अपने मोटर बीमा का नवीनीकरण कर रहे हैं ? यहां कुछ नए नियम हैं जिनको आपको जानना चाहिए

मोटर बीमा खरीदते या उसका नवीनीकरण करते वक़्त पी.यु.सी. प्रमाणीकरण करना अनिवार्य है ,और जानिये कि बहु-वर्षीय तृतीय पक्ष बीमा पॉलिसियां बंद कर दी गई हैं |

 अपने मोटर बीमा का नवीनीकरण कर रहे हैं ? यहां कुछ नए नियम हैं जिनको आपको जानना चाहिए

जैसे-जैसे महामारी दुनियाभर में और भी पीड़ितों को प्रभावित कर रही है ,भारतीय सरकार इस परिस्थिति से जूझते हुए और भी स्वच्छ वातावरण बनाने की प्रणाली के लिए कोशिश कर रही है | आई.आर.डी.ए.आई. ने मोटर चालकों के लिए चीज़ें आसान करने हेतु 2 नए नियम बनाएं हैं | भारत में लागू मोटर बीमा नवीकरण के नए नियमों को समझने के लिए आगे पढ़ें :

1. पी.यु.सी. ( प्रदुषण नियंत्रण ) प्रमाणपत्र अनिवार्य हो गया है

हमारे शहरों के बचाव के लिए जो फिलहाल शुद्ध हवा के लिए तड़प रहे हैं और वातावरण को सुधारने की उम्मीद से, भारत में वाहन चालकों के लिए एक प्रदुषण नियंत्रण प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है | जैसे कि यह देश निकट भविष्य में मोटर उद्योग में उछाल की उम्मीद कर रहा है और साथ ही 2030 तक कम कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है ,इस पहल को हमे दिल से पूरा समर्थन करना चाहिए |

एक पी.यु.सी. प्रमाणपत्र यह सुनिश्चित करता है कि वाहनों के उत्सर्जन स्तर सरकार द्वारा मान्य सीमा के अंदर ही हो और यह वाहन चालकों की ज़िम्मेदारी है कि वे इन मानदंडों को पूरा करने के लिए वाहन के इंजन का सही से देखरेख करें | हालांकि कोई नयी कार जो सीधे शो रूम से निकली हो , उसे पहले वर्ष पी.यु.सी. प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं होती है , यह उन सब वाहनों के लिए अनिवार्य है जो एक वर्ष या उससे ज्यादा पुरानी हो |

सरकार ने पी.यु.सी. प्रमाणपत्र को अनिवार्य कर दिया है परन्तु साथ ही इसने यह भी निर्देश दिए हैं कि कोई भी मोटर बीमा प्रदाता किसी को भी सेवा देने से इंकार नहीं कर सकता है जब तक कि उसके पास एक वैध बीमा हो ,भले ही एक विफल पी.यु.सी. के साथ | इसके बाद, मोटर बीमा नवीकरण के समय, बीमाकर्ता पहले यह जांचेगा कि वाहन का वैध पी.यु.सी. प्रमाणपत्र है या नहीं |

2. तृतीया पक्ष मोटर बीमा केवल 1 वर्ष के लिए वैध होगा

यह नियम वाहनों की बहु-वर्षीय तृतीय पक्ष मोटर बीमा के पहले के विकल्प को ख़त्म करके ऑन-रोड कीमतों को कम करने में मदद करता है | इसके बजाय, अभी से ही, तृतीया पक्ष मोटर बीमा हर वर्ष नवीकरण किया जाएगा | इससे वाहनों की कीमतों में गिरावट आनी चाहिए और यह वाहन मालिकों के लिए एक वरदान स्वरुप होगा क्यूंकि वे अब एक ऐसे बीमा प्रदाता को ढूंढ सकते हैं जो सर्वोत्तम मूल्य या सेवाएं दें और फिर उसके अनुसार जा सकते हैं |

सरकार ने सितम्बर 2018 में नए नियम लागू किये हैं | इसमें कहा गया है कि एक मोटर बीमा प्रदाता को वाहन मालिकों से तृतीय पक्ष के हिस्से का तीन वर्ष का प्रीमियम अग्रिम में जमा करवाना होगा, जिसमे तृतीय पक्ष की देनदारी कवर की जाये, इस प्रकार पहले वर्ष में उनके खर्चें बढ़ जाएंगे| इस कारण से वाहनों की ऑन-रोड कीमत बढ़ गई और वाहन मालिक जबरदस्ती ही एक मोटर बीमा पालिसी से 3 वर्ष के लिए बंध गए |

बीमा प्रदाता की तरफ से 3 वर्षों के लिए प्रीमियम का मूल्य निर्धारित करना मुश्किल है | साथ ही, कोर्ट में दुर्घटना पीड़ितों के मामलों की संख्या कई गुना बढ़ रही थी क्यूंकि वाहन मालिक जिनके पास तृतीया पक्ष मोटर बीमा नहीं था ,वे जानबूझ कर मामलों को खींच रहे थे जिससे पीड़ित भी परेशान होते रहे | यह तथ्य कि मोटर बीमा कंपनियां 3 वर्ष के अग्रिम भुगतान के लिए ज़बरदस्ती कर रही थी जबकि वे पहले वर्ष में अपनी सेवाओं के लिए उसकी प्रतिपूर्ति भी नहीं कर रही थी और साथ ही उसके ब्याज का भी लाभ उठा रही थी, ये सब प्रस्ताव लोगों के लिए पचाना मुश्किल था | वाहन मालिकों को इसके खर्च उठाने पड़ते थे जबकि बीमा कंपनियां ख़ुशी-ख़ुशी अग्रिम भुगतान ले लेती थी|

यह अभ्यास अब बंद हो चूका है और एक नया नियम आया है जिसमे एक वाहन मालिक को तृतीय पक्ष मोटर बीमा के लिए वार्षिक आधार पर बीमा चुकाना पड़ेगा | नियमों को संशोधन करने से और बाजार के अनुकूल,ग्राहकों के अनुसार बदलाव लाने से बीमा क्षेत्र स्वयं को समय के अनुसार सरल कर रहे हैं |

आगे, एक वर्ष से पुराने वाहनों के मोटर बीमा खरीदते वक़्त ज़रूरी दस्तावेज़ों पर नज़र डालते हैं |

2020 में मोटर बीमा खरीदते वक़्त आवश्यक दस्तावेज़:

एक मोटर बीमा पॉलिसी खरीदते वक़्त इन सात दस्तावेज़ों को प्रस्तुत करना होता है :

1. पहचान प्रमाण (इनमे से कोई एक):

  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • सरकार द्वारा जारी फोटो आई.डी.

2. पते का प्रमाण (इनमे से कोई एक):

  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • बैंक या पोस्ट ऑफिस का पासबुक
  • सरकार द्वारा जारी पते का प्रमाण

3. वर्तमान की पासपोर्ट-साइज फोटोग्राफ

4. ड्राइविंग लाइसेंस

5. वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र

6. वैध पी.यु.सी. प्रमाणपत्र (एक वर्ष से पुराने वाहनों के लिए)

7. वर्तमान बीमा पॉलिसी

एक मोटर बीमा पॉलिसी के लिए आवेदन करते वक़्त वाहन मालिक को ऊपर बताये गए सभी दस्तावेज़ प्रस्तुत किये जाने हैं| यदि कोई भी दस्तावेज़ गुम हो जाते हैं तो एजेंट या बीमा कंपनी उसे पुनर्प्राप्त करने के लिए वाहन मालिक को संपर्क करते हैं | सभी दस्तावेज़ों के मिलने और संचालित होने के बाद ही पॉलिसी शुरू की जाती है | 

जैसे-जैसे महामारी दुनियाभर में और भी पीड़ितों को प्रभावित कर रही है ,भारतीय सरकार इस परिस्थिति से जूझते हुए और भी स्वच्छ वातावरण बनाने की प्रणाली के लिए कोशिश कर रही है | आई.आर.डी.ए.आई. ने मोटर चालकों के लिए चीज़ें आसान करने हेतु 2 नए नियम बनाएं हैं | भारत में लागू मोटर बीमा नवीकरण के नए नियमों को समझने के लिए आगे पढ़ें :

1. पी.यु.सी. ( प्रदुषण नियंत्रण ) प्रमाणपत्र अनिवार्य हो गया है

हमारे शहरों के बचाव के लिए जो फिलहाल शुद्ध हवा के लिए तड़प रहे हैं और वातावरण को सुधारने की उम्मीद से, भारत में वाहन चालकों के लिए एक प्रदुषण नियंत्रण प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है | जैसे कि यह देश निकट भविष्य में मोटर उद्योग में उछाल की उम्मीद कर रहा है और साथ ही 2030 तक कम कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है ,इस पहल को हमे दिल से पूरा समर्थन करना चाहिए |

एक पी.यु.सी. प्रमाणपत्र यह सुनिश्चित करता है कि वाहनों के उत्सर्जन स्तर सरकार द्वारा मान्य सीमा के अंदर ही हो और यह वाहन चालकों की ज़िम्मेदारी है कि वे इन मानदंडों को पूरा करने के लिए वाहन के इंजन का सही से देखरेख करें | हालांकि कोई नयी कार जो सीधे शो रूम से निकली हो , उसे पहले वर्ष पी.यु.सी. प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं होती है , यह उन सब वाहनों के लिए अनिवार्य है जो एक वर्ष या उससे ज्यादा पुरानी हो |

सरकार ने पी.यु.सी. प्रमाणपत्र को अनिवार्य कर दिया है परन्तु साथ ही इसने यह भी निर्देश दिए हैं कि कोई भी मोटर बीमा प्रदाता किसी को भी सेवा देने से इंकार नहीं कर सकता है जब तक कि उसके पास एक वैध बीमा हो ,भले ही एक विफल पी.यु.सी. के साथ | इसके बाद, मोटर बीमा नवीकरण के समय, बीमाकर्ता पहले यह जांचेगा कि वाहन का वैध पी.यु.सी. प्रमाणपत्र है या नहीं |

2. तृतीया पक्ष मोटर बीमा केवल 1 वर्ष के लिए वैध होगा

यह नियम वाहनों की बहु-वर्षीय तृतीय पक्ष मोटर बीमा के पहले के विकल्प को ख़त्म करके ऑन-रोड कीमतों को कम करने में मदद करता है | इसके बजाय, अभी से ही, तृतीया पक्ष मोटर बीमा हर वर्ष नवीकरण किया जाएगा | इससे वाहनों की कीमतों में गिरावट आनी चाहिए और यह वाहन मालिकों के लिए एक वरदान स्वरुप होगा क्यूंकि वे अब एक ऐसे बीमा प्रदाता को ढूंढ सकते हैं जो सर्वोत्तम मूल्य या सेवाएं दें और फिर उसके अनुसार जा सकते हैं |

सरकार ने सितम्बर 2018 में नए नियम लागू किये हैं | इसमें कहा गया है कि एक मोटर बीमा प्रदाता को वाहन मालिकों से तृतीय पक्ष के हिस्से का तीन वर्ष का प्रीमियम अग्रिम में जमा करवाना होगा, जिसमे तृतीय पक्ष की देनदारी कवर की जाये, इस प्रकार पहले वर्ष में उनके खर्चें बढ़ जाएंगे| इस कारण से वाहनों की ऑन-रोड कीमत बढ़ गई और वाहन मालिक जबरदस्ती ही एक मोटर बीमा पालिसी से 3 वर्ष के लिए बंध गए |

बीमा प्रदाता की तरफ से 3 वर्षों के लिए प्रीमियम का मूल्य निर्धारित करना मुश्किल है | साथ ही, कोर्ट में दुर्घटना पीड़ितों के मामलों की संख्या कई गुना बढ़ रही थी क्यूंकि वाहन मालिक जिनके पास तृतीया पक्ष मोटर बीमा नहीं था ,वे जानबूझ कर मामलों को खींच रहे थे जिससे पीड़ित भी परेशान होते रहे | यह तथ्य कि मोटर बीमा कंपनियां 3 वर्ष के अग्रिम भुगतान के लिए ज़बरदस्ती कर रही थी जबकि वे पहले वर्ष में अपनी सेवाओं के लिए उसकी प्रतिपूर्ति भी नहीं कर रही थी और साथ ही उसके ब्याज का भी लाभ उठा रही थी, ये सब प्रस्ताव लोगों के लिए पचाना मुश्किल था | वाहन मालिकों को इसके खर्च उठाने पड़ते थे जबकि बीमा कंपनियां ख़ुशी-ख़ुशी अग्रिम भुगतान ले लेती थी|

यह अभ्यास अब बंद हो चूका है और एक नया नियम आया है जिसमे एक वाहन मालिक को तृतीय पक्ष मोटर बीमा के लिए वार्षिक आधार पर बीमा चुकाना पड़ेगा | नियमों को संशोधन करने से और बाजार के अनुकूल,ग्राहकों के अनुसार बदलाव लाने से बीमा क्षेत्र स्वयं को समय के अनुसार सरल कर रहे हैं |

आगे, एक वर्ष से पुराने वाहनों के मोटर बीमा खरीदते वक़्त ज़रूरी दस्तावेज़ों पर नज़र डालते हैं |

2020 में मोटर बीमा खरीदते वक़्त आवश्यक दस्तावेज़:

एक मोटर बीमा पॉलिसी खरीदते वक़्त इन सात दस्तावेज़ों को प्रस्तुत करना होता है :

1. पहचान प्रमाण (इनमे से कोई एक):

  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • सरकार द्वारा जारी फोटो आई.डी.

2. पते का प्रमाण (इनमे से कोई एक):

  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • बैंक या पोस्ट ऑफिस का पासबुक
  • सरकार द्वारा जारी पते का प्रमाण

3. वर्तमान की पासपोर्ट-साइज फोटोग्राफ

4. ड्राइविंग लाइसेंस

5. वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र

6. वैध पी.यु.सी. प्रमाणपत्र (एक वर्ष से पुराने वाहनों के लिए)

7. वर्तमान बीमा पॉलिसी

एक मोटर बीमा पॉलिसी के लिए आवेदन करते वक़्त वाहन मालिक को ऊपर बताये गए सभी दस्तावेज़ प्रस्तुत किये जाने हैं| यदि कोई भी दस्तावेज़ गुम हो जाते हैं तो एजेंट या बीमा कंपनी उसे पुनर्प्राप्त करने के लिए वाहन मालिक को संपर्क करते हैं | सभी दस्तावेज़ों के मिलने और संचालित होने के बाद ही पॉलिसी शुरू की जाती है | 

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