Much Safer Mutual Fund: म्यूचुअल फंड और अधिक सुरक्षित

निवेशकों की म्यूचुअल फंड और स्टॉक मार्केट में बढ़ती रुचि को देखकर उसे और अधिक सुरक्षित और आकर्षक बनाया गया है।

म्यूचुअल फंड और अधिक आकर्षक

Mutual Fund changes: हालिया परिदृश्य को देखते हुए कहा जा सकता है कि छोटे निवेशकों की म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में दिलचस्पी बढ़ी है। निवेश की दृष्टि से और अधिक आकर्षक और सुरक्षित बनाने के लिए नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं। इन बदलावों के अनुसार म्यूचुअल फंड से अब पैसे निकालने के लिए केवल 3 दिन का समय लगेगा। साथ ही म्यूचुअल फंड का लाभांश खाते में जमा होने के लिए अब केवल 7 दिन का समय लगेगा। लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए बाजार नियामक सेबी (SEBI) द्वारा ‘टू फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन’ यानी द्विस्तरीय सत्यापन भी आवश्यक बना दिया गया है। सेबी का कहना है कि ऐसा करने से धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। 

यूनिट बेचने पर रकम जल्दी खाते में 

सेबी द्वारा अब म्यूचुअल फंड के यूनिट को बेचने पर ऑनलाइन पेमेंट के लिए लगने वाले समय को एक तिहाई कर दिया गया है। अब यूनिट बेचने पर रकम पहले की तरह 10 दिन में नहीं बल्कि केवल 3 दिनों में ही खाते में जमा हो जाएगी। इसी के साथ लाभांश जमा होने का समय भी अब आधा हो गया है। लाभांश अब 15 नहीं 7 दिन में ही खाते में जमा हो जाएगा। 

यह भी पढ़ें: वैल्यू फंड कैसे अलग है?

द्विस्तरीय सत्यापन 

म्यूचुअल फंड के यूनिट की खरीद और बिक्री के लिए सेबी ने निवेशकों को और अधिक सुरक्षा देने के लिहाज से दो स्तरीय सत्यापन की पद्धति लागू करने की घोषणा की है। अगली 1 अप्रैल से इसे लागू किया जाएगा। इसके लिए म्यूचुअल फंड के यूनिट को खरीदते या भुनाते समय ऑनलाइन लेनदेन के लिए दो स्तरीय सत्यापन, और ऑफ़लाइन लेनदेन के लिए हस्ताक्षर पद्धति लागू की जाएगी। 

ग़ैर-डीमैट लेनदेन हो तो दो स्तरीय सत्यापन के लिए यूनिटधारक को उसके मोबाइल फ़ोन पर वन टाइम पासवर्ड भेजा जाएगा। यदि लेनदेन डीमैट द्वारा किया जा रहा हो तो डिपॉजिटरी द्वारा लागू की गई दो स्तरीय सत्यापन की प्रक्रिया के अनुसार ही लेनदेन किया जा सकेगा। प्रणालीगत लेनदेन के लिए दो स्तरीय सत्यापन की आवश्यकता सिर्फ रजिस्ट्रेशन के लिए होगी। वर्तमान में सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने सभी ऑनलाइन लेनदेन के लिए द्विस्तरीय सत्यापन और ऑफ़लाइन लेनदेन के समय दस्तखत द्वारा सत्यापन करना अनिवार्य किया है। 

ऑनलाइन बॉन्ड प्लैट्फॉर्म सेबी द्वारा नियामित होंगे 

ऑनलाइन बॉन्ड प्लैट्फॉर्म के प्रदाताओं के लिए सेबी द्वारा एक रेग्युलेटरी रूपरेखा जारी की जाएगी। रूपरेखा के अनुसार सभी प्लैट्फॉर्म को सेबी में स्टॉक ब्रोकर के रूप में पंजीकरण कराना होगा या फिर ये प्लैट्फॉर्म किसी पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर द्वारा चलाए जाने जरूरी होगा। 

आईपीओ के लिए नियम सख्त 

सेबी द्वारा आईपीओ के ख़ुलासे (डिस्क्लोजर) के लिए नियम सख्त करने को मंजूरी दे दी गई है। इसके अनुसार आईपीओ जारीकर्ता द्वारा मूल्य का निर्धारण पहले के लेनदेन और फंड जुटाने की गतिविधियों के आधार पर किया जाना चाहिए। सेबी द्वारा एक अन्य पद्धति उपलब्ध करवाई गई है जिसमें कंपनी द्वारा प्रारंभिक दस्तावेज जमा करके गोपनीय तरीके से आवश्यक जानकारी देने का वैकल्पिक प्रावधान होगा। 

यह भी पढ़ें: शुरुआत से म्यूच्यूअल फण्ड पोर्टफोलियो के सुझाव

Mutual Fund changes: हालिया परिदृश्य को देखते हुए कहा जा सकता है कि छोटे निवेशकों की म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में दिलचस्पी बढ़ी है। निवेश की दृष्टि से और अधिक आकर्षक और सुरक्षित बनाने के लिए नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं। इन बदलावों के अनुसार म्यूचुअल फंड से अब पैसे निकालने के लिए केवल 3 दिन का समय लगेगा। साथ ही म्यूचुअल फंड का लाभांश खाते में जमा होने के लिए अब केवल 7 दिन का समय लगेगा। लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए बाजार नियामक सेबी (SEBI) द्वारा ‘टू फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन’ यानी द्विस्तरीय सत्यापन भी आवश्यक बना दिया गया है। सेबी का कहना है कि ऐसा करने से धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। 

यूनिट बेचने पर रकम जल्दी खाते में 

सेबी द्वारा अब म्यूचुअल फंड के यूनिट को बेचने पर ऑनलाइन पेमेंट के लिए लगने वाले समय को एक तिहाई कर दिया गया है। अब यूनिट बेचने पर रकम पहले की तरह 10 दिन में नहीं बल्कि केवल 3 दिनों में ही खाते में जमा हो जाएगी। इसी के साथ लाभांश जमा होने का समय भी अब आधा हो गया है। लाभांश अब 15 नहीं 7 दिन में ही खाते में जमा हो जाएगा। 

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द्विस्तरीय सत्यापन 

म्यूचुअल फंड के यूनिट की खरीद और बिक्री के लिए सेबी ने निवेशकों को और अधिक सुरक्षा देने के लिहाज से दो स्तरीय सत्यापन की पद्धति लागू करने की घोषणा की है। अगली 1 अप्रैल से इसे लागू किया जाएगा। इसके लिए म्यूचुअल फंड के यूनिट को खरीदते या भुनाते समय ऑनलाइन लेनदेन के लिए दो स्तरीय सत्यापन, और ऑफ़लाइन लेनदेन के लिए हस्ताक्षर पद्धति लागू की जाएगी। 

ग़ैर-डीमैट लेनदेन हो तो दो स्तरीय सत्यापन के लिए यूनिटधारक को उसके मोबाइल फ़ोन पर वन टाइम पासवर्ड भेजा जाएगा। यदि लेनदेन डीमैट द्वारा किया जा रहा हो तो डिपॉजिटरी द्वारा लागू की गई दो स्तरीय सत्यापन की प्रक्रिया के अनुसार ही लेनदेन किया जा सकेगा। प्रणालीगत लेनदेन के लिए दो स्तरीय सत्यापन की आवश्यकता सिर्फ रजिस्ट्रेशन के लिए होगी। वर्तमान में सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने सभी ऑनलाइन लेनदेन के लिए द्विस्तरीय सत्यापन और ऑफ़लाइन लेनदेन के समय दस्तखत द्वारा सत्यापन करना अनिवार्य किया है। 

ऑनलाइन बॉन्ड प्लैट्फॉर्म सेबी द्वारा नियामित होंगे 

ऑनलाइन बॉन्ड प्लैट्फॉर्म के प्रदाताओं के लिए सेबी द्वारा एक रेग्युलेटरी रूपरेखा जारी की जाएगी। रूपरेखा के अनुसार सभी प्लैट्फॉर्म को सेबी में स्टॉक ब्रोकर के रूप में पंजीकरण कराना होगा या फिर ये प्लैट्फॉर्म किसी पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर द्वारा चलाए जाने जरूरी होगा। 

आईपीओ के लिए नियम सख्त 

सेबी द्वारा आईपीओ के ख़ुलासे (डिस्क्लोजर) के लिए नियम सख्त करने को मंजूरी दे दी गई है। इसके अनुसार आईपीओ जारीकर्ता द्वारा मूल्य का निर्धारण पहले के लेनदेन और फंड जुटाने की गतिविधियों के आधार पर किया जाना चाहिए। सेबी द्वारा एक अन्य पद्धति उपलब्ध करवाई गई है जिसमें कंपनी द्वारा प्रारंभिक दस्तावेज जमा करके गोपनीय तरीके से आवश्यक जानकारी देने का वैकल्पिक प्रावधान होगा। 

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