इंश्योरेंस के साथ म्युचुअल फंड एसआईपी यह क्या है?

म्युचुअल फंड प्रदाताओं के पास एक ऐसा नया उत्पाद है जो विकल्पों के एक समूह के साथ जीवन बीमा प्रदान करते हैं – नि:शुल्क। हम इस बारे में बता रहे हैं कि इंश्योरेंस के साथ एसआईपी क्या है और यह आपके लिए सही निवेश हो सकता है या नहीं।

इंश्योरेंस के साथ म्युचुअल फंड एसआईपी यह क्या है?

इंश्योरेंस के साथ एसआईपी में दो प्रकार के निवेश होते हैं: म्युचुअल फंड सिस्टमेटिक इंवेंस्टमेंट प्लान (एसआईपी) और टर्म इंश्योरेंस। इसे ‘इंश्योरेंस के साथ म्युचुअल फंड एसआईपी’ भी कहते हैं।

कॉम्पोनेंट्स

म्युचुअल फंड निवेश के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं, खासकर टैक्स-बचत निवेश के प्रकारके रूप में। एसआईपी किसी म्युचुअल फंड में लगातार मासिक निवेश है ताकि यह कुछ वर्षों (या कभी-कभी दशकों) में इसमें वृद्धि हो सके। टर्म इंश्योरेंस जीवन बीमा है जिसमें प्रचलित रूप से कोई रिटर्न नहीं होता - यह जीवन बीमा का सबसे शुद्ध रूप है, जिसका अर्थ है कि भुगतान तब मिलता है जब बीमित व्यक्ति का निधन होता है।

इंश्योरेंस के साथ एसआईपी क्या होता है? 

इंश्योरेंस के साथ एसआईपी आपके म्युचुअल फंड निवेश में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी जोड़ देता है जिसके लिए आपको अलग से भुगतान करने की जरूरत नहीं होती। यह एक दिलचस्प प्रस्ताव है क्योंकि स्टैंडर्ड टर्म लाइफ इंश्योरेंस जिसमें 50 लाख रुपए मिलते हैं उसके लिए आपको प्राय: प्रति वर्ष 9000 रुपए से अधिक प्रीमियम का भुगतान करना होता है।

इंश्योरेंस के साथ एसआईपी कैसे काम करता है?

इंश्योरेंस प्लान के साथ एसआईपी के कुछ कॉम्पोनेंट्स होते हैं।

बीमित राशि प्राय: एसआईपी में मासिक निवेश की गई राशि का गुणक होता है। उदाहरण के लिए, म्युचुअल फंड में मासिक निवेशित राशि 10,000 रुपए हैं, तो पहले वर्ष के लिए बीमित राशि उस मासिक निवेशित राशि का दस गुना होगा (1 लाख रुपए)। दूसरे वर्ष में, यह मासिक बीमित राशि का 50 गुना होगा (5 लाख रुपए)। तीसरे वर्ष में, बीमित राशि मासिक बीमित 100 गुना जा सकती है, इससे टर्म लाइफ इंश्योरेंस की राशि 10 लाख रुपए हो जाती है।

कुछ स्कीमों में पहले वर्ष में मासिक निवेशित राशि में 20 गुने की वृद्धि हो सकती है, दूसरे वर्ष में 75 गुना और तीसरे वर्ष में मासिक निवेशित राशि में 120 गुने की वृद्धि हो सकती है, और इसी प्रकार आगे बढ़ती जाएगी। कुछ निश्चित स्कीमों में 50 की आयु तक इंश्योरेंस प्लान को वैध माना जाता है, कुछ स्कीमों में 60 की आयु तक। इससे पहले कि आप यह तय करें कि कौन का प्लान आपके लिए सही है, आपको प्रत्येक प्रदाता की जांच करनी चाहिए।

इंश्योरेंस प्लान वाले ज्यादातर एसआईपी में ‘लॉक--इन पीरियड’ शामिल होता है ताकि यह प्रभावशाली हो सके। यह प्राय: तीन वर्षों का होता है। इसलिए, यदि ग्राहक तीन वर्ष पूरा होने से पहले एसआईपी बंद करता है, तो वह टर्म इंश्योरेंस कॉम्पोनेंट का हकदार नहीं होगा।

इंश्योरेंस के साथ एसआईपी के लिए कौन योग्य होता है?

18 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग एसआईपी वाले म्युचुअल फंड को सब्सक्राइब कर सकता है। कुछ प्रदाताओं ने प्रवेश के लिए 51 वर्ष की आयु सीमित की है; कुछ प्रदाता इस बात का उल्लेख करते हैं कि इंश्योरेंस का योग्यता उनके द्वारा निर्धारित आयु पर समाप्त होगी, चाहे यह 50, 55 या 60 वर्ष हो।

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इंश्योरेंस के साथ एसआईपी कौन प्रदान करता है? 

सभी नियमित निवेश प्रदाताओं के पास ऐसी स्कीमें हैं जो बहुत से लाइफ इंश्योरेंस के साथ म्युचुअल फंड प्रदान करती हैं। यहां उनमें से कुछ के बारे में बताया गया है:

  • आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल एक ऐसी स्कीम प्रदान करता है जिसे एसआईपी प्लस कहते हैं। यह पहले वर्ष में मासिक निवेशित राशि से 10 गुना वृद्धि प्रदान करता है, दूसरे वर्ष में 50 गुना और तीसरे वर्ष में मासिक निवेशित राशि में 100 गुने की वृद्धि हो सकती है, और इसी प्रकार आगे बढ़ती जाएगी। 18 से 51 वर्ष की आयु के लोग स्कीम का लाभ ले सकते हैं। 55 वर्ष की आयु में, इंश्योरेंस कवर समाप्त हो जाता है। अधिक इंश्योरेंस कवर 50 लाख रुपए का होता है।
  • आदित्य बिड़ला कैपिटल एक ऐसी स्कीम प्रदान करता है जिसे आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्युचुअल फंड सेंचुरी एसआईपी कहते हैं जो इसके कुछ स्कीमों, इक्विटी और डेट दोनों, के ऐड-ऑन की तरह है। यह वही विशेषता प्रदान करता है जो आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल एसआईपी प्लस प्रदान करता है, केवल अंतर यह होता है कि इंश्योरेंस कवर व्यक्ति के 60 साल के होने तक बना रहता है।
  • निप्पोन इंडिया एसआईपी इंश्योर प्लान भी वही विशेषता प्रदान करता है किंतु केवल एक अंतर है: तीसरे वर्ष के सब्सक्रिप्शन में इंश्योरेंस कवर मिलता है जो मासिक निवेशित राशि की 120 गुना होता है । निप्पोन इंडिया एसआईपी इंश्योर प्लान अधिकतम 55 वर्ष की आयु तक मान्य होता है।

इंश्योरेंस के साथ एसआईपी की कौन-कौन सी अच्छी बातें हैं?

  • टर्म लाइफ इंश्योरेंस एक ग्रुप इंश्योरेंस अम्ब्रेला के अंतर्गत प्रदान किया जाता है, इसलिए इसके लिए किसी मेडिकल जांच की जरूरत नहीं होती - जबकि पर्सनल इंश्योरेंस पॉलिसी में इसकी जरूरत होती है।
  • इंश्योरेंस कॉम्पोनेंट नि:शुल्क होता है। कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है; यह केवल उस राशि पर निर्भर करता है जिसे निवेशक हरेक महीने म्युचुअल फंड में डालते हैं।

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क्या कोई सीमा है? 

इन्हें 'सीमाएं’ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह वास्तव में कोई बीमा उत्पाद नहीं है - यह एक ऐसा म्युचुअल फंड स्कीम है जिसमें अतिरिक्त लाइफ इंश्योरेंस है। चूंकि हम म्युचुअल फंड के बारे में बात कर रहे हैं, इसलिए यह टैक्स-बचत निवेश के दायरे में नहीं आता (जबकि कोई शुद्ध लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी टैक्स-बचत वाली होती है)। दूसरी बात यह है कि बीमा कवर 50 लाख रुपए तक सीमित होता है, चाहे आप म्युचुअल फंड में कितना भी निवेश करें। इंश्योरेंस के साथ एसआईपी प्रदान करने वाले ज्यादातर म्युचुअल फंड 20-50 लाख रुपए तक का कवर प्रदान करते हैं।

क्या ऐसी कोई बात है जिसे हमें इंश्योरेंस के साथ एसआईपी के बारे में जाननी चाहिए?

यदि एक से अधिक व्यक्ति द्वारा म्युचुअल फंड लिया जाता है, तो बंडल्ड इंश्योरेंस में केवल प्राइमरी होल्डर ही कवर होगा।

इंश्योरेंस युक्त एसआईपी प्लान में एकमुश्त निवेश का प्रावधान नहीं है। इसका क्या अर्थ होता है कि आप म्युचुअल फंड में एक बार में 1 लाख रुपया निवेश नहीं कर सकते और इस प्रकार का प्लान सब्सक्राइब नहीं कर सकते। निवेश मासिक आधार पर किया जाना चाहिए, और न्यूनतम उस अवधि तक किया जाना चाहिए जितना कि ऑफर में बताया गया है (आमतौर पर तीन साल)। यदि भुगतान न कर पाने के कारण म्युचुअल फंड में तीन लगातार महीनों तक निवेश नहीं किया जाता है, तो इंश्योरेंस कवर समाप्त हो जाता है।

इंश्योरेंस प्लान के साथ एसआईपी म्युचुअल फंड किसी टर्म लाइफ इंश्योरेंस कवर की तरह नहीं है; यह आपके मासिक म्युचुअल फंड निवेश में एक फ्री वैल्यू ऐडिशन है जो आपको आपके निवेश के अलावा अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है।

इंश्योरेंस कवर समाप्त हो जाएगा जब निवेशक की आयु दस्तावेज में उल्लेखित अधिकतम आयु सीमा तक पहुंच जाएगी। यह स्कीम की अवधि समाप्त होने पर भी समाप्त हो जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि आप 10 वर्षों के लिए एसआईपी लेते हैं, तो बंडल्ड लाइफ इंश्योरेंस भी 10 वर्षों तक मान्य होगा। कुछ स्कीमों में इंश्योरेंस कवर को उस समय समाप्त माना जाता है यदि स्कीम की अवधि पूरी होने से पहले आंशिक रूप से या पूरी तरह से यूनिट्स का रिडीम्प्शन कर लिया जाता है। कुछ स्कीमों में इंश्योरेंस को समाप्त माना लिया जाएगा यदि पहले से मौजूदा स्थितियों के कारण निवेशक की मृत्यु हो जाती है।

इंश्योरेंस कॉम्पोनेंट तब भी समाप्त हो सकता है यदि आप किसी दूसरे स्कीम में चले जाते हैं जिसमें यह ऐड-ऑन नहीं है, चाहे यह उसी कंपनी द्वारा प्रदान किया जाय तब भी।

केवल इंश्योरेंस कॉम्पोनेंट के आधार पर म्युचुअल फंड न खरीदें - देखें कि वे इंश्योरेंस के अलावा बेहतर परफॉर्मेंस देते हैं कि नहीं।

परिष्कृत प्रिंट को ध्यान से पढ़ें, क्यंकि ऐसे उपनियम हो सकते हैं जो आपके लिए स्वीकार्य न हों।

इससे जुड़ी बातें: आपका एसआईपी परिपक्व होने के बाद आप धनराशि का क्या करते हैं?

क्या इंश्योरेंस के साथ एसआईपी आपके लिए सही है?

यदि आप अभी-अभी अपनी निवेश यात्रा शुरू की है, तो एक की कीमत में दो निवेश (म्युचुअल फंड प्लस लाइफ इंश्योरेंस) करना एक अच्छा आइडिया हो सकता है। यह एक व्यावहारिक विकल्प भी है यदि आपको पैसे की दिक्कत है लेकिन आपको अपना इंश्योरेंस जारी रखना है। हालांकि, जैसा कि पहले कहा गया है, उन म्युचुअल फंड के परफॉर्मेंस की जांच करें और उन्हेंउनके परफॉर्मेंस के आधार पर सब्सक्राइब करें, न कि बंडल्ड इंश्योरेंस के आधार पर। महामारी के दौरान भी एसआईपी में निवेश जारी रखने के 4 कारण

संवादपत्र

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