Tips to follow if you are buying two-wheeler purchase

टू-व्हीलर खरीदने की योजना बना रहे हैं? यहां बताया गया है कि आप सही बाइक कैसे चुन सकते हैं।

सही बाइक चुनने के लिए 8 महत्वपूर्ण पॉइंटर

भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मार्केट है और लगभग 37 मिलियन यूनिट्स हैं। दूसरा स्थान चीन का है जहां 34 मिलियन यूनिट्स हैं। अब सर्वाधिक लोकप्रिय बाइक कंपनियां भारत में हैं और यह भावी खरीदारों को व्यापक विकल्प प्रदान करता है। इन दिनों भारत में आप ऑनलाइन टू-व्हीलर खरीद सकते हैं, लेकिन किसी शोरूम में जाने का रोमांच और अनेक विकल्पों को देखने का अपना अलग ही अनुभव होता है।

यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं जिन्हें टू-व्हीलर खरीदते समय दिमाग में रखना चाहिए।

1. सभी जरूरी दस्तावेज लें 

खरीदार को निम्नलिखित दस्तावेज ले जाने होते हैं:

  • आईडी प्रूफ की अटेस्टेड कॉपी (ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड इत्यादि)
  • निवास प्रमाण की अटेस्टेड कॉपी 
  • पासपोर्ट आकार के फ़ोटो
  • लोन से बाइक खरीदने की स्थिति में आय प्रमाण

ध्यान दें: हो सकता है कि आपको इंस्पेक्शन के लिए मूल आईडी प्रूफ और ऐड्रेस प्रूफ दिखाना पड़े। ध्यान रखें कि जिस व्यक्ति के नाम पर वाहन रजिस्टर्ड हो रहा है उसकी आयु कम से कम 18 वर्ष हो।

दस्तावेज हाथ में आने पर, आप शोरूम जाकर खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

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2. इंटरनेट पर बाइक का चयन करें

बाइक के मॉडल और प्रकार का फैसला करने से पहले, इंटरनेट पर कुछ रिसर्च करना बेहतर होगा। ऑनलाइन रिव्यू पढ़ें और पुराने चालकों से सलाह लें। भारत में बेचे गए यूनिट्स की संख्या एक अच्छा इंडिकेटर है जिसे देखकर आप बाइक चुन सकते हैं। हीरो का 'स्प्लेंडर’ मोटरबाइक भारत में सबसे ज्यादा बिकती है और 1994 से आज तक इसकी बिक्री हो रही है। इसके साथ ही विश्वसनीयता, पार्ट्स की उपलब्धता और आफ्टर-सेल्स सर्विसेज भी महत्व रखते हैं। इस अर्थ में, हॉन्डा और हीरो दोनों बेहतरीन विकल्प हैं।

3. माइलेज और पेट्रोल की कीमत पर विचार करें

भारत में सफलता पाने के लिए इंधन दक्षता दूसरा महत्वपूर्ण कारक है। दूसरे शब्दों में, पेट्रोल की मौजूदा कीमत का टू-व्हीलर मार्केट पर एक बड़ा प्रभाव है। आज के परिदृश्य में, कम से कम 50 किमी प्रति लीटर का माइलेज संतोषजनक है। ज्यादातर 100-150Cc के स्कूटर और मोटरबाइक्स इसी श्रेणी में आते हैं। अपने टू-व्हीलर से शानदार माइलेज लेने के लिए, मध्यम स्पीड (45-50 kmph) पर ड्राइव करें, निर्धारित समय पर सर्विस और रखरखाव करें, और समय-समय पर टायर प्रेशर की जांच करना ना भूलें।

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4. आसान सर्विस और सपोर्ट सुनिश्चित करें

प्रसिद्ध ब्रांड जैसे होंडा, हीरो, और टीवीएस अधिकृत सर्विस सेंटर में बेहतर सर्विस देने की कोशिश करते हैं, क्योंकि यह क्वालिटी का एक बेंचमार्क है। विवरण पर ध्यान देना दूसरा जरूरी लक्षण है सर्विस सेंटर में टू-व्हीलर को कुशलता पूर्वक सर्विस करने के लिए आवश्यक हाइ-टेक उपकरण होने चाहिए। बाइक खरीदने से पहले, सर्विस सेंटर जाकर इस्तेमाल हो रहे उपकरण को अवश्य देखें। सबसे अच्छा है, ऑनलाइन रिव्यू पढ़ें और सेंटरों की स्टार रेटिंग देखें।

5. स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता की जांच करें

यह आपके टू-व्हीलर के चुनाव में एक अहम कारक है। आमतौर पर भारतीय सड़कें उतनी अच्छी नहीं हैं जिससे वाहनों के टूट-फूट और घिसावट होती है। इसलिए, सस्ते स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता आपके सेलेक्शन में एक उल्लेखनीय भूमिका निभानी चाहिए। Spares for Honda, TVS, and Hero bikes are readily available but Suzuki and Yamaha are yet to reach the same level of supply and pricing. जरूरी पार्ट्स के लिए कई महीनों तक इंतजार करना ड्रीम बाइक खरीदने के अनुभव को नष्ट कर सकता है, इसलिए अपना पैसा खर्च करने से पहले इसका पता लगा लें।

6. ईएमआई विकल्प का मूल्यांकन करें

इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट्स (ईएमआई) के जरिए महंगी बाइक खरीदना भी आसान होता है। ईएमआई खसकर तब आदर्श है यदि आप एक वेतनभोगी कर्मचारी हैं। ऑनलाइन जाकर विभिन्न वित्तीय संस्थानों के कुछ शानदार डील्स देखें। आजकल बैंक के प्रतिनिधि शोरूम में दिनभर उपलब्ध रहते हैं ताकि आपकी लोन की जरूरत को पूरा कर सके। पिछले तीन महीने का अपना बैंक स्टेटमेंट ले जाएं, या तीन महीने की सैलरी स्लिप ले जाएं। यहां तक कि आपका उस बैंक में अकाउंट होना भी जरूरी नहीं है; लगभग सभी बैंक टू-व्हीलर लोन प्रदान करते हैं। लेकिन देखें कि ब्याज दरें प्रतिस्पर्धी हैं या नहीं।

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7. टू-व्हीलर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करें

हरेक राज्य का एक लाइसेंस ऐप्लिकेशन पोर्टल होता है, खासकर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में अंतर्गत। यदि आपके पास टू-व्हीलर चलाने का लाइसेंस नहीं है, तो आप पहले लर्नर्स लाइसेंस के लिएआवेदन कर सकते हैं, जो छह महीने तक मान्य होता है। इस समय में आप एक परीक्षण तिथि चुन सकते हैं और परीक्षण में पास होने के बाद आपको एक स्थायी लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। याद रखें कि गियरयुक्त और बिना गियर वाले टू-व्हीलर के लिए अलग-अलग श्रेणियां होती हैं। आगे के विवरण स्थानीय आरटीओ में उपलब्ध होते हैं।

सुझाव: अपने ड्राइविंग टेस्ट से पहले एक या दो दिनों तक आरटीओ जाएं और देखें कि लाइसेंस आवेदक क्या-क्या करते हैं, ताकि आप उसी अनुसार खुद को तैयार करें।

8. पर्यावरण के प्रति सचेत होना

खरीदने के बाद अपनी बाइक का रखरखाव करना न केवल बाइक के ठीक तरह से चलने के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि पर्यावरण के लिए भी जरूरी है। इसलिए ध्यान रखें कि उत्सर्जा लेवल हमेशा नियंत्रण में रहे। ओरिजिनल पीयूसी सर्टिफिकेट एक साल के लिए मान्य होता है, लेकिन यदि आप सही ग्रेड के ऑयल का उपयोग करते हैं और बाइक को नियमित रूप से सर्विस करते हैं, तो आपको बाद में उत्सर्जन मानकों को पूरा करने में कोई कठिनाई नहीं आएगी।

आप बैटरी/बिजली से चलने वाली बाइक पर भी विचार कर सकते हैं यदि आप प्रदूषण रहित पर्यावरण को बढ़ावा देना चाहते हैं। ये ‘शून्य उत्सर्जन’ टू-व्हीलर शहर में इस्तेमाल करने के लिए आदर्श है यदि आपका रोज-रोज का आना-जाना सीमित है। भारत में अभी चार्जिंग सुविधा के न होने से परेशानी है, लेकिन इस बात में कोई शक नहीं कि इलेक्ट्रिक वाहन भविष्य हैं। यदि आपने टू-व्हीलर का इंश्योरेंस नहीं करवाया है तो आपको यह क्यों करवाना चाहिए

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