2000 Rs Note Withdraw: क्या फिर से बाजार में उतरेंगे एक हजार के नोट? आरबीआई गवर्नर ने दिया ये जवाब

2000 रुपये के नोट बंद होने के बाद से क्या बाजार में 1000 रुपये के नोटों की वापसी हो सकती है?

2000 Rs Note Withdraw

2000 Rs Note Withdraw: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि 2000 रुपये के नोट वापस होने से किसी को कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मार्केट में 500 रुपये समेत बाकी करेंसी के पर्याप्त नोट मौजूद हैं। 

2000 रुपये के नोट बंद होने के बाद से क्या बाजार में 1000 रुपये के नोटों की वापसी हो सकती है? इस सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2,000 के नोट वापस ले लिए गए हैं, लेकिन 1,000 के नए नोट लाने की कोई योजना नहीं है। 8 नवंबर 2016 को नरेंद्र मोदी सरकार ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को रद्द कर दिया।

शक्तिकांत दास ने कहा- मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में नोट उपलब्ध हैं, जो चलन में हैं और नए नोट छप चुके हैं। हमारे पास सिस्टम में पहले से ही पर्याप्त मात्रा में मुद्रित नोट उपलब्ध हैं।  2000 रुपये के नोटों को बदलने की 30 सितंबर की समय सीमा के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक तारीख तय की गई ताकि लोग इस प्रक्रिया को गंभीरता से लें और यह अंतहीन ना हो। शक्तिकांत दास ने कहा कि 30 सितंबर (नोट बदलने के लिए) तक का समय दिया जाता है ताकि इसे गंभीरता से लिया जा सके। अगर आप इसे समय सीमा में ना बांधें तो ये अंतहीन प्रक्रिया बन जाती है।


उन्होंने कहा कि 2000 मूल्यवर्ग के करेंसी नोट मुख्य रूप से पैसे के मूल्य को जल्दी से भरने के उद्देश्य से जारी किए गए थे, जो नोटबंदी के बाद सिस्टम से निकाले जा रहे थे।  उन्होंने कहा कि वो उद्देश्य पूरा हो गया है और आज अन्य मूल्यवर्ग के प्रचलन में पर्याप्त नोट हैं।

2000 Rs Note Withdraw: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि 2000 रुपये के नोट वापस होने से किसी को कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मार्केट में 500 रुपये समेत बाकी करेंसी के पर्याप्त नोट मौजूद हैं। 

2000 रुपये के नोट बंद होने के बाद से क्या बाजार में 1000 रुपये के नोटों की वापसी हो सकती है? इस सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2,000 के नोट वापस ले लिए गए हैं, लेकिन 1,000 के नए नोट लाने की कोई योजना नहीं है। 8 नवंबर 2016 को नरेंद्र मोदी सरकार ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को रद्द कर दिया।

शक्तिकांत दास ने कहा- मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में नोट उपलब्ध हैं, जो चलन में हैं और नए नोट छप चुके हैं। हमारे पास सिस्टम में पहले से ही पर्याप्त मात्रा में मुद्रित नोट उपलब्ध हैं।  2000 रुपये के नोटों को बदलने की 30 सितंबर की समय सीमा के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक तारीख तय की गई ताकि लोग इस प्रक्रिया को गंभीरता से लें और यह अंतहीन ना हो। शक्तिकांत दास ने कहा कि 30 सितंबर (नोट बदलने के लिए) तक का समय दिया जाता है ताकि इसे गंभीरता से लिया जा सके। अगर आप इसे समय सीमा में ना बांधें तो ये अंतहीन प्रक्रिया बन जाती है।


उन्होंने कहा कि 2000 मूल्यवर्ग के करेंसी नोट मुख्य रूप से पैसे के मूल्य को जल्दी से भरने के उद्देश्य से जारी किए गए थे, जो नोटबंदी के बाद सिस्टम से निकाले जा रहे थे।  उन्होंने कहा कि वो उद्देश्य पूरा हो गया है और आज अन्य मूल्यवर्ग के प्रचलन में पर्याप्त नोट हैं।

संवादपत्र

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