- Date : 28/06/2020
- Read: 4 mins
- Read in English: Tax benefits on e-vehicles: How to avail it?
क्या आप जानते हैं कि ई-वाहन खरीदते समय आयकर अधिनियम की धारा 80 ईईबी के तहत कर लाभ उपलब्ध हैं?

सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को लोकप्रिय बनाने के उपायों के बावजूद,लंबे समय से मांग स्थिर बनी हुई है। बजट 2020 इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को पुनर्जीवित करने और स्वच्छ वातावरण की दिशा में काम करने का एक प्रयास था। इलेक्ट्रिक वाहनों पर जी.एस.टी. को 12% से घटाकर 5% करने के अलावा, इसमें कर लाभ भी प्रदान किया गया था । यह उम्मीद की जाती है कि ई-वाहनों की मांग में वृद्धि से प्रदूषण कम होगा और खरीदारों का भी कम खर्च होगा।
छूट के लिए आवेदन करने के लिए पात्रता मानदंड क्या है?
आयकर अधिनियम की धारा 80 ईईबी में उन भारतीय करदाताओं के लिए कटौती की अनुमति दी गई है जो एक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए ऋण का चयन करते हैं, जो आकलन वर्ष 2020-21 से शुरू होता है। एक व्यक्ति व्यक्तिगत या व्यावसायिक उपयोग के लिए खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहन पर इस कटौती का लाभ उठा सकता है। इसका लाभ कंपनियों, हिंदू अविभाजित परिवारों या किसी अन्य करदाता को नहीं मिलता है। पहली अप्रैल 2020 से चुकाए गए ब्याज पर कटौती तब तक प्राप्त हो सकती है, जब तक कि ऋण चुकाया नहीं जाता है, तब भी अगर कुछ महत्वपूर्ण शर्तें पूरी हो।
इस अधिनियम के तहत कितने छूट का दावा किया जा सकता है?
एक करदाता व्यक्तिगत या व्यावसायिक उपयोग के लिए खरीदे गए एक इलेक्ट्रिक वाहन के लिए प्राप्त ऋण के भुगतान किए गए ब्याज पर 1,50,000 रुपये से अधिक की कटौती का दावा नहीं कर सकता है। दूसरी स्थिति में, इस राशि के ऊपर और ज्यादा भुगतान किए गए किसी भी ब्याज का व्यवसाय व्यय के रूप में दावा किया जा सकता है, बशर्ते कि यह उसी आकलन वर्ष में खरीदी गई हो और वाहन, व्यवसाय के नाम पर पंजीकृत हो। करदाता को कटौती का लाभ उठाने के लिए ब्याज भुगतान प्रमाण पत्र, वाहन का कर चालान, ऋण दस्तावेज आदि को संभाल कर रखने की आवश्यकता होती है।
छूट का दावा करने के लिए क्या शर्तें हैं?
यह आवश्यक है कि ई-वाहन पंजीकृत हो और कानूनी प्रक्रिया का पालन करता हो यदि यह कर छूट के लिए योग्य है। यहाँ कुछ शर्तें हैं, छूट दिए जाने से पहले जिनकी पुष्टि करने की आवश्यकता है:
- करदाता अपने जीवनसाथी द्वारा लिए गए ऋण पर छूट का दावा कर सकता है यदि ब्याज का भुगतान उनके द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, मूल भुगतान पर कोई कटौती का दावा नहीं किया जा सकता है।
- करदाता को ई-वाहन खरीदने के एकमात्र उद्देश्य के साथ एक वित्तीय या गैर-वित्तीय संस्थान से ऋण लेने का लाभ उठाना चाहिए।
- छूट का दावा करने के लिए ऋण 1 अप्रैल 2019 और 31 अप्रैल 2023 के बीच अनुमोदित होना चाहिए।
- दोनों, निवासी और गैर निवासी इस अधिनियम के तहत छूट का दावा कर सकते हैं।
- धारा 80 ईईबी के तहत कटौती का दावा करने के बाद, करदाता उसी या किसी अन्य आकलन वर्ष में अधिनियम के किसी अन्य प्रावधान के तहत ब्याज पर कटौती का दावा करने का हकदार नहीं है|
धारा 80 ईईबी के तहत 'इलेक्ट्रिक वाहन ’को कैसे परिभाषित किया जाता है
प्रदूषण के स्तर में वृद्धि ने , विशेष रूप से बड़े शहरों में, भारत सरकार को देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने को प्रेरित किया है। एक ई-वाहन वह है जो पूरी तरह से वाहन में स्थापित इलेक्ट्रिक बैटरी द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक मोटर पर चलता है और एक इलेक्ट्रिक रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस है जो गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
ई-वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने और ई-परिवहन और चार्जिंग सुविधाओं तक सुगमता बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स (एफ.ए.एम.इ.) नामक योजना लागू की गई थी। यह योजना इलेक्ट्रिक 2, 3 और 4 पहिया वाहनों की खरीद के लिए इंसेंटिव प्रदान करती है। इसे दो चरणों में तीन वर्षों से अधिक के लिए लागू किया गया है।
ई-वाहनों के अन्य लाभ
यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी (ई.ई.ए.) की एक रिपोर्ट, जिसमें फॉसिल ईंधन पर चलने वाले नियमित वाहनों के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रभाव की तुलना में पाया गया कि ई-वाहन अपने फॉसिल ईंधन समकक्षों की तुलना में 17-30% कम ऊर्जा की खपत करते हैं। आइए कुछ अन्य लाभों पर नजर डालते हैं:
- ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज किया जा सकता है। फॉसिल ईंधन की कम खपत से वायु प्रदूषण कम होता है और परिणामस्वरूप वायु जनित बीमारियों में कमी आती है।
- वाहन को रिचार्ज करने के लिए बिजली की अनुमानित लागत, उसी की तरह वाहन चलाने के लिए आवश्यक फॉसिल ईंधन की लागत से सस्ती पड़ती है।
- आपके घर पर ई-वाहन को चार्ज किया जा सकता है, जिससे आप गैस स्टेशन जाने के असुविधा से बच सकते है।
- प्रमुख ई-वाहन निर्माता पुरानी कारों, विद्युत उपकरणों आदि से बड़ी संख्या में रिसाइकिल सामग्री को शामिल करते हैं जो ई-वाहनों को अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक पर्यावरण के अनुकूल बनाता है।
अधिक स्थायी भविष्य की ओर जाने के लिए ई-वाहनों पर कर छूट का लाभ क्यों न उठाया जाये? आइये,आज हरियाली की ओर चलते हैं !
सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को लोकप्रिय बनाने के उपायों के बावजूद,लंबे समय से मांग स्थिर बनी हुई है। बजट 2020 इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को पुनर्जीवित करने और स्वच्छ वातावरण की दिशा में काम करने का एक प्रयास था। इलेक्ट्रिक वाहनों पर जी.एस.टी. को 12% से घटाकर 5% करने के अलावा, इसमें कर लाभ भी प्रदान किया गया था । यह उम्मीद की जाती है कि ई-वाहनों की मांग में वृद्धि से प्रदूषण कम होगा और खरीदारों का भी कम खर्च होगा।
छूट के लिए आवेदन करने के लिए पात्रता मानदंड क्या है?
आयकर अधिनियम की धारा 80 ईईबी में उन भारतीय करदाताओं के लिए कटौती की अनुमति दी गई है जो एक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए ऋण का चयन करते हैं, जो आकलन वर्ष 2020-21 से शुरू होता है। एक व्यक्ति व्यक्तिगत या व्यावसायिक उपयोग के लिए खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहन पर इस कटौती का लाभ उठा सकता है। इसका लाभ कंपनियों, हिंदू अविभाजित परिवारों या किसी अन्य करदाता को नहीं मिलता है। पहली अप्रैल 2020 से चुकाए गए ब्याज पर कटौती तब तक प्राप्त हो सकती है, जब तक कि ऋण चुकाया नहीं जाता है, तब भी अगर कुछ महत्वपूर्ण शर्तें पूरी हो।
इस अधिनियम के तहत कितने छूट का दावा किया जा सकता है?
एक करदाता व्यक्तिगत या व्यावसायिक उपयोग के लिए खरीदे गए एक इलेक्ट्रिक वाहन के लिए प्राप्त ऋण के भुगतान किए गए ब्याज पर 1,50,000 रुपये से अधिक की कटौती का दावा नहीं कर सकता है। दूसरी स्थिति में, इस राशि के ऊपर और ज्यादा भुगतान किए गए किसी भी ब्याज का व्यवसाय व्यय के रूप में दावा किया जा सकता है, बशर्ते कि यह उसी आकलन वर्ष में खरीदी गई हो और वाहन, व्यवसाय के नाम पर पंजीकृत हो। करदाता को कटौती का लाभ उठाने के लिए ब्याज भुगतान प्रमाण पत्र, वाहन का कर चालान, ऋण दस्तावेज आदि को संभाल कर रखने की आवश्यकता होती है।
छूट का दावा करने के लिए क्या शर्तें हैं?
यह आवश्यक है कि ई-वाहन पंजीकृत हो और कानूनी प्रक्रिया का पालन करता हो यदि यह कर छूट के लिए योग्य है। यहाँ कुछ शर्तें हैं, छूट दिए जाने से पहले जिनकी पुष्टि करने की आवश्यकता है:
- करदाता अपने जीवनसाथी द्वारा लिए गए ऋण पर छूट का दावा कर सकता है यदि ब्याज का भुगतान उनके द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, मूल भुगतान पर कोई कटौती का दावा नहीं किया जा सकता है।
- करदाता को ई-वाहन खरीदने के एकमात्र उद्देश्य के साथ एक वित्तीय या गैर-वित्तीय संस्थान से ऋण लेने का लाभ उठाना चाहिए।
- छूट का दावा करने के लिए ऋण 1 अप्रैल 2019 और 31 अप्रैल 2023 के बीच अनुमोदित होना चाहिए।
- दोनों, निवासी और गैर निवासी इस अधिनियम के तहत छूट का दावा कर सकते हैं।
- धारा 80 ईईबी के तहत कटौती का दावा करने के बाद, करदाता उसी या किसी अन्य आकलन वर्ष में अधिनियम के किसी अन्य प्रावधान के तहत ब्याज पर कटौती का दावा करने का हकदार नहीं है|
धारा 80 ईईबी के तहत 'इलेक्ट्रिक वाहन ’को कैसे परिभाषित किया जाता है
प्रदूषण के स्तर में वृद्धि ने , विशेष रूप से बड़े शहरों में, भारत सरकार को देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने को प्रेरित किया है। एक ई-वाहन वह है जो पूरी तरह से वाहन में स्थापित इलेक्ट्रिक बैटरी द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक मोटर पर चलता है और एक इलेक्ट्रिक रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस है जो गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
ई-वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने और ई-परिवहन और चार्जिंग सुविधाओं तक सुगमता बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स (एफ.ए.एम.इ.) नामक योजना लागू की गई थी। यह योजना इलेक्ट्रिक 2, 3 और 4 पहिया वाहनों की खरीद के लिए इंसेंटिव प्रदान करती है। इसे दो चरणों में तीन वर्षों से अधिक के लिए लागू किया गया है।
ई-वाहनों के अन्य लाभ
यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी (ई.ई.ए.) की एक रिपोर्ट, जिसमें फॉसिल ईंधन पर चलने वाले नियमित वाहनों के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रभाव की तुलना में पाया गया कि ई-वाहन अपने फॉसिल ईंधन समकक्षों की तुलना में 17-30% कम ऊर्जा की खपत करते हैं। आइए कुछ अन्य लाभों पर नजर डालते हैं:
- ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज किया जा सकता है। फॉसिल ईंधन की कम खपत से वायु प्रदूषण कम होता है और परिणामस्वरूप वायु जनित बीमारियों में कमी आती है।
- वाहन को रिचार्ज करने के लिए बिजली की अनुमानित लागत, उसी की तरह वाहन चलाने के लिए आवश्यक फॉसिल ईंधन की लागत से सस्ती पड़ती है।
- आपके घर पर ई-वाहन को चार्ज किया जा सकता है, जिससे आप गैस स्टेशन जाने के असुविधा से बच सकते है।
- प्रमुख ई-वाहन निर्माता पुरानी कारों, विद्युत उपकरणों आदि से बड़ी संख्या में रिसाइकिल सामग्री को शामिल करते हैं जो ई-वाहनों को अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक पर्यावरण के अनुकूल बनाता है।
अधिक स्थायी भविष्य की ओर जाने के लिए ई-वाहनों पर कर छूट का लाभ क्यों न उठाया जाये? आइये,आज हरियाली की ओर चलते हैं !