- Date : 07/02/2018
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हमने आपकी कार बीमा के लिए विस्तृत गाइड बनाई है। इसमें वो सब कुछ है जो कार बीमा के बारे में आप जानने चाहते हैं।

हम लेटेस्ट मॉडल, सबसे चमकीले और आकर्षक रंग और बेहतरीन सुरक्षा उपायों पर तो खूब छानबीन करते हैं और इसे पसंद करते हैं। लेकिन कार बीमा और इससे जुड़ी चीज़ों के बारे में हम में से ज़्यादातर लोग बहुत ही कम जानकारी रखते हैं।
यहां हमने आपके लिए कार बीमा पर एक व्यापक गाइड बनाया है, इसमें वो सब कुछ है जिसके बारे में आप जानना चाहते रहे हैं।
मोटर बीमा का सिद्धांत
कार बीमा इस्तेमाल करो या गंवा दो के सिद्धांत पर काम करता है। कार बीमे के लिए आपको सालाना प्रीमियम देना पड़ता है। अगर आप इतने खुशनसीब हैं कि कोई ऐसा गंभीर हादसा न घटे, जिसमें मुआवजे की ज़रूरत पड़े तो सुरक्षा के लिए प्रीमियम की अदा की गई आपकी रकम चली जाती है। वहीं, दूसरी ओर आपको नो क्लेम बोनस मिलता है जो कि काफी ठीक ठाक रकम होती है - पहले साल में 20 फीसदी से लेकर छठवें साल में 50 फीसदी तक की रकम के बराबर। ऐसे में कई बार यही सलाह रहती है कि अगर छोटे-मोटे नुकसान का क्लेम हो तो बीमा कंपनी से मुआवजा नहीं मांगना चाहिए।
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आपकी बीमा पॉलिसी की वैल्यू आपकी गाड़ी के आईडीवी यानी इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू के आधार पर तय होती है। ये वो अधितम रकम होती है जितने तक की भरपाई बीमा कंपनी आपको कर सकती है। अमूमन ये वैल्यू गाड़ी की मार्केट वैल्यू के आसपास ही होती है। इसीलिए जब आप कोई नई कार खरीदते हैं तो इसकी इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू की गणना शोरूम लिस्टेड प्राइस के आधार पर की जाती है। हालांकि आपकी कार की आईडीवी यानी इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू स्थिर न होकर बदलती रहती है।
एक साल बाद जब आप अपनी मोटर पॉलिसी को रीन्यू करते हैं, आपकी इंश्यूर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू गाड़ियों पर लागू डिप्रिसिएशन की दर यानी घिसावट की दर की वजह से घट जाती है। रीन्यू कराते समय घिसावट की वो दर लागू की जाती है जो एक से दो साल के बीच की गाड़ियों पर लागू होती है।
इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू(आईडीवी= ( मैन्यूफैक्चरर की लिस्टिंग प्राइस- डेप्रिसिएशन
(एक्सेसरीज़ जो लिस्टेड प्राइस में शामिल नहीं-डेप्रिसिएशन
1. प्राकृतिक आपदा से होने वाली हानि या नुकसान:
ऐसी स्थितयां जो आपके नियंत्रण से बाहर हैं- जैसे बिजली गिरना, भूकंप, बाढ़, टायफून, हरीकेन, आंधी या तूफान, साइक्लोन, भूस्खलन आदि।
2. मानव निर्मित विपत्ति से होने वाली हानि या नुकसान
मानव निर्मित विपत्ति जैसे सेंधमारी, चोरी, दंगे, हड़ताल, आंतकवादी घटना, सड़क, रेल या जलमार्ग के ज़रिए कहीं ले जाते हुए होने वाला नुकसान।
3. निजी दुर्घटना बीमा
इससे किसी स्थाई विकलांगता या दुर्भाग्यवश आपकी मौत की स्थिति में परिवार के भविष्य को सुरक्षा मिलती है। ड्राइवर को सफर के समय, गाड़ी में चढ़ते या उतरते समय होने वाली किसी भी तरह के नुकसान पर 2 लाख रुपये तक का हर्जाना मिलता है। कई बीमा कंपनियां सह-यात्रियों के लिए भी दुर्घटना बीमा का कवर लेने का विकल्प देती हैं।
4. थर्ड पार्टी कवर
ये कानूनी तौर पर जरूरी है। इस कवर के होने पर दुर्घटना की वजह से किसी तीसरे पक्ष को स्थाई चोट या उसकी मौत की स्थिति में आप के ऊपर आने वाले कानूनी देनदारी से सुरक्षा मिलती है। इस कवर से दुर्घटना होने पर आसपास की संपत्ति को हुए नुकसान का भी हर्जाना मिलता है।
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मोटर बीमा में क्या कवर नहीं होता?
आपकी बीमा कंपनी किसी भी नकारात्मक परिणामों से निपटने में मदद की पूरी कोशिश करती है। लेकिन इसके कुछ अपवाद भी होते हैं। मोटर बीमा पॉलिसी में आमतौर पर ये चीज़ें कवर नहीं करतीं:
आप किसी और की गाड़ी चला रहे हों
-कार ऐसा व्यक्ति चलाए जिसका बीमा न हो
-शराब या नशे की हालत में गाड़ी चलाने पर
-ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस या अधिकार न हो
-युद्ध, विद्रोह, परमाणु हमले में नुकसान होने पर
-मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल खराबी की स्थिति में
-अंदर रखा सामान जो कार का हिस्सा न हो
-नियमित मरम्मत और गाड़ी पुरानी होने पर लगने वाले खर्चे
-गाड़ी का इस्तेमाल किसी और मकसद में करने पर जिसका अधिकार न हो
कार बीमा कैसे लें