमतों में फेरबदल करना शुरू कर दिया है, ज्यादातर दाम घटे हैं जो खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। जीएसटी के तहत हुए बदलाव:

नई टैक्स व्यवस्था में कई टैक्स को एकत्रित कर दिया गया है जो पहले अलग-अलग चुकाने पड़ते थे जैसे एक्साइज, वैट, सेल्स टैक्स, रोड़ टैक्स, मोटर व्हीकल टैक्स, कार और बाइक की रजिस्ट्रेशन ड्यूटी, आदि।

पहले कार पर टैक्स दर 28 फीसदी से लेकर 55 फीसदी के बीच होती थी। अब जीएसटी के तहत ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए 28 फीसदी टैक्स दर तय की गई है।

साथ ही, सरकार ने अलग-अलग सेगमेंट और साइज के मुताबिक कारों पर सेस लगाने की योजना बनाई है।

हालांकि, अब भी कारों की कीमत और टैक्स को लेकर थोड़ा असमंजस बना हुआ है क्योंकि हर राज्य में इंसेंटिव और छूट की दर अलग-अलग है। इससे कारों के अंतिम दाम में अंतर नजर आएगा।

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मोटे तौर पर जीएसटी प्रस्ताव फायदेमंद नजर आ रहे हैं, लेकिन छोटी कारों पर ज्यादा असर नहीं दिखेगा। हालांकि, लग्जरी कार और एसयूवी ज्यादा किफायती बन जाएंगी। वहीं, हाइब्रिड कारों के लिए बुरी खबर है।

हाइब्रिड कार

इनपर ज्यादा टैक्स लगेगा, क्योंकि हाइब्रिड कारों को लग्जरी कारों का दर्जा दिया गया है और इनपर 43 फीसदी (28 फीसदी जीएसटी+ 15 फीसदी सेस) टैक्स लगेगा। यही टैक्स दर लग्जरी कार और एसयूवी पर भी लगेगी। टैक्स में बढ़ोतरी का असर हाइब्रिड सेगमेंट पर नजर आएगा, खासतौर पर उन राज्यों में जहां कम वैट और एक्साइज ड्यूटी लगती थी।

इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स दर 12 फीसदी तय की गई है।

पुरानी कारों के खरीदारों पर असर

वहीं, सेकेंड हैंड कारों के खरीदारों पर जीएसटी की मार पड़ने की आशंका है। बाजार की उम्मीदों के विपरीत, डीलर अपना टैक्स बोझ खरीदारों पर डाल सकते हैं। यानि सेकेंड हैंड कार खरीदार को ज्यादा दाम चुकाना पड़ता है।

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पुरानी कारों का कारोबार

सेकेंड हैंड कार डीलरों को अपने मार्जिन पर ही जीएसटी चुकाना होगा और इनपुट टैक्स क्रेडिट पा सकते हैं। हालांकि, छोटी अवधि में लगने वाला अतिरिक्त टैक्स डीलरों पर भारी बोझ डाल सकता है।

वहीं, सेकेंड हैंड कार डीलर अपनी गाड़ियों की कीमत नहीं बढ़ा सकते हैं, क्योंकि इससे उनका मुकाबला नई कारों से होगा जो जीएसटी के बाद सस्ती पड़ेंगी। ऐसे में डीलर के पास एक ही रास्ता है कि वो पुरानी गाड़ियां कम कीमत में खरीदे।

इसका मतलब है कि जिस डीलर को जुलाई के पहले पुरानी गाड़ी की 3 लाख रुपये कीमत मिलने की उम्मीद थी, उसे अब कम पैसे मिलने की संभावना है।

लंबी अवधि में डीलर ग्राहकों को टैक्स क्रेडिट देकर अपना घाटा कम कर सकते हैं।

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कार बीमा

जीएसटी काउंसिल ने बीमा सेक्टर के लिए 18 फीसदी टैक्स दर तय की है, यानि अब आपको पहले के 15 फीसदी के अलावा 3 फीसदी और टैक्स चुकाना होगा। बढ़े हुए टैक्स बोझ को ग्राहकों पर डाला जाएगा, जिससे बीमा पॉलिसी के प्रीमियम में भी बढ़ोतरी होगी।

कार बीमा पॉलिसी दो तरह की होती हैं:

  1. कांप्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस: जिसमें थर्ड पार्टी लाइअबिलिटी और कार को हुए नुकसान को कवर किया जाता है।

2. थर्ड-पार्टी मोटर इंश्योरेंस: बीमा की हुई कार से दूसरे की कार को हुए नुकसान और व्यक्ति को पहुंची चोट को कवर किया जाता है।

बीमा पॉलिसी की पूरी रकम पर 18 फीसदी की नई टैक्स दर लागू होगी।

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कंपनियों द्वारा कार कीमतें घटाए जाने का ब्यौरा

मारुति सुजुकी

1 जुलाई के बाद, भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने अपनी ज्यादातर मॉडल की कीमत में 3 फीसदी तक की कटौती है और ऑटो बाजार के लिए मापदंड तय किया है।

  • ऑल्टो का दाम करीब 2,000-5,000 रुपये तक कम होगा, वहीं वैगन ऑर की कीमत करीब 5,000-8,300 रुपये तक घटेगी और स्विफ्ट 6,700-10,700 रुपये तक सस्ती होगी।
  • बलेनो की कीमत में 6,600-13,100 रुपये की गिरावट आएगी और भारत की फिलहाल सबसे ज्यादा बिकने वाली सेडान कार स्विफ्ट डिजायर का दाम 8,100-15,100 रुपये तक घटेगा।
  • बाकी कारों में जिनकी कीमतों में बड़ी कटौती होगी, उनमें विटारा ब्रेजा (10,400-14,700 रुपये कम) और एस-कॉस (17,700-21,300 रुपये कम) शामिल हैं। अर्टिगा पेट्रोल का दाम 21,800 रुपये और सियेज पेट्रोल का दाम 23,400 रुपये घटेगा।

हालांकि, जीएसटी के तहत टैक्स छूट वापस लिए जाने से सियेज और अर्टिगा के हाइब्रिड मॉडल की कीमतों में बढ़ोतरी आई है। उदाहरण के तौर पर इन कारों के डीजल वेरिएंट की कीमत 1 लाख रुपये तक बढ़ सकती है।

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ह्युंदई

  • ह्युंदई की छोटी कारों की कीमत 8,000-24,000 रुपये घटी है, जिसमें ईऑन, ग्रैंड आई10, ऐलीट आई20, एक्सेंट और आई20 एक्टिव शामिल हैं।
  • ह्युंदई की सेडान कारें- वर्ना और इलेंट्रा के दाम में बड़ी कमी आई है – 27,000-70,000 रुपये, वहीं कंपनी की एसयूवी – क्रेटा, टस्कन, सैंटा फे की कीमतें 1 लाख रुपये से 2.5 लाख रुपये तक घटी हैं।

टाटा मोटर्स

  • कंपनी की छोटी कारें यानि नैनो, टियागो, जेस्ट, इंडिका, बोल्ट, टिगॉर और इंडिगो की कीमतें 5,000-21,000 रुपये घटी हैं।
  • वहीं, सुमो, सफारी और हेक्सा के दाम 80,000 रुपये से लेकर 1.60 लाख रुपये तक घटे हैं।

होंडा कार्स इंडिया

  • होंडा ने वीआई-वी, अमेज, जैज और ब्रियो की कीमतें 24,000 रुपये तक घटाई हैं। सिटी 31,000 रुपये और सीआर-वी 2.3 लाख रुपये सस्ती हुईं हैं।

टोयोटा

  • टोयोटा की ईटियोस और कोरोला की कीमतें 57,000 रुपये कम हुईं, वहीं फॉर्च्यूनर और लैंड क्रूजर के दाम 3 लाख रुपये से लेकर 10.5 लाख रुपये घटे हैं।

महिंद्रा एंड महिंद्रा

  • महिंद्रा ग्रुप ने केयूवी100, टीयूवी300 और वेरिटो वाइब की कीमत 36,000 रुपये कम की है।

बाकी कार निर्माता जैसे रेनॉ, निसान, फोर्ड, बीएमडब्ल्यू, फोक्सवैगन, मर्सिडीस बेंज और जैगुआर ने अपनी कारों की कीमतें घटाई हैं, दाम की कटौती 11,000 रुपये से लेकर 6 लाख रुपये है।

 

संवादपत्र

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