- Date : 27/09/2020
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जब ऋण कोष की बात हो तो यह बांड की गुणवत्ता ही होती है जो सबसे अधिक मायने रखती है , लेकिन वे अस्थिर और ब्याज दरों पर निर्भर होते हैं ।

फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम फंड, एसेट मैनेजमेंट फर्म फ्रैंकलिन टेंपलटन के छह डेब्ट फंड्स में से सबसे लोकप्रिय है, जो इस साल 23 अप्रै को बंद कर दिए गए थे, इसने 1 नवंबर 2016 और 1 नवंबर 2019 के बीच 7.81% की यौगिक वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दिया।
नवंबर 2016 में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का तीन साल का फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी)दर 7% था, इसलिए कागजों पर फंड से मिलने वाला रिटर्न थोड़ा बेहतर लग रहा था। हालांकि, दूसरे वाले ने, जब कर लाभों पर विचार किया गया तो वह भी सफल रहा|इसके अलावा, विश्लेषकों ने फ्रैंकलिन टेंपलटन की रणनीति - अपने ऋण पोर्टफोलियो में उच्च जोखिम लेने को - पारदर्शी होना माना। नतीजतन, म्यूचुअल फंड वितरक इन फंडों को एफडी की तुलना में भारत के जोखिम से बचने वाले मध्यम वर्ग के निवेशकों को बेचने में अधिक सफल रहे।
तो जब फ्रेंकलिन टेंपलटन ने कहा कि उसने छह उच्च जोखिम वाले डेब्ट फंड बंद कर दिया, और इसके लिए जब रिडेम्पशन दबाव और बांड बाजार में अतरलता को ज़िम्मेदार ठहराया,तो निवेशक हैरान हो गए। उन्हें आश्चर्य हुआ कि क्या डेब्ट फंड एक सुरक्षित निवेश नहीं हैं। लेकिन इसका जवाब देने के लिए हमें पहले यह समझना होगा कि डेब्ट फंड क्या है और यह वास्तव में कैसे काम करता है । इससे हमें यह तय करने में भी मदद मिलेगी कि कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड्स जैसे डेब्ट फंड पूरी तरह से जोखिम मुक्त हैं या नहीं।
डेब्ट फंड
बॉन्ड फंड एक ऐसा म्यूचुअल फंड है जो मुख्य रूप से बांड और अन्य डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है। फंड जिस तरह के डेब्ट में निवेश करता है, वह उसके फोकस पर निर्भर करेगा। हालांकि, सामान्य तौर पर, ये निवेश मुख्य रूप से निश्चित ब्याज अर्जित करने वाली प्रतिभूतियां हैं जैसे कि सरकारों, कॉर्पोरेट संस्थाओं और नगर निकायों द्वारा जारी किए गए बांड। इनमें से प्रत्येक में अलग अलग तरह के जोखिम होते है ।
अन्य मुद्रा बाजार साधनों में भी निवेश किया जा सकता है, जिसमें परिवर्तनीय बांड शामिल हैं जहां निवेशक निवेश की गई राशि को जारीकर्ता कंपनी की इक्विटी में परिवर्तित करते हैं। फिर भी,डेब्ट फंड्स , ब्याज दर के जोखिम और ऋण जोखिम की वजह से निश्चित आय उपकरण होने के बावजूद पॉजिटिव रिटर्न की गारंटी नहीं देते है ।
क्रेडिट जोखिम बढ़ता है यदि किसी डेब्ट फंड का शुद्ध एसेट मूल्य (एनएवी) ,अर्थव्यवस्था में समग्र ब्याज दरों में गिरावट के बावजूद भी बढ़ता है, जो कि दीर्घकालिक डेब्ट फंड को एक बढ़ती ब्याज दर व्यवस्था में अनुपयुक्त बनाता है । (हालांकि जब दरें गिर रही होती है तो यह विपरीत होता है) । क्रेडिट रिस्क में फंड मैनेजर कम क्रेडिट रेटेड सिक्योरिटीज में निवेश कर सकता है, जिनमें डिफॉल्ट होने की संभावना ज्यादा होती है । इस कारण से डेब्ट फंड्स ,बैंक एफडी से ज्यादा जोखिम भरा हो जाता है।
कॉर्पोरेट बांड
कॉर्पोरेट बॉन्ड म्यूचुअल फंड के बारे में अब विशेष रूप से बात करते हैं , यह एक निश्चित आय प्रतिभूति है जो मुख्य रूप से निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा जारी बांड में निवेश करती है।
एक कॉर्पोरेट बॉन्ड अपनी पूरी कार्यकाल अवधि में ब्याज का भुगतान करता है, और परिपक्वता पर मूलधन का भी भुगतान करता है। यह जोखिम की अपेक्षाकृत कम स्तर के साथ उच्च रिटर्न प्रदान करने के लिए जाना जाता है, क्योंकि ये फंड आमतौर पर उच्च रेटेड उपकरणों में निवेश करते हैं। उनकी कुल संपत्ति का कम से 80% उच्चतम रेटेड कॉर्पोरेट बांड में जाता है ।
साथ ही, इस प्रकार का म्यूचुअल फंड कभी-कभी सरकारी प्रतिभूतियों में भी निवेश करता है; यह आमतौर पर तब होता है जब कोई अन्य उपयुक्त अवसर नहीं होता है। औसतन,आवंटन का लगभग 5% ही सॉवरेन फिक्स्ड इनकम में डाला जाता है।
निवेशक लाभ
सभी ऋण पत्र जो कॉर्पोरेट बांड फंड में निवेश होते हैं,वे ज़रूरी नहीं कि बांड ही हो; कंपनियां ऋण पत्र भी जारी करती हैं, जिनमें बांड, डिबेंचर, वाणिज्यिक कागजात और संरचित दायित्व शामिल होते हैं। यदि आप एक निवेशक हैं जो सुरक्षित निवेश विकल्प से एक निश्चित लेकिन उच्च आय चाहते हैं, तो कॉर्पोरेट बांड एक अच्छा विकल्प है। यह मुख्य रूप से इसलिए ऐसा है क्योंकि वे अन्य डेब्ट फंड की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं क्यूंकि वे पूंजी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
यदि आपका फंड मैनेजर केवल उच्च रेटेड कंपनियों में निवेश करता है, तो 8% और 10% के बीच औसत रिटर्न की उम्मीद करें। यहां भी जोखिम कम है । इस तरह, आपका फंड मैनेजर आपको उच्च गुणवत्ता वाले ऋण उपकरणों में निवेश करने वाले कॉर्पोरेट बॉन्ड फंडों का चयन करके अपने वित्तीय लक्ष्यों की दिशा में तेजी से प्रगति करने में मदद कर सकता है।
इसी तरह, यदि आपका फंड मैनेजर कुछ कम रेटेड फंड में निवेश करने का विकल्प चुनता है जिसे वो अच्छे से संभालता है, तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसा तब होता है जब कंपनियां निवेशकों को आकर्षित करने के लिए थोड़ी अधिक कूपन दरें देती हैं। लेकिन यह रणनीति भी गलत हो सकती हैं, जैसा कि फ्रैंकलिन टेंपलटन के साथ देखा गया था । हम बाद के खंड में इसका विस्तार से पता लगाएंगे ।
कर दक्षता
जैसा कि पहले कहा गया है, ब्याज दरें अस्थिर होने पर दीर्घकालिक डेब्ट फंड एक जोखिम भरा प्रस्ताव बन सकते हैं । यह इस अस्थिरता से बचने के लिए ही कॉर्पोरेट बांड फंड एक वर्ष से चार साल के निवेश क्षितिज के साथ निवेश करते हैं।
यदि आप तीन साल तक निवेश करते रहते हैं, तो आपको एक अतिरिक्त लाभ मिलता है, खासकर यदि आप उच्चतम आयकर स्लैब में आते हैं। ऐसा इसलिए क्यूंकि डेब्ट फंड से पूंजीगत लाभ कर योग्य होती हैं, और यदि आपका निवेश तीन साल या उससे अधिक के लिए है तो आयकर अधिनियम की धारा 112 लागू होती है । इस धारा के तहत 20% का सीधा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ इंडेक्सेशन के साथ लगाया जाता है।
(यदि इकाइयों को तीन साल के भीतर बेचा जाता है, तो आपके कर स्लैब के अनुसार कर की दर के साथ अल्पकालिक पूंजीगत लाभ लागू होता है; इसलिए यदि आप 30% कर ब्रैकेट में हैं, तो आपका एसटीसीजी 30% प्लस 4% का उपकर होता है) ।
अगर अच्छी तरह से योजना बनाई जाए तो डेब्ट म्यूचुअल फंड में निवेश भी कर बचत के लिए कारगर साबित हो सकता है।
निवेशक जोखिम
जैसा कि पहले कहा गया है, डेब्ट फंड्स ब्याज दर जोखिम को चलाते हैं, क्योंकि दरों में किसी भी वृद्धि से बॉन्ड की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है, जिससे बॉन्ड फंड रिटर्न प्रभावित होता है । इसके अलावा, कोई भी बॉन्ड जारीकर्ताओं को अपने दायित्वों पर चूक करने की संभावना को पहचान नहीं सकता है। यह डिफ़ॉल्ट जोखिम ,कम रेटेड प्रतिभूतियों के लिए अधिक है और बढ़ती परिपक्वताओं के साथ तेजी से बढ़ती है।
वहां भी संभावना है कि आपके फंड मैनेजर गलत वित्तीय आदतों वाले कंपनी का समर्थन करके एक गलत कदम उठा सकते हैं । इसलिए, यदि आपके द्वारा समर्थित कंपनी (या आपके फंड मैनेजर ने आपकी ओर से समर्थित किया हो ) ब्याज/मूलधन पुनर्भुगतान पर चूक करती है या यदि इसे आगे डाउनग्रेड किया जाता है, तो यह आपके निवेश में बुरा असर डालेगी ।
फ्रैंकलिन टेंपलटन असफलता
आपको शायद आश्चर्य होगा कि कौन संभवतः कम गुणवत्ता वाले बांड में निवेश करना चाहेगा जब वो उच्च गुणवत्ता वाले बांड खरीद सकता है और उसे अपने निवेश को जोखिम में नहीं डालना पड़े। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, निम्न गुणवत्ता वाले बांडों के लिए आकर्षण उनकी उच्च ब्याज दरें हैं, जब कि उच्च गुणवत्ता वाले बांडों द्वारा प्रदान की जाने वाली ब्याज दरें अपेक्षाकृत मामूली होती है।
फंड मैनेजर ,जो इसे स्मार्ट खेल सकते हैं या उच्च रिटर्न के लिए जोखिम ले सकते हैं, वे कम गुणवत्ता वाले बांड को चुनते हैं। फ्रैंकलिन टेंपलटन (एफटी) उनमे से एक था, जिसने अपने पोर्टफोलियो में कम गुणवत्ता वाले बांड का अधिक आवंटन किया था । और इसने कुछ समय के लिए बहुत अच्छा प्रदर्शन किया । लेकिन वोडाफोन आइडिया और यस बैंक बॉन्ड्स में फ्रैंकलिन टेंपलटन के उच्च आवंटन की वजह से रणनीति में अंतर्निहित खामी उजागर हो गई ।
वित्तीय कंपनी, स्किपबॉक्स के संस्थापक संजीव सिंघल के अनुसार ,"आई.एल.एफ.एस.,वोडाफोन आदि के बाद से इस रणनीति ने (उच्च रिटर्न के लिए उच्च जोखिम लेने) पिछले 18 महीनों में गिरावट दिखाना शुरू कर दिया था " । सीएनबीसी TV18 द्वारा उद्धृत किये गए सिंघल के शब्दों अनुसार "एफटी इन फंडों में साइड पॉकेट बनाने लगा जिसमे डिफ़ॉल्ट /संदिग्ध डेब्ट का चिटठा हो " |
इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला वोडाफोन आइडिया के खिलाफ गया था और उसने डिफ़ॉल्ट कर दिया था । मार्च में यस बैंक ढह गया था । मामलों को बदतर करने के लिए, भयभीत निवेशकों ने कोविड-19 महामारी के बाद अपने पैसे वापस लेने शुरू कर दिए , जिससे पहले से ही अतरल बांड बाजार में रिडेम्पशन दबाव बढ़ने लगा।
आम तौर पर, फ्रैंकलिन टेंपलटन के पास मदद करने के लिए नए निवेशक मिल सकते थे जो पुराने निवेशक जो निवेश वापस ले रहे थे,उनकी भरपाई कर सकते थे, लेकिन बदली परिस्थितियों में कोई भी कम गुणवत्ता वाले बांड खरीदने का जोखिम नहीं लेना चाहता था । कुछ समय के लिए, फ्रैंकलिन टेंपलटन ने भुगतान करने के लिए पैसे उधार लिए, लेकिन यह टिकाऊ नहीं था और उन छह फंडों को अंततः बंद करना पड़ा ।
अंतिम शब्द
मूल सवाल पर लौटते हैं (' क्या डेब्ट फंड एक सुरक्षित निवेश होना चाहिए या नहीं ? ') जवाब है: हां वे हैं, लेकिन वे भी अस्थिर हैं । रिटर्न ब्याज दरों के अनुसार अलग-अलग होते हैं; अगर ब्याज दरों में वृद्धि हो तो वे गिर जाते हैं , और अगर ब्याज दरों में गिरावट हो तो उनमे वृद्धि होती है । इसके अलावा, अल्पकालिक बांड की तुलना में एक दीर्घकालिक डेब्ट फंड अधिक अस्थिर होते है।
डेब्ट फंड में निवेश करने से पहले ध्यान में रखने लायक सबसे महत्वपूर्ण पहलू - बांड की गुणवत्ता से संबंधित है। फ्रेंकलिन टेंपलटन के हार से जो निष्कर्ष निकलता है ,वह यह कि एक कम गुणवत्ता वाले डेब्ट फंड उच्च रिटर्न की पेशकश कर सकते हैं, लेकिन डिफ़ॉल्ट और मूलधन के नुकसान के दोहरे खतरे, एक बहुत ही वास्तविक संभावना है ।
उनकी सुरक्षा के लिए, निवेशकों को बांड रेटिंग की जांच करने की सलाह दी जाती है; उदाहरण के लिए, क्रिसिल की एएए रेटिंग उच्चतम रेटेड बॉन्ड गुणवत्ता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी उद्देश्यों के लिए है और इसे कर या निवेश या कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। इन क्षेत्रों में निर्णय लेते समय आपको स्वतंत्र सलाह प्राप्त करनी चाहिए ।
फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम फंड, एसेट मैनेजमेंट फर्म फ्रैंकलिन टेंपलटन के छह डेब्ट फंड्स में से सबसे लोकप्रिय है, जो इस साल 23 अप्रै को बंद कर दिए गए थे, इसने 1 नवंबर 2016 और 1 नवंबर 2019 के बीच 7.81% की यौगिक वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दिया।
नवंबर 2016 में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का तीन साल का फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी)दर 7% था, इसलिए कागजों पर फंड से मिलने वाला रिटर्न थोड़ा बेहतर लग रहा था। हालांकि, दूसरे वाले ने, जब कर लाभों पर विचार किया गया तो वह भी सफल रहा|इसके अलावा, विश्लेषकों ने फ्रैंकलिन टेंपलटन की रणनीति - अपने ऋण पोर्टफोलियो में उच्च जोखिम लेने को - पारदर्शी होना माना। नतीजतन, म्यूचुअल फंड वितरक इन फंडों को एफडी की तुलना में भारत के जोखिम से बचने वाले मध्यम वर्ग के निवेशकों को बेचने में अधिक सफल रहे।
तो जब फ्रेंकलिन टेंपलटन ने कहा कि उसने छह उच्च जोखिम वाले डेब्ट फंड बंद कर दिया, और इसके लिए जब रिडेम्पशन दबाव और बांड बाजार में अतरलता को ज़िम्मेदार ठहराया,तो निवेशक हैरान हो गए। उन्हें आश्चर्य हुआ कि क्या डेब्ट फंड एक सुरक्षित निवेश नहीं हैं। लेकिन इसका जवाब देने के लिए हमें पहले यह समझना होगा कि डेब्ट फंड क्या है और यह वास्तव में कैसे काम करता है । इससे हमें यह तय करने में भी मदद मिलेगी कि कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड्स जैसे डेब्ट फंड पूरी तरह से जोखिम मुक्त हैं या नहीं।
डेब्ट फंड
बॉन्ड फंड एक ऐसा म्यूचुअल फंड है जो मुख्य रूप से बांड और अन्य डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है। फंड जिस तरह के डेब्ट में निवेश करता है, वह उसके फोकस पर निर्भर करेगा। हालांकि, सामान्य तौर पर, ये निवेश मुख्य रूप से निश्चित ब्याज अर्जित करने वाली प्रतिभूतियां हैं जैसे कि सरकारों, कॉर्पोरेट संस्थाओं और नगर निकायों द्वारा जारी किए गए बांड। इनमें से प्रत्येक में अलग अलग तरह के जोखिम होते है ।
अन्य मुद्रा बाजार साधनों में भी निवेश किया जा सकता है, जिसमें परिवर्तनीय बांड शामिल हैं जहां निवेशक निवेश की गई राशि को जारीकर्ता कंपनी की इक्विटी में परिवर्तित करते हैं। फिर भी,डेब्ट फंड्स , ब्याज दर के जोखिम और ऋण जोखिम की वजह से निश्चित आय उपकरण होने के बावजूद पॉजिटिव रिटर्न की गारंटी नहीं देते है ।
क्रेडिट जोखिम बढ़ता है यदि किसी डेब्ट फंड का शुद्ध एसेट मूल्य (एनएवी) ,अर्थव्यवस्था में समग्र ब्याज दरों में गिरावट के बावजूद भी बढ़ता है, जो कि दीर्घकालिक डेब्ट फंड को एक बढ़ती ब्याज दर व्यवस्था में अनुपयुक्त बनाता है । (हालांकि जब दरें गिर रही होती है तो यह विपरीत होता है) । क्रेडिट रिस्क में फंड मैनेजर कम क्रेडिट रेटेड सिक्योरिटीज में निवेश कर सकता है, जिनमें डिफॉल्ट होने की संभावना ज्यादा होती है । इस कारण से डेब्ट फंड्स ,बैंक एफडी से ज्यादा जोखिम भरा हो जाता है।
कॉर्पोरेट बांड
कॉर्पोरेट बॉन्ड म्यूचुअल फंड के बारे में अब विशेष रूप से बात करते हैं , यह एक निश्चित आय प्रतिभूति है जो मुख्य रूप से निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा जारी बांड में निवेश करती है।
एक कॉर्पोरेट बॉन्ड अपनी पूरी कार्यकाल अवधि में ब्याज का भुगतान करता है, और परिपक्वता पर मूलधन का भी भुगतान करता है। यह जोखिम की अपेक्षाकृत कम स्तर के साथ उच्च रिटर्न प्रदान करने के लिए जाना जाता है, क्योंकि ये फंड आमतौर पर उच्च रेटेड उपकरणों में निवेश करते हैं। उनकी कुल संपत्ति का कम से 80% उच्चतम रेटेड कॉर्पोरेट बांड में जाता है ।
साथ ही, इस प्रकार का म्यूचुअल फंड कभी-कभी सरकारी प्रतिभूतियों में भी निवेश करता है; यह आमतौर पर तब होता है जब कोई अन्य उपयुक्त अवसर नहीं होता है। औसतन,आवंटन का लगभग 5% ही सॉवरेन फिक्स्ड इनकम में डाला जाता है।
निवेशक लाभ
सभी ऋण पत्र जो कॉर्पोरेट बांड फंड में निवेश होते हैं,वे ज़रूरी नहीं कि बांड ही हो; कंपनियां ऋण पत्र भी जारी करती हैं, जिनमें बांड, डिबेंचर, वाणिज्यिक कागजात और संरचित दायित्व शामिल होते हैं। यदि आप एक निवेशक हैं जो सुरक्षित निवेश विकल्प से एक निश्चित लेकिन उच्च आय चाहते हैं, तो कॉर्पोरेट बांड एक अच्छा विकल्प है। यह मुख्य रूप से इसलिए ऐसा है क्योंकि वे अन्य डेब्ट फंड की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं क्यूंकि वे पूंजी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
यदि आपका फंड मैनेजर केवल उच्च रेटेड कंपनियों में निवेश करता है, तो 8% और 10% के बीच औसत रिटर्न की उम्मीद करें। यहां भी जोखिम कम है । इस तरह, आपका फंड मैनेजर आपको उच्च गुणवत्ता वाले ऋण उपकरणों में निवेश करने वाले कॉर्पोरेट बॉन्ड फंडों का चयन करके अपने वित्तीय लक्ष्यों की दिशा में तेजी से प्रगति करने में मदद कर सकता है।
इसी तरह, यदि आपका फंड मैनेजर कुछ कम रेटेड फंड में निवेश करने का विकल्प चुनता है जिसे वो अच्छे से संभालता है, तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसा तब होता है जब कंपनियां निवेशकों को आकर्षित करने के लिए थोड़ी अधिक कूपन दरें देती हैं। लेकिन यह रणनीति भी गलत हो सकती हैं, जैसा कि फ्रैंकलिन टेंपलटन के साथ देखा गया था । हम बाद के खंड में इसका विस्तार से पता लगाएंगे ।
कर दक्षता
जैसा कि पहले कहा गया है, ब्याज दरें अस्थिर होने पर दीर्घकालिक डेब्ट फंड एक जोखिम भरा प्रस्ताव बन सकते हैं । यह इस अस्थिरता से बचने के लिए ही कॉर्पोरेट बांड फंड एक वर्ष से चार साल के निवेश क्षितिज के साथ निवेश करते हैं।
यदि आप तीन साल तक निवेश करते रहते हैं, तो आपको एक अतिरिक्त लाभ मिलता है, खासकर यदि आप उच्चतम आयकर स्लैब में आते हैं। ऐसा इसलिए क्यूंकि डेब्ट फंड से पूंजीगत लाभ कर योग्य होती हैं, और यदि आपका निवेश तीन साल या उससे अधिक के लिए है तो आयकर अधिनियम की धारा 112 लागू होती है । इस धारा के तहत 20% का सीधा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ इंडेक्सेशन के साथ लगाया जाता है।
(यदि इकाइयों को तीन साल के भीतर बेचा जाता है, तो आपके कर स्लैब के अनुसार कर की दर के साथ अल्पकालिक पूंजीगत लाभ लागू होता है; इसलिए यदि आप 30% कर ब्रैकेट में हैं, तो आपका एसटीसीजी 30% प्लस 4% का उपकर होता है) ।
अगर अच्छी तरह से योजना बनाई जाए तो डेब्ट म्यूचुअल फंड में निवेश भी कर बचत के लिए कारगर साबित हो सकता है।
निवेशक जोखिम
जैसा कि पहले कहा गया है, डेब्ट फंड्स ब्याज दर जोखिम को चलाते हैं, क्योंकि दरों में किसी भी वृद्धि से बॉन्ड की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है, जिससे बॉन्ड फंड रिटर्न प्रभावित होता है । इसके अलावा, कोई भी बॉन्ड जारीकर्ताओं को अपने दायित्वों पर चूक करने की संभावना को पहचान नहीं सकता है। यह डिफ़ॉल्ट जोखिम ,कम रेटेड प्रतिभूतियों के लिए अधिक है और बढ़ती परिपक्वताओं के साथ तेजी से बढ़ती है।
वहां भी संभावना है कि आपके फंड मैनेजर गलत वित्तीय आदतों वाले कंपनी का समर्थन करके एक गलत कदम उठा सकते हैं । इसलिए, यदि आपके द्वारा समर्थित कंपनी (या आपके फंड मैनेजर ने आपकी ओर से समर्थित किया हो ) ब्याज/मूलधन पुनर्भुगतान पर चूक करती है या यदि इसे आगे डाउनग्रेड किया जाता है, तो यह आपके निवेश में बुरा असर डालेगी ।
फ्रैंकलिन टेंपलटन असफलता
आपको शायद आश्चर्य होगा कि कौन संभवतः कम गुणवत्ता वाले बांड में निवेश करना चाहेगा जब वो उच्च गुणवत्ता वाले बांड खरीद सकता है और उसे अपने निवेश को जोखिम में नहीं डालना पड़े। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, निम्न गुणवत्ता वाले बांडों के लिए आकर्षण उनकी उच्च ब्याज दरें हैं, जब कि उच्च गुणवत्ता वाले बांडों द्वारा प्रदान की जाने वाली ब्याज दरें अपेक्षाकृत मामूली होती है।
फंड मैनेजर ,जो इसे स्मार्ट खेल सकते हैं या उच्च रिटर्न के लिए जोखिम ले सकते हैं, वे कम गुणवत्ता वाले बांड को चुनते हैं। फ्रैंकलिन टेंपलटन (एफटी) उनमे से एक था, जिसने अपने पोर्टफोलियो में कम गुणवत्ता वाले बांड का अधिक आवंटन किया था । और इसने कुछ समय के लिए बहुत अच्छा प्रदर्शन किया । लेकिन वोडाफोन आइडिया और यस बैंक बॉन्ड्स में फ्रैंकलिन टेंपलटन के उच्च आवंटन की वजह से रणनीति में अंतर्निहित खामी उजागर हो गई ।
वित्तीय कंपनी, स्किपबॉक्स के संस्थापक संजीव सिंघल के अनुसार ,"आई.एल.एफ.एस.,वोडाफोन आदि के बाद से इस रणनीति ने (उच्च रिटर्न के लिए उच्च जोखिम लेने) पिछले 18 महीनों में गिरावट दिखाना शुरू कर दिया था " । सीएनबीसी TV18 द्वारा उद्धृत किये गए सिंघल के शब्दों अनुसार "एफटी इन फंडों में साइड पॉकेट बनाने लगा जिसमे डिफ़ॉल्ट /संदिग्ध डेब्ट का चिटठा हो " |
इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला वोडाफोन आइडिया के खिलाफ गया था और उसने डिफ़ॉल्ट कर दिया था । मार्च में यस बैंक ढह गया था । मामलों को बदतर करने के लिए, भयभीत निवेशकों ने कोविड-19 महामारी के बाद अपने पैसे वापस लेने शुरू कर दिए , जिससे पहले से ही अतरल बांड बाजार में रिडेम्पशन दबाव बढ़ने लगा।
आम तौर पर, फ्रैंकलिन टेंपलटन के पास मदद करने के लिए नए निवेशक मिल सकते थे जो पुराने निवेशक जो निवेश वापस ले रहे थे,उनकी भरपाई कर सकते थे, लेकिन बदली परिस्थितियों में कोई भी कम गुणवत्ता वाले बांड खरीदने का जोखिम नहीं लेना चाहता था । कुछ समय के लिए, फ्रैंकलिन टेंपलटन ने भुगतान करने के लिए पैसे उधार लिए, लेकिन यह टिकाऊ नहीं था और उन छह फंडों को अंततः बंद करना पड़ा ।
अंतिम शब्द
मूल सवाल पर लौटते हैं (' क्या डेब्ट फंड एक सुरक्षित निवेश होना चाहिए या नहीं ? ') जवाब है: हां वे हैं, लेकिन वे भी अस्थिर हैं । रिटर्न ब्याज दरों के अनुसार अलग-अलग होते हैं; अगर ब्याज दरों में वृद्धि हो तो वे गिर जाते हैं , और अगर ब्याज दरों में गिरावट हो तो उनमे वृद्धि होती है । इसके अलावा, अल्पकालिक बांड की तुलना में एक दीर्घकालिक डेब्ट फंड अधिक अस्थिर होते है।
डेब्ट फंड में निवेश करने से पहले ध्यान में रखने लायक सबसे महत्वपूर्ण पहलू - बांड की गुणवत्ता से संबंधित है। फ्रेंकलिन टेंपलटन के हार से जो निष्कर्ष निकलता है ,वह यह कि एक कम गुणवत्ता वाले डेब्ट फंड उच्च रिटर्न की पेशकश कर सकते हैं, लेकिन डिफ़ॉल्ट और मूलधन के नुकसान के दोहरे खतरे, एक बहुत ही वास्तविक संभावना है ।
उनकी सुरक्षा के लिए, निवेशकों को बांड रेटिंग की जांच करने की सलाह दी जाती है; उदाहरण के लिए, क्रिसिल की एएए रेटिंग उच्चतम रेटेड बॉन्ड गुणवत्ता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी उद्देश्यों के लिए है और इसे कर या निवेश या कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। इन क्षेत्रों में निर्णय लेते समय आपको स्वतंत्र सलाह प्राप्त करनी चाहिए ।