- Date : 26/09/2022
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रिटायरमेंट प्लानिंग के समय मामूली चूक आपको काफी नुकसान पहुंचा सकती है। इस लेख में जानिये रिटायरमेंट फंड बनाते समय किन 6 गलतियों से बचना चाहिए।

अगर आपसे पूछा जाए कि रिटायरमेंट के बाद बेफिक्री के साथ जिंदगी का आनंद उठाने के लिए आपने अभी से कोई प्लानिंग की है। तो, आप क्या कहेंगे? ये सवाल हम इसलिये पूछ रहे हैं क्योंकि कुछ समय पहले आए एक सर्वे के मुताबिक, भारत की आधी से अधिक आबादी के पास रिटायरमेंट को लेकर कोई योजना नहीं है। उनकी प्राथमिकता में रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं, बल्कि बच्चों और पति या पत्नी की वित्तीय सुरक्षा है। अपनी जरूरतों के प्रति जागरूक होना जरूरी है, और आपको अपनी बाकी सभी जरूरतों के बीच अपने रिटायरमेंट प्लानिंग का भी ध्यान रखना उतना ही जरूरी है। अक्सर लोग रिटायरमेंट प्लानिंग के सन्दर्भ में कई गलतियाँ कर जाते हैं और फिर उन्हें बाद में पछताना पड़ता है। तो आइए ऐसी 6 बड़ी गलतियों के बारे में जानते हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय इन 6 गलतियों से बचें:
1. देर से रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करना:
जानकारों का मानना है कि जितनी जल्दी हो सके, रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। आप जितनी जल्दी रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए निवेश शुरू करेंगे, रिटायरमेंट के बाद आपके पास उतने ही ज्यादा पैसे होंगे। साथ ही, ज्यादा समय मिलने से आपको निवेश के लिए एक बार में ज्यादा पैसों के निवेश जरूरत नहीं होगी। थोड़े-थोड़े पैसों के निवेश से भी काम चल जाएगा। ऐसे में आपके ऊपर एक बार में कोई ऐसा वित्तीय बोझ भी नहीं आएगा जिससे कि आपको तनाव में रहना पड़े।
2. सोच समझकर रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं करना:
बिना सोचे-समझे रिटायरमेंट प्लानिंग से आपको नुकसान हो सकता है। प्लानिंग से पहले सोच लें कि आपको रिटायरमेंट के समय कितना पैसा चाहिए, और इसके लिए आपको कहां-कहां और कितना कितना पैसा निवेश करना होगा। आप चाहें तो रिटायरमेंट के बाद अपनी अलग अलग वित्तीय जरूरतों जैसे सैर-सपाटे, नए घर, नई कार के लिए अलग-अलग भी निवेश कर सकते हैं। आप इस काम में किसी भरोसेमंद वित्तीय सलाहकार की भी मदद ले सकते हैं।
3. प्लानिंग के समय महंगाई की गणना भूल जाना:
रिटायरमेंट प्लानिंग के समय महंगाई को ध्यान में नहीं रखना आपको काफी महंगा पड़ सकता है। महंगाई की रफ़्तार आपके फंड की वैल्यू को समय के अनुसार कम कर सकती है। उदाहरण के लिए मान लीजिए, आप 15 साल में एक करोड़ रिटायरमेंट फंड बनाना चाहते हैं। ऐसे में अगर महंगाई दर 4-5 प्रतिशत सालाना मान लें तो 15 साल के बाद एक करोड़ रुपए की कीमत आज के करीब 45-50 लाख रुपए के बराबर की ही होगी। ऐसे में आपके लिए एक करोड़ के लिए नहीं, बल्कि 1.45-1.50 करोड़ रुपए के लिए प्लान करना बेहतर होगा।
4. गलत निवेश रणनीति:
गलत निवेश रणनीति से आपको आपके लक्षित रिटायरमेंट फंड बनाने में मुश्किल आ सकती है। इसके लिए सही एसेट अलोकेशन जरूरी है। सही एसेट अलोकेशन मतलब आपको कितना-कितना पैसा शेयर, म्युचुअल फंड, सोना, रियल एस्टेट, एफडी, पेंशन स्कीम, बॉन्ड या ऐसे एसेट क्लास में होना चाहिए। रिटायरमेंट के लिए निर्धारित लक्ष्य हासिल करने में इसका काफी महत्व है।
रिटायरमेंट के लिए कम से कम 20-30 साल के लिए निवेश करना चाहिए और इसके लिए जानकार शेयर या इक्विटी म्युचुअल फंड्स में पैसे लगाने की सलाह देते हैं। ये निवेश साधन लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न देते हैं। कुछ लोग एफडी में पैसा रखते हैं, जिसे जानकार रिटायरमेंट फंड के लिए सही नहीं मानते हैं। दरअसल, अभी के समय में ज्यादातर एफडी महंगाई दर से कम रिटर्न देती है। इसके अलावा, एक खास ब्याज के बाद उस पर टीडीएस भी काटा जाता है और ब्याज पर स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स भी देना होता है।
5. अपने निवेश की समय-समय पर समीक्षा ना करना:
निवेश साधनों की लिस्ट को पोर्टफोलियो कहते हैं। पोर्टफोलियो की समय-समय पर समीक्षा नहीं करने से घाटा उठाना पड़ सकता है। रिटायरमेंट फंड के लिए लंबे समय तक निवेश करना होता है। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि आपका निवेश अपेक्षा के अनुरूप बढ़ रहा है या नहीं। जानकार हर तीन साल में पोर्टफोलियो की समीक्षा और जरूरत होने पर उसमें बदलाव की सलाह देते हैं।
6. गलत लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस लेना:
आज इंश्योरेंस पॉलिसी हर किसी की जरूरत बन गई है। लेकिन, बहुत सारे लोग भ्रामक प्रचार या जानकारी के अभाव में गलत पॉलिसी खरीदते हैं, जिससे बाद में दिक्कत हो जाती है। अपनी उम्र और आवश्यकता के अनुसार पॉलिसी लेने पर कम प्रीमियम कम में अधिक लाभ हो सकता है।
रिटायरमेंट के लिए निवेश के मौके:
रिटायरमेंट के लिए कई बेहतरीन निवेश के मौके मौजूद हैं। अपनी आवश्यकता और निवेश की क्षमता को समझते हुए सही विकल्प चुनिए और रिटायरमेंट के बाद अपना शानदार भविष्य सुनिश्चित कीजिए। मौजूदा समय में निवेश के कई अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
- वरिष्ठ नागरिक बचत स्कीम
- डाकघर मासिक आय योजना
- बैंक या डाकघर एफडी
- राष्ट्रीय बचत पत्र
- कर मुक्त बॉन्ड्स
- तत्काल एन्यूइिटीज प्लान
- प्रधानमंत्री वय वंदना योजना
- डेट आधारित म्युचुअल फंड स्कीम
- इक्विटी आधारित म्युचुअल फंड स्कीम
अगर आपसे पूछा जाए कि रिटायरमेंट के बाद बेफिक्री के साथ जिंदगी का आनंद उठाने के लिए आपने अभी से कोई प्लानिंग की है। तो, आप क्या कहेंगे? ये सवाल हम इसलिये पूछ रहे हैं क्योंकि कुछ समय पहले आए एक सर्वे के मुताबिक, भारत की आधी से अधिक आबादी के पास रिटायरमेंट को लेकर कोई योजना नहीं है। उनकी प्राथमिकता में रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं, बल्कि बच्चों और पति या पत्नी की वित्तीय सुरक्षा है। अपनी जरूरतों के प्रति जागरूक होना जरूरी है, और आपको अपनी बाकी सभी जरूरतों के बीच अपने रिटायरमेंट प्लानिंग का भी ध्यान रखना उतना ही जरूरी है। अक्सर लोग रिटायरमेंट प्लानिंग के सन्दर्भ में कई गलतियाँ कर जाते हैं और फिर उन्हें बाद में पछताना पड़ता है। तो आइए ऐसी 6 बड़ी गलतियों के बारे में जानते हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय इन 6 गलतियों से बचें:
1. देर से रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करना:
जानकारों का मानना है कि जितनी जल्दी हो सके, रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। आप जितनी जल्दी रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए निवेश शुरू करेंगे, रिटायरमेंट के बाद आपके पास उतने ही ज्यादा पैसे होंगे। साथ ही, ज्यादा समय मिलने से आपको निवेश के लिए एक बार में ज्यादा पैसों के निवेश जरूरत नहीं होगी। थोड़े-थोड़े पैसों के निवेश से भी काम चल जाएगा। ऐसे में आपके ऊपर एक बार में कोई ऐसा वित्तीय बोझ भी नहीं आएगा जिससे कि आपको तनाव में रहना पड़े।
2. सोच समझकर रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं करना:
बिना सोचे-समझे रिटायरमेंट प्लानिंग से आपको नुकसान हो सकता है। प्लानिंग से पहले सोच लें कि आपको रिटायरमेंट के समय कितना पैसा चाहिए, और इसके लिए आपको कहां-कहां और कितना कितना पैसा निवेश करना होगा। आप चाहें तो रिटायरमेंट के बाद अपनी अलग अलग वित्तीय जरूरतों जैसे सैर-सपाटे, नए घर, नई कार के लिए अलग-अलग भी निवेश कर सकते हैं। आप इस काम में किसी भरोसेमंद वित्तीय सलाहकार की भी मदद ले सकते हैं।
3. प्लानिंग के समय महंगाई की गणना भूल जाना:
रिटायरमेंट प्लानिंग के समय महंगाई को ध्यान में नहीं रखना आपको काफी महंगा पड़ सकता है। महंगाई की रफ़्तार आपके फंड की वैल्यू को समय के अनुसार कम कर सकती है। उदाहरण के लिए मान लीजिए, आप 15 साल में एक करोड़ रिटायरमेंट फंड बनाना चाहते हैं। ऐसे में अगर महंगाई दर 4-5 प्रतिशत सालाना मान लें तो 15 साल के बाद एक करोड़ रुपए की कीमत आज के करीब 45-50 लाख रुपए के बराबर की ही होगी। ऐसे में आपके लिए एक करोड़ के लिए नहीं, बल्कि 1.45-1.50 करोड़ रुपए के लिए प्लान करना बेहतर होगा।
4. गलत निवेश रणनीति:
गलत निवेश रणनीति से आपको आपके लक्षित रिटायरमेंट फंड बनाने में मुश्किल आ सकती है। इसके लिए सही एसेट अलोकेशन जरूरी है। सही एसेट अलोकेशन मतलब आपको कितना-कितना पैसा शेयर, म्युचुअल फंड, सोना, रियल एस्टेट, एफडी, पेंशन स्कीम, बॉन्ड या ऐसे एसेट क्लास में होना चाहिए। रिटायरमेंट के लिए निर्धारित लक्ष्य हासिल करने में इसका काफी महत्व है।
रिटायरमेंट के लिए कम से कम 20-30 साल के लिए निवेश करना चाहिए और इसके लिए जानकार शेयर या इक्विटी म्युचुअल फंड्स में पैसे लगाने की सलाह देते हैं। ये निवेश साधन लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न देते हैं। कुछ लोग एफडी में पैसा रखते हैं, जिसे जानकार रिटायरमेंट फंड के लिए सही नहीं मानते हैं। दरअसल, अभी के समय में ज्यादातर एफडी महंगाई दर से कम रिटर्न देती है। इसके अलावा, एक खास ब्याज के बाद उस पर टीडीएस भी काटा जाता है और ब्याज पर स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स भी देना होता है।
5. अपने निवेश की समय-समय पर समीक्षा ना करना:
निवेश साधनों की लिस्ट को पोर्टफोलियो कहते हैं। पोर्टफोलियो की समय-समय पर समीक्षा नहीं करने से घाटा उठाना पड़ सकता है। रिटायरमेंट फंड के लिए लंबे समय तक निवेश करना होता है। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि आपका निवेश अपेक्षा के अनुरूप बढ़ रहा है या नहीं। जानकार हर तीन साल में पोर्टफोलियो की समीक्षा और जरूरत होने पर उसमें बदलाव की सलाह देते हैं।
6. गलत लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस लेना:
आज इंश्योरेंस पॉलिसी हर किसी की जरूरत बन गई है। लेकिन, बहुत सारे लोग भ्रामक प्रचार या जानकारी के अभाव में गलत पॉलिसी खरीदते हैं, जिससे बाद में दिक्कत हो जाती है। अपनी उम्र और आवश्यकता के अनुसार पॉलिसी लेने पर कम प्रीमियम कम में अधिक लाभ हो सकता है।
रिटायरमेंट के लिए निवेश के मौके:
रिटायरमेंट के लिए कई बेहतरीन निवेश के मौके मौजूद हैं। अपनी आवश्यकता और निवेश की क्षमता को समझते हुए सही विकल्प चुनिए और रिटायरमेंट के बाद अपना शानदार भविष्य सुनिश्चित कीजिए। मौजूदा समय में निवेश के कई अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
- वरिष्ठ नागरिक बचत स्कीम
- डाकघर मासिक आय योजना
- बैंक या डाकघर एफडी
- राष्ट्रीय बचत पत्र
- कर मुक्त बॉन्ड्स
- तत्काल एन्यूइिटीज प्लान
- प्रधानमंत्री वय वंदना योजना
- डेट आधारित म्युचुअल फंड स्कीम
- इक्विटी आधारित म्युचुअल फंड स्कीम