- Date : 01/11/2020
- Read: 3 mins
इन यातायात नियमों में बदलाव के कारण अब आप अपने दस्तावेज़ों को घर पर ही छोड़ सकते हैं और वाहन चलाते समय क़ानूनी रूप से मोबाइल फ़ोन का उपयोग कर सकते हैं।

केंद्रीय मोटर वाहन नियम ,1989 के अंतर्गत कई संशोधन किये गए हैं,जो 1 अक्टूबर 2020 से लागू होंगे | सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अभी-अभी एक आधिकारिक नोटिस जारी किया है जिसमे यातायात नियमो को आई.टी समर्थन द्वारा लागू करने पर और इलेक्ट्रॉनिक रूप से उस पर निगरानी रखे जाने पर ज़ोर दिया गया है| यह पहल,वाहन चालकों को बेकार में परेशान किये बिना क़ानून प्रवर्तन में सुधार लाने के लिए किया गया है|
यदि दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित किया जाये तो फिर भौतिक सत्यापन की आवश्यकता नहीं होती है | उस पोर्टल में ड्राइविंग लाइसेंस के निरस्तीकरण और अवैधता की जानकारी रखी जाएगी | इस पोर्टल में पुलिस या किसी अन्य अधिकृत व्यक्ति द्वारा दस्तावेज के किये गए कोई भी निरिक्षण की तारीख और समय की जानकारी शामिल रहेगी | इससे उन वाहनों की बार-बार निरिक्षण की परेशानी ख़त्म हो जाएगी ,जिनके रिकॉर्ड पहले से ही पोर्टल में शामिल हैं | इसके अलावा,यह वाहन चालकों के अनैच्छिक उत्पीड़न को भी समाप्त कर देगा |
वाहन चालाक अपने दस्तावेज़ों को डिजीलॉकर और एम-परिवहन जैसे सरकारी ऐप पर ऑनलाइन दर्ज़ कर सकते हैं। इस अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि मोबाइल फोन और इसी तरह के अन्य हाथ में रखे जाने वाले संचार उपकरणों का उपयोग केवल नेविगेशन के लिए किया जाना चाहिए। साथ ही, वाहन चलते समय ऐसे उपकरणों के उपयोग से वाहन चालाक के सावधानी में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए | मंत्रालय ने मोटर वाहन (ड्राइविंग ) अधिनियम 2017 में किये गए संशोधन की पुष्टि करते हुए बताया है कि ये बदलाव इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजीकरण और हाथ में पकडे जाने वाले संचार उपकरणों के उपयोग में बदलाव लाने के लिए किये गए हैं |
भारत में यातायात नियमो के प्रवर्तन कैसे प्रभावित हो सकते हैं?
इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन लागू करने से और दस्तावेजों के इलेक्ट्रॉनिक रखरखाव करने से वाहन चालकों और मालिकों के उत्पीड़न कम होने की उम्मीद की जा रही है | इस सरकारी पोर्टल में लाइसेंस की अवैधता और निरस्तता के बारे में समय-समय पर अपडेट किये जाएंगे | उन वाहनों के भौतिक सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी जिनके सत्यापन किसी वैध इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किये जा चुके हो | वाहन चलाते वक़्त मोबाइल फ़ोन का उपयोग उचित नेविगेशन उद्देश्य के लिए करने पर चालाक को कोई जुर्माना नहीं भरना होगा |
सरकार द्वारा अधिकृत वाहन एप्लिकेशन का उपयोग कैसे करें?
आप यातायात पुलिस को डिजिलॉकर या एम परिवहन ऐप में संगृहीत अपने दस्तावेज दिखा सकते हैं| दस्तावेज के ये डिजिटल प्रतियां भारत में सत्यापन और निरिक्षण के लिए पर्याप्त मानी जाएगी | हालांकि, इसके लिए डिजिटल दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस,पंजीकरण प्रमाणपत्र या बीमा की स्कैन की गई डिजिटल प्रतियां मान्य नहीं होंगी | उल्लेखनीय है कि बिना लाइसेंस के वाहन चालने के जुर्माने को 500 रुपये से बढ़ाकर पिछले साल 5000 रुपये कर दिया गया है |
भारत में इ-चालान कैसे काम करेगा ?
किसी भी यातायात उल्लंघन के मामले में, वाहन की जानकारी सड़क परिवहन कार्यालय (आरटीओ) से प्राप्त की जाती है और संबंधित व्यक्ति को एक संदेश भेजा जाता है जिसमे उसके द्वारा किये गए नियमों के उल्लंघन की सूचना दी जाती है। सन्देश में दिए गए लिंक पर जाकर आप ऑनलाइन जुर्माना भर सकते हैं | इस उद्देश्य से बना सम्बंधित राज्य सरकार पोर्टल, सभी भुगतानों को स्वीकार करेगा | यदि आपको लगता है कि आप पर गलत इलज़ाम लगाया गया है तो आप इसके लिए केस दर्ज कर सकते हैं | गलती होने पर आर.टी.ओ. में नगद / कार्ड द्वारा जुर्माने का भुगतान किया जा सकता है |
वर्तमान में वाहन चलाते वक़्त ,फ़ोन के उपयोग से सम्बंधित क्या नियम हैं?
वाहन चलाते समय फ़ोन के उपयोग करने से 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है | मंत्रालय ने अब मार्ग नेविगेशन के लिए हाथ में पकडे जाने वाले संचार उपकरणों की मंजूरी दी है, बशर्ते कि उनसे वाहन चालाक का ध्यान न भटके |
केंद्रीय मोटर वाहन नियम ,1989 के अंतर्गत कई संशोधन किये गए हैं,जो 1 अक्टूबर 2020 से लागू होंगे | सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अभी-अभी एक आधिकारिक नोटिस जारी किया है जिसमे यातायात नियमो को आई.टी समर्थन द्वारा लागू करने पर और इलेक्ट्रॉनिक रूप से उस पर निगरानी रखे जाने पर ज़ोर दिया गया है| यह पहल,वाहन चालकों को बेकार में परेशान किये बिना क़ानून प्रवर्तन में सुधार लाने के लिए किया गया है|
यदि दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित किया जाये तो फिर भौतिक सत्यापन की आवश्यकता नहीं होती है | उस पोर्टल में ड्राइविंग लाइसेंस के निरस्तीकरण और अवैधता की जानकारी रखी जाएगी | इस पोर्टल में पुलिस या किसी अन्य अधिकृत व्यक्ति द्वारा दस्तावेज के किये गए कोई भी निरिक्षण की तारीख और समय की जानकारी शामिल रहेगी | इससे उन वाहनों की बार-बार निरिक्षण की परेशानी ख़त्म हो जाएगी ,जिनके रिकॉर्ड पहले से ही पोर्टल में शामिल हैं | इसके अलावा,यह वाहन चालकों के अनैच्छिक उत्पीड़न को भी समाप्त कर देगा |
वाहन चालाक अपने दस्तावेज़ों को डिजीलॉकर और एम-परिवहन जैसे सरकारी ऐप पर ऑनलाइन दर्ज़ कर सकते हैं। इस अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि मोबाइल फोन और इसी तरह के अन्य हाथ में रखे जाने वाले संचार उपकरणों का उपयोग केवल नेविगेशन के लिए किया जाना चाहिए। साथ ही, वाहन चलते समय ऐसे उपकरणों के उपयोग से वाहन चालाक के सावधानी में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए | मंत्रालय ने मोटर वाहन (ड्राइविंग ) अधिनियम 2017 में किये गए संशोधन की पुष्टि करते हुए बताया है कि ये बदलाव इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजीकरण और हाथ में पकडे जाने वाले संचार उपकरणों के उपयोग में बदलाव लाने के लिए किये गए हैं |
भारत में यातायात नियमो के प्रवर्तन कैसे प्रभावित हो सकते हैं?
इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन लागू करने से और दस्तावेजों के इलेक्ट्रॉनिक रखरखाव करने से वाहन चालकों और मालिकों के उत्पीड़न कम होने की उम्मीद की जा रही है | इस सरकारी पोर्टल में लाइसेंस की अवैधता और निरस्तता के बारे में समय-समय पर अपडेट किये जाएंगे | उन वाहनों के भौतिक सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी जिनके सत्यापन किसी वैध इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किये जा चुके हो | वाहन चलाते वक़्त मोबाइल फ़ोन का उपयोग उचित नेविगेशन उद्देश्य के लिए करने पर चालाक को कोई जुर्माना नहीं भरना होगा |
सरकार द्वारा अधिकृत वाहन एप्लिकेशन का उपयोग कैसे करें?
आप यातायात पुलिस को डिजिलॉकर या एम परिवहन ऐप में संगृहीत अपने दस्तावेज दिखा सकते हैं| दस्तावेज के ये डिजिटल प्रतियां भारत में सत्यापन और निरिक्षण के लिए पर्याप्त मानी जाएगी | हालांकि, इसके लिए डिजिटल दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस,पंजीकरण प्रमाणपत्र या बीमा की स्कैन की गई डिजिटल प्रतियां मान्य नहीं होंगी | उल्लेखनीय है कि बिना लाइसेंस के वाहन चालने के जुर्माने को 500 रुपये से बढ़ाकर पिछले साल 5000 रुपये कर दिया गया है |
भारत में इ-चालान कैसे काम करेगा ?
किसी भी यातायात उल्लंघन के मामले में, वाहन की जानकारी सड़क परिवहन कार्यालय (आरटीओ) से प्राप्त की जाती है और संबंधित व्यक्ति को एक संदेश भेजा जाता है जिसमे उसके द्वारा किये गए नियमों के उल्लंघन की सूचना दी जाती है। सन्देश में दिए गए लिंक पर जाकर आप ऑनलाइन जुर्माना भर सकते हैं | इस उद्देश्य से बना सम्बंधित राज्य सरकार पोर्टल, सभी भुगतानों को स्वीकार करेगा | यदि आपको लगता है कि आप पर गलत इलज़ाम लगाया गया है तो आप इसके लिए केस दर्ज कर सकते हैं | गलती होने पर आर.टी.ओ. में नगद / कार्ड द्वारा जुर्माने का भुगतान किया जा सकता है |
वर्तमान में वाहन चलाते वक़्त ,फ़ोन के उपयोग से सम्बंधित क्या नियम हैं?
वाहन चलाते समय फ़ोन के उपयोग करने से 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है | मंत्रालय ने अब मार्ग नेविगेशन के लिए हाथ में पकडे जाने वाले संचार उपकरणों की मंजूरी दी है, बशर्ते कि उनसे वाहन चालाक का ध्यान न भटके |