Reasons that drive women to over spend

क्या आपको खरीदारी करना बहुत पसंद है? यहां कुछ तरीके बताए जा रहे हैं जिनके इस्तेमाल से आप ज़रूरत से ज्यादा खर्च करने से बच सकते हैं।

8 कारण जिनकी वजह से महिलाएं करती हैं ज़रूरत से ज़्यादा खर्च

लेखिका एक महिला हैं और मानती हैं कि वे खरीदारी करने की आदी हैं। उन्होंने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर यह लेख लिखा है। महिलाएं ( कुछ पुरूष भी) खरीदारी करना पसंद करते हैं! यहां एक बात साफ है कि अगर आप समझदारी से खरीदारी करें तो उसमें कोई गलत बात नहीं है। हां, अगर बिना सोचे समझे बेहिसाब खरीदारी करेंगे तो मामला बिगड़ सकता है। ऐसा करने से आपका बजट भी बिगड़ सकता है।  

चिंता ना करें। हम आपको कुछ सलाह दे रहें हैं जिनको इस्तेमाल करके आप खर्च पर रोक लगा सकते हैं:

1) सेल शुरू होने पर:महिलाएं सेल के समय कुछ ज्यादा ही खरीदारी कर लेती हैं। कभी उनको सही में उस चीज़ की जरूरत होती है तो कभी वे भविष्य का सोच कर उसे खरीद लेती हैं और कभी सस्ती सेल देख कर बिना वजह के ही खरीदारी कर लेती हैं। इसके कारण काफी ज़्यादा पैसा खर्च हो जाता है। 

सलाह: केवल सेल देखकर खरीदारी मत कीजिए। बल्कि इसका उलटा करने की कोशिश करें - अगर आप को किसी चीज़ की सही में ज़रूरत है तो उसे सेल में ढूंढकर सस्ता खरीदने की कोशिश करें। 

2) जन्मदिन के समय : हो सकता है कि जन्मदिन के मौके पर खुद को खुश करने के लिए आप अपने लिए कुछ खरीदना चाहती हों। आपके पास इसकी एक वजह भी है, “मैंने पूरे साल मेहनत से काम किया है, इसलिए मैं अपने लिए इतना तो कर ही सकती हूँ।” बात बिल्कुल सही है। खर्च कीजिए लेकिन समझदारी से। 

सलाह : आप एक बढ़िया फोन खरीदना चाहती हों या सोने की बालियां लेना चाहती हों? जन्मदिन मनपसंद खरीदारी करने का बेहतरीन मौका होता है। हालांकि, खर्च पर नियंत्रण रखें और जन्मदिन के कुछ महीने पहले से ही खर्च के लिए पैसे जमा करना शुरू कर दें।  

3) सबसे अच्छे दोस्त की शादी पर:अपने दोस्त की शादी के समय उसके साथ प्रसिद्ध डिजायनरों और गहनों की दुकानों पर जाना पड़ता है। इसका असर आप पर भी पड़ता है। इतनी शानदार चीज़ों को देखकर खुद को रोक पाना मुश्किल होता है। 

सलाह: अगर आपके पास किसी शादी में शामिल होने लायक सभी चीज़ें जैसे साड़ी, जूते और गहने पहले से ही हैं तो बेहतर यही है कि अपना पर्स घर छोड़ कर जाएं। आपको खरीदारी करने की ज़रूरत नहीं है। अगर कुछ बिल्कुल अलग खरीदने का मन कर रहा हो तो अपनी मम्मी की अलमारी खंगालें और उसमें से अपने लिए कोई विटेंज रेशमी साड़ी चुन लें। 

4) दोस्त के साथ मॉल में जाने पर: “मैं बस ऐसे ही मॉल जा रही हूँ। मैं बस विंडो शॉपिंग करूंगी। मैं दुकानों में जाकर बस चीज़ें देखूंगी। चलो इसे पहन कर देखते हैं।” इन सबके बाद आप अपने क्रेडिट कार्ड के साथ बिलिंग काउन्टर पर खड़ी दिखाई देती हैं।  

सलाह : बिना काम के मॉल में ना जाएं। अगर जाना ही पड़े तो केवल चीज़ों को देखें, उससे ज़्यादा कुछ ना करें। अपनी दोस्त को कहें कि किसी भी हालत में वह आपको खरीदारी ना करने दे। 

5) जब कुछ भी आपके हिसाब से नहीं हो रहा हो:महिलाएं जब निराशा में होती हैं तो खरीदारी करने लगती हैं। इसको रिटेल थेरपी कहा जाता है। इससे आपको कुछ देर के लिए खुशी मिलती है। लेकिन अगर आप इसका खर्च नहीं उठा सके तो महीने के आखिर में अपने क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने के बाद आप फिर से निराशा में घिर जाएंगें। 

सलाह : अपने तनाव या निराशा को दूर करने के लिए कोई दूसरा उपाय तलाश करें। दोस्तों से बात करें। अपने दोस्तों और परिवारों वालों से मिलें। निराशा से निपटने के लिए दूसरे कई बेहतर तरीके हैं। खरीदारी करना निराशा का इलाज नहीं है। 

6) छुट्टी मनाने जाना:छुट्टी के समय महिलाएं ज्यादा खरीदारी करती हैं। उन्हें छुट्टी पर जाने से पहले खरीदारी करनी होती है क्योंकि उनके पास “पहनने लायक कुछ भी नहीं” होता। उसके बाद उन्हें घूमने की जगह पर भी खरीदारी करनी होती है क्योंकि वहां सब कुछ बहुत बढ़िया लगता है। 

सलाह: शांति से सोचें और खुद से पूछें कि आप जो सीपियों का बना हुआ नेकलेस खरीदना चाहती हैं उसे आप वापस जाकर वास्तव में पहनेंगीं या नहीं। अगर उत्तर नहीं में आता है तो खरीदारी ना करें। ऐसी चीज़ों को ना खरीदें जो वापस जाने के बाद आपकी अलमारी में पड़ी रह जाएं।

7)  शॉपिंग एप्स:शॉपिंग एप्स ने जिंदगी आसान बना दी है। लेकिन उन्होंने ऐसी नई पीढ़ी भी तैयार कर दी है जो खरीदारी की लत का शिकार है। ऑनलाइन खरीदारी करने में कुछ ही मिनट लगते हैं इसलिए महिलाएं बहुत ज़्यादा खरीदारी कर लेती हैं। 

सलाह: अगर आप खरीदारी की आदत पर रोक लगाने चाहती हैं तो अपने फोन से शॉपिंग एप्स को हटा दें। अगर आप उनको नहीं हटा पा रहीं तो कम से कम उनको लॉक ही कर दें जिससे वे हर समय आपको दिखाई ना दें। अगर दिखाई नहीं देंगे तो उन पर ध्यान भी कम जाएगा। 

8) जब कोई काम ना हो:ऐसा हम सबके साथ होता है। रविवार के दिन सुबह घर पर खाली रहने का मतलब है कि या तो मॉल चले जाएं या अपने फोन पर समय बिताते रहें। इस तरह की आदतों से आपको ही पैसे का नुकसान होता है। 

सलाह: कोई शौक चुनें। इससे ना केवल आपका खाली समय कट जाएगा बल्कि आप कोई नया हुनर भी सीखेंगे। कुछ नया सीख कर बेहतर इंसान बनना खरीदारी में पैसे बर्बाद करके अलमारी में बेकार की चीज़ों को जमा करने से कहीं बेहतर है। 

सोशल मीडिया पर अमीर और प्रसिद्ध लोगों की ज़िंदगी देखकर उसकी नकल करना बहुत आसान है। लेकिन अपने खर्च पर रोक लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है। बस आपको अपनी सोच में बदलाव करना होगा। अपने खर्च को रोकने के लिए कुछ छोटे लेकिन पक्के कदम उठाइए। ऊपर बताई सलाहों पर ध्यान दें इनसे आपको बहुत मदद मिलेगी। 

महिलाएं बहुत समझदार होती हैं। इसमें कोई शक नहीं कि वे आसानी से अपने खर्च पर नियंत्रण करना सीख सकती हैं।  

संवादपत्र

संबंधित लेख

Union Budget