- Date : 10/04/2020
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आपका एजुकेशन लोन आपके वित्तीय लक्ष्यों पर असर डाले उससे पहले ही उसे चुका देना सही है।

इस बारे में कोई शंका नहीं कि भारत में शिक्षा पर खर्च बढ़ता जा रहा है। एजुकेशन लोन इस खर्च को पूरा करने का एक सही तरीका है। हालांकि,एजुकेशन लोन लेने के बाद आपको यह भी सोचना है कि देर या सवेर आपको उसे चुकाना भी होगा?
लेकिन चिंता करने से कुछ नहीं होगा। यहां कुछ सलाह दी जा रही हैं जिनसे आपको इस कर्ज़ से जल्दी बाहर निकलने में मदद मिल सकती है:
1. मासिक किश्त समय से भरें
कभी-कभी मासिक किश्त भरना मुश्किल हो जाता है। हो सकता है कि आपको किसी दूसरे ज़रूरी काम में पैसे खर्च करने पड़े हों जिसकी वजह से आप समय पर किश्त ना दे पाएं। लेकिन किश्त नहीं देने से ना केवल ब्याज़ का बोझ बढ़ता है बल्कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री भी ख़राब होती है। क्रेडिट हिस्ट्री के ख़राब होने पर आपको भविष्य में कर्ज़ लेने पर ज़्यादा ब्याज़ देना पड़ सकता है और हो सकता है कि आगे आपको कर्ज़ मिलने में भी परेशानी हो।
2. पार्ट-टाइम काम करें
आप पढ़ाई करने के साथ भी कर्ज़ चुकाना शुरू कर सकते हैं। पढ़ाई पूरी करके नौकरी मिलने तक इंतजार करना सही नहीं है। पार्ट-टाइम नौकरी करने से आपको काम करने का अनुभव भी मिलेगा और साथ ही आप कुछ बचत भी कर पाएंगे। इस बचत से आप बाद में अपनी किश्तें चुका सकते हैं।
3. पसंदीदा नौकरी का इंतजार ना करें
हो सकता है कि आप मनपंसद नौकरी मिलने का इंतज़ार कर रहे हों लेकिन इसमें समय लग सकता है और इस वजह से कर्ज़ चुकाने में देरी होती रहेगी। इसलिए मनपसंद नौकरी का इंतज़ार ना करें, इससे आपके मनोबल पर बुरा असर पड़ सकता है और एजुकेशन लोन चुकाने में भी दिक्कत होगी। मनपसंद ना सही पर उसके जैसी कोई भी नौकरी मिले तो काम करना शुरू कर दें।
4. अनावश्यक खर्च पर रोक लगाएं
सुनने में यह बहुत अजीब लगता है। हालांकि, अगर आप सही से इस पर विचार करें तो आपको पता चलेगा कि आप गैरज़रूरी चीज़ों पर काफी खर्च कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, पार्टी के लिए शानदार ड्रेस खरीदने की जगह किराये पर लेने से काफी पैसा बच सकता है। इसलिए गैर जरूरी खर्चों पर आज से ही रोक लगाना शुरू करें। इससे आने वाले समय में आप तनाव मुक्त रह पाएंगें।
5. चुकाने की सही योजना बनाएं
अपने पैसे का सही प्रबंध करना सबसे ज़रूरी है। अपनी कमाई से सबसे पहले ज़रूरी खर्चों जैसे किराए और किश्त आदि को चुकाएं और उसके बाद, बाहर खाने, घर के सामान, फोन बिल आदि के लिए पैसा रखें।
6. स्थगित अवधि का प्रयोग करें
अगर आपको ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने या कर्ज़ लेने के कुछ वर्षों के बाद से इसे चुकाना शुरू करना है तो बीच में मिले समय का सही उपयोग करें। इस दौरान बचत करें और उस पैसे को सही जगह निवेश करें जिससे समय आने पर किश्त चुकाने में सहायता मिले। यह ना केवल आपके आपातकालीन फंड की तरह काम करेगा बल्कि इस बचत पर मिले रिटर्न से आप कर्ज़ का कुछ हिस्सा भी चुका पाएंगें।
7. ब्याज़ दरों पर निगाह रखें
अगर ब्याज़ दरों में कमी आ रही है तो हो सकता है कि आपका कर्ज़ ‘रिफाइनेंस’ हो जाए। इसका मतलब है कि हो सकता है कि आपको किसी दूसरे बैंक से कम ब्याज़ दर पर कर्ज़ मिल जाए जिससे आप पहले बैंक का पैसा चुका सकते हैं। हालांकि इसे करने से पहले पता कर लें कि आपको समय से पहले कर्ज़ भुगतान करने के लिए कितना अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। इस अतिरिक्त शुल्क से आपके रिफाइनेंस के फायदे पर असर पड़ सकता है। अगर आप तय समय से पहले कर्ज़ चुकाते हैं तो अधिकांश बैंक उसके लिए शुल्क लेते हैं।
निष्कर्ष:
एजुकेशन लोन की देनदारी बने रहने के कारण आपको भविष्य में दूसरा कर्ज़ मिलने में परेशानी हो सकती है- जैसे की कार लोन या होम लोन। इसलिए सही रणनीति बनाएं और जितना जल्दी हो सके अपना एजुकेशन लोन चुका दें।