Mirae Asset launches 2 NFOs for high returns on long term investment

म्यूचुअल फंड की दो नई स्कीमें लंबी अवधि में बड़ा लाभ दे सकती हैं।

निवेश के नए विकल्प तलाश रहे लोगों के लिए अच्छा अवसर

Mirae Asset two NFOs launched: मिरे एसेट म्यूचुअल फंड ने 10 अक्टू्बर को 2 नए फंडों का शुभारंभ किया है। दोनों नए फंडों में 18 अक्टूबर तक निवेश किया जा सकता है। अगर आप भी निवेश के लिए नए विकल्पों की तलाश कर रहे हैं तो यह आपके लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है।

मिरे एसेट म्यूचुअल फंड ने मिरे एसेट निफ्टी एएए पीएसयू बॉन्ड प्लस एसडीएल अप्रैल 2026 50:50 इंडेक्स फंड और मिरे एसेट क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स अप्रैल 2022 इंडेक्स फंड नाम से 2 नए फंड (एनएफओ) आरंभ किए हैं। दोनों नए फंडों के प्रस्ताव 10 अक्टू्बर को खुल चुके हैं और इनमें 18 अक्टूबर तक निवेश किया जा सकता है। मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में फिक्स्ड इनकम के सीआईओ महेंद्र जाजू इन फंडों का प्रबंधन करेंगे।

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मिरे एसेट म्यूचुअल फंड की नई स्कीमों के बारे में

मिरे एसेट म्यूचुअल फंड के दोनों नए फंडों के प्रस्तावों में कम से कम 5000 रुपये निवेश कर इन्हें आरंभ किया जा सकता है। उसके बाद इसमें 1 के गुणक में निवेश किया जा सकता है।

मिरे एसेट निफ्टी एएए पीएसयू बॉन्ड प्लस एसडीएल अप्रैल 2026 50:50 इंडेक्स फंड, 30 अप्रैल 2026 या उससे पहले मैच्योर होने वाले एएए रेटेड पीएसयू बॉन्ड और स्टेट डेवलपमेंट लोन यानी एसडीएल में निवेश करके निफ्टी एएए पीएसयू बॉन्ड प्लस एसडीएल अप्रैल 2026 50:50 इंडेक्स को ट्रैक‍ करता है। इस फिक्स्ड मैच्योरिटी इंडेक्स फंड में बहुत ही कम क्रेडिट जोखिम है। इसमें दूसरी फिक्स्ड मैच्योरिटी योजनाओं जैसी कोई लॉक इन अवधि भी नहीं है। इसका यह मतलब होता है कि निवेशक फंड के जीवन चक्र के दौरान कभी भी सब्स्क्रिप्शन लेने या उसे भुनाने का विकल्प चुन सकता है। इस फंड में कर लाभ भी मिलता है। आमतौर पर एसडीएल और एएए रेटेड पीएसयू सिक्योरिटीज में कॉरपोरेट बॉन्ड की तुलना में कम क्रेडिट जोखिम होता है।

मिरे एसेट क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स – अप्रैल 2033 इंडेक्स फंड, 29 अप्रैल, 2022 को या उससे पहले मैच्योंर होने वाले गवर्नमेंट सिक्योटरिटीज (G-) में निवेश करके क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स– अप्रैल 2033 को ट्रैक करना है। इस फंड में 10 साल वाले बॉन्ड पर अधिक लाभ पाने का मौका भी मिल सकता है। अगर आगे जाकर, सीपीआई भारतीय रिजर्व बैंक की सहनशीलता सीमा में रहता है और आर्थिक विकास से संबंधित दृष्टिकोण नहीं बिगड़ता है तो इस फंड से बेहतर लाभ मिल सकता है।

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