Mutual Fund Investment: Indian stock markets at all-time high What should mutual fund investors do now Profit Book or Hold in hindi

क्या आप भी अपने म्यूचुअल फंड में बढ़ोतरी देखकर उसे निकालने का सोच रहे हैं? फिर ये खबर आपके लिए है।

Mutual Fund Investment

Mutual Fund Investment: व्यापक आर्थिक बुनियादी सिंद्धातों में सुधार और विदेशी निवेशकों के मार्केट में पैसा लगाने से शेयर बाजार बुधवार को अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच गया। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 500 प्वाइंट की बढ़त के साथ अपने उच्चतम स्तर 63,956 तक पहुंच गया। वहीं दूसरी तरफ एनएसई भी 160 प्वाइंट चढ़कर अबतक के अपने उच्चतम 18,910 पर बंद हुआ।

म्यूचुअल फंड के जरिए भी काफी लोग इक्विटी में निवेश करते हैं। ऐसे में जब मार्केट अपने पीक पर है तो काफी लोग जो म्यूचुअल फंड में निवेश किए हुए हैं वो प्रॉफिट बुक करना का सोच रहे हैं। लेकिन क्या आपके लिए प्रॉफिट बुक करने का ये सही समय है?

मनी मंत्रा के फाउंडर विरल भट्ट इस बारे में कहते हैं कि पैसा आपका है और आप जब चाहें उस पैसे को निकाल सकते हैं। ये फैसला आपको ही लेना है लेकिन पैसा निकालने से पहले दो बातें सोचनी चाहिए। अगर आपको उन पैसों की तत्काल जरूरत है तब तो कोई चारा नहीं, आप वो पैसा निकाल लें। लेकिन अगर आप इस बात से डरे हुए हैं कि कल बाजार नीचे चला गया तो आपका प्रॉफिट भी मारा जाएगा तो ठहर जाइए। बाजार हमेंशा अस्थिर रहता है लेकिन समय के साथ-साथ ये ऊपर की तरफ चढ़ता है। अगर आप अभी अपना फंड बेचते हैं तो आप भविष्य में उस फंड से मिलने वाले लाभ से वंचित रह जाएंगे। 

वो आगे कहते हैं कि कई निवेशक लंबी अवधी में निवेश के लाभ के बारे में नहीं जानते। ना ही वो इस मामले में प्रोफेशनल लोगों की सलाह लेना चाहते हैं। अगर आप वित्तीय सलाहकार से बात करेंगे तो वो आपको निवेश से जुड़े लाभ और जोखिम दोनों समझाएगा। इसके बाद वो आपकी जरूरत के हिसाब से ऐसी योजना बनाएगा जो आपकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करती है।


सही फंड का चयन कैसे करें?

विरल भट्ट कहते हैं कि अच्छे फंड वही माने जाते हैं जिन्होंने पूर्व में अच्छा रिटर्न दिया है लेकिन एक बात हमेंशा याद रखें कि पिछला रिटर्न अच्छा है तो जरूरी नहीं कि आगे मिलने वाला रिटर्न भी अच्छा ही हो। हालांकि अक्सर देखा जाता है कि अच्छे फंड आम तौर पर बाजार स्थितियों में बेहतर रिटर्न ही देते हैं। या कम से कम लंबे समय में बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहते हैं।

विरल कहते हैं कि निवेशकों को ऐसे फंड में निवेश करना चाहिए जहां पूरी तरह फंड मैनेजर के फैसलों के आधार पर नहीं बल्कि नियम और प्रकिया पर निर्भर करते हों। उन्होंने आगे कहा कि अपनी जरूरतों के हिसाब से म्यूचुअल फंड में निवेश करें। अपनी निवेश की स्थिति को देखते हुए म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो बनाएं जिसमें इक्विटी और डेट फंड उसी अनुपात में शामिल हो। भट्ट के मुताबिक निवेशकों को ऐसे फंड से बचना चाहिए जिसमें सीईओ, सीआईओ, फंड मैनेजर आदि जैसे वरिष्ठ कर्मियों में बहुत अधिक मंथन देखने को मिल रहा हो।

संवादपत्र

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