- Date : 21/03/2023
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लोग समय-समय पर जानने के इच्छुक होते हैं कि आखिरकार उन्हें 7वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों के बाद न्यूनतम वेतन में कितने पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई?

7th Pay Commission Latest News: सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में वास्तविक बढ़ोतरी छठे वेतन आयोग के न्यूनतम वेतन की तुलना में 14.3 पर्सेंट थी। वहीं, छठे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद वेतन में बढ़ोतरी 5वीं सीपीसी की तुलना में 54 पर्सेंट थी। पिछले सीपीसी की तुलना में 6वें केंद्रीय वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन में 31 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी। ये सारी जानकारी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार 20 मार्च को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने साल 2014 से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए घोषित विभिन्न कर-राहत उपायों के डिटेल्स भी शेयर किए। इसमें कहा गया है कि वित्त (संख्या 2) अधिनियम 2014 के माध्यम से व्यक्तियों के मामले में लागू मूल कर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई। इसके अलावा, आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 80C के तहत टैक्स कटौती का दावा करने की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया।
वित्त अधिनियम 2017 ने उन व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स की दर घटाकर 10% से 5% कर दी, जिनकी कुल आय 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच है। वित्त अधिनियम 2018 के माध्यम से वेतनभोगी करदाताओं के साथ-साथ पेंशनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 रुपये था, जिसे वित्त अधिनियम 2019 के तहत बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया। वित्त अधिनियम 2019 में अधिनियम की धारा 87ए के तहत 5 लाख रुपये तक की कर योग्य वार्षिक आय वालों के लिए पूरी तरह टैक्स छूट का भी प्रावधान है।
7th Pay Commission Latest News: सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में वास्तविक बढ़ोतरी छठे वेतन आयोग के न्यूनतम वेतन की तुलना में 14.3 पर्सेंट थी। वहीं, छठे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद वेतन में बढ़ोतरी 5वीं सीपीसी की तुलना में 54 पर्सेंट थी। पिछले सीपीसी की तुलना में 6वें केंद्रीय वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन में 31 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी। ये सारी जानकारी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार 20 मार्च को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने साल 2014 से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए घोषित विभिन्न कर-राहत उपायों के डिटेल्स भी शेयर किए। इसमें कहा गया है कि वित्त (संख्या 2) अधिनियम 2014 के माध्यम से व्यक्तियों के मामले में लागू मूल कर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई। इसके अलावा, आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 80C के तहत टैक्स कटौती का दावा करने की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया।
वित्त अधिनियम 2017 ने उन व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स की दर घटाकर 10% से 5% कर दी, जिनकी कुल आय 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच है। वित्त अधिनियम 2018 के माध्यम से वेतनभोगी करदाताओं के साथ-साथ पेंशनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 रुपये था, जिसे वित्त अधिनियम 2019 के तहत बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया। वित्त अधिनियम 2019 में अधिनियम की धारा 87ए के तहत 5 लाख रुपये तक की कर योग्य वार्षिक आय वालों के लिए पूरी तरह टैक्स छूट का भी प्रावधान है।