Gold ETF: गोल्ड ईटीएफ में निवेश के क्या फायदे हैं?

सोने में निवेश वैसे तो नई बात नहीं है लेकिन गोल्ड ईटीएफ के जरिए और क्या फायदे हो सकते हैं जानिए।

 गोल्ड ईटीएफ

Gold ETF: भारत में सोना न सिर्फ वैभव का प्रतीक है बल्कि निवेश के लिए भी सदियों से खरीदा जाता रहा है। त्योहारों पर सोना खरीदने का चलन हमेशा से बना रहा है। अक्सर लोग धनतेरस और अक्षय तृतीया पर सोने के आभूषण खरीदते हैं। 

सोना सिर्फ आभूषण आदि के लिए नहीं बल्कि संपत्ति के रूप में भी जमा किया जाता है। इसलिए यदि आप भी सोने में निवेश करना चाहते हैं तो जानिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) आपके लिए एक अच्छा विकल्प क्यों साबित हो सकता है? 

Gold Vs गोल्ड ईटीएफ, ज्यादा फ़ायदा किसमें? 

गोल्ड ईटीएफ का सोना शुद्ध 

भारतीय बाजार में सोना या तो आभूषणों के रूप में खरीदा जाता है या फिर सीधे-सीधे सोने के सिक्कों के रूप में। इन दोनों ही तरीकों में जोखिम शामिल है। आभूषणों पर बनवाई लगने के कारण कीमत भी बढ़ जाती है। इन दोनों ही तरीकों में सोने की शुद्धता पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाता है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में निवेश एक बेहतर विकल्प के रूप में उभर कर आता है। 

सोने की प्रामाणिकता और शुद्धता के लिए गोल्ड ईटीएफ से बेहतर दूसरा विकल्प नहीं है क्योंकि एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट एक ग्राम शुद्ध सोने के बराबर होती है। गोल्ड ईटीएफ का कारोबार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर किया जाता है। 

आसान नकदीकरण 

गोल्ड ईटीएफ सोने में निवेश का एक आसान तरीका है जिसमें नकदीकरण की बहुत अधिक संभावना होती है । बाजार में बेचे जाने खरीदे जाने वाले सोने से कहीं आसानी से इसकी लिक्विडिटी की जा सकती है। 

गोल्ड ईटीएफ से कम मात्रा में भी निवेश हो सकता है

जब बाजार से सोना खरीदा जाता है तो बड़ी संख्या मात्रा में सोना खरीदना पड़ता है जिसके लिए बहुत अधिक रकम की जरूरत पड़ती है । वहीं गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए मात्रा और रकम खुद ही निश्चित की जा सकती है। इसमें कम मात्रा में भी निवेश संभव होता है।

यह भी पढ़ें: सोने की कीमत गई नीचे

गोल्ड ईटीएफ में निवेश तुलनात्मक रूप से सस्ता 

सुरक्षा के लिहाज़ से सोना लॉकरों में ही बंद रखा जाता है जिसके कारण आपको लॉकर का अतिरिक्त शुल्क भी चुकाना पड़ता है। बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होने वाली सोने की कीमतों के आउटपरफॉरमेंस और अंडरपरफॉर्मेंस के प्रभाव को भी गोल्ड ईटीएफ के जरिए कम किया जा सकता है। 

लेकिन ध्यान रखने वाली बात है कि यदि आप गोल्ड ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग खाता होना आवश्यक है। 

ज़मानत की तरह उपयोग 

गोल्ड ईटीएफ में किए गए निवेश का ज़मानत के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके आधार पर निवेशक ऋण भी प्राप्त कर सकता है। 

किसे गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना चाहिए 

यदि आप कमॉडिटी आधारित ट्रेडेड फंड की तलाश कर रहे हैं तो गोल्ड ईटीएफ आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। साथ ही उद्योग एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है। यह आपके पोर्टफोलियों को व्यापक बनाने के काम आता है जिससे इसके अंतर्गत सोने के खनन, मैन्यूफैक्चर और परिवहन जैसे कई क्षेत्रों में निवेश करने की सुविधा मिलती है। ध्यान रहे गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है।

Asset Allocation और सोना 

  • सोने को वैसे तो एक सुरक्षित एसेट माना जाता है और इसी आधार पर लंबे समय से लोग सोने में निवेश करते आए हैं। सोना खरीदने के बाद लंबी अवधि के लिए बाजार में उसकी कीमत बनी रहती है। 
  • सोने की परचेसिंग पावर लंबे समय तक बनी रहती है जिसके कारण मुद्रास्फीति से बचाव के रूप में भी इसका इसमें निवेश किया जाता है। सोने के साथ चांदी का भी बाजार में बहुत महत्त्व है। दोनों ही धातुएँ परिसंपत्ति के चुनाव (एसेट एलोकेशन) के लिए अहम मानी जाती हैं। 
  • जब बाजार के जोखिम को कम करना हो तो रिस्क डाइवर्सिफिकेशन (Risk Diversification) की नीति अपनाई जाती है। अपने पोर्टफोलियों में लोग सोने को स्थिरता, सुरक्षा और डाइवर्सिफिकेशन के विकल्प के रूप में शामिल करना पसंद करते हैं।

यह भी पढ़ें: सोने की हॉलमार्किंग के नियम

Gold ETF: भारत में सोना न सिर्फ वैभव का प्रतीक है बल्कि निवेश के लिए भी सदियों से खरीदा जाता रहा है। त्योहारों पर सोना खरीदने का चलन हमेशा से बना रहा है। अक्सर लोग धनतेरस और अक्षय तृतीया पर सोने के आभूषण खरीदते हैं। 

सोना सिर्फ आभूषण आदि के लिए नहीं बल्कि संपत्ति के रूप में भी जमा किया जाता है। इसलिए यदि आप भी सोने में निवेश करना चाहते हैं तो जानिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) आपके लिए एक अच्छा विकल्प क्यों साबित हो सकता है? 

Gold Vs गोल्ड ईटीएफ, ज्यादा फ़ायदा किसमें? 

गोल्ड ईटीएफ का सोना शुद्ध 

भारतीय बाजार में सोना या तो आभूषणों के रूप में खरीदा जाता है या फिर सीधे-सीधे सोने के सिक्कों के रूप में। इन दोनों ही तरीकों में जोखिम शामिल है। आभूषणों पर बनवाई लगने के कारण कीमत भी बढ़ जाती है। इन दोनों ही तरीकों में सोने की शुद्धता पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाता है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में निवेश एक बेहतर विकल्प के रूप में उभर कर आता है। 

सोने की प्रामाणिकता और शुद्धता के लिए गोल्ड ईटीएफ से बेहतर दूसरा विकल्प नहीं है क्योंकि एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट एक ग्राम शुद्ध सोने के बराबर होती है। गोल्ड ईटीएफ का कारोबार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर किया जाता है। 

आसान नकदीकरण 

गोल्ड ईटीएफ सोने में निवेश का एक आसान तरीका है जिसमें नकदीकरण की बहुत अधिक संभावना होती है । बाजार में बेचे जाने खरीदे जाने वाले सोने से कहीं आसानी से इसकी लिक्विडिटी की जा सकती है। 

गोल्ड ईटीएफ से कम मात्रा में भी निवेश हो सकता है

जब बाजार से सोना खरीदा जाता है तो बड़ी संख्या मात्रा में सोना खरीदना पड़ता है जिसके लिए बहुत अधिक रकम की जरूरत पड़ती है । वहीं गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए मात्रा और रकम खुद ही निश्चित की जा सकती है। इसमें कम मात्रा में भी निवेश संभव होता है।

यह भी पढ़ें: सोने की कीमत गई नीचे

गोल्ड ईटीएफ में निवेश तुलनात्मक रूप से सस्ता 

सुरक्षा के लिहाज़ से सोना लॉकरों में ही बंद रखा जाता है जिसके कारण आपको लॉकर का अतिरिक्त शुल्क भी चुकाना पड़ता है। बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होने वाली सोने की कीमतों के आउटपरफॉरमेंस और अंडरपरफॉर्मेंस के प्रभाव को भी गोल्ड ईटीएफ के जरिए कम किया जा सकता है। 

लेकिन ध्यान रखने वाली बात है कि यदि आप गोल्ड ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग खाता होना आवश्यक है। 

ज़मानत की तरह उपयोग 

गोल्ड ईटीएफ में किए गए निवेश का ज़मानत के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके आधार पर निवेशक ऋण भी प्राप्त कर सकता है। 

किसे गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना चाहिए 

यदि आप कमॉडिटी आधारित ट्रेडेड फंड की तलाश कर रहे हैं तो गोल्ड ईटीएफ आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। साथ ही उद्योग एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है। यह आपके पोर्टफोलियों को व्यापक बनाने के काम आता है जिससे इसके अंतर्गत सोने के खनन, मैन्यूफैक्चर और परिवहन जैसे कई क्षेत्रों में निवेश करने की सुविधा मिलती है। ध्यान रहे गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है।

Asset Allocation और सोना 

  • सोने को वैसे तो एक सुरक्षित एसेट माना जाता है और इसी आधार पर लंबे समय से लोग सोने में निवेश करते आए हैं। सोना खरीदने के बाद लंबी अवधि के लिए बाजार में उसकी कीमत बनी रहती है। 
  • सोने की परचेसिंग पावर लंबे समय तक बनी रहती है जिसके कारण मुद्रास्फीति से बचाव के रूप में भी इसका इसमें निवेश किया जाता है। सोने के साथ चांदी का भी बाजार में बहुत महत्त्व है। दोनों ही धातुएँ परिसंपत्ति के चुनाव (एसेट एलोकेशन) के लिए अहम मानी जाती हैं। 
  • जब बाजार के जोखिम को कम करना हो तो रिस्क डाइवर्सिफिकेशन (Risk Diversification) की नीति अपनाई जाती है। अपने पोर्टफोलियों में लोग सोने को स्थिरता, सुरक्षा और डाइवर्सिफिकेशन के विकल्प के रूप में शामिल करना पसंद करते हैं।

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