- Date : 10/07/2023
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सावधि जमा (एफडी) और सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) दोनों बचत और निवेश के लिए अच्छे विकल्प हैं, लेकिन इनमें काफी अंतर हैं। पीपीएफ टैक्स लाभ देने के साथ ही एक सुरक्षित और लॉन्ग टर्न निवेश प्रदान करता है, जबकि एफडी ज्यादा लचीलापन और लिक्विडिटी प्रदान करता है।

PPF Vs FD: कोई भी व्यक्ति अगर निवेश के बारे में सोचता है तो सावधि जमा (एफडी) और सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) बचत और निवेश के लिए बेहतरीन ऑप्शन होता है। हालांकि, कोई भी ऑप्शन चुनने से पहले निवेशकों को दो प्रकार के अकाउंट के बीच अंतर को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि वे टैक्स बेनिफिट और आपके निवेश पर ब्याज अर्जित करने का मौका, दोनों दे सकते हैं। मुंबई बेस्ड टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन का कहना है कि पीपीएफ उन लोगों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, जो टैक्स से जुड़े लाभ और सुरक्षित निवेश विकल्प के साथ लॉन्ग टर्म सेविंग की तलाश में हैं। वहीं, फिक्स्ड डिपॉजिट ज्यादा लचीलापन और लिक्विडिटी देते हैं।
किनमें ज्यादा टैक्स लाभ
पीपीएफ योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए योग्य है। अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट टैक्स फ्री है। यह एकमात्र लोन सॉल्यूशन है, जिसे एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट (ईईई) स्टेटस प्राप्त है, यानी इसपर टैक्स नहीं लगता। बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है और यह काफी पॉपुलर है। एसएजी इन्फोटेक के एमडी अमित गुप्ता का कहना है कि हाई टैक्स ब्रैकेट वाले व्यक्ति अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करके टीडीएस वापसी का दावा नहीं कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप फिक्स्ड डिपॉजिट से टैक्स के बाद रिटर्न कम होता है।
किनपर ब्याज दरें कितना?
पीपीएफ पर मौजूदा ब्याज दर 7.1 फीसदी (जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए) है। सरकार हर तिमाही दर की घोषणा करती है। एफडी पर ब्याज दरें आम तौर पर सालाना 3.5 फीसदी से 7.5 फीसदी तक होती हैं। अब बात करें पीपीएफ और एफडी के कैलकुलेशन के तरीके की तो पीपीएफ के संबंध में जिस ब्याज को अर्जित या संयोजित करने की जरूरत होती है, वह साल में एक बार किया जाता है। फिक्स्ड डिपॉजिट के मामले में ब्याज दर निर्धारित करने के लिए या तो साधारण ब्याज या चक्रवृद्धि ब्याज का उपयोग किया जाता है।
अब बात करें पीपीएफ और एफडी की लिक्विडिटी की तो अगर किसी को एफडी के मैच्योर होने से पहले उससे पैसा निकालने की जरूरत है, तो उन्हें दंडित किया जाएगा। पीपीएफ निवेश के पांच साल पूरे होने पर आंशिक निकासी की अनुमति देता है। हालांकि, पूरे 15 साल की अवधि समाप्त होने के बाद पूर्ण निकासी की इजाजत है। एक्सपर्ट का कहना है कि आप अगर लिक्विडिटी की तलाश में हैं तो जरूरत के आधार पर एफडी का विकल्प चुनें, क्योंकि यह 7 दिनों से लेकर 10 साल तक की अलग-अलग अवधि देता है। पीपीएफ के मामले में कार्यकाल काफी लंबा है।