कौन बेहतर है - एसआइपी के जरिए निवेश करना या लंपसम (एकमुश्त निवेश) करना?

एसआइपी या लंपसम? किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने के बेहतर तरीके के बारे में जानें

कौन बेहतर है - एसआइपी के जरिए निवेश करना या लंपसम (एकमुश्त निवेश) करना

मार्च 2020 में 7511 के निचले स्तर पर हिट करने के बाद निफ़्टी 50 प्वाइंट उठा और फरवरी 2021 में पहली बार 15000 के पार पहुंच गई। जिन खुदरे निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों के जरिए भाग लिया था, उन्होंने भी आकर्षक रिटर्न का आनंद उठाया। यह इस तथ्य से स्पष्ट हो जाता है कि खुदरे निवेशकों का एयूएम (असेट अंडर मैनेजमेंट) – यानी जिनका निवेश टिकट साइज़ Rs 2 लाख से नीचे होता है – दिसंबर 2019 में रु. 5,56,041 करोड़ से बढ़कर दिसंबर 2020 में 6,45,552 करोड़ पर जा पहुंचा। दरअसल, 86% इक्विटी म्यूचुअल फंडों के वर्ष 2020 के अंत में दोहरे अंकों में रिटर्न मिले। 

चूंकि ये कारण आगे भी निवेशकों को प्रभावित करते रहते हैं, क्योंकि वे नए निवेश में हाथ डालने या म्यूचुअल फंड के अपने मौजूदा होल्डिंग्स को टॉप अप करने का मन बनाते हैं, इसलिए अक्सर वह सोचते हैं कि एसआइपी मोड के जरिए निवेश करना बेहतर है या एकमुश्त धनराशि का निवेश किया जाए। इस आलेख में, हम पड़ताल करेंगे कि इनमें से कौन सा मोड म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करने के लिए अधिक सही है। पर सबसे पहले, आइए हम एसआइपी के जरिए और लंपसम के जरिए निवेश के बारे में और अच्छी तरह से समझ लेते हैं।

एसआइपी के जरिए निवेश करना

एसआइपी का अर्थ होता है - सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान। यह सुविधा म्यूचुअल फंड हाउसों द्वारा प्रदान की जाती है, जिसके तहत निवेशक तथा कंपनी पहले ही धनराशि और उस अंतराल का विचार कर लेते हैं, जिसमें वे चयनिक प्लान के लिए वित्त प्रदान करेंगे। कोई व्यक्ति विभिन्न अंतरालों पर निवेश करने का विकल्प चुन सकता है, जैसे कि दैनिक, मासिक, पाक्षिक इत्यादि। सबसे ज्यादा लोकप्रिय समय है मासिक। म्यूचुअल फंडों में निवेश की शुरुआत के लिए आपको कम से कम रु. 100 से आरंभ करना होता है, जो इसे काफी किफ़ायती योजना बनाता है। एसआइपी प्लान चुनने के बाद, पूर्व-निर्धारित राशि को सीधा बैंक खाते से निकालकर विवेकपूर्ण तरीके से निवेशित किया जाता है।  

एसआइपी में निवेश करना बड़े पिज्जा का एक छोटा टुकड़ा खरीदने जैसा होता है। एसआइपी के जरिए निवेश करने के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  • कंपाउंडिंग की शक्ति: कंपाउंडिंग की शक्ति को दुनिया में सबसे जादुई चीजों में एक माना जाता है। यह पैसे को अच्छी रिटर्न रेट पर बढ़ाती है। कंपाउंडिंग का अर्थ होता है कि आप न केवल निवेशित मूलधन पर लाभ कमाते हैं, बल्कि आपको निवेश से प्राप्त रिटर्न पर भी आय प्राप्त होती है। रिटर्न आपको रिटर्न देता है, जो खराब नहीं है, बल्कि एक अवसरवादी गतिविधि है।
  • रुपी कॉस्ट ऐवरेजिंग: निवेश चक्र एक स्तंभों की ओर चलता है; मंदड़िया और तेजड़िया। दोनों ही दौर में, निवेशक के पैसा (यानी म्यूचुअल फंड हाउसों को भुक्त मूल धनराशि) में औसत रूप से बदलाव होता है। इसका यह अर्थ है कि यदि बाजार मंदी के दौर में है, तो खरीदी गई यूनिट की संख्या बढ़ जाएगी; और यदि बाजार तेजी के दौर में है, तो यह संख्या घट जाएगी। निवेशक को इन चक्रों से होकर गुजरना पड़ता है और इसलिए यूनिट की अधिकतम संख्या, लागत और रिटर्न्स औसत के रूप में आते हैं। इस अवधारणा को रुपी कॉस्ट ऐवरेजिंग के रूप में जाना जाता है।
  • अनुशासित राह का पालन करना: जैसा कि हम देखते हैं, एसआइपी के जरिए निवेश के अंतराल तथा लागत का पूर्व निर्धारण किया जाता है। इसका अर्थ है कि निवेशक को हमेशा एक निश्चित राशि उपलब्ध रहनी होगी। इससे आप अनुशासित बने रहेंगे और उनकी सीमाओं में रहेंगे क्योंकि आय माइनस व्यय = बचत (जिसे म्यूचुअल फंडों में निवेश किया जाता है) यह इस बात को सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति विवेकपूर्ण रूप से और एक अनुशासित तरीके से खर्च करें।

इससे जुड़ी बातें: स्टॉप एसआइपी क्या होते हैं? 

लंपसम का निवेश करना

म्यूचुअल फंड में निवेश करने का दूसरा तरीका है लंपसम भुगतान के जरिए निवेश करना, यानी निवेशक एक ही बार में पैसे डाल देते हैं। दूसरे शब्दों में, संपूर्ण राशि को एक ही बार में निवेशित कर दिया जाता है। लंपसम के विकल्प का इस्तेमाल बीमा, स्टॉक मार्केटों में भी किया जाता है। प्रायः जब किसी निवेशक के पास कोई एकमुश्त राशि (लंपसम) आती है, तो वे म्यूचुअल फंड में निवेश करने का मन बनाते हैं। एकमुश्त निवेश करने के लिए, आपको बाजार के सही समय को परखना होगा, ताकि आप उनके संसाधनों का सही इस्तेमाल कर सकें। लंपसम निवेश के लिए ख़ास जानकारी और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

लंपसम मोड के जरिए निवेश करने के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  • आसान प्रक्रिया: लंपसम में या एक ही बार भुगतान कर निवेश करने से प्रक्रिया आसान हो जाती है, जिससे समय पर भुगतान करने के बारे में याद रखने की जरूरत खत्म हो जाती है। यह तब कारगर होता है, जब कोई व्यक्ति एक निष्क्रिय निवेशक के रूप में काम करना चाहता है।
  • कम शुल्क: लेनदेन जितने कम होते हैं, शुल्क भी उतने ही कम लगते हैं। ऐसे निवेश को लो-मेंटिनेंस वाला माना जाता है।
  • दीर्घ काल के लिए: चूंकि लंपसम भुगतान लंबी अवधि के लिए किया जाता है, निवेश किए पैसे के पास बढ़ने का पर्याप्त समय होता है। लंबी अवधि में आप मूलधन को बढ़ाने के लिए निष्क्रिय रूप से समायोजन कर सकते हैं।

इससे जुड़ी बातें: क्या आप एसआइपी के साथ होने वाली मंदी का मुकाबला कर सकते हैं? 

एसआइपी या लंपसम?

निवेश के दोनों ही तरीके के अपने-अपने फायदे हैं। हालांकि, एसआइपी या लंपसम में निवेश करने का फैसला लेते समय निवेशक अपने मन में कुछ चीजें रह सकते हैं (तालिका देखें)

फैक्टर एसआइपी लंपसम

बाजार की दिशा

बाजार यदि हमेशा ऊंचा रहता या नीचे की ओर जा रहा है, तो बेहतर होगा कि एसआइपी के जरिए निवेश किया जाए। बाजार यदि नीचे सए ऊपर की ओर जा रहा है, तो लंपसम निवेश करना बेहतर होता है।
बाजार की पहचान करना यदि आप एक निष्क्रिय निवेशक हैं या नौसिखिया निवेशक हैं, तो इस बात की सलाह दी जाती है कि आप एसआइपी मोड के जरिए निवेश करें। यदि आप बाजारों को सक्रिय रूप से देखते रहते हैं, तो सही समय पर लंपसम राशि के निवेश पर विचार करें।
एम्प्लॉयमेंट का प्रकार यदि आपको एक नियमित आय होती है, तो बेहतर है कि आप एसआइपी की राह अपनाएं। यदि आय अनियमित है, तो आप लंपसम निवेश पर विचार करें। 

बाजार की दिशा
 इससे जुड़ी बातें: जब अपका एसआइपी परिपक्व हो जाता है तो आपको अपने पैसे का क्या करना चाहिए? 

अतीत में देखें, तो यह पाया गया है कि एक बढ़ते बाजार के दौर में लंपसम निवेश करने से एसआइपी के जरिए निवेश करने की तुलना में बेहतर रिटर्न मिल सकते हैं। हालांकि, मंद बाजार के दौर में रुपी कॉस्ट ऐवरेजिंग का फ़ायदा उठाने के लिए एसआइपी के जरिए निवेश करना सही होता है।

उदाहरण के लिए, 8 मार्च 2021 तक एसबीआइ कंट्रा फंड रेगुलर प्लान में निवेशित लंपसम राशि से मिले रिटर्न - पिछले साल की तुलना में 62.62% है। इसलिए यदि आपने इस अवधि की शुरुआत में रु. 60,000 का निवेश किया होता, तो आपको रु. 37,572 का फ़ायदा हो जाता। इसका अर्थ है कि आपकी राशि बढ़कर रु. 97,572 हो जाती।

इसी अवधि में एसआइपी मोड के जरिए निवेश करने से आपको 51.79% का रिटर्न मिलता। इसलिए यदि आप इसी अवधि में रु. 5000 के एसआइपी से शुरु करते, तो आपको रु. 60,000 की निवेशित राशि पर रु. 19,806 की प्राप्ति होती। इसका अर्थ है कि आपकी राशि बढ़कर रु. 79,806 हो जाती।

बाजार की पहचान करना

यदि आप नियमित रूप से बाजारों पर नज़र रखते हैं और आप बाजारों की दिशा से अच्छी तरह से अवगत हैं, तो आप निष्क्रिय निवेशकों की तुलना में लंपसम निवेश करने के लिए एक बेहतर स्थिति में रह सकते हैं। बेशक, आपको लंपसम निवेश करना चाहिए या नहीं यह जानने के लिए बाजार की दिशा अहम होती है और बाजारों पर नियमित रूप से नज़र रखने से यह समझने में बेहतर मदद मिलती है कि क्या बाजार में तेजी है या यह मंदी का शिकार है।

इससे जुड़ी बातें: आपके म्यूचुअल फंड निवेश पर कोविड-19 का असर 

एम्प्लॉयमेंट का प्रकार

यदि आप स्व-रोजगारप्राप्त (सेल्फ-एम्प्लॉयड) हैं, तो इस बात की संभावना है कि आपकी आय अनियमित हो सकती है। ऐसी स्थिति में, लंपसम राशि में निवेश करना सही हो सकता है। इस तथ्य पर भी ध्यान दें कि लंपसम राशि का निवेश करने से आपके फंड लॉक हो सकते हैं और यदि आपकी आय गिर जाती है, तो आपके कैशफ्लो पर उसका असर पड़ सकता है, ख़ासकर तब जब आपको कुछ निश्चित जरूरतों के लिए अचानक ही एकमुश्त राशि की जरूरत हो सकती है। इसलिए, उस फंड में निवेश करें जिसका छोटा लॉक-इन पीरियड हो या जो तरलता प्रदान करे और निकालने की आंशिक सुविधा देता हो। पर यदि आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं या आपको नियमित आय आती है, तो आप एसआइपी की राह अपना सकते हैं क्योंकि आप सही तरीके से अपने कैशफ्लो को प्रबंधित कर सकते हैं। 

संक्षेप में कहें, तो म्यूचुअल फंडों में निवेश करना संपत्ति बढ़ाने का एक अहम आयाम है। एसआइपी निवेश और साथ ही लंपसम निवेशों का एक विवेकपूर्ण मिश्रण से विविधता बनी रहेगी और आपको कम जोखिम उठानी पड़ेगी। सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान क्या है और यह कैसे काम करता है? इस निवेश विकल्प के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए यह आलेख पढ़ें। 

मार्च 2020 में 7511 के निचले स्तर पर हिट करने के बाद निफ़्टी 50 प्वाइंट उठा और फरवरी 2021 में पहली बार 15000 के पार पहुंच गई। जिन खुदरे निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों के जरिए भाग लिया था, उन्होंने भी आकर्षक रिटर्न का आनंद उठाया। यह इस तथ्य से स्पष्ट हो जाता है कि खुदरे निवेशकों का एयूएम (असेट अंडर मैनेजमेंट) – यानी जिनका निवेश टिकट साइज़ Rs 2 लाख से नीचे होता है – दिसंबर 2019 में रु. 5,56,041 करोड़ से बढ़कर दिसंबर 2020 में 6,45,552 करोड़ पर जा पहुंचा। दरअसल, 86% इक्विटी म्यूचुअल फंडों के वर्ष 2020 के अंत में दोहरे अंकों में रिटर्न मिले। 

चूंकि ये कारण आगे भी निवेशकों को प्रभावित करते रहते हैं, क्योंकि वे नए निवेश में हाथ डालने या म्यूचुअल फंड के अपने मौजूदा होल्डिंग्स को टॉप अप करने का मन बनाते हैं, इसलिए अक्सर वह सोचते हैं कि एसआइपी मोड के जरिए निवेश करना बेहतर है या एकमुश्त धनराशि का निवेश किया जाए। इस आलेख में, हम पड़ताल करेंगे कि इनमें से कौन सा मोड म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करने के लिए अधिक सही है। पर सबसे पहले, आइए हम एसआइपी के जरिए और लंपसम के जरिए निवेश के बारे में और अच्छी तरह से समझ लेते हैं।

एसआइपी के जरिए निवेश करना

एसआइपी का अर्थ होता है - सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान। यह सुविधा म्यूचुअल फंड हाउसों द्वारा प्रदान की जाती है, जिसके तहत निवेशक तथा कंपनी पहले ही धनराशि और उस अंतराल का विचार कर लेते हैं, जिसमें वे चयनिक प्लान के लिए वित्त प्रदान करेंगे। कोई व्यक्ति विभिन्न अंतरालों पर निवेश करने का विकल्प चुन सकता है, जैसे कि दैनिक, मासिक, पाक्षिक इत्यादि। सबसे ज्यादा लोकप्रिय समय है मासिक। म्यूचुअल फंडों में निवेश की शुरुआत के लिए आपको कम से कम रु. 100 से आरंभ करना होता है, जो इसे काफी किफ़ायती योजना बनाता है। एसआइपी प्लान चुनने के बाद, पूर्व-निर्धारित राशि को सीधा बैंक खाते से निकालकर विवेकपूर्ण तरीके से निवेशित किया जाता है।  

एसआइपी में निवेश करना बड़े पिज्जा का एक छोटा टुकड़ा खरीदने जैसा होता है। एसआइपी के जरिए निवेश करने के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  • कंपाउंडिंग की शक्ति: कंपाउंडिंग की शक्ति को दुनिया में सबसे जादुई चीजों में एक माना जाता है। यह पैसे को अच्छी रिटर्न रेट पर बढ़ाती है। कंपाउंडिंग का अर्थ होता है कि आप न केवल निवेशित मूलधन पर लाभ कमाते हैं, बल्कि आपको निवेश से प्राप्त रिटर्न पर भी आय प्राप्त होती है। रिटर्न आपको रिटर्न देता है, जो खराब नहीं है, बल्कि एक अवसरवादी गतिविधि है।
  • रुपी कॉस्ट ऐवरेजिंग: निवेश चक्र एक स्तंभों की ओर चलता है; मंदड़िया और तेजड़िया। दोनों ही दौर में, निवेशक के पैसा (यानी म्यूचुअल फंड हाउसों को भुक्त मूल धनराशि) में औसत रूप से बदलाव होता है। इसका यह अर्थ है कि यदि बाजार मंदी के दौर में है, तो खरीदी गई यूनिट की संख्या बढ़ जाएगी; और यदि बाजार तेजी के दौर में है, तो यह संख्या घट जाएगी। निवेशक को इन चक्रों से होकर गुजरना पड़ता है और इसलिए यूनिट की अधिकतम संख्या, लागत और रिटर्न्स औसत के रूप में आते हैं। इस अवधारणा को रुपी कॉस्ट ऐवरेजिंग के रूप में जाना जाता है।
  • अनुशासित राह का पालन करना: जैसा कि हम देखते हैं, एसआइपी के जरिए निवेश के अंतराल तथा लागत का पूर्व निर्धारण किया जाता है। इसका अर्थ है कि निवेशक को हमेशा एक निश्चित राशि उपलब्ध रहनी होगी। इससे आप अनुशासित बने रहेंगे और उनकी सीमाओं में रहेंगे क्योंकि आय माइनस व्यय = बचत (जिसे म्यूचुअल फंडों में निवेश किया जाता है) यह इस बात को सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति विवेकपूर्ण रूप से और एक अनुशासित तरीके से खर्च करें।

इससे जुड़ी बातें: स्टॉप एसआइपी क्या होते हैं? 

लंपसम का निवेश करना

म्यूचुअल फंड में निवेश करने का दूसरा तरीका है लंपसम भुगतान के जरिए निवेश करना, यानी निवेशक एक ही बार में पैसे डाल देते हैं। दूसरे शब्दों में, संपूर्ण राशि को एक ही बार में निवेशित कर दिया जाता है। लंपसम के विकल्प का इस्तेमाल बीमा, स्टॉक मार्केटों में भी किया जाता है। प्रायः जब किसी निवेशक के पास कोई एकमुश्त राशि (लंपसम) आती है, तो वे म्यूचुअल फंड में निवेश करने का मन बनाते हैं। एकमुश्त निवेश करने के लिए, आपको बाजार के सही समय को परखना होगा, ताकि आप उनके संसाधनों का सही इस्तेमाल कर सकें। लंपसम निवेश के लिए ख़ास जानकारी और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

लंपसम मोड के जरिए निवेश करने के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  • आसान प्रक्रिया: लंपसम में या एक ही बार भुगतान कर निवेश करने से प्रक्रिया आसान हो जाती है, जिससे समय पर भुगतान करने के बारे में याद रखने की जरूरत खत्म हो जाती है। यह तब कारगर होता है, जब कोई व्यक्ति एक निष्क्रिय निवेशक के रूप में काम करना चाहता है।
  • कम शुल्क: लेनदेन जितने कम होते हैं, शुल्क भी उतने ही कम लगते हैं। ऐसे निवेश को लो-मेंटिनेंस वाला माना जाता है।
  • दीर्घ काल के लिए: चूंकि लंपसम भुगतान लंबी अवधि के लिए किया जाता है, निवेश किए पैसे के पास बढ़ने का पर्याप्त समय होता है। लंबी अवधि में आप मूलधन को बढ़ाने के लिए निष्क्रिय रूप से समायोजन कर सकते हैं।

इससे जुड़ी बातें: क्या आप एसआइपी के साथ होने वाली मंदी का मुकाबला कर सकते हैं? 

एसआइपी या लंपसम?

निवेश के दोनों ही तरीके के अपने-अपने फायदे हैं। हालांकि, एसआइपी या लंपसम में निवेश करने का फैसला लेते समय निवेशक अपने मन में कुछ चीजें रह सकते हैं (तालिका देखें)

फैक्टर एसआइपी लंपसम

बाजार की दिशा

बाजार यदि हमेशा ऊंचा रहता या नीचे की ओर जा रहा है, तो बेहतर होगा कि एसआइपी के जरिए निवेश किया जाए। बाजार यदि नीचे सए ऊपर की ओर जा रहा है, तो लंपसम निवेश करना बेहतर होता है।
बाजार की पहचान करना यदि आप एक निष्क्रिय निवेशक हैं या नौसिखिया निवेशक हैं, तो इस बात की सलाह दी जाती है कि आप एसआइपी मोड के जरिए निवेश करें। यदि आप बाजारों को सक्रिय रूप से देखते रहते हैं, तो सही समय पर लंपसम राशि के निवेश पर विचार करें।
एम्प्लॉयमेंट का प्रकार यदि आपको एक नियमित आय होती है, तो बेहतर है कि आप एसआइपी की राह अपनाएं। यदि आय अनियमित है, तो आप लंपसम निवेश पर विचार करें। 

बाजार की दिशा
 इससे जुड़ी बातें: जब अपका एसआइपी परिपक्व हो जाता है तो आपको अपने पैसे का क्या करना चाहिए? 

अतीत में देखें, तो यह पाया गया है कि एक बढ़ते बाजार के दौर में लंपसम निवेश करने से एसआइपी के जरिए निवेश करने की तुलना में बेहतर रिटर्न मिल सकते हैं। हालांकि, मंद बाजार के दौर में रुपी कॉस्ट ऐवरेजिंग का फ़ायदा उठाने के लिए एसआइपी के जरिए निवेश करना सही होता है।

उदाहरण के लिए, 8 मार्च 2021 तक एसबीआइ कंट्रा फंड रेगुलर प्लान में निवेशित लंपसम राशि से मिले रिटर्न - पिछले साल की तुलना में 62.62% है। इसलिए यदि आपने इस अवधि की शुरुआत में रु. 60,000 का निवेश किया होता, तो आपको रु. 37,572 का फ़ायदा हो जाता। इसका अर्थ है कि आपकी राशि बढ़कर रु. 97,572 हो जाती।

इसी अवधि में एसआइपी मोड के जरिए निवेश करने से आपको 51.79% का रिटर्न मिलता। इसलिए यदि आप इसी अवधि में रु. 5000 के एसआइपी से शुरु करते, तो आपको रु. 60,000 की निवेशित राशि पर रु. 19,806 की प्राप्ति होती। इसका अर्थ है कि आपकी राशि बढ़कर रु. 79,806 हो जाती।

बाजार की पहचान करना

यदि आप नियमित रूप से बाजारों पर नज़र रखते हैं और आप बाजारों की दिशा से अच्छी तरह से अवगत हैं, तो आप निष्क्रिय निवेशकों की तुलना में लंपसम निवेश करने के लिए एक बेहतर स्थिति में रह सकते हैं। बेशक, आपको लंपसम निवेश करना चाहिए या नहीं यह जानने के लिए बाजार की दिशा अहम होती है और बाजारों पर नियमित रूप से नज़र रखने से यह समझने में बेहतर मदद मिलती है कि क्या बाजार में तेजी है या यह मंदी का शिकार है।

इससे जुड़ी बातें: आपके म्यूचुअल फंड निवेश पर कोविड-19 का असर 

एम्प्लॉयमेंट का प्रकार

यदि आप स्व-रोजगारप्राप्त (सेल्फ-एम्प्लॉयड) हैं, तो इस बात की संभावना है कि आपकी आय अनियमित हो सकती है। ऐसी स्थिति में, लंपसम राशि में निवेश करना सही हो सकता है। इस तथ्य पर भी ध्यान दें कि लंपसम राशि का निवेश करने से आपके फंड लॉक हो सकते हैं और यदि आपकी आय गिर जाती है, तो आपके कैशफ्लो पर उसका असर पड़ सकता है, ख़ासकर तब जब आपको कुछ निश्चित जरूरतों के लिए अचानक ही एकमुश्त राशि की जरूरत हो सकती है। इसलिए, उस फंड में निवेश करें जिसका छोटा लॉक-इन पीरियड हो या जो तरलता प्रदान करे और निकालने की आंशिक सुविधा देता हो। पर यदि आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं या आपको नियमित आय आती है, तो आप एसआइपी की राह अपना सकते हैं क्योंकि आप सही तरीके से अपने कैशफ्लो को प्रबंधित कर सकते हैं। 

संक्षेप में कहें, तो म्यूचुअल फंडों में निवेश करना संपत्ति बढ़ाने का एक अहम आयाम है। एसआइपी निवेश और साथ ही लंपसम निवेशों का एक विवेकपूर्ण मिश्रण से विविधता बनी रहेगी और आपको कम जोखिम उठानी पड़ेगी। सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान क्या है और यह कैसे काम करता है? इस निवेश विकल्प के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए यह आलेख पढ़ें। 

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