- Date : 17/06/2023
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सूचना के अधिकार अधिनियन यानी आरटीआई के जरिए एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसके मुताबिक अर्थव्यवस्था से 88 हजार करोड़ के 500 रुपये के नोट गायब हैं।

88 Thousand Crore Missing: सूचना के अधिकार अधिनियन यानी आरटीआई के जरिए एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसके मुताबिक अर्थव्यवस्था से 88 हजार करोड़ के 500 रुपये के नोट गायब हैं। एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने आरटीआई के जरिए ये दावा किया है। आरटीआई के जरिए मिले डाटा के मुताबिक तीन जगहों से 500 रुपये 8,810.65 लाख नोट जारी किए गए थे लेकिन आरबीआई को सिर्फ 7,260 लाख नोट ही प्राप्त हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मनोरंजन रॉय ने बताया है कि 88,032.5 करोड़ रुपये मूल्य के 1,760.65 लाख 500 के नोट कहां गए इसका कोई डाटा मौजूद नहीं है। भारत में तीन यूनिट हैं जहां करेंसी नोट छापे जाते हैं। पहला है बेंगलुरु में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड, दूसरा है नासिक में करेंसी नोट प्रेस, और तीसरा है मध्य प्रदेश के देवास में स्थित बैंक नोट प्रेस।
आरटीआई में नासिक प्रेस ने बताया है कि उसने 2016-2017 में आरबीआई को 1,662.000 मिलियन नोट की आपूर्ति की थी, जबकि बेंगलुरु प्रेस ने 5,195.65 मिलियन नोट आरबीआई को भेजे थे और देवास प्रेस ने इस दौरान आरबीआई को 1,953.000 मिलियन नोटों की आपूर्ति की थी। तीनों टकसालों से आपूर्ति किए गए नोटों की कुल संख्या 8,810.65 मिलियन नोट है। लेकिन आरबीआई का कहना है कि उसे 7260 मिलियन नोट ही प्राप्त हुए हैं।
आरटीआई से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2015 से दिसंबर 2016 के बीच नासिक में करेंसी नोट प्रेस ने नए डिजाइन के 500 रुपये के 375.450 मिलियन नोट छापे थे। हालांकि, आरबीआई के पास केवल 345.000 मिलियन नोटों का रिकॉर्ड है। अप्रैल 2015 से मार्च 2016 के बीच गायब हुए 1760.65 मिलियन नोटों में से 210 मिलियन नोट नासिक टकसाल में छापे गए थे। आरटीआई के मुताबिक इन नोटों की आपूर्ति आरबीआई को तब की गई थी जब रघुराम राजन गवर्नर थे। गौरतलब है कि हाल ही में RBI ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा थआ कि 500 रुपये मूल्यवर्ग के नकली नोटों की संख्या पिछले साल की तुलना में 14.4 प्रतिशत बढ़कर 91,110 नोट हो गई है।