- Date : 17/05/2020
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यहां कुछ किताबें दी गई हैं जो आपको निवेश रणनीतियां समझने में मदद करेंगी

कई अध्ययनों से सामने आया है कि निवेश के मामले में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कम आक्रमक होती हैं। लेकिन क्या यह बात उन्हें कम समझदार निवेशक बनाती है? इसकी बजाए; यह बात केवल सामान्य ज्ञान को दर्शाती है। चाहे वह स्टेट बैंक में अरुंधति भट्टाचार्य हों, एक्सिस बैंक में शिखा शर्मा हों या फिर आईसीआईसीआई बैंक में चंदा कोचर, निजी क्षेत्र और पीएसयू दोनों प्रकार के बैंकों में लगभग एक ही समय (2013-2017 से) में महिला चेयरपर्सन रही हैं।
इसलिए केवल एक महिला होने के कारण आपको निवेश करने में संकोच नहीं करना चाहिए; यदि आप पैसा कमाना चाहती हैं, तो निवेश एक शानदार तरीका है। हालांकि, आपको इस विषय के बारे में जितना हो सके उतना पढ़ना चाहिए - इसलिए नहीं कि आप एक 'डरपोक' महिला हैं, बल्कि इसलिए कि आप एक नौसीखिया हैं। आखिरकार, यह आपकी मेहनत की कमाई है जिसे आप निवेश करेंगी।
लेकिन आपके लिए यहां कुछ सलाह हैं: विश्व स्तर पर लोकप्रिय ज्यादातर किताबें अमेरिकी बाजार को ध्यान में रखते हुए लिखी गई हैं, ऐसे में इस बात को लेकर हमेशा सावधान रहें कि आप किस बात का पालन कर रही हैं। उदाहरण के लिए, 529 प्लान टैक्स बचत करने वाला एक यूएस सेविंग प्लान है, यह प्लान भविष्य में होने वाले शिक्षा खर्च के लिए बचत को प्रोत्साहित करता है, लेकिन इसका भारतीयों से कोई लेना देना नहीं है। इसी प्रकार, इंडेक्स फंड में निवेश अमेरिका में काम आ सकता है, लेकिन भारत में यह दूसरा काम करता है। संभव है कि किसी विषय (वेनगार्ड समूह के संस्थापक जोन बोगल द्वारा लिखित ‘द लिटिल बुक ऑफ कॉमन सेंस इंवेस्टिंग’) पर लिखी गई लोकप्रिय किताब आपके काम न आए। यदि आपको पता ही नहीं है कि इंडेक्स फंड क्या है, तो यही कारण है कि आपको पढ़कर अपनी जानकारी बढ़ानी चाहिए।
इसके अलावा, जहां आपको योग्य वित्तीय सलाहकार की मदद लेने की सलाह दी जाती है, तो ऐसे में निवेश की रणनीतियों और शर्तों की जानकारी आपको बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगी। तो, शुरुआत के लिए, यहां कुछ किताबें दी गई हैं, जिन्हें आप पढ़ सकती हैं; ये किताबें हो सकता है कि सिर्फ महिलाओं को ध्यान में रखकर न लिखी गई हों, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि पैसा स्त्री या पुरुष के बीच कोई अंतर नहीं करता।
1. द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर
यह किताब 1949 में ब्रिटेन में जन्मे अमेरिकी निवेशक, अर्थशास्त्री और प्रोफेसर बेंजमिन ग्राहम ने लिखी थी। बेंजमिन ग्राहम को ‘वैल्यु इन्वेस्टिंग का जनक’ भी कहा जाता है। इस किताब में कुछ सामग्रियों में तारीखें दी गई हैं, खासतौर पर तब जब ग्राहम समयबद्ध विषयों का जिक्र करते हैं। लेकिन निवेश के लिए आपको उसके अमूल्य ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जॉन बोगल (जिन्होंने निवेश रणनीतियों पर किताबें लिखी हैं) और महान निवेशक वॉरेन बफे - दोनों ही यह मानते हैं कि युवावस्था में ‘द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर’ से उन्हें बहुत फायदा मिला। आप ‘वैल्यु इन्वेस्टिंग’ के नाम से परेशान न हों, इसका मतलब है कम कीमत वाले स्टॉक को खरीदना, जो कि निवेशकों के लिए लाभ कमाने का मौका होता है। इसमें बाहरी प्रभावों (अच्छी खबर और बुरी खबर) के बजाय व्यवसाय और उसके मूल सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल होता है। बाहरी कारण अस्थायी रूप से कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। ग्राहम इसके बारे में आपको और भी जानकारी देंगे।
2. द वॉरेन बफे वे
जी नहीं, यह किताब वॉरेन बफे ने नहीं बल्कि उनके एक प्रशंसक ने उनकी अनुमति से लिखी है। लेखक रॉबर्ट जी हगस्ट्रॉम, बफे की ‘गुप्त’ रणनीतियों और सिद्धांतों के बारे में बताते हैं। इन्हीं पर चलते हुए इस महान निवेशक द्वारा 1958 में किया गया 100 डॉलर का निवेश बढ़कर 1993 में 8.3 बिलियन डॉलर (आज बफे की पूंजी 85 बिलियन डॉलर आंकी गई है) हो गया। उन्होंने इस किताब में बफे का कोई साक्षात्कार नहीं किया है, बल्कि उनकी कंपनी बर्कशायर हाथवे की वार्षिक रिपोर्ट से उनके वक्तव्य लिए हैं। इसमें उनके कुछ सिद्धान्त दिए गए हैं जैसे कि शेयर बाजार के उतार चढ़ाव को लेकर घबराने की बजाए दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, या फिर निवेश को कारोबार खरीदने की नज़र से देखना चाहिए, स्टॉक की नज़र से नहीं। अच्छी खरीद के लिए स्टॉक या बिजनेस का मूल्यांकन कैसे करें, ‘द वॉरेन बफे वे’ इस बात की जानकारी प्रदान करती है।
3. द वॉरेन बफे सीईओ
जैसा कि आप शीर्षक से ही समझ सकते हैं, यह किताब वॉरेन बफे को एक निवेशक के रूप में कम और एक प्रबंधक के रूप में अधिक पेश करती है। ये किताब बफे के प्रशंसित विशेषज्ञ रॉबर्ट पी माइल्स ने लिखी है। यह किताब इस बात पर प्रकाश डालती है कि बर्कशायर की कई सहायक कंपनियों के सीईओ कैसे चुने गए और उन्हें कैसे प्रबंधित किया गया। दिलचस्प बात यह है कि कहानियों को बर्कशायर के प्रबंधकों के माध्यम से पेश किया गया है। यह बफे को एक मैनेजर के रूप में पेश करता है। ऐसे में यदि आप ‘द वॉरेन बफे सीईओ’ को निवेश मैनुअल के रूप में देख रहे हैं तो आपको निराशा होगी। वहीं दूसरी ओर, आप शानदार कंपनियों और शानदार प्रबंधन के बारे में बहुत कुछ जानेंगे; क्या किसी कंपनी के मूल सिद्धांतों का अध्ययन करने का यह एक अच्छा तरीका नहीं है? यह अपने आप में एक सबक है जिसे आपको निवेश की शुरुआत करते समय ध्यान में रखना चाहिए।
4. वॉरेन बफेज़ वर्क्स
संभवतः वॉरेन बफे के ऊपर किसी अन्य व्यक्ति की तुलना में सबसे अधिक लिखा गया है (शायद सामूहिक रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति और दलाई लामा को छोड़कर), जबकि उन्होंने खुद कभी भी एक किताब नहीं लिखी। हालांकि, बफे दशकों से हर साल बर्कशायर के शेयरधारकों को पत्र लिख रहे हैं; ये वास्तविक और आकर्षक हैं, और वे पूरी तरह से अपनी कंपनी और अर्थव्यवस्था से जुड़ी बेजोड़ जानकारियां प्रदान करते हैं। इन पत्रों को लॉरेंस ए कनिंघम ने ‘द एसेज ऑफ वॉरेन: लेसंस फॉर कॉर्पोरेट अमेरिका’ नामक पुस्तक में संकलित किया है।
कनिंघम ने 34 साल तक शेयर धारकों को लिखे पत्रों का एक दूसरा वॉल्यूम भी संकलित किया है, इसका नाम ‘जेम्स फ्रॉम वॉरेन बफे: विट एंड विजडम’ है। उनके शब्दों में, “यह कोई निवेश ट्यूटोरियल या श्री बफे की कोई जीवनी नहीं है। यह 34 वर्षों में लिखे गए उनके पत्रों में से निकाले गए 240 से अधिक विलक्षण और ज्ञानवर्धक विचार ‘जेम्स’ का संकलन है।” ये ऑनलाइन और बर्कशायर की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं।
5. इंडियन म्युचुअल फंड्स हैंडबुक
अभी तक जिन किताबों का सुझाव दिया गया है उसमें से सभी विदेशी प्रकाशकों की हैं और गैर-भारतीय लेखकों द्वारा लिखी गई हैं; भारतीय बाजारों को कैसे देखें? इसके लिए आप इंडियन म्युचुअल फंड हैंडबुक से शुरुआत कर सकते हैं; क्योंकि जापान और अमेरिका की तरह, म्युचुअल फंड भारतीय निवेशकों के लिए एक अनिवार्य निवेश का क्षेत्र बन रहे हैं। नौसीखिए लोग म्युचुअल फंड से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए अपना बहुत ज्यादा समय इंटरनेट पर सर्फिंग करने में बिताते हैं। यह किताब बिजनेस कंसल्टेंट सुंदर शंकरन ने लिखी है। यह किताब विभिन्न विषयों जैसे म्युचुअल फंड के विभिन्न प्रकार (इक्विटी फंड्स, डेट फंड, बैलेंस फंड्स) और इसमें निवेश के फायदे और नुकसान, नेट असेट वैल्यू (एनएवी), निवेश की लागत और इससे जुड़े जोखिम आदि की व्याख्या करती है।
6. ऑल योर वर्थ: द अल्टिमेट लाइफटाइम मनी प्लान
अभी तक सुझाई गई किताबों की लिस्ट निवेश पर केंद्रित है न कि पर्सनल फाइनेंस पर। लेकिन बचत के बिना, कोई कैसे निवेश योग्य पर्याप्त पैसे जुटा सकता है? तो आपके लिए बजटिंग विषय पर यह एक शानदार किताब है। इसे अमेरिकी सेनेटर एलिजाबेथ वॉरेन, जो कि बैंकरप्सी विशेषज्ञ भी हैं, और उनकी बिजनेस एक्जिक्यूटिव बेटी अमेलिया वॉरेन त्यागी ने मिलकर लिखा है। ‘ऑल योर वर्थ: द अल्टिमेट लाइफटाइम मनी प्लान’ किताब आपके हाथ में आने वाले वेतन को 50-20-30 फॉर्मूले में विभाजित करती है। जहां लेखक आपके आधे पैसे को “आवश्यक वस्तुओं” के लिए, पांचवा हिस्सा वित्तीय लक्ष्यों (जैसे निवेश) और शेष पैसा व्यक्तिगत खर्चों के लिए सुरक्षित रखने की सलाह देती है।
यहां ‘आवश्यक’ से लेखिका का मतलब किराया या कर्ज का भुगतान, आवश्यक बिल(बिजली का बिल, इंटरनेट, फोन इत्यादि), खाद्य सामिग्री, कार इंश्योरेंस, दैनिक परिवहन खर्च (ट्रेन/बस का किराया या कार में पेट्रोल भरवाने का खर्च) और क्रेडिट कार्ड के बिल के साथ कर्ज के न्यूनतम भुगतान से है। ‘वित्तीय लक्ष्य’ जिसके लिए यहां 20% आवंटित किया गया है, इसमें निवेश, बचत और न्यूनतम भुगताने के ऊपर की अतिरिक्त राशि है। ‘व्यक्तिगत खर्च’ में आपके शौक जैसे रेस्टोरेंट में खाना, छुट्टियां बिताना और फैंसी कपड़े पहनना शामिल होता है। हालांकि, कुछ लोगों को मौजमस्ती के लिए 30% का आवंटन ज्यादा लग सकता है; आप अपना निवेश बढ़ा सकते हैं या कम कर सकते हैं। लेकिन आवंटन से अधिक, यह सिद्धांत यहां महत्वपूर्ण है।
अन्य सुझाव
फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट पर सभी शानदार किताबों को सूचीबद्ध करने के लिए यहां पर्याप्त स्थान नहीं है, ऐसे में यहां 15 और किताबों के सुझाव दिए गए हैं, जिसकी शुरुआत रमित सेठी से होती है, जो कि अमेरिका में भारतीय अप्रवासी के पुत्र और युवाओं के प्रिय हैं:
- रमित सेठी की आई विल टीच यू टू बी रिच
- मनीषा ठाकोर एवं शरॉन केदार की ऑन माय ओन टू फीट: ए मॉडर्न गर्ल्स गाइड टू पर्सनल फाइनेंस
- बारबरा स्टेनी की सेक्रेड सक्सेस: ए कोर्स इन फाइनेंशियल मिरेकल्स
- बारबरा स्टेनी की प्रिंस चार्मिंग इजिन्ट कमिंग: हाउ वुमन गेट स्मार्ट अबाउट मनी
- विकी रॉबिन एवं जो डोमिन्गुएज़ की योर मनी ऑर योर लाइफ: 9 स्टेप्स टू ट्रांस्फॉर्मिंग योर रिलेशनशिप विथ मनी एंड अचीविंग फायनेंशियल इंडिपेंडेंस
- जूलिया पिम्सलियुर की मिलियन डॉलर वुमन: द एस्सेंशियल गाइड फॉर फीमेल आंत्रप्रेन्योर्स हू वॉन्ट टू गो बिग
- डेव रामसे की द टोटल मनी मेकओवर
- अमांडा स्टेनबर्ग की वर्थ इट: योर लाइफ, योर मनी, योर टर्म
- लेस्ली बेनेट की द फेमिनिन मिस्टेक: आर वी गिविंग अप टू मच?
- सैली पलइयन की स्पेंट: ब्रेक द बाइंग ऑबसेशन एंड डिस्कवर योर ट्रू वर्थ
- बेवर्ली हरज़ोग की द डेट एस्केप प्लान
- बरी टस्सलर की द आर्ट ऑफ मनी
- रिचर्ड थेलर और कास सन्सटेन की नग
- जॉन बोगल की कॉमन सेंस ऑन म्युचुअल फंड्स
- आशु दत्त एवं अर्शिया दत्त की हाउ टू मेक ए फॉर्च्यून थ्रू म्युचुअल फंड्स
चलते-चलते:
कभी-कभी किताबों की समीक्षा पढ़ने की भी सलाह दी जाती है। यहां आप निराश हो सकते हैं और यहां तक कि दी गई सलाह आपकी परिस्थितियों, आपकी जोखिम क्षमता और क्षमताओं के लिए अनुपयुक्त हो सकती है। एक बेहद लोकप्रिय किताब ‘रिच डैड, पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट टी कियोसकी, एक ऐसे करोड़पति हैं जिन्हें एक बार बैंकरप्सी के लिए अर्जी दाखिल करनी पड़ी थी। विल स्मिथ और ओपरा विनफ्रे जैसी हस्तियां भी इस किताब की फैन हैं, जबकि व्यवसायी और लेखक जॉन रीड कहते हैं कि पुस्तक में "बहुत गलत सलाह, बहुत बुरी सलाह, कुछ खतरनाक सलाह और वास्तव में कोई अच्छी सलाह नहीं है"।
इसलिए, जो पहले कहा गया है वही दोहराते हुए हमेशा सलाह दी जाती है कि पेशेवर सलाह लें और संपूर्ण जानकारी जुटाएं।
कई अध्ययनों से सामने आया है कि निवेश के मामले में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कम आक्रमक होती हैं। लेकिन क्या यह बात उन्हें कम समझदार निवेशक बनाती है? इसकी बजाए; यह बात केवल सामान्य ज्ञान को दर्शाती है। चाहे वह स्टेट बैंक में अरुंधति भट्टाचार्य हों, एक्सिस बैंक में शिखा शर्मा हों या फिर आईसीआईसीआई बैंक में चंदा कोचर, निजी क्षेत्र और पीएसयू दोनों प्रकार के बैंकों में लगभग एक ही समय (2013-2017 से) में महिला चेयरपर्सन रही हैं।
इसलिए केवल एक महिला होने के कारण आपको निवेश करने में संकोच नहीं करना चाहिए; यदि आप पैसा कमाना चाहती हैं, तो निवेश एक शानदार तरीका है। हालांकि, आपको इस विषय के बारे में जितना हो सके उतना पढ़ना चाहिए - इसलिए नहीं कि आप एक 'डरपोक' महिला हैं, बल्कि इसलिए कि आप एक नौसीखिया हैं। आखिरकार, यह आपकी मेहनत की कमाई है जिसे आप निवेश करेंगी।
लेकिन आपके लिए यहां कुछ सलाह हैं: विश्व स्तर पर लोकप्रिय ज्यादातर किताबें अमेरिकी बाजार को ध्यान में रखते हुए लिखी गई हैं, ऐसे में इस बात को लेकर हमेशा सावधान रहें कि आप किस बात का पालन कर रही हैं। उदाहरण के लिए, 529 प्लान टैक्स बचत करने वाला एक यूएस सेविंग प्लान है, यह प्लान भविष्य में होने वाले शिक्षा खर्च के लिए बचत को प्रोत्साहित करता है, लेकिन इसका भारतीयों से कोई लेना देना नहीं है। इसी प्रकार, इंडेक्स फंड में निवेश अमेरिका में काम आ सकता है, लेकिन भारत में यह दूसरा काम करता है। संभव है कि किसी विषय (वेनगार्ड समूह के संस्थापक जोन बोगल द्वारा लिखित ‘द लिटिल बुक ऑफ कॉमन सेंस इंवेस्टिंग’) पर लिखी गई लोकप्रिय किताब आपके काम न आए। यदि आपको पता ही नहीं है कि इंडेक्स फंड क्या है, तो यही कारण है कि आपको पढ़कर अपनी जानकारी बढ़ानी चाहिए।
इसके अलावा, जहां आपको योग्य वित्तीय सलाहकार की मदद लेने की सलाह दी जाती है, तो ऐसे में निवेश की रणनीतियों और शर्तों की जानकारी आपको बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगी। तो, शुरुआत के लिए, यहां कुछ किताबें दी गई हैं, जिन्हें आप पढ़ सकती हैं; ये किताबें हो सकता है कि सिर्फ महिलाओं को ध्यान में रखकर न लिखी गई हों, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि पैसा स्त्री या पुरुष के बीच कोई अंतर नहीं करता।
1. द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर
यह किताब 1949 में ब्रिटेन में जन्मे अमेरिकी निवेशक, अर्थशास्त्री और प्रोफेसर बेंजमिन ग्राहम ने लिखी थी। बेंजमिन ग्राहम को ‘वैल्यु इन्वेस्टिंग का जनक’ भी कहा जाता है। इस किताब में कुछ सामग्रियों में तारीखें दी गई हैं, खासतौर पर तब जब ग्राहम समयबद्ध विषयों का जिक्र करते हैं। लेकिन निवेश के लिए आपको उसके अमूल्य ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जॉन बोगल (जिन्होंने निवेश रणनीतियों पर किताबें लिखी हैं) और महान निवेशक वॉरेन बफे - दोनों ही यह मानते हैं कि युवावस्था में ‘द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर’ से उन्हें बहुत फायदा मिला। आप ‘वैल्यु इन्वेस्टिंग’ के नाम से परेशान न हों, इसका मतलब है कम कीमत वाले स्टॉक को खरीदना, जो कि निवेशकों के लिए लाभ कमाने का मौका होता है। इसमें बाहरी प्रभावों (अच्छी खबर और बुरी खबर) के बजाय व्यवसाय और उसके मूल सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल होता है। बाहरी कारण अस्थायी रूप से कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। ग्राहम इसके बारे में आपको और भी जानकारी देंगे।
2. द वॉरेन बफे वे
जी नहीं, यह किताब वॉरेन बफे ने नहीं बल्कि उनके एक प्रशंसक ने उनकी अनुमति से लिखी है। लेखक रॉबर्ट जी हगस्ट्रॉम, बफे की ‘गुप्त’ रणनीतियों और सिद्धांतों के बारे में बताते हैं। इन्हीं पर चलते हुए इस महान निवेशक द्वारा 1958 में किया गया 100 डॉलर का निवेश बढ़कर 1993 में 8.3 बिलियन डॉलर (आज बफे की पूंजी 85 बिलियन डॉलर आंकी गई है) हो गया। उन्होंने इस किताब में बफे का कोई साक्षात्कार नहीं किया है, बल्कि उनकी कंपनी बर्कशायर हाथवे की वार्षिक रिपोर्ट से उनके वक्तव्य लिए हैं। इसमें उनके कुछ सिद्धान्त दिए गए हैं जैसे कि शेयर बाजार के उतार चढ़ाव को लेकर घबराने की बजाए दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, या फिर निवेश को कारोबार खरीदने की नज़र से देखना चाहिए, स्टॉक की नज़र से नहीं। अच्छी खरीद के लिए स्टॉक या बिजनेस का मूल्यांकन कैसे करें, ‘द वॉरेन बफे वे’ इस बात की जानकारी प्रदान करती है।
3. द वॉरेन बफे सीईओ
जैसा कि आप शीर्षक से ही समझ सकते हैं, यह किताब वॉरेन बफे को एक निवेशक के रूप में कम और एक प्रबंधक के रूप में अधिक पेश करती है। ये किताब बफे के प्रशंसित विशेषज्ञ रॉबर्ट पी माइल्स ने लिखी है। यह किताब इस बात पर प्रकाश डालती है कि बर्कशायर की कई सहायक कंपनियों के सीईओ कैसे चुने गए और उन्हें कैसे प्रबंधित किया गया। दिलचस्प बात यह है कि कहानियों को बर्कशायर के प्रबंधकों के माध्यम से पेश किया गया है। यह बफे को एक मैनेजर के रूप में पेश करता है। ऐसे में यदि आप ‘द वॉरेन बफे सीईओ’ को निवेश मैनुअल के रूप में देख रहे हैं तो आपको निराशा होगी। वहीं दूसरी ओर, आप शानदार कंपनियों और शानदार प्रबंधन के बारे में बहुत कुछ जानेंगे; क्या किसी कंपनी के मूल सिद्धांतों का अध्ययन करने का यह एक अच्छा तरीका नहीं है? यह अपने आप में एक सबक है जिसे आपको निवेश की शुरुआत करते समय ध्यान में रखना चाहिए।
4. वॉरेन बफेज़ वर्क्स
संभवतः वॉरेन बफे के ऊपर किसी अन्य व्यक्ति की तुलना में सबसे अधिक लिखा गया है (शायद सामूहिक रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति और दलाई लामा को छोड़कर), जबकि उन्होंने खुद कभी भी एक किताब नहीं लिखी। हालांकि, बफे दशकों से हर साल बर्कशायर के शेयरधारकों को पत्र लिख रहे हैं; ये वास्तविक और आकर्षक हैं, और वे पूरी तरह से अपनी कंपनी और अर्थव्यवस्था से जुड़ी बेजोड़ जानकारियां प्रदान करते हैं। इन पत्रों को लॉरेंस ए कनिंघम ने ‘द एसेज ऑफ वॉरेन: लेसंस फॉर कॉर्पोरेट अमेरिका’ नामक पुस्तक में संकलित किया है।
कनिंघम ने 34 साल तक शेयर धारकों को लिखे पत्रों का एक दूसरा वॉल्यूम भी संकलित किया है, इसका नाम ‘जेम्स फ्रॉम वॉरेन बफे: विट एंड विजडम’ है। उनके शब्दों में, “यह कोई निवेश ट्यूटोरियल या श्री बफे की कोई जीवनी नहीं है। यह 34 वर्षों में लिखे गए उनके पत्रों में से निकाले गए 240 से अधिक विलक्षण और ज्ञानवर्धक विचार ‘जेम्स’ का संकलन है।” ये ऑनलाइन और बर्कशायर की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं।
5. इंडियन म्युचुअल फंड्स हैंडबुक
अभी तक जिन किताबों का सुझाव दिया गया है उसमें से सभी विदेशी प्रकाशकों की हैं और गैर-भारतीय लेखकों द्वारा लिखी गई हैं; भारतीय बाजारों को कैसे देखें? इसके लिए आप इंडियन म्युचुअल फंड हैंडबुक से शुरुआत कर सकते हैं; क्योंकि जापान और अमेरिका की तरह, म्युचुअल फंड भारतीय निवेशकों के लिए एक अनिवार्य निवेश का क्षेत्र बन रहे हैं। नौसीखिए लोग म्युचुअल फंड से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए अपना बहुत ज्यादा समय इंटरनेट पर सर्फिंग करने में बिताते हैं। यह किताब बिजनेस कंसल्टेंट सुंदर शंकरन ने लिखी है। यह किताब विभिन्न विषयों जैसे म्युचुअल फंड के विभिन्न प्रकार (इक्विटी फंड्स, डेट फंड, बैलेंस फंड्स) और इसमें निवेश के फायदे और नुकसान, नेट असेट वैल्यू (एनएवी), निवेश की लागत और इससे जुड़े जोखिम आदि की व्याख्या करती है।
6. ऑल योर वर्थ: द अल्टिमेट लाइफटाइम मनी प्लान
अभी तक सुझाई गई किताबों की लिस्ट निवेश पर केंद्रित है न कि पर्सनल फाइनेंस पर। लेकिन बचत के बिना, कोई कैसे निवेश योग्य पर्याप्त पैसे जुटा सकता है? तो आपके लिए बजटिंग विषय पर यह एक शानदार किताब है। इसे अमेरिकी सेनेटर एलिजाबेथ वॉरेन, जो कि बैंकरप्सी विशेषज्ञ भी हैं, और उनकी बिजनेस एक्जिक्यूटिव बेटी अमेलिया वॉरेन त्यागी ने मिलकर लिखा है। ‘ऑल योर वर्थ: द अल्टिमेट लाइफटाइम मनी प्लान’ किताब आपके हाथ में आने वाले वेतन को 50-20-30 फॉर्मूले में विभाजित करती है। जहां लेखक आपके आधे पैसे को “आवश्यक वस्तुओं” के लिए, पांचवा हिस्सा वित्तीय लक्ष्यों (जैसे निवेश) और शेष पैसा व्यक्तिगत खर्चों के लिए सुरक्षित रखने की सलाह देती है।
यहां ‘आवश्यक’ से लेखिका का मतलब किराया या कर्ज का भुगतान, आवश्यक बिल(बिजली का बिल, इंटरनेट, फोन इत्यादि), खाद्य सामिग्री, कार इंश्योरेंस, दैनिक परिवहन खर्च (ट्रेन/बस का किराया या कार में पेट्रोल भरवाने का खर्च) और क्रेडिट कार्ड के बिल के साथ कर्ज के न्यूनतम भुगतान से है। ‘वित्तीय लक्ष्य’ जिसके लिए यहां 20% आवंटित किया गया है, इसमें निवेश, बचत और न्यूनतम भुगताने के ऊपर की अतिरिक्त राशि है। ‘व्यक्तिगत खर्च’ में आपके शौक जैसे रेस्टोरेंट में खाना, छुट्टियां बिताना और फैंसी कपड़े पहनना शामिल होता है। हालांकि, कुछ लोगों को मौजमस्ती के लिए 30% का आवंटन ज्यादा लग सकता है; आप अपना निवेश बढ़ा सकते हैं या कम कर सकते हैं। लेकिन आवंटन से अधिक, यह सिद्धांत यहां महत्वपूर्ण है।
अन्य सुझाव
फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट पर सभी शानदार किताबों को सूचीबद्ध करने के लिए यहां पर्याप्त स्थान नहीं है, ऐसे में यहां 15 और किताबों के सुझाव दिए गए हैं, जिसकी शुरुआत रमित सेठी से होती है, जो कि अमेरिका में भारतीय अप्रवासी के पुत्र और युवाओं के प्रिय हैं:
- रमित सेठी की आई विल टीच यू टू बी रिच
- मनीषा ठाकोर एवं शरॉन केदार की ऑन माय ओन टू फीट: ए मॉडर्न गर्ल्स गाइड टू पर्सनल फाइनेंस
- बारबरा स्टेनी की सेक्रेड सक्सेस: ए कोर्स इन फाइनेंशियल मिरेकल्स
- बारबरा स्टेनी की प्रिंस चार्मिंग इजिन्ट कमिंग: हाउ वुमन गेट स्मार्ट अबाउट मनी
- विकी रॉबिन एवं जो डोमिन्गुएज़ की योर मनी ऑर योर लाइफ: 9 स्टेप्स टू ट्रांस्फॉर्मिंग योर रिलेशनशिप विथ मनी एंड अचीविंग फायनेंशियल इंडिपेंडेंस
- जूलिया पिम्सलियुर की मिलियन डॉलर वुमन: द एस्सेंशियल गाइड फॉर फीमेल आंत्रप्रेन्योर्स हू वॉन्ट टू गो बिग
- डेव रामसे की द टोटल मनी मेकओवर
- अमांडा स्टेनबर्ग की वर्थ इट: योर लाइफ, योर मनी, योर टर्म
- लेस्ली बेनेट की द फेमिनिन मिस्टेक: आर वी गिविंग अप टू मच?
- सैली पलइयन की स्पेंट: ब्रेक द बाइंग ऑबसेशन एंड डिस्कवर योर ट्रू वर्थ
- बेवर्ली हरज़ोग की द डेट एस्केप प्लान
- बरी टस्सलर की द आर्ट ऑफ मनी
- रिचर्ड थेलर और कास सन्सटेन की नग
- जॉन बोगल की कॉमन सेंस ऑन म्युचुअल फंड्स
- आशु दत्त एवं अर्शिया दत्त की हाउ टू मेक ए फॉर्च्यून थ्रू म्युचुअल फंड्स
चलते-चलते:
कभी-कभी किताबों की समीक्षा पढ़ने की भी सलाह दी जाती है। यहां आप निराश हो सकते हैं और यहां तक कि दी गई सलाह आपकी परिस्थितियों, आपकी जोखिम क्षमता और क्षमताओं के लिए अनुपयुक्त हो सकती है। एक बेहद लोकप्रिय किताब ‘रिच डैड, पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट टी कियोसकी, एक ऐसे करोड़पति हैं जिन्हें एक बार बैंकरप्सी के लिए अर्जी दाखिल करनी पड़ी थी। विल स्मिथ और ओपरा विनफ्रे जैसी हस्तियां भी इस किताब की फैन हैं, जबकि व्यवसायी और लेखक जॉन रीड कहते हैं कि पुस्तक में "बहुत गलत सलाह, बहुत बुरी सलाह, कुछ खतरनाक सलाह और वास्तव में कोई अच्छी सलाह नहीं है"।
इसलिए, जो पहले कहा गया है वही दोहराते हुए हमेशा सलाह दी जाती है कि पेशेवर सलाह लें और संपूर्ण जानकारी जुटाएं।