- Date : 22/06/2021
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- Read in English: What are sectoral and thematic funds, and which one should you buy?
सेक्टर-आधारित और थीम-आधारित फंड क्या होते हैं और इस साल कौन से फंड्स का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा.

सेक्टर-आधारित और थीम-आधारित फंड निवेशकों के लिए उपलब्ध एक तरह के इक्विटी म्यूचुअल फंड हैं. सेक्टर फंड के मामले में, किसी विशेष उद्योग या क्षेत्र से संबंधित शेयरों में निवेश किया जाता है. थीम-आधारित फंड विभिन्न क्षेत्रों या उद्योगों में निवेश कर सकते हैं लेकिन ऐसे उद्योग अक्सर किसी कॉमन थीम से जुड़े होते हैं.
उदाहरण के लिए, फ्रैंकलिन इंडिया अपॉर्चुनिटीज डायरेक्ट ग्रोथ फंड एक थीम-आधारित फंड है जिसकी विभिन्न कंपनियों जैसे एचडीएफसी बैंक, बॉश, एचसीएल, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा आदि में हिस्सेदारी है. वहीं दूसरी ओर, एक टेक्नोलॉजी सेक्टर फंड का इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएल और इसी तरह की तकनीकी कंपनियों में निवेश हो सकता है. म्युचुअल फंड का सेक्टर एलोकेशन खास उद्योग के हिसाब से होता है. उदाहरण के लिए, ये उद्योग आईटी, पावर और एनर्जी स्टॉक हो सकते हैं.
सेक्टर-आधारित फंड की ख़ास बातें
सेक्टर-आधारित इक्विटी फंड किसी विशेष उद्योग में ग्रोथ का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. सेक्टर-आधारित मार्केट पैटर्न अनूठे होते हैं और सही सेक्टर में निवेश से रिटर्न मिल सकता है जो मार्केट रिटर्न की तुलना में बहुत ज़्यादा होता है. अगर निवेशक सही समय पर बाज़ार में एंट्री लेता है तो किसी सेक्टर में निवेश ज़्यादा रिटर्न दे सकता है. सेक्टर-आधारित रिटर्न आम तौर पर साइकिलिकल होते हैं. उदाहरण के लिए, वैश्विक स्वास्थ्य संकट को देखते हुए फार्मा क्षेत्र में निवेश एक बुद्धिमानी भरा निर्णय हो सकता है.
सेक्टर-आधारित को जोखिम भरा भी माना जाता है क्योंकि रिस्क विभिन्न सेक्टरों में डाइवर्सिफाई नहीं किया जाता है. सही समय पर एंट्री और एग्ज़िट की जानकारी रखने वाले अनुभवी निवेशकों के लिए, सेक्टर-आधारित फंड सबसे बेहतर निवेश विकल्प हैं.
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थीम-आधारित फंड की ख़ास बातें
थीम-आधारित फंड में सेमी-डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो होता है. ये फंड कई सेक्टरों में निवेश करते हैं जो एक कॉमन थीम से जुड़े होते हैं, इसलिए वे सेक्टर-आधारित फंड की तुलना में ज़्यादा डायवर्सिफाइड होते हैं. अगर सही तरीके से योजना बनाई जाए और निवेश किया जाए तो ये फंड भी बाज़ार से अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं. लेकिन थीम-आधारित फंड के तहत एसेट चुनना ज़्यादा मुश्किल होता है. सेक्टर फंड में निवेश करना बहुत आसान है क्योंकि आप जानते हैं कि कौन सा सेक्टर चुनना है.
थीम-आधारित फंड को उच्च जोखिम वाला भी माना जाता है. हो सकता है कि बाज़ार में खराब समय के दौरान थीम वाली कई या अधिकतर कंपनियों का प्रदर्शन ख़राब रहे. उच्च जोखिम लेने की क्षमता और बाज़ार की अच्छी समझ रखने वाले निवेशकों के लिए थीम-आधारित फंड बेहतर विकल्प हैं.
थीम-आधारित म्यूचुअल फंड लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देने के लिए जाने जाते हैं. वे बाजार में उभरते रुझानों को पहचान कर उनमें निवेश करने की रणनीति बनाते हैं. इसलिए, जिन निवेशकों को फायदेमंद रुझानों की पहचान करने का अनुभव है, वे दीर्घकालिक निवेश के लिए थीम-आधारित फंड पर भरोसा कर सकते हैं.
इसी तरह के: थीम-आधारित फंड क्या होते हैं?
सेक्टर-आधारित और थीम-आधारित फंड में कैसे निवेश करें
अधिकांश म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास सेक्टर-आधारित और थीम-आधारित फंड की एक लिस्ट होती है जो वे ग्राहकों को ऑफर करते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आप फार्मा शेयरों में डिविडेंड-यील्डिंग सेक्टर-आधारित और थीम-आधारित फंड की तलाश कर रहे हैं, तो आपको अलग-अलग म्यूचुअल फंड कंपनियों से ऐसे कई विकल्प मिलेंगे. जब आप अपनी पसंद का सेक्टर-आधारित या थीम-आधारित फंड चुन लेते हैं, तो आपको निवेश राशि भरनी होती है और फंड अकाउंट खोलने की अन्य सामान्य औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं.
निवेश की प्रक्रिया ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी की जा सकती है. सेक्टर-आधारित या थीम-आधारित फंड को ऑफलाइन खोलने के लिए, आप अपनी पसंद के ब्रोकर से संपर्क कर सकते हैं और उपलब्ध फंड विकल्पों का अनुरोध कर सकते हैं. आप ब्रोकर के माध्यम से, निवेश से संबंधित विभिन्न खर्चों और फीस का भी पता लगा सकेंगे. इन फंड्स में निवेश करने के लिए, आपको ब्रोकर को आईडी प्रूफ, कैंसिल किया चेक, फोटोग्राफ, पैन और केवाईसी डॉक्यूमेंट देने होंगे.
सेक्टर-आधारित या थीम-आधारित म्यूचुअल फंड निवेश की ऑनलाइन खरीद के लिए, आपको अपनी पसंद के ब्रोकर या एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) की वेबसाइट या एग्रीगेटर वेबसाइट पर जाना होगा. एग्रीगेटर वेबसाइट पर आप विभिन्न कंपनियों में फंड की तुलना कर सकते हैं और/या उनके माध्यम से खरीद सकते हैं.
इसी से मिलती-जुलती बातें: इक्विटी म्यूचुअल फंड बनाम स्टॉक: कहां निवेश करें?
सेक्टर-आधारित या थीम-आधारित फंड पर टैक्स
अगर अलॉटमेंट की तारीख के एक साल के भीतर फंड यूनिट बेची जाती है, तो कैपिटल गेन पर 15% टैक्स लगेगा. अगर बेची गई यूनिट को एक वर्ष से अधिक समय तक रखा गया है, तो इससे होने वाले लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा. एक वित्तीय वर्ष में 1 लाख रुपये तक के एलटीसीजी पर टैक्स नहीं लगता है. 1 लाख रुपये से अधिक के लाभ पर 10% का इनकम टैक्स लगता है.
बेहतरीन सेक्टर-आधारित या थीम-आधारित फंड
बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कुछ सेक्टर-आधारित फंड इस प्रकार हैं:
- आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल टेक्नोलॉजी - लम्पसम्प पर 131% वायटीडी (इयर-टू-डेट) रिटर्न
- आदित्य बिड़ला सन लाइफ डिजिटल इंडिया - लम्पसम्प पर 112% वायटीडी रिटर्न
- टाटा डिजिटल इंडिया - लम्पसम्प पर 111% वायटीडी रिटर्न
- फ्रैंकलिन इंडिया टेक्नोलॉजी - लम्पसम्प पर 89% वायटीडी रिटर्न
- एसबीआई टेक्नोलॉजी अपौरच्युनिटीज़– लम्पसम्प पर 88% वायटीडी रिटर्न
बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कुछ थीम-आधारित फंड इस प्रकार हैं:
- एसबीआई मैग्नम कॉमा फंड - लम्पसम्प पर 87% वायटीडी रिटर्न
- फ्रैंकलिन इंडिया अपौरच्युनिटीज़ - लम्पसम्प पर 72% वायटीडी रिटर्न
- आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंटरनेशनल इक्विटी प्लान बी - लम्पसम्प पर 63% वायटीडी रिटर्न
- टाटा एथिकल फंड - लम्पसम्प पर 56% वायटीडी रिटर्न
- निप्पॉन इंडिया क्वांट फंड - लम्पसम्प पर 51% वायटीडी रिटर्न
इससे मिलती-जुलती बातें: म्यूचुअल फंड के तहत उपलब्ध विभिन्न प्रकार के फंड
और आखिर में
कृपया ध्यान दें कि इनमें - या किसी भी सेक्टर-आधारित या थीम-आधारित फंड में निवेश से मिलने वाला रिटर्न - बाज़ार की स्थितियों में बदलाव के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है. अगर आप सेक्टर-आधारित या थीम-आधारित फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो हमारी सलाह है कि आप अपने फंड को सावधानी से चुनें और नियमित रूप से उसकी प्रगति पर नज़र रखें. इक्विटी फंड के बारे में ज़्यादा जानने के लिए इसे पढ़ें.
अस्वीकरण: इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ़ आम जानकारी देना है और इसे निवेश या टैक्स या कानूनी सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए. इन क्षेत्रों में निर्णय लेते समय आपको अलग से स्वतंत्र सलाह लेनी चाहिए.